जवान धनवान विधवा की चुत चुदाई- 2

(Male Gigolo Sex Kahani)

मेल जिगोलो सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मुझे और मेरे दोस्त को एक भाभी चुदाई के लिए अपने घर ले गयी. वो विधवा थी तो उसे लंड लेने की तलब लग रही थी.

हैलो फ्रेंड्स, मैं आर्यन एक बार फिर से अपने भाई मयंक के साथ एक धनवान जवान विधवा की चुदाई की कहानी में आपके सामने हाजिर हूँ.

इस मेल जिगोलो सेक्स कहानी के पहले भाग
भाई से साथ मिल कर चुदाई का मजा
में आपने पढ़ा कि कैसे संगीता, मयंक और मुझे अपने बंगले पर चुदाई के लिए ले गई थी.
हम तीनों गाड़ी से नीचे उतरे और बंगले में प्रवेश किया. संगीता ने हम दोनों को वहीं सोफे पर बैठाया.

अब आगे मेल जिगोलो सेक्स कहानी:

संगीता ने मेहमाननवाजी करते हुए हमसे पूछा- तुम क्या लोगे पानी, खाना या फिर व्हिस्की?
हम दोनों ने एक साथ संगीता से कहा- जी, हमें कुछ नहीं चाहिए.

फिर संगीता ने एक नौकर को बुलाया और एक व्हिस्की की बोतल कुछ खाने के लिए … और तीन गिलास मंगवाए.

नौकर सामान लेने के लिए किचन में चला गया और संगीता ने हमसे कहा- तुम लोग व्हिस्की तो पीते हो ना!
मैंने संगीता से कहा- जी … कभी-कभी जब मिल जाती है, तो पी लेते हैं.

संगीता ने मुस्कुरा कर कहा- ठीक है तब तक तुम दोनों ड्रिंक इंजॉय करो, मैं फ्रेश होने जा रही हूं.
मयंक ने कहा- आप हमें ज्वाइन नहीं करेंगी?

संगीता हंसते हुए वहीं हमारे पास सोफे पर बैठ गई और बोली- हां चलो साथ में ही लेते हैं.
संगीता ने एक सिगरेट जलाई और डिब्बी को दराज में रख दिया.

वो सिगरेट फूंकती हुई नौकर के आने का इंतजार करने लगी.

मुझे वो इस समय सिगरेट पीते हुए पक्की रांड लग रही थी. उसकी तनी हुई चूचियां देख कर मेरा लंड हाहाकार मचाए हुए था. संगीता भी मेरी पैंट में फूलते उभार को देख कर अपनी आंखों में वासना का नशा भर रही थी. कुछ देर बाद संगीता ने सिगरेट को बुझा दिया और नौकर को आवाज दे दी.

तभी नौकर सारा सामान लेकर आ गया. संगीता ने हम तीनों के गिलासों में व्हिस्की डाली और तीनों गिलास में सोडा डालकर पैग तैयार कर दिए.

उसके इशारे पर हम दोनों ने अपने अपने गिलास उठाए और चीयर्स किया.

फिर साथ साथ … अपने अपने पैग पी गए. स्वाद ठीक करने के लिए हम सभी ने थोड़े थोड़े नमकीन व स्नैक्स खाए.

अब संगीता ने वापस बगल की दराज से सिगरेट की डिब्बी और लाइटर निकाल कर टेबल पर रख दी. फिर एक सिगरेट निकाल कर अपने होंठों में दबा ली. मयंक ने सामने टेबल पर रखा लाइटर उठा कर उसकी सिगरेट को सुलगा दिया.

उसने इशारा किया तो मैंने भी एक सिगरेट निकाल कर सुलगा ली.

पूरा पैग लेने के दौरान हम तीनों ने थोड़ी बहुत इधर उधर की बातें की.

फिर संगीता ने कहा- ओके अब तुम दोनों इंजॉय करो, मैं बस 10 मिनट में आती हूं.

संगीता उठकर गांड हिलाती हुई अन्दर बने रूम में चली गई. शायद वह संगीता का बेडरूम था.

अब मैं और मयंक दोनों ने एक एक पैग और खत्म किया और बातें करने लगे.

मैंने मयंक से कहा- यार मुझे तो ये संगीता बहुत अच्छी माल लगी, शायद हमारे काम की पहली रात अच्छी जाएगी.
मयंक ने भी कहा- हां यार मुझे भी संगीता अच्छी लगी.

फिर कुछ ही देर में संगीता हमारे पास आ गई. इस समय संगीता अपनी नाइट ड्रेस में आई थी, जो नीले रंग की थी. मेरे ऊपर व्हिस्की का नशा हावी होने लगा था और मस्ती छाने लगी थी.

मैंने संगीता से कहा- संगीता जी इस नाइट ड्रेस में आप और भी ज्यादा सुंदर लग रही हो.
संगीता जी ने कहा- आर्यन थैंक्यू सो मच … तुम और मयंक भी बहुत हैंडसम और स्मार्ट हो.

