फोन से दोस्ती और चूत चुदाई

(Phone Se Dosti Aur Chut Chudai)

विकी लव 2016-07-14 Comments

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विकी है, आज आपको मैं अपनी सच्ची कहानी बता रहा हूँ।

बात दो साल पहले की है.. जब मैं अपने दोस्त की दुकान पर गया तो मेरा दोस्त अन्दर फोन पर बात कर रहा था.. मेरे को बैठा कर वो फिर फोन पर बात करने लगा।

जब वो बात करके वापस मेरे पास आया तो मैंने पूछा- किसके साथ लगा था तू?

मेरे दोस्त ने बताया- एक लड़की है लखनऊ की.. उससे मज़े ले रहा था। तेरे को भी अगर मज़े लेना है.. तो फोन नम्बर ले ले.. बहुत सेक्सी बातें करती है।
पहले तो मैंने बोला- यार कौन फोन में पैसे बर्बाद करे।
मेरे दोस्त ने बोला- जैसी तेरी मरजी।

फिर भी उसने मेरे को नंबर दे दिया और मैंने मोबाइल में स्टोर कर लिया।
उस लड़की का नाम अंजलि था।

उस रात को अकेले बैठा था.. तो मेरे दिमाग में बस उस लड़की के नंबर की बात याद कर मैंने उस नंबर में मिस कॉल किया।

कुछ देर बाद उस नंबर से मेरे को फोन आया।
मैंने फोन पर ‘हैलो’ बोला.. दूसरी तरफ से एक लड़की की आवाज़ आई और बोली- आपके नंबर से मेरे को मिस कॉल आई है.. आप कौन बोल रहे हैं?

मैंने बोला- ग़लती से फोन लग गया था।
उसने फोन कट कर दिया।

फिर मैंने नाइट में एक मैसेज किया- आपकी आवाज़ बहुत स्वीट है।
उसका रिप्लाइ आया- थैंक्यू।

इस तरह उससे बातों का सिलसिला शुरू हो गया। अब हम दोनों फोन पर खूब बातें करने लगे।
एक दिन मैंने पूछा- तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?

तो कुछ देर तक वो चुप रही.. फिर बोली- अगर मैं आपको सच बोलूँगी.. तो आप मेरे से बात करना बंद नहीं करोगे.. प्रॉमिस करो.. तब मैं सब कुछ बताऊँगी।
मैंने बोला- डरो नहीं मैं तुम्हारा सच्चा दोस्त हूँ।

उसने बोला- हाँ मेरा एक ब्वॉयफ्रेंड है.. पर अब उसकी शादी हो रही है।
इतना बोल कर वो रोने लगी।

मैंने उसको चुप कराया और बोला- रो क्यों रही हो.. क्या मैं तुम्हारा नहीं हूँ।

फिर वो मुझको ‘आई लव यू’ बोली और मेरे को फोन में एक किस किया।

मैंने बोला- मेरे रहते हुए तुम कभी भी रोना नहीं.. और एक बात बोलो कि क्या तुम अभी भी उस लड़के से प्यार करती हो?

तो उसने बोला- हाँ.. पर वो लड़का अब मुझसे बात नहीं करता है और बहुत उल्टा बोलता है।

मैंने अंजलि से पूछा- क्या तुम दोनों के बीच सेक्स भी हुआ था?
तो वो चुप हो गई।

मैंने फिर बोला- मेरे को बताओ और डरो नहीं.. मैं तुमको छोड़ कर नहीं जाऊँगा।
वो बोली- हाँ उसने मेरे साथ सेक्स किया है।

अंजलि की बातों को सुन कर मेरा लण्ड टाइट हो गया था.. और मेरे दिल में बस उसको चोदने का प्लान बनने लगा।
उस दिन से उससे सेक्स की बातें भी शुरू कर दीं।

एक दिन मैंने उसको बोला- तुमसे बात करके मेरा लण्ड टाइट हो गया है।
तो वो बोली- तुम हिला कर गिरा लो।

यह बात सुन कर मैं जान गया कि ये बहुत बड़ी रंडी है और इसको भी लण्ड की ज़रूरत है।
फिर हम दोनों डेली सेक्स की बातें करते और उससे बात करते-करते मैं लण्ड हिलाता और वो चूत में उंगली करके और मेरे को उंगली करते हुए आवाज़ सुनाती और फिर मैं अपना माल गिराता और वो भी मज़े लेती।

इस तरह पूरा एक महीना गुजर गया था, अब मैं उसको चोदना चाहता था।
वो दूसरे शहर में थी और मैं दूसरे शहर में था, कोई जगह भी नहीं थी कि हम मिल सकें।

