मेरी बीवी के बदन की एक बानगी-2

(Meri Biwi Ke Badan Ki Ek Banagi-Part 2)

अरुण 2014-05-25 Comments

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मेरी बीवी ने अपने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोला।
और एकदम की ब्रा की पकड़ उसके शानदार और उन्नत वक्षस्थल पर ढीली पड़ गई, उसके वक्ष के उभार बाहर झाँकने लगे।
सही में उसके बूब्स उस ब्रा में फंसे ही हुए थे, ऐसा लगा कि जैसे उन उभरी हुए छातियों ने चैन की सांस ली हो।

फिर उसने बड़ी अदा से पहले अपनी एक बांह से स्ट्रेप उतारी और फिर दूसरी बांह से भी! और फ़िर बड़ी नज़ाकत से ब्रा को पूरी तरह से निकाल कर उन अंकल जी को पकड़ा दिया।
अब उसके उन्नत, गदराये ओर निहायत ही गोरे गोरे दूधिया वक्ष अनावृत हो चुके थे।

उस समय वहाँ एक सन्नाटा सा छा गया, हम दोनों मर्दों की निगाहें वहीं टिकी हुई थी लेकिन मेरी चुलबुली बीवी ने आपने आपको अब और बिंदास ज़ाहिर करते हुए अपने खुले हुए बालों को लपेटा और अपने हाथ उठाते हुए उसे सिर पर ‘टॉप नॉट’ जूड़ा बना लिया और हाथ ऊपर उठाते हुए, उसकी बगलों का अंदरूनी क्लीन शेव्ड हिस्सा और महौल को अति उत्तेजित बना गया।

हक्के-बक्के खड़े अंकल जी से अब वो बोली- लो अंकल, अब पहले सही नाप लो और सही कप साइज़ की ब्रा ही पहनाओ मुझे!
अंकल जी अब और नज़दीक से अनावृत खड़ी मेरी बीवी के वक्ष बहुत ध्यान से देखने लगे और दूर से ही अपने दोनों हाथ कप शेप में करके आइडिया लेने की कोशिश करने लगे।

वो बोली- ऐसे हवा में हाथ घुमा के कैसे आइडिया लोगे? छूकर अच्छे से नाप ले सकते हो आप!
‘ओह… हाँ, वो ज्यादा ठीक रहेगा!’
और फिर उन अंकल जी ने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों उन्नत वक्ष थाम लिए, बीवी के चेहरे पर थोड़ी सी बैचेनी सी उभर आई और वो अचकचा सी गई और मेरी तरफ देखा।

मैंने उसे एक मुस्कान दी और ‘इट्स ओके’ कहा तो वो थोड़ी नॉर्मल हो गई।
यह सुन कर अंकल जी भी अब पूरी फॉर्म में आ गए, वो मेरी बीवी के नंगे चूचों की गोलाइयाँ नापने लगे और जगह जगह से दबा दबा कर देखने लगे।

वो अपने आपको ‘बूब्स-एक्सपर्ट’ ज़ाहिर कर रहे थे और वो शायद थे भी सही में!
क्योंकि उन्होंने उन भारी भरकम वक्ष-उभारों को अपने दोनों हाथों से तौल तौल कर देखा, फिर अपना अंगूठा उसके निप्पल पर लगा कर उसे वृताकार घुमा कर देखा और फिर उसकी ब्रा की वजह से उसके स्तनों के नीचे बन गए रेशेस को जांचा और पूरी पीठ तक का जायज़ा लिया।
फिर वो मेरी बीवी के पीछे चले गए, और दोस्तो, फिर जो उन्होंने किया वो मेरे और मेरी बीवी के लिए अप्रत्याशित था।

अंकल जी ने पीछे से उसकी कमर में दोनों हाथ देते हुए अपनी दोनों हथेलियों से उसके दोनों वक्ष ढांप लिए और एक ब्रा जैसी बना ली अपनी हथेलियों से ही!

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और एक तरह से उसने उसे पीछे से अपने आलिंगन में भर लिया था और वो अंकल उसके बदन से एकदम सट ही गए थे।
और हम दोनों को ही बिना कुछ सोचने या बोलने का मौका दिए बिना खुद ही बोले- अब बताओ बेटी, तुम्हें क्या कम्फर्ट लग रहा है?
वो बुड्ढा सच में एक नंबर का चालू था, अब हम क्या बोलते!

मेरी बीवी बोली- थोड़ा लूज़ है।
तो उन्होंने अपनी पकड़ उन नग्न स्तनों पर और कस दी, बोले- अब ठीक है?
वो बोली- हाँ… यह ग्रिप और कसावट बिल्कुल सही है!
अंकल जी बोले- ओके!

और मेरी तरफ देख कर बोले- अब देखना मैं कैसी ब्रा देता हूँ तुम्हारी मैडम को!
अब मैं लपक कर उन अंकल जी के पास गयाम मैंने कहा- रुको!
और बीवी के सामने जाकर उन अंकल की हथेलियाँ खुद अपने ही हाथ से अपनी बीवी के नंगे उभारों पर टिकाते हुए बोला- लेकिन मुझे ऐसी ब्रा चाहिए जिसमें इसकी क्लीवेज शो-ऑफ हो, और चूचियाँ बाहर, ऊपर की ओर उभरी हुई भी दिखाई दें!

