कमाल की हसीना हूँ मैं-41

शहनाज़ खान 2013-06-02 Comments

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जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मीठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते।

बहुत ही हैरत अंगेज़ एहसास था और मैंने खुद को उस दोहरी वहशियाना चुदाई के हवाले कर दिया। कुल मिलाकर मेरी चुदास भड़क उठी थी और मेरी दर्द और मस्ती भरी मिलीजुली चीखें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।

मेरी आग इतनी भड़क चुकी थी कि मुझे लगा कि चुदाई में कभी इससे ज्यादा मज़ा मिलना मुमकिन नहीं था। मेरी थरथराती चूत ओरिजी के लौड़े को जकड़ कर चसक रही थी और माइक के लंबे -लंबे गाँड-फाड़ू धक्के झेलते हुए मेरे चूतड़ थिरकने लगे थे। उन दोनों के बीच दबी होने की वजह से मैं ज्यादा हिलडुल नहीं सकती थी लेकिन मस्ती में फिर भी अपने चूतड़ जोर -जोर से हिलाते हुए मज़े लेने लगी।

अपनी गाँड में माइक के लौड़े के झटकों के जवाब में मैं अपने चूतड़ पीछे ठेल रही थी तो साथ ही अपनी चूत नीचे गड़ाते हुए नीचे से ओरिजी के लौड़े के धक्के झेल रही थी।

“ऊऊऊहहह… फक! दिस इज़ अमेज़िंग ! चोदो ! जोर-जोर से ! हरामियों ! बास्टर्ड्स ! आआआँ आँईईईईई।” मैं चीखते हुए झड़ने लगी। मेरा जिस्म ऐंठ कर बुरी तरह झनझना गया और मस्ती से मैं बेहोश होते-होते रह गई।

ज़िंदगी में मैं कभी इस कदर नहीं झड़ी थी। ऐसा लगा जैसा मेरी जिस्म में निहायत मस्ती भरा एटम बम फट गया हो जो मेरी जान ही ले लेगा। उन दोनों ने बेदर्दी से मेरी चुदाई जारी रखी। दोनों एक लय में मुझे चोद रहे थे। एक लौड़ा अंदर ठोकता तो दूसरा लौड़ा बाहर निकलता।

“ऑय लव इट ! लव इट ! ओहह येस्सऽऽऽ ! चोदो ! जोर सेऽऽ ! हार्डरऽऽ !” मेरे मुँह से सिसकारियों के साथ-साथ वाहियात अलफाज़ फूटने लगे।

उन दोनों के बीच में सैंडविच बन कर अपनी गाँड और चूत में एक साथ उनके जानवरों जैसे मोटे-मोटे लौड़ों से चुदवाते हुए मुझे फक़त जन्नत में होने का एहसास हो रहा था।

पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ों और मेरी सिसकारियों, कराहों, चीखों से गूँज रहा था। उन दोनों लौड़ों में मैं कोई फर्क नहीं कर पा रही थी। मेरी चूत का दाना इस कदर फूल कर कड़क हो गया था जैसे उसमें से लंड की तरह वीर्य फूट पड़ेगा। इतना खालिस, पाकीज़ा और तसल्ली भरा कमाल का मज़ा मैंने ज़िंदगी में पहले कभी महसूस नहीं किया था। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी जैसे कि रिकॉर्ड कायम करना हो !

“ऊँहह… ऊँहह ! फकऽऽ! बिच !” वे दोनों हाँफते और गुर्राते हुए पूरे जोश में मुझे दनादन चोद रहे थे।

उनके लौड़े अगर घोड़ों जैसे थे तो उनमें ताकत भी घोड़ों वाली ही थी।

मैं भी लगातार जोर-जोर से कराह रही थी “ओहहह ! आआआह ! ऊँऊँआआआ ! ऊँहहह ! फक मी ! फक मी ! ऑय… ऑय… ऑय… कमिंग अगेन! ओहहह ! येस्स्स ! आआह! आआह! हार्डर! मार डालो! फाड़ डालो ! आआआआईईईई ! हाऽऽय! फक मी!” उनके हाँफने और गुर्राने की आवाज़ें मेरी कराहों और चीखों में दब कर रह गई थीं।

जब भी मेरी चूत अपना रस छोड़ती तो मैं और जोर से चिल्ला पड़ती थी।

मुझे ओरिजी के धक्के अचानक पहले से ज्यादा जोरदार होते हुए महसूस हुए और साथ ही उसका जिस्म भी ऐंठता हुआ महसूस हुआ। उसने मेरी कमर में अपनी बाँहें और भी जोर से कस दीं और अपने चूतड़ उठा कर अपना तमाम लौड़ा बुरी तरह से मेरी चूत में ऊपर तक ठाँस दिया। उसका लौड़ा बिल्कुल पत्थर की तरह सख्त था।