एक दिन मैंने उससे बोला- मैं तुम्हारे शहर आ रहा हूँ… कल तुम बस स्टैंड में आ जाना।
पहले तो उसने मना किया- नहीं आ सकती.. मेरे घर वाले बहुत ही सख्त हैं.. किसी को पता चल गया.. तो दिक्कत हो जाएगी।

मैंने गुस्से से बोला- तुमको मेरे से मिलना ही नहीं।
उसने मुझको बोला- सही वक्त आने दो.. मैं तुमको खुद मिलने के लिए बोलूँगी।

इस तरह कुछ दिन और बीत गए और फिर फाइनली वो दिन आ ही गया, वो मुझसे मिलने के लिए बोली।
मैंने बस पकड़ी और लखनऊ पहुँच गया।

मैंने उसको कॉल किया और पूछा- अंजलि कहा हो.. मैं स्टैंड के पास हूँ?
वो बोली- वहीं रहो.. बस 5 मिनट में पहुँच रही हूँ।
और फोन कट कर दिया।

आज तक ना तो उसने मेरे को देखा था और ना मैंने उसको.. सो मैं उसके बारे में सोच रहा था कि वो देखने में कैसे होगी।
तभी अंजलि का फोन आया- कहाँ हो.. क्या पहना है?

तो मैंने बोला- मैं स्टैंड के पास हूँ और टी-शर्ट पहनी हुई है। तुमने क्या पहना है?
तो उसने बोला- काले रंग का सूट पहना है।

मैंने देखा एक लड़की जिसका फेस ढका हुआ था.. मैं उसके पास जा कर बोला- अंजलि?
वो बोली- हाँ..
मैं बोला- मैंने तुमको दूर से देख लिया था।

वो बोली- यहाँ से जल्दी चलो.. यहाँ बहुत से लोग मुझको जानते हैं।
मैंने पूछा- कहाँ चलें?
तो उसने बोला- कहीं भी चलते हैं.. मगर यहाँ से चलो।

मैं लखनऊ बहुत आता-जाता रहता हूँ और 3 साल रहा भी हूँ.. तो मैं सब कुछ जानता था।

मैंने बोला- चलो होटल चलते हैं.. रूम ले लेते हैं और फिर आराम से बात करते हैं.. उधर कोई प्राब्लम भी नहीं होगी।
इस पर पहले तो वो मानी नहीं.. मगर मेरे कहने पर वो कुछ देर में मान गई।

मैं उसे एक होटल में ले गया और उसके साथ कमरे में गया।
जैसे कि मैं पहले से ही उसको चोदने का प्लान करके आया था, होटल के कमरे में जा कर मैंने दरवाजा बंद किया और फिर अंजलि को मैंने बाँहों में लेकर कहा- अंजलि मैं तुमसे मिलने के लिए बहुत बेचैन था।

दोस्तो.. अंजलि सवा पांच फुट की थी और बहुत गोरी तो नहीं थी.. और ना बहुत सुंदर थी.. फिर भी चोदने लायक तो थी।

उसको बाँहों में लेने के बाद मैंने उसके होंठों पर किस कर दिया।

वो अपने पुराने ब्वॉयफ्रेंड से पहले भी करवा चुकी थी.. तो मेरे साथ किस करने में उसको कोई प्राब्लम नहीं थी, वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

इस तरह हम एक-दूसरे को कुछ देर तक किस करते रहे, फिर मैंने उसको उठा कर बिस्तर पर पटक दिया, उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चुम्बन करने लगा।

मेरे हाथ धीरे से उसके चूची पर चले गए और मैं उसको धीरे से दबाने लगा।
अब उसकी साँसें तेज़ होने लगीं.. और फिर अंजलि ने मेरे कान में बोला- अब रहा नहीं जाता विकी.. मुझको प्यार करो।

मैंने उसके सूट को खोलने लगा.. वो मेरे सामने रेड रंग की ब्रा और पैन्टी में थी। उसको नंगी देख कर मेरा लण्ड नब्बे डिग्री पर खड़ा हो गया था।

अब मैं उसकी चूची को ब्रा से आज़ाद कर रहा था और फिर उसके ब्राउन निप्पल को चूसने लगा।
वो अब अज़ीब से आवाजें निकालने लगी थी और बोल रही थी- आह्ह.. ओह्ह..

