ट्रेनिंग लेने आई चुदक्कड़ लौंडिया होटल में चुद गई

(Office Girl Xxx Story)

साहिल सागर 2021-11-04 Comments

ऑफिस गर्ल Xxx स्टोरी हमारे ऑफिस में ट्रेनिंग लेने आयी एल चालू लड़की की है. वो एक होटल में रुकी थी. उसने खुद मुझे अपने रूम में आने को कहा. फिर क्या हुआ?

दोस्तो, मैं साहिल मुंबई से हूँ. जैसा कि आप लोगों ने मेरी पहली सेक्स कहानी
चेन्नई एक्सप्रेस में मिली चुत
पढ़ी थी. उसके लिए आपके काफी ईमेल भी आए थे. उस सबका शुक्रिया.

आज मैं आपको अपनी नई सेक्स कहानी सुना रहा हूं. ये ऑफिस गर्ल Xxx स्टोरी नवंबर 2017 की है.

जैसा कि मैंने बताया था कि मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता हूं और मेरा तबादला सितंबर में थाने (मुंबई) से हो गया था.

अब मेरा तबादला लोअर परेल वाले ऑफिस, जो कि हमारा हेड ऑफिस है, वहां हो गया था.

हुआ यूं कि जब मैं ऑफिस पहुंचा तो मालूम हुआ कि कुछ नए ज्वाइन करने वालों को ट्रेनिंग देने के लिए कुछ लोग हेड ऑफिस आए थे.
ट्रेनिंग लेने के लिए भी लड़के और लड़कियां दोनों आए थे और ये ट्रेनिंग 3-4 दिनों तक चलने वाली थी.

उसमें कुछ मेरे भी पुराने सहकर्मी भी थे. उनसे मैं पहले से ही परिचित था.

उसी में एक लड़की भुवनेश्वर से आई थी जिसे मैंने सुबह ऑफिस में देखा था.
वो मेरे एक पूर्व सहकर्मी के साथ यहां वहां घूम रही थी.

मैं हर रोज की तरह अपने काम खत्म करके ऑफिस से‌ निकला और मेन गेट के पास आ गया.

वहीं मुझे वो लड़की दिखी जो मेरे सहकर्मी के साथ ऑफिस में दिखी थी.

उसके साथ दो और लोग थे, जो भुवनेश्वर से आए थे.
उन लोगों को पास‌‌ के ही शॉपिंग मॉल में जाना था. वो किसी को फोन करके जानकारी ले रहे थे.

मैंने उन सभी से कहा- चलो मैं आपको उधर छोड़ देता हूं. मैं वहीं से मैं अपने घर निकल जाऊंगा.

पांच मिनट पैदल चलने के बाद हम सब मॉल पहुंच गए.
वहां पर मेरे दो सहकर्मी भी पहले से मौजूद थे जिसमें एक भुवनेश्वर से था, तो दूसरा बैंगलोर से.

मैं उन लोगों से मिल कर वहां से जाने लगा.
तो मेरे सहकर्मी ने मुझे रोक लिया और बोला- थोड़ी देर बाद चले जाना.

न चाहते हुए भी मुझे उनके साथ रूकना पड़ा.

कुछ देर इधर उधर घूमने के बाद मैंने देखा कि एक मेरा एक सहकर्मी जो बैंगलोर से था, उस लड़की के साथ कुछ ज्यादा ही चिपक रहा था.

कुछ देर के बाद तो वो हाथ में हाथ डालकर घूमने लगा, दोनों फोटो लेने लगे.

फिर कुछ देर बाद हम लोग वहां से निकले और बाहर आ गए.
जो लड़का उस लड़की का हाथ पकड़ कर घूम रहा था, उसकी रात की फ्लाइट थी.

उसे हम लोगों ने बहुत समझाया कि भाई अभी इसका हाथ छोड़ दो, नहीं तो फ्लाइट मिस हो जाएगी.

वो मन मसोस कर चला गया और मैं भी थोड़ी देर बाद उन लोगों को टैक्सी पकड़ा कर वहां से जाने को हुआ.

तभी वो लड़की मुझसे मुखातिब हुई और उसने मुझसे मेरा नंबर मांगा. मैंने अपना ऑफिशियल नंबर उसे दे दिया.

फिर उसने मिस्ड कॉल की और मैंने उसका नंबर सेव कर लिया.

हम लोग बाय बोल कर चले गए.

