कमाल की हसीना हूँ मैं-42

शहनाज़ खान 2013-06-03 Comments

This story is part of a series:

मेरी वासना और जोर से भड़क उठी। मैंने बहुत ही मस्त होकर उसके लौड़े को चाट-चाट कर और चूस-चूस कर साफ किया।

“यू सीम टू लाइक द टेस्ट ऑफ योर शिट ऑन मॉय कॉक!” माइक ने मुझे ताना मारते हुए पूछा। (लगता है तुम्हे मेरे लण्ड पर अपने मल का स्वाद अच्छा लगा !)

मैं भी बेशर्मी से अपने होंथों पर जीभ फिराते हुए शरारत से बोली, “इट वाज़ नॉट बैड! ऑय कैन गैट यूज़्ड टू इट!” और फिर जोर से खिलखिला कर हंस पड़ी। (बुरा नहीं था, धीरे धीरे आदत हो जएगी इसकी!)

“यू आर सच ए नैस्टी स्लट! नॉव क्लीन मॉय कॉक टू!” ओरिजी मेरे गालों पर अपना लौड़ा चाबुक की तरह मारते हुए बोला। (तुम बहुत भद्दी चुदक्कड़ हो !)

मैंने लपक कर ओरिजी का लौड़ा अपने हाथों में पकड़ लिया और अपनी जीभ से चाट कर और उसे मुँह में चूस कर साफ करने लगी। उसके लौड़े से वीर्य के साथ मिलाजुला अपनी चूत के रस चाटने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैं अपने मुँह में उसका सुपारा ले कर चूस रही थी कि अचानक उसने मेरे सिर को कस कर अपने हाथों में पकड़ा और अगले ही पल उसके लंड में से पेशाब की गरम बूँदें मेरे मुँह में छलकने लगीं। चौंक कर कराहते हुए मैं अपना मुँह उसके लौड़े से पीछे हटाने की कोशिश करने लगी।

लेकिन ओरिजी ने मेरा सिर कस कर थाम रखा था। मेरा मुँह उसके मोटे लौड़े पर पहले ही बुरी तरह फैला हुआ था लेकिन मैंने फिर भी जितना हो सका अपने होंठ ढीले कर दिये। मेरे मुँह में पेशाब भरने लगा तो मेरे होठों के किनारों से बाहर बहने लगा। फिर भी उसके पेशाब का नमकीन तल्ख स्वाद लेने से मैं बच नहीं सकी क्योंकि ओरिजी के लौड़े का सुपाड़ा मेरे मुँह में काफी अंदर था और उसने मेरा सिर कसकर पकड़ रखा था।

मुँह में पेशाब भरने से मेरी साँसें रुकने लगीं तो मैंने खुद ही उसका तल्ख पेशाब पीना शुरू कर दिया और पल भर में ही मेरी हिचक भी ख़त्म हो गई। फिर तो मैं पूरे जोश में खुशी से गटागट उसका पेशाब पीने लगी। मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि कब मैं खुद-ब-खुद अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी क्लिट रगड़ने लगी थी। जब तक मेरे मुँह में उसके लंड ने पेशाब करना बंद किया तब तक मैं एक बार फिर झड़ने की कगार पर थी।

जैसे ही उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह से बाहर खींचा तो मैं भी कस कर आँखें मींचे जोर से चीख पड़ी। मैं अब तक अपनी ऊँची हील की सैंडिलों पर उकड़ूँ बैठी थी पर मेरा जिस्म अकड़ कर इस कदर थरथर काँपने लगा कि मैं बैठी ना रह सकी और धड़ाम से फर्श पर गिर पड़ी।

कुछ देर लेटे रहने के बाद जब मैंने आँखें खोलीं तो दोनों पास ही कुर्सियों पर बैठे मेरी तरफ देख कर बेहूदगी से मुस्कुराते हुए कुछ बात कर रहे थे जो मैं ठीक से सुन नहीं सकी। मैं भी पास ही दीवार के सहारे टिक कर टाँगें फैलाये बैठ गई।

मैंने पीने के लिये कुछ माँगा तो माइक ने उठ कर मिनी-बार में से ऑरेंज जूस की बोतल और वोदका की एक छोटी सी शीशी निकाली। गिलास में जूस के साथ-साथ वो शीशी भी खाली करके मुझे गिलास पकड़ा दिया। इतने में ओरिजी ने तीन सिगरेट जलाईं और एक सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी।

“सॉरी! ऑय डोंट स्मोक !” मैंने एक हाथ लहराते हुए मना किया।( मैं सिगरेट नहीं पीती !)