कुछ देर हम तीनों के बीच एक दूसरे की तारीफ़ करने का दौर चला. फिर ऐसे ही नॉर्मल बातें होने लगीं.

मैंने हम तीनों के लिए व्हिस्की के पैग बनाए.

हम तीनों अपने-अपने पैग हाथों में लेकर सिप सिप कर पीने लगे और करने लगे.

मैं- संगीता जी, बुरा ना मानो तो एक बात पूछूं?
संगीता- हां आर्यन पूछो जो भी पूछना है … मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

मैं- संगीता जी आप क्या काम करती हैं?
संगीता- बस यही पूछना था, मैंने तो सोचा कि पता नहीं तुम क्या जानना चाहते हो.
ये कह कर वो हंसने लगी.

फिर संगीता बोली- मेरी खुद की कंपनी है और कई कंपनियों के साथ मैं बिजनेस पार्टनर भी हूं. कुछ 4 साल पहले मेरे हस्बैंड की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी, तब से मैं अकेली हूं और हमारे बिजनेस को चला रही हूं.

मैं- संगीता जी माफ करना, मैंने आपके हस्बैंड की आपको याद दिला दी.
संगीता- जस्ट चिल यार!

मैंने संगीता से कहा- वैसे संगीता जी आप लगती नहीं हो कि शादीशुदा हो.
इस पर संगीता ने कहा- मेरी शादी को 4 साल ही हुए हैं. जब हमारी शादी हुई तो 2 महीने बाद मेरे पति का देहांत हो गया था.

फिर मैंने कहा- छोड़ो संगीता जी … आप ड्रिंक खत्म करो.

हम तीनों ने अपना अपना ड्रिंक खत्म किया और मैंने फिर से गिलासों में व्हिस्की डाल दी और सोडा भी.

संगीता ने कहा- आर्यन, मुझे सिर्फ एक लड़के के साथ आज की रात शेयर करनी थी, लेकिन मुझे तुम बहुत पसंद आए इसलिए मैं तुम दोनों को अपने साथ यहां लाई हूं. मगर आज की रात मैं सिर्फ तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं.

मयंक ने कहा- संगीता जी कोई बात नहीं … आप आराम से आर्यन के साथ अपने पल इंजॉय करो. मैं इस व्हिस्की के साथ इंजॉय करता हूं.

हम तीनों हंसने लगे.

एक एक पैग और पीने के बाद संगीता ने मयंक से कहा- आओ मयंक, मैं तुमको तुम्हारा रूम दिखा देती हूं.

संगीता मयंक को एक कमरे की तरफ ले गई और मयंक को वहीं पर रुकने को कहा.

इसके बाद संगीता वहीं पर वापिस आ गई, जहां बैठकर हम लोग बातें कर रहे थे.

संगीता ने मुझसे कहा- आर्यन, तुम मेरे बेडरूम में चलो.
मैंने संगीता से पूछा- संगीता जी, जहां पर आप फ्रेश होकर आई हैं, आपका बैडरूम वही है न!
संगीता ने एक नॉटी आवाज में कहा- हां वही है, तुम चलो मैं आती हूं.

मैं बेडरूम की तरफ चल पड़ा.
उधर संगीता ने नौकर को आवाज लगाई और कहा- गेस्ट रूम में मेरे खास मेहमान हैं, उनको कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.

संगीता नौकर को समझा रही थी, यह ड्रिंक का सारा सामान उनके कमरे में पहुंचा दो … और जो भी मांगे उनको मिलना चाहिए … समझ गए!
नौकर ने कहा- जी मैडम, उनको कोई परेशानी नहीं होगी.

संगीता ने कहा- गुड और हां उनका नाम मयंक सर है. जब मयंक जी बोलें तो उनका खाना भी उनके रूम में लगा देना.
नौकर ने कहा- जी मैडम … आप आराम से जाइए, मयंक साहब को कोई भी परेशानी नहीं होगी.

फिर नौकर को सारा काम समझा कर संगीता जी बेडरूम में आ गई.
मैं वहीं पर उसके बेडरूम में एक कुर्सी पर बैठा हुआ था.

संगीता ने आते ही रूम को लॉक किया और मुझसे कहा- आर्यन यहां कुर्सी पर क्यों बैठ गए?
मैंने कहा- संगीता जी, मैं ठीक हूं आप फिक्र मत करो.

संगीता ने कहा- चलो अब तुम फ्रेश हो जाओ, मैं तुम्हारे लिए नाईट ड्रेस निकालती हूं.

संगीता ने एक तौलिया मुझको दिया और नहाने जाने के लिए कहा.

मैंने संगीता से कहा- जी, मेरी नाइट ड्रेस!
संगीता जी ने शरारती स्माइल के साथ कहा- वह तो काम के बाद ही मिलेगी.