“टेक इट… बिच… मॉय कम !” ठिनठिनाते हुए उसने मेरी चूत में उबलता हुआ वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

“आआआँईई येस्सऽऽऽऽ ओहहह ओंओंओं ! कीप… कीप कमिंग !” मैं भी चींख पड़ी। मेरी चूत उसके पत्थर जैसे लंड पर कस गई और उसे निचोड़ते हुए मोम की तरह पिघलते हुए झड़ने लगी।

अपना लंड जोर-जोर से मेरी चूत में चोदते हुए वो लगातार अपने वीर्य की पिचकारियाँ मेरी चूत में दागने लगा। इसी दौरान मेरी गाँड में माइक के धक्कों की लय भी गड़बड़ा गई।

“मैन.. ओह मैन…” अपने जबड़े भींचते हुए माइक चिल्लाया और पीछे सेर मेरे कंधों में अपने हाथ गड़ाते हुए एक जोरदार शॉट लगाकर पूरा लंड अंदर ठाँस दिया।

उसका फौलादी लौड़ा मुझे अपनी आंतड़ियों में फूलता हुआ महसूस हुआ। अगले ही पल गरम-गरम वीर्य सैलाब की तरह मेरी गाँड और आँतड़ियों में फूट-फूट कर बहने लगा।

ओरिजी का लौड़ा मेरी चूत में इस कदर झड़ रहा था कि मेरी चूत और बच्चेदानी में बाढ़ सी आ गई। मेरी चूत की गहराइयों में उसके वीर्य की हर पिचकारी के साथ थोड़ा वीर्य मेरे चूत-रस के साथ मिलकर मेरी चूत में से झाग बनकर बहते हुए ओरिजी की जाँघों को भिगोने लगा।

उसी तरह माइक का लौड़ा मेरी गाँड में लगातार झड़-झड़ कर सैलाब की तरह गरम-गरम वीर्य बहा रहा था। मेरी गाँड उसके मोटे लौड़े पर इस कदर जकड़ी हुई थी कि वीर्य बाहर नहीं बह सकता था।

मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि किसी इंसानी लौड़े से दोबारा इतनी जल्दी इतना सारा वीर्य भी झड़ सकता है! अभी घंटे भर पहले ही तो इन दोनों लौड़ों ने मेरे मुँह में वीर्य का सैलाबी दरिया बहाया था।

उनके साथ-साथ मैं भी इस दौरान बार-बार ऐंठती और कुलबुलाती और थरथराती हुई झड़े जा रही थी। मेरी चूत और गाँड की दीवारें धड़कती और सिकुड़ती हुई उनके लौड़ों पर जकड़ रही थी।

उस वक्त अपनी कुचली छिली हुई चूत और गाँड में भरे हुए उनके फुट-फुट भर लंबे लौड़े और उनमें से गरम-गरम वीर्य के उमड़ते सैलाबों के अलावा मुझे और कुछ होश, कुछ एहसास नहीं था। यह मेरी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन और अनोखा एहसास था। इससे बेहतर कोई एहसास मुमकिन ही नहीं था।

मेरा दिमाग में मस्ती भरे बम फट रहे थे। मैं तो सिर से पैर तक बिल्कुल निहाल हो गई थी। उन दोनों के लौड़ों का झड़ना बंद हुआ लेकिन उनके लौड़ों के साइज़ और अकड़ाहट में मुझे कोई फर्क महसूस नहीं हुआ।

माइक ने जब अपना लौड़ा बाहर खींचा तो उसका सुपाड़ा मेरी गाँड के छेद को बेदर्दी से फैलाते हुए अपने साथ बाहर खींचता हुआ निकला।

मेरे जिस्म में झुरझुरी सी दौड़ गई और मैं ‘ओहहहह’ करके सिसक पड़ी।

ओरिजी ने मुझे अपने ऊपर से हटाते हुए अपना लौड़ा मेरी चूत में से खींचा तो मैं वहीं ज़मीन पर पसर गई और अपनी साँसें काबू करने लगी।

मेरी चूत और गाँड में से बहुत सारा रस मुझे फर्श पर बहते हुए महसूस हुआ। मैंने अपना एक हाथ अपनी टाँगों के बीच में नीचे ले जाकर अपनी चूत और गाँड पर फिराया तो मैं हैरान रह गई। मेरे दोनों छेद, खासकर के, मेरी गाँड अभी भी चौड़ी होकर फैली हुई थी।

“मैन ! ऑय कैंट बिलीव दिस ! शी इज़ अ डायनामाइट ! शी कुड टेक अ होर्स इन दैट वंडरफुल ऐस ! नेक्स्ट ऑय विल फक हर ऐस…!” (यकीन नहीं हो रहा दोस्त, बम चीज है यह ! यह तो अपनी गाण्ड में घोड़े का भी ले सकती है। अगली बार इसकी गाण्ड मैं मारूँगा।)

“वी हिट द जैकपॉट मैन!” (हमें तो जैसे खजाना मिल गया !)