वो एक काफी जबरदस्त फिगर की लड़की थी.
एकदम परफेक्ट लंबाई, यही कोई पांच फिट चार इंच की. भरे हुए 34 नाप के सुडौल मम्मे.
गहरी काली बड़ी बड़ी आंखें, सपाट पेट, मस्त कमर और एक तनी और कसी हुई गांड.

कुल मिला कर वो एक परफेक्ट आईटम थी.

दूसरे दिन जब मैं ऑफिस मैं अपनी डेस्क पर था तो वो लड़की आयी और हाय बोली.
मैंने उसे देखा और हाय का जवाब देते हुए उसके मम्मे देखने लगा.

वो मुस्कुरा कर गांड हिलाती हुई घूमी उसने इधर उधर देखा, फिर वो बोली- हम लोगों को कहीं घूमना है, तो शाम में लेकर चलना.
मैंने बोला- ठीक है.

फिर वो चली गई और मैं अपने काम में लग गया.

वो अपने ट्रेनिंग वाले ऑफिस के लिए निकल गई.

शाम में मैंने उसे कॉल किया- तुम लोग कहां हो, मैं ऑफिस से निकल रहा हूं.
वो बोली- हां, हम लोग भी निकल रहे हैं और नीचे टैक्सी का इंतजार कर रहे हैं. तुम मेरा इंतजार करो.

मैं नीचे आ गया और करीब चालीस मिनट के बाद वो लोग ऑफिस के मुख्य द्वार पर आ पहुंचे.

उनके साथ मैं भी टैक्सी में बैठ गया और हम जाने लगे.

मैंने पूछा- कहां जाना है?
वो बोलने लगी- ये तो तुम बताओ कि कहां चला जाए.

कुछ देर के बाद हम लोग दादर के एक मॉल में आ पहुंचे.
फिर मॉल से बाहर निकल बाहर रास्ते में कुछ शॉपिंग भी की.

हम सब लगभग दो घंटे तक साथ रहे थे.

मैं उस लड़की को बोल रहा था कि मैं तुम लोगों को होटल छोड़ कर घर चला जाऊंगा लेकिन वो नहीं मानी.

वो कहने लगी- तुम डिनर करके जाना. आज तुम हमारे साथ ही होटल में रुक जाना.

हम सब होटल पहुंचे, खाना खाने लगे.
उसी वक़्त मेरे ऑफिस का एक और सहकर्मी आ गया जो मेरे साथ काम कर चुका था.

उससे पता चला कि वो कल रात में ही आया था और उस लड़की के साथ ही रुका था. उसे एक दिन ही रुकना था और उसकी आज की फ्लाईट थी.

हम होटल के बाहर टहलने जाने लगे, तो मैंने कहा- अब तुम लोग घूमो, मैं सोने जा रहा हूं.
वो बोलीं- लो ये चाबी ले लो, मेरे रूम में चले जाओ.

मैं उसके रूम में आ गया.
कुछ देर बाद वो भी पैकिंग का बहाना बना करके आ गई.

उसे दूसरे दिन निकलना था.
वो पैकिंग करने लगी तो मैंने कहा- तुम पैकिंग कर लो, मुझे तो नींद आ रही है.

मैं अपने कपड़े निकाल कर होटल का टॉवेल लपेट कर सो गया.

कुछ देर बाद मेरा सहकर्मी उसे ले जाने आ गया.
उसे ये मालूम था कि उस लड़की की फ्लाईट भी रात की ही है.

उस लड़की ने उसको जाने के लिए ये बोल दिया कि मेरी कल की फ्लाइट है और आज उसको पैकिंग करनी है.
वो चला गया.

उसने बताया कि ये तुम्हारा जूनियर कल रात मेरे साथ ही था और हम दोनों ने रात भर मस्ती की थी.

मैंने उससे साफ़ शब्दों में पूछा- मस्ती में वो कैसा लगा था?
वो हंस दी और बोली- ज्यादा ख़ास नहीं था. उसी ने मुझे तुम्हारे बारे में कहा था.

मैंने यूं ही उससे बात करता रहा और वो पैकिंग करती रही.

कुछ देर बाद वो अपनी पैकिंग खत्म करके बाथरूम में चली गई और अपने कपड़े चेंज करके बाहर आ गई.

मैंने उसे देखा.
वो एक छोटा सा निक्कर पहन कर सोने आ गई थी.
मैंने अपनी आंखें बंद कर ली थीं.

उसने मुझसे पूछा- क्या सो गए या जाग रहे हो.
मैंने कहा- कहां सो पाया यार … मुझे नींद ही नहीं आ रही है.