“कम ऑन बेबी! देयर इज़ आलवेज़ अ फर्स्ट टाइम!” ओरिजी बोला। ( अरे छोड़ो ना ! हर काम पहली बार तो करना ही पड़ता है !)

“ऑय डोंट थिंक यू हैड एवर ड्रैंक पिस्स बिफोर बट यू जस्ट एन्जॉयड ड्रिंकिंग हिज़ पिस्स!” माइक मुस्कुराते हुए बोला। (शायद आज से पहले तुम्नए कभी मूत भी नहीं पिया होगा पर अभी अभी तुमने पेशाब पिया ना?)

मैं नशे में मदमस्त थी और उसकी बात सुनकर बिना वजह ही हंसी छूट गई। मैंने और आनाकानी नहीं की और वो सिगरेट ले कर अपने होंठों से लगा कर कश लगाने लगी। सिगरेट पीना तो वैसे मामूली सी बात थी क्योंकि शाम से पिछले डेढ़-दो घंटों में मैं हवस-परसती की सारी हदें पार कर के इस कदर गिर गई थी कि अपनी गाँड की टट्टी से लथपथ लौड़ा चूसने और एक अजनबी का पेशाब पीने जैसी ज़लील हरकतों में मैं निहायत बेशर्मी से शरीक हुई थी।

खैर, अभी तो पूरी रात बाकी थी और उस दिन खुदा भी शायद मुझ पर खास मेहरबान था, हमारी चोदन-चुदाई पूरी रात ज़ारी रही। सारी रात उन दोनों हब्शियों ने मुझे शराब और पता नहीं कौन-कौन सी नशीली ड्रग के नशे में मुझे मदमस्त रखा और दोनों ने मिलकर मेरे जिस्म को हर तरह से बार-बार जम कर चोदा। मैंने भी बढ़-चढ़ कर उनका साथ दिया और चुदाई के मज़े लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

इसी दौरान एक और काला हब्शी भी इस चुदाई में शरीक हो गया। मुझे इतना भी होश नहीं था कि वो इत्तेफाक से वहाँ पहुँचा या इन दोनों में से किसी ने उसे फोन करके न्यौता दिया। खैर मुझे क्या एतराज़ हो सकता था। दो से भले तीन लौड़े!

खुदा के फज़ल से मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गई थी। पूरी रात वो तीनों ने मेरी चूत और गाँड अपने भुजंग काले लौड़ों से चोद-चोद कर मुझे जन्नत की सैर करवाई। कई बार तो तीनों ने एक साथ मेरी चूत, गाँड और मुँह में अपने लौड़े ठोक-ठोक कर मुझे चोदा।

पता नहीं कितनी ही बार मैंने उनका पेशाब मज़े ले-ले कर पिया और उनके उकसाने पर मैंने बे-गैरती से अपना खुद का पेशाब भी गिलास में भर-भर कर पिया।

इसी तरह की वाहियात हरकतों और चुदाई के दौरान कब मैं या तो बेहोश हो गई या नींद के आगोश में चली गई, मुझे पता ही नहीं चला।

जब होश आया तो कुछ पलों के लिये तो समझ ही नहीं आया कि मैं हूँ कहाँ। मैं फर्श पर ही पसरी हुई थी और ज़ाहिर है कि मैं सिर्फ सैंडल पहने हुए बिल्कुल नंगी थी। आस-पास कोई नज़र नहीं आया। पूरे जिस्म में अकड़ाहट और मीठे से दर्द का एहसास था। नशा अभी भी पूरी तरह उतरा नहीं था।

मैंने ज़ोरदार अंगड़ाइयाँ लीं और खड़े होते हुए उन्हें पुकारा। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कमरे में मैं अकेली ही मौजूद थी। घड़ी में समय देखा तो मैं चौंक गई क्योंकि सुबह के पौने ग्यारह बज रहे थे। सुबह का सेमिनार सेशन कब से शुरू हो चुका होगा।

मैंने अंदाज़ा लगाया कि ओरिजी और माइक भी वहीं गये होंगे। तभी मुझे ससुर जी का ख्याल आया। सुबह मुझे अपने कमरे से नदारद पा कर पता नहीं उन्होंने क्या सोचा होगा।

अपने कमरे में जाने से पहले मैंने वहीं फ्रेश होने का इरादा बनाया क्योंकि मेरा जिस्म वीर्य, पेशाब और थूक से सना हुआ था और सिर भी नशे में घूम रहा था।