उनकी बातें सुनकर मुझे अजीब सी खुशी हुई। मुझे अपने ऊपर फख़्र होने लगा।

“डिड यू लाइक इट… बेबी?” ओरिजी ने मेरे चेहरे के पास खड़े होते हुए पूछा। मैंने बोझल आँखों से देखा तो उसका काला लौड़ा अभी भी सख्त था और वीर्य से लथपथ था। (बेबी, तुम्हें हमारी चुदाई पसन्द आई ना?)

“उम्म्म्म! यू गाइज़ वर ग्रेट! इट वाज़ बेस्ट फकिंग एवर! थैंक यू!” मैं मुस्कुराते हुए फुसफुसाई। (उम्म ! अदभुत ! यह मेरी अब तक की सबसे बढ़िया चुदाई हुई ! शुक्रिया !)

“श्योर हनी! यू वर ग्रेट टू!” ओरिजी बोला। ( जानू, तुम भी लाजवाब हो !)

“व्हाय डोंट यू लिक ऑर डिक्स क्लीन… योर ऐस एंड कंट मेड क्वाइट अ मेस!” माइक भी मेरे चेहरे के ऊपर अपना मूसल लौड़ा झुलाते हुए बोला। ( अब तुम हमारे लण्ड चाट कर साफ़ करो न ! तुम्हारी गाण्ड और फ़ुद्दी ने हमारे लौड़ों को गन्दा कर दिया !)

“ऑय वुड लव टू टेक यौर कॉक्स इन मॉय माउथ!” कहते हुए मैं उनकी टाँगों के बीच में ज़मीन पर चूतड़ टिकाये बैठ गई। ( तुम्हारे लौड़े अपने मुंह में लेकर मुझे खुशी होगी।)

लेकिन उनके ऊँचे कद की वजह से मेरा चेहरा उनके लौड़ों तक नहीं पहुँच रहा था। पहले की तरह मुझे अपने घुटने मोड़ कर अपने ऊँची ऐड़ी के सैंडलों पर उकड़ूँ बैठना पड़ा। इस तरह बैठने से मेरी चूत और गाँड में से और ज्यादा वीर्य बाहर बहने लगा।

जैसे ही मैंने अपना चेहरा माइक के लौड़े के करीब लाया तो उसे अपने मुँह में लेते-लेते रुक गई और मेरी चीख सी निकल गई, “ईईईऽऽश यक… सो डर्टी!” ( बहुत गन्दा है !)

वो काला लौड़ा सिर्फ उसके वीर्य से ही लथपथ नहीं था बल्कि मेरी गाँड की गंदगी भी उस पर मौजूद थी। मैंने नाक भौं सिकोड़ कर थोड़ी ना-नुकर तो की लेकिन वासना और शराब के नशे में इतनी गिर गई थी कि उनके ज़रा सा जोर और बढ़ावा देने पर मैं ये गंदी हरकत करने के लिये भी तैयार हो गई।

इससे ज्यादा गिरी हुई हरकत क्या हो सकती थी लेकिन उस वक्त मेरी चूत मेरे दिमाग पर हावी थी और ये बेहूदा और नफ़रत-अंगेज़ हरकत भी मुझे एक्साइटिंग लगने लगी।

थोड़ा हिचकिचाते बहुत ही एहतियात से मैंने माइक के सुपाड़े पर धीरे से अपने थरथराते होंठ रखे तो मुझे उबकाई सी आ गई लेकिन मैं अब पीछे हटने वाली नहीं थी। मेरा जिस्म गंदी ज़लील वसना से दहक रहा था।

मैंने सुपाड़ा अपने मुँह में ले ही लिया। बदबू के साथ-साथ बहुत ही कड़वा और नमकीन सा तीखा स्वाद आया लेकिन मैं खुद को रोक नहीं सकी और अपनी जीभ घुमा-घुमा कर उसे चूसने लगी।

हैरत की बात ये है कि ऐसे गंदे स्वाद और बदबू से मेरे जिस्म में सनसनी सी दौड़ने लगी। मेरी वासना और जोर से भड़क उठी। मैंने बहुत ही मस्त होकर उसके लौड़े को चाट-चाट कर और चूस-चूस कर साफ किया।

कहानी जारी रहेगी।

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