वो हंस पड़ी और हम दोनों ने यहां-वहां की बात करना शुरू कर दी.

बात करते हुए मैंने उससे कहा- यार मेरा सर दुख रहा है … तुम प्लीज़ थोड़ा दबा दो.

उसने हामी भर दी और थोड़ी देर तक मेरा सर दबाती रही.

मैंने उससे कहा- यार ऐसे नहीं … जरा ठीक से दबाओ.
वो बोली- तुम मुझे सिखा दो.

मैंने उसका सर दबा कर उसको सर दबाने का तरीका बताया.
उसका सर दबाते हुए मैं धीरे धीरे उसके बालों से खेलने लगा.

वो बोली- आह बड़ा अच्छा लग रहा है.

धीरे धीरे मैंने अपने हाथ उसके चेहरे पर फेरना शुरू किया तो वो धीरे धीरे मदहोश होने लगी.

मैंने उसकी दोनों आइब्रो को दबाया, कानों को सहलाया, उसके बालों में हाथ फेर कर उसकी चम्पी की.

वो आंखें मूंद कर मेरे हाथों मजा लेने लगी थी.

मैं उसके चेहरे पर हाथ घुमा रहा था और वो कभी कभी आह की हल्की सी आवाज भी निकाल रही थी.

फिर मैंने धीरे से एक किस उसके माथे पर कर दिया और उसके बालों को सहलाना जारी रखा.

वो कुछ नहीं कह रही थी बल्कि आह आह करके कह रही थी कि और करो मुझे अच्छा लग रहा है.

मैंने धीरे से उसकी गर्दन पर किस किया, जिससे उसके मुँह से एक बड़ी आह निकल गई.

अब मैं समझ गया कि ये गर्म हो रही है.
मैंने उसके चेहरे पर किस करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे उसके होंठों के आजू बाजू किस करता रहा.

वो मुझे महसूस करने लगी और मुझे रोकने के लिए कुछ भी नहीं बोली.

तो मैंने उसके होंठों पर किस किया और उसके सर को अपने हाथों से पकड़ कर होंठों को चूसने लगा.
वो भी मुझे सहयोग करने लगी.

मैं उसकी गर्दन, कान, गाल चेहरे के चारों तरफ किस करने लगा.

लेकिन जैसे ही मैंने अपना हाथ मम्मों पर लगाना चाहा, उसने मेरा हाथ हटा दिया.

फिर भी मैं उसको लगातार किस करता रहा और वो ‘आह उह ओह आह …’ की मदहोश कर देने वाली आवाज निकालती रही.

इधर मेरी बेचैनी बढ़ रही थी, मेरा लंड खड़ा होकर टॉवेल के ऊपर तम्बू बना चुका था.

मुझे चड्डी में लंड दर्द कर रहा था मगर वो साली मुझे अपने सीने पर हाथ नहीं रखने दे रही थी.

मैंने बहुत कोशिश की लेकिन उसने हाथ रखने नहीं दिया.
फिर भी मैं लगा रहा उसे किस करता रहा.

धीरे धीरे मैं उसके पेट की तरफ आ गया और उसके पेट पर किस करने लगा. इस पर भी उसने मुझे अपने बोबे दबाने नहीं दिए.
मैंने भी जबरदस्ती नहीं की क्योंकि मुझे जबरदस्ती पसंद नहीं है.

कुछ देर बाद मुझे लगा कि आज काम नहीं बनेगा.
मैं निराश होने लगा.

फिर पता नहीं मेरी क्या समझ में आया कि मैंने अपना हाथ उसके निक्कर के पास ले जाकर उसकी निक्कर खोलने की कोशिश की.
उसकी निक्कर चुत के पास से बटन वाली थी, इसलिए जरा सी खींचने पर बड़ी आसानी से खुल गई. उसने भी कुछ नहीं कहा.

मुझे खुशी महसूस हुई और मैं फिर से जोश में आ गया.
मैं उसके पेट पर किस करने लगा और धीरे धीरे किस करते हुए मैं उसकी नाभि से होता हुआ नीचे चुत की तरफ जाने लगा.

उसके नीचे के बाल बड़े बड़े थे. तभी उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और उसने करवट लेकर दीवार की तरफ मुँह कर लिया.

मैं भी अपना लंड पीछे से उसकी चुत में डालने लगा. बहुत आसानी से मेरे लंड का टोपा उसकी चुत में घुस गया.

चूंकि मैं काफी देर से उसको किस कर रहा था, जिससे उसकी चुत काफी गीली हो गई थी.