अगले आधे-घंटे तक मैं खूब अच्छे से शॉवर के नीचे नहाई। नहाने के बाद मैं तौलिया लेपेटे हुए हेयर-ड्रायर से अपने बाल सुखा रही थी कि तभी कमरे का दरवाज़ा खुला और ओरिजी अंदर आ गया।

उसने काले रंग का सूट पहना हुआ था जिससे साफ ज़ाहिर था कि वो सेमिनार अटेंड करने गया था। उसने आते ही पीछे से मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरी गर्दन चूमने लगा।

“ऊँऊँहह लीव मी प्लीज़… मॉय हेड इज़ पेनिंग सो मच! ऑय वाँट टू गो टू मॉय रूम!” उसके आगोश में कसमसाते हुए मैं बोली लेकिन मैंने उससे दूर हटने की ज़रा भी कोशिश नहीं की। ( मेरे सिर में दर्द है, मुझे अपने कमरे में जाना है।)

उसने मेरा तौलिया हटा कर एक तरफ उछाल दिया।

“कम ऑन बेबी ! इट मस्ट बी जस्ट द हैंग-ओवर ! ऑल यू नीड इज़ अ स्ट्राँग ड्रिंक एंड सम मोर फकिंग!” मुझे ले जा कर उसने सोफे पर बिठाया और मिनी-बार में से जिन की दो छोटी-छोटी बोतलें निकाल कर एक गिलास में डालीं और बाकी का गिलास रेड-बुल एनर्जी ड्रिंक की कैन खोलकर भर दिया। (आओ ना जान, थोड़ा हैंगओवर है, तुम्हें एक मोटे पैग और जोरदार चुदाई की जरूरत है।)

“हैव दिस बेबी ! यू विल फील बेटर !” (पी लो इसे ! अच्छा महसूस होगा।)

उससे वो गिलास ले कर मैं पीने लगी। उसने एक सिगरेट खुद के लिये जलाई और दूसरी मुझे ऑफर की, तो मैंने ज़रा हिचकते हुए अपने होंठों से लगा ली और उसने लाइटर जला कर मेरे सामने कर दिया।

मैं वो ड्रिंक सिप करने लगी और वो मेरी तारीफ किये जा रह थ। “यू वर वंदरफुल लास्ट नाइट! ऑय हैव नेवर मैट सच अ सैक्सी वोमैन! यू आर अ टाइगरैस! योर हसबैंड इज़ सो लक्की!” वगैरह वगैरह। (रात को तुमने बहुत मज़ा दिया, ऐसी सैक्सी औरत मैंने पहले कभी नहीं चोदी ! शेरनी हो तुम तो ! तुम्हारा पति कितना भाग्यशाली है !)

उसकी बातें सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरा ड्रिंक खत्म होने को आया तो इतने में उसने भी अपने कपड़े उतार दिये और खड़े-खड़े अपना वो काले अजगर जैसा लौड़ा सहलाने लगा। यह कहानी आप अ न्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैं भी बेशर्मी से उसके लौड़े को निहारने लगी। मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने अपना गिलास ख़त्म किया और खुद ही उठकर उसके आगोश में पहुँच गई और उसके लौड़े को सहलाने लगी।

उसने झुक कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और हम खड़े-खड़े ही एक दूसरे को चूमने लगे। कभी मैं उसकी जीभ अपने मुँह में लेती तो कभी वो मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर चूसता।

चूमते-चूमते ही अचानक उसने मेरी कमर पकड़ कर मुझे उठाया और पलट कर इस तरह उल्टा कर दिया कि मेरी टाँगें ऊपर और मेरा सिर नीचे। अब हम ’69’ की पोजीशन में थे। उसका लौड़ा अब बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने था और मेरी चूत उसके चेहरे के सामने।

मैंने अपनी टाँगें उसकी गर्दन में डाल दीं और उलटी लटके-लटके ही मैं उसका लौड़ा अपने हाथों से मुठियाते हुए अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। वो भी मेरी चूत और गाँड चाटने लगा। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि एक ही दिन में मैं चुदाई कितने सारे नये-नये तजुर्बे कर रही थी।

उसका लौड़ा तो इतना लंबा-चौड़ा था ही बल्कि वो खुद भी कितना मजबूत और ताकतवर था। इस तरह उल्टी लटके हुए उसका लौड़ा चूसते हुए और उससे अपनी चूत और गाँड चटवाते हुए मैं उत्तेजना से पागल हो गई।

कहानी जारी रहेगी।

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category कोई मिल गया or similar stories about

You may also like these sex stories

Comments

Scroll To Top