और फिर उस शातिर बुड्ढे ने ना जाने कैसे और किस तरह से उसके स्तन दबाये कि सच में उसके वक्ष उभर कर और ज्यादा निखर आए।
मैंने कहा- हाँ… बिल्कुल ऐसे ही!
और मेरी बीवी ने मुझे और उन अंकल जी दोनों को दूर धकेला- तुम सारे मर्द एक जैसे ही बदमाश होते हो!
लेकिन अंकल जी ने मेरा पक्ष लेते हुए कहा- बेटा, ये सही कह रहे हैं, ब्रा इन उभारों की सुरक्षा, सहूलियत के अलावा एक सुन्दर और आकर्षक पहनावा भी तो होना चाहिए और यह ब्रा तो वक्षस्थल का गहना भी होती है।

और जब वो ब्रा लेने के लिए मुड़े तो मैंने साफ़ साफ़ देखा कि उनका पायजामा तम्बू बन चुका था यानि पायजामे के अंदर उनका बम्बू पूरी तरह से तन गया था।
बेचारे मर्द अपनी उत्तेजना को छुपा ही नहीं पाते जबकि उत्तेजनावश औरत की चूत गीली होने का पता सिर्फ उस औरत को ही चलता है।
बहरहाल उन बुजुर्ग महाशय ने ब्रा लाने के बहाने हमारी तरफ पीठ कर के अपने लंड को जो सीधा कड़क हो रहा था, उसे लम्बवत कर लिया और फिर वो कई नामी कम्पनियों की ब्रा लेकर आये और बहुत सलीके से मेरी अनावृत-वक्षा बीवी को पहनाई।

और सच में मेरी बीवी के चेहरे के भाव देखने लायक थे, वो मेरी तरफ देखते हुए बोली- यार, कमाल की ब्रा है यह तो, बहुत ही फिट और कम्फर्टेबल! सच में ऐसा लग रहा है कि जैसे यह मेरी ही चूचियों के लिए बनी है।
याकि बुड्ढा सच में ब्रा-एक्सपर्ट था।
वो बोले- ये कुछ और भी हैं इन्हें भी पहन पहन कर ट्राई करो, सब तुम्हारे इन सुन्दर उरोजों के आकार की ही हैं।
और यह कहते हुए अंकल जी ने उस पहले वाली ब्रा को खोल कर मेरी बीवी के स्तनों से अलग कर दिया।

पायजामे के बम्बू ने उनको उत्तेजित बना दिया था, और ऐसे में इंसान की हिम्मत और बढ़ जाती है, क्योंकि इस बार भी उन्होंने दूसरी ब्रा पहनाने के पहले फिर से उसके उभारों को चेक करने का ड्रामा किया।
मैं झूठ नहीं बोलूँगा दोस्तो, मैं खुद भी उत्तेजित हो गया था और तुरंत उन अंकल जी के पास गया, बोला- यह ब्रा तो समझो कि फाइनल हो ही गई और वूलन इनर भी! मुझे प्लीज़, कोई सेक्सी सा पैंटी-ब्रा का सेट दिखाओ ना!

अब मेरी बीवी बीच में बोल पड़ी- कोई जरूरत नहीं है अंकल जी, इनकी कोई बात मत सुनना, मुझे कौन सा पैंटी और ब्रा पहन कर मार्किट में जाना है या स्विमिंग करनी है। ये तो बस पागल हैं, मुझे तो अपना आराम और सहूलियत देखनी है।
अंकल जी बोले- बेटा, बहुत से काम अपने पति की ख़ुशी के लिए भी करने ही चाहिएँ, नाम मात्र की पेंटी ब्रा या नाइटी, बदन छुपाने के लिए नहीं, बल्कि देखने वाले के मन में उत्तेजना जगाने के लिए होती है, और अपने आपको सेक्सी दिखाने में कोई बुराई नहीं होती!

उनके मुँह से सेक्स शब्द का उच्चारण और उनका सेक्स ज्ञान देख कर हम दोनों ही चकरा गए- बाप रे!!!!!! कमाल के थे वो अंकल जी!
लेकिन मेरी बीवी फिर भी बोली- वो महंगे भी बहुत आते हैं!
वो बोले- मेरे पास एक सेट है, प्लीज़ उसे ट्राई करो, वो समझो मेरी तरफ से तुम्हें गिफ्ट!

अब मैं उस बुड्ढे की सारी प्लानिंग समझ गया, अब वो मेरी बीवी को चड्डी भी खुद ही पहनाना चाहता था।
मेरी चतुर बीवी भी शायद यह बात समझ गई और उसने मना किया लेकिन वो अंकल जी जब वो सेट लेकर आये तो उसकी शेप और शानदार फेब्रिक देख कर मेरी बीवी का मन ललचा गया और फिर वो फ्री में भी देने की बात कह रहे थे।
और अब मौका था उसे पहनने का!

जैसा मैंने बताया कि वहाँ कोई औट या आड़ तो थी ही नहीं, फिर भी अंकल जी ने वो ही जगह बता दी जहाँ उसने ब्रा पहनी थी, वहाँ से उसका पूरा बदन तो नहीं छुपता था।
खैर अंकल जी तो उसे पैंटी ब्रा पहनाने पे तुले हुए थे तो बोले- मैं मुँह घुमा लेता हूँ, तुम आराम से पहन लो।

मैंने भी कहा- यार, बहुत लेट हो रहे हैं, जल्दी से देख-दाख लो, अंकल जी को भी जाना होगा।
और फिर इसके बाद जो हुआ, वो हम तीनों के लिए ही बहुत उत्तेजक अनुभव रहा।

क़हानी जारी रहेगी।
आपका अरुण
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