तभी उसने भी ऊपर की ओर झटका मार दिया और लंड अन्दर घुस गया.

मैंने फिर से उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया.

वो ‘आह उफ्फ उफ्फ आह …’ करने लगी.
मैं कुछ देर रुक गया और अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.

वो ज्यादा रिएक्ट नहीं कर रही थी, बस मज़े ले रही थी.
मैंने अपना काम जारी रखा और उसको धीरे धीरे प्यार से चोदता रहा.

पांच मिनट चोदने के बाद मैंने उसको सीधा किया और उसके ऊपर आकर लंड पेल कर जम कर चोदने लगा.
मैं अब उसे जोर जोर से हचक हचक कर चोदने लगा था.

उसकी आवाज़ तेज होती चली गई.
कभी वो तकिया को भींचती … तो कभी बेडशीट पकड़ लेती.

फिर वो अकड़ कर झड़ गई लेकिन मैंने चुदाई जारी रखी.
मैं उसके होंठों, गर्दन और गालों को जोर जोर से चूस रहा था.

कुछ देर में फिर से गर्मा गई.
अब मैंने उसके पैर ऊपर उठा दिए और उसके दोनों हाथों को उसके सर के पीछे ले जाकर जोर से पकड़ लिया.

इस पोजीशन में मैंने फिर से उसकी जबरदस्त ठुकाई शुरू कर दी.

कुछ ही देर में हम दोनों पसीने पसीने हो गए थे हालांकि कमरे में एसी चालू था.

इस तरह पांच मिनट जोरदार चुदाई के बाद वो फिर से झड़ने के कगार पर आ गई थी.
मैंने भी अपनी जगह बदल ली.

मैं बेड से उतर कर नीचे खड़ा हो गया और उसका एक पैर अपने कंधे पर रख लिया. उसका दूसरा नीचे लटका हुआ था और इस पोज में मैंने अपना लंड उसकी चुत में डाल कर चुदाई शुरू कर दी.

दो चार धीरे धीरे धक्के के साथ स्पीड को बढ़ा दिया.
कुछ मिनट की वहशी चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.

उसने अपनी दोनों टांगों को पूरी तरह से सिकोड़ लिया और मेरे लंड का सारा रस अपनी चुत में खींच लिया.

झड़ने के बाद मैं साइड में होकर लेट गया और अपनी सांसें कंट्रोल करने लगा.

उधर वो भी अपनी सांसें ठीक कर रही थी.

इस तरह पांच से सात मिनट आराम करने के बाद मैं बाथरूम गया और फ्रेश होकर आ गया.

मेरे बाद वो बाथरूम में चली गई.
उसके आने के बाद मैंने उसको गले से लगाया और सो गया.

लगभग पांच बजे के करीब मेरी आंख खुली, तो मैं पेशाब करके आया और उसकी नंगी जवानी को देखा तो फिर से लंड खड़ा हो गया.

मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया.
वो भी जाग गई.
फिर से एक बार जबरदस्त चुदाई का दौर चला.

उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और उसको एक जोरदार हग करके होटल से बाहर आ गया.
क्योंकि मुझे ऑफिस जाना था और उसे घर भुवनेश्वर लौटना था.

उसके बाद जब हमारी बात हुई, तो उसने बताया कि उसे मेरी चुदाई काफी पसंद आई थी.

मैंने पूछा- मुझे तुम्हारे बूब सक करना थे … लेकिन तुमने हाथ क्यों नहीं लगाने दिया.
वो हंस कर बोली- शेप न बिगड़ जाए इसलिए!

मैंने भी हंस कर उसकी बात समझ ली.

फिर दो या तीन महीने बाद मैंने भुवनेश्वर जाना था किसी काम से … मैंने उसको अपने आने का बताया तो वो ज्यादा खुश नहीं दिखी.

उसने मुझसे मिलने से मना कर दिया, वो मेरे साथ रात में रुकने के लिए भी नहीं मान रही थी.

मुझे लगा कि ये बदल बदल कर केले का स्वाद लेना पसंद करती है और भारी चुदक्कड़ लौंडिया है. इसके चक्कर में पढ़ना अब बेकार है, सो मैंने उससे मिलना कैंसिल कर दिया.

दोस्तो, यह मेरी दूसरी सेक्स कहानी थी, जो मेरे साथ हुई थी.
आपको ऑफिस गर्ल Xxx स्टोरी कैसी लगी, प्लीज़ जरूर बताएं.
[email protected]
धन्यवाद.

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