मैंने भी संगीता को स्माइल दी और बाथरूम में नहाने चला गया. कुछ देर बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आ गया.

मैं नहाते वक्त संगीता के बारे में सोच रहा था.
संगीता की बातें और उनका सुंदर शरीर, उसके रहने का तरीक़ा हमारे लिए प्यार … यह सब सोच सोच कर गर्म हो चुका था.

मन ही मन मैं संगीता की चुदाई की सोच में डूबा हुआ था. मेरा लंड संगीता की चुदाई को सोचते सोचते खड़ा हो गया था.

मैं नहाकर ऐसे ही बाथरूम से बाहर आ गया, तो देखा संगीता ने पहले ही अपनी नाइट ड्रेस को निकाल रखा था और संगीता बिल्कुल नंगी बेड पर लेटी हुई थी.

मैंने संगीता से मीठी मुस्कुराहट के साथ पूछा- संगीता जी बताइए क्या करना है … आपका आर्यन तैयार है.

संगीता बेड से उठी और मेरी तरफ आ गई. संगीता भी कामुक होकर गर्म हो चुकी थी.
मैंने संगीता को बांहों में भर लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा.

संगीता ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगी. मैंने भी संगीता के होंठों को चूसना चालू कर दिया.

हम दोनों लगातार 10 मिनट तक एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे. फिर संगीता ने मेरे होंठों से अपने होंठ छुड़वाए और बड़ी तेज गति के साथ घुटनों के बल बैठ गई.

संगीता बड़ी कामुकता से मेरे लंड को चाटने लगी. मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और चूसते वक्त ‘अम्म अम्म स्स अम्म ..’ की आवाज निकालने लगी.

मुझे भी लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था. संगीता बहुत गर्म अंदाज में मेरे लंड को चूस रही थी.

संगीता धीमी आवाज में बोली- आर्यन, तुम्हारा लंड बहुत मजेदार है.
मैंने लंड को एक झटका दिया, जिससे वो कुछ अन्दर चला गया.

संगीता ने लंड को चूसते हुए कहा- मुझे काफी लंबे समय से लंड नहीं मिला है … और आज से पहले मैंने कई लड़कों के साथ इंजॉय किया है. लेकिन तुम्हारा लंड उन सबसे बड़ा और मोटा है.

संगीता मेरे लंड की तारीफ में बोले जा रही थी- आर्यन, आज मैं तुमको एक और खास बात बताती हूं. उन सबके लंड का रंग हमेशा काला देखा है, लेकिन तुम्हारा लौड़ा एकदम गोरा है.

मैं अपने लौड़े की तारीफ़ सुनकर खुश हो रहा था.

वो- आर्यन तुम्हारे लंड के नीचे जो काला तिल है, ये तुम्हारे लौड़े को और भी ज्यादा सुंदर बना रहा है.

यह कहकर संगीता ने मेरे लंड को जोर से सहलाते हुए मुँह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

मुझे संगीता के मुँह की गर्मी और जीभ की लार अपने कड़क लंड पर महसूस हो रही थी.
लंड चुसवाने में ऐसा मजा मुझको पहले कभी नहीं आया.

प्रीति ने मेरे लंड को सैकड़ों बार चूसा था. प्रीति भी लंड को मस्त चूसती थी, लेकिन जो मजा संगीता से मिला, वह एक अलग ही था.

संगीता अपनी जीभ से मेरे लंड के सुपारे को चाट रही थी और ‘शुर शुर अल्ल अम्म लपर लपर उम्म्म ..’ की आवाज संगीता के मुँह से आ रही थी.

मैंने संगीता के मुँह को पकड़ा और जोर जोर से लंड को मुँह में अन्दर बाहर करने लगा.
इससे संगीता की सांसें थमने लगी थीं.

दो मिनट तक मैं संगीता का मुँह चोदता रहा तो उसके मुँह का रंग लाल हो गया.

मैंने लंड को संगीता के मुँह से बाहर निकाला, तो संगीता जोर जोर से हांफने लगी. उसकी सांसें बहुत ज्यादा तेज चल रही थीं.

मैंने संगीता को कंधों से पकड़कर बड़े प्यार से उठाया और उसकी गर्दन और गालों पर चूमने लगा.

कुछ देर ऐसे ही मैं संगीता को प्यार करता रहा, कभी उसकी गर्दन को चूमता, तो कभी कान की लौ को चूमता.
संगीता भी मेरी गर्दन और गाल पर खूब प्यार कर रही थी.

दोस्तो, संगीता जैसी जवान और मस्त माल की मेल जिगोलो सेक्स कहानी को अगले भाग में लिखूंगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.
[email protected]

मेल जिगोलो सेक्स कहानी का अगला भाग: जवान धनवान विधवा की चुत चुदाई- 3

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