मैंने अपना हाथ उसकी पैन्टी के अन्दर डाला.. उसकी चूत में बहुत बाल थे।
अंजलि बोल रही थी- विकी मेरे को पेलो.. मेरे से रहा नहीं जा रहा है।
मैंने बोला- मेरी जान.. आज तुमको पेलने ही आया हूँ।

मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंके और पूरा नंगा हो गया.. वो मेरा लण्ड देख कर बोली- विकी ये तो बहुत मोटा है.. मेरे पुराने ब्वॉयफ्रेंड का तो छोटा था।
मैंने बोला- जान मैं तुमको मरने नहीं दूँगा।

फिर मैंने अपने लण्ड उसके मुँह में दे दिया और वो मेरे लण्ड को मज़े से चूसने लगी।
वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैंने अपनी एक फिंगर उसकी चूत में डाल दिया।

उसने अपनी आँखें बंद कर लीं.. और बोली- अब मत तड़पाओ मेरे को..
मैंने उसकी चूत को देखा जो कि एकदम गीली थी और उसका पानी बाहर तक निकल रहा था।

मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड रखा और बोला- अंजलि रेडी हो.. मेरा लण्ड लेने के लिए?
वो बोली- अब डाल भी दो..

तभी वो नीचे से गाण्ड उठाकर लण्ड को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी। इतने में मैंने एक ज़ोरदार झटका दिया और मेरा मोटा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया।
वो ज़ोर से बोली- निकालो इसे.. बहुत मोटा है।

वो रोने लगी और दर्द से उसका बुरा हाल हो गया।
मैं कुछ देर उसके ऊपर बिना हिले लेटा रहा, फिर एक और ज़ोर का झटका दिया.. मेरा पूरा मोटा लण्ड उसकी चूत में अन्दर घुस चुका था।

वो रो रही थी.. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों रख दिया था.. जिसके कारण उसकी आवाज़ बाहर कमरे से ना जा सकी।

फिर धीरे-धीरे मैंने लण्ड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। अब अंजलि का दर्द कम हो चला था और वो भी मेरे लण्ड का साथ दे रही थी। कुछ ही धक्कों के बाद उसका दर्द ख़त्म हो गया और गाण्ड को उचकाने लगी।

मैंने भी अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया.. साथ ही चूचुकों को.. जो पहले से ज्यादा तनकर कड़क हो गए थे.. अपने मुँह में लेकर चूस रहा था।

उसकी सीत्कार तेज और तेज होती जा रही थी, मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था, पूरे कमरे में ‘पच्च-पच्च’ की आवाज़ आ रही थी।

दो-तीन मिनट में ही वो अपनी टांगें मेरी कमर से लपेट कर बदन को अकड़ाने लगी।
बोली- बहुत ही अच्छा लग रहा है.. मैं जाने वाली हूँ।
वो एकदम से बल खाती हुई मुझसे लिपट गई- आह.. आह.. उह्ह्ह.. उह्हह.. मजा आ गया..
जैसे शब्द निकल उसके मुख से निकल रहे थे।

मैं एक हाथ से उसकी कमर पकड़ कर कभी उसके स्तनों को काट रहा था और कभी उसके होंठों को चूम रहा था।

मैं रुक कर उसके ऊपर पसर गया, दो मिनट बाद मैंने उसको घोड़ी बनाया और चूतड़ों को इस तरह से चौड़ा किया कि चूत उभर कर दिखने लगी.. जिसमें से रस बहकर जांघों तक आ रहा था।

अपने लण्ड को उस रस से चुपड़ कर, चूत के छेद पर रखा.. फिर दोनों हाथ से मोटी चिकनी पिछाड़ी को पकड़कर जोर का धक्का लगा दिया।
उसकी हल्की सिसकारी के साथ पूरा का पूरा लण्ड अन्दर चला गया।

मैं उसके चूतड़ों पर अपनी जांघों की ठोकर लगाते हुए चोदन करने लगा।
मैं एक हाथ से उसके स्तन को मसलने लगा.. दूसरे हाथ से उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा।

लण्ड का अपना काम जारी था.. कुछ ही मिनट में वह दूसरी बार झड़ गई और वैसी की वैसी पलंग पर गिर गई।
अबकी बारी मेरी थी.. मैंने कहा- मैं जाने वाला हूँ।

कुछ धक्कों के बाद मेरे लण्ड में भी हरकत शुरू हुई और मैंने भी उसको कस कर पकड़ लिया और उसकी जीभ चूसने लगा।

फिर मैंने भी अपना सारा लावा उसकी चूत में उड़ेल दिया और लस्त होकर उसके नंगे बदन पर ढेर हो गया।

कुछ देर तक हम यूं ही पड़े रहे, फिर.. उसने मुझे एक लम्बी चुम्मी मेरे होंठों पर दी और मुस्कराते हुए बोली- अब जब भी मन करे.. मुझे फोन कर देना.. मैं आ जाऊँगी.. मैं आज से तुम्हारी हुई.. आज मेरी जिन्दगी का सबसे अच्छा दिन है।

एक साल तक मैंने उसको बहुत पेला.. मगर फिर उसकी शादी हो गई। अब मेरा लण्ड फिर से अकेला हो गया है।

दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची कहानी। मैं आप सब दोस्तों की मेल का इंतज़ार करूँगा।
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