गेटपास का रहस्य-6

दीप ने मुझसे कहा- भाई आप ऊपर वाले कमरे में चले जाओ, मैं पता करके आती हूँ ! कहीं ऐसा न हो कि मयूरी की मम्मी भी साथ आ जायें !

मैंने कहा- ठीक है, मैं ऊपर के कमरे में जा रहा हूँ।

जैसे ही मैं ऊपर जाने को हुआ तो मयूरी सामने से आती हुई नजर आई और उसके पीछे उसकी मम्मी !

उसकी मम्मी की नजर में आये बिना मैं जल्दी से ऊपर के कमरे में पहुँच गया और मयूरी की मम्मी के जाने का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद दीप मुझे बुलाने ऊपर आई और बोली- भाई, मयूरी की मम्मी चली गई है, चलो नीचे चलते हैं।

हम दोनों नीचे कमरे में आ गये।

मयूरी मुझे देखते ही खड़ी हो गई जो अब से पहले सोफे पर बैठी हुई थी, मेरी और मयूरी की आँखें चार हुई वो मंद-मंद मुस्कुरा रही थी। जब मैंने उसको ऊपर से नीचे की तरफ देखा तो उसने शर्ट और स्कर्ट पहनी हुई थी, इन कपड़ों में मयूरी बेहद हसीन लग रही थी, अब वहाँ हम चार लोग थे।

मैं मयूरी के पास पहुँचा और उसके साथ सोफे पर बैठ गया। दीप भी दूसरे सोफे पर बैठ गई और फिर हम चारों टी वी पर मूवी देखने लगे। आशु और दीप दोनों भाई बहन मूवी देखने में मग्न थे और मैं मयूरी का हाथ पकड़ कर उसको सहला रहा था।

कुछ देर के बाद मूवी खत्म हो गई, मैंने दीप से पूछा कैसे- कैसे सोना है?

तो दीप ने कहा भाई आप ऊपर वाले कमरे में सो जाओ और हम तीनो यहाँ नीचे सो जायेंगे।

दीप की बात सुनकर मुझे बहुत ही गुस्सा आया और उसको गुस्से में बोला- ठीक है मैं ऊपर जा रहा हूँ सोने के लिए, पर मुझे एक जग में पानी दे दो, मुझे रात को प्यास लगती है।

दीप ने कहा- भाई, आप ऊपर चलो, मैं लेकर आती हूँ।

उसके बाद मैं ऊपर के कमरे में आ गया और आराम से बेड पर लेट गया। अभी मुझे लेटे हुए 10 ही मिनट हुये थे, दीप और मयूरी दोनों पानी का जग ऊपर आ गई। जग मेज पर रखने के बाद वो मेरे पास बेड पर ही बैठ गई।

मैंने दीप से नाराज होते हुये कहा- अगर मयूरी को नीचे ही सुलाना था तो मुझे क्यों बुलाया?

दीप ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कहा- भाई, आप तो बेकार में ही नाराज हो रहे हो ! अभी आशु जाग रहा है और यह अभी आपके पास आ गई तो आशु को भी पता चल जायेगा और वो मम्मी और पापा को बता देगा इसलिए जब तक आशु सो नहीं जाता, तब तक इसको मेरे साथ नीचे रहने दो, जब आशु सो जायेगा तो यह आपके पास आ जाएगी।

दीप की बात सुनकर मेरा गुस्सा रफू-चक्कर हो गया, उसकी बात भी सही थी, मैं बेकार मैं ही ग़ुस्सा हो रहा था, मैंने कहा- ठीक है, तुम जाओ और जल्दी से आशु को सुलाकर इसको ऊपर भेजो !

मैंने मयूरी की तरफ इशारा करते हुए कहा।

दीप ने हँसते हुए कहा- ठीक है भाई ! मैं इसको जल्दी भेज दूंगी !

और इतना कह कर वो मयूरी का हाथ पकड़कर जाने लगी तो मैंने दीप से कहा- दीप, तुम चलो, मयूरी आब?ईई पांच मिनट में आती है।

मेरी बात सुनकर दीप ने मयूरी का हाथ छोड़ दिया और उसको बोला- जल्दी नीचे आना !

मयूरी जो अभी तक चुपचाप थी, उसने कहा- ठीक है मैं पाँच मिनट में आई।

मयूरी की बात सुनकर दीप नीचे चली गई, मैंने मयूरी का हाथ बेड पर लेटे-लेटे पकड़ा और उसको अपनी तरफ खींच लिया, वो सीधे बेड पर आ गिरी अब वो मेरे सामने थी।

उसने कहा- यह क्या कर रहे हो, मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ, मैं अभी आ जाऊँगी थोड़ी देर में आशु के सोते ही !

मैंने उसका हाथ छोड़ते हुये कहा- ठीक है, पर जल्दी आना, मैं इंतजार करुँगा।

मयूरी बेड से उठी और उसने मेरे होठों को चूमते हुए कहा- अच्छा जी, मैं जल्दी आऊँगी !

और इतना कहते ही वो भी नीचे चली गई, उसके जाने के बाद मैं सोने की तैयारी करने लगा, मुझे पता था कि आज मयूरी को चुदना है और मैंने उसको चोदना है और उसके लिए मुझे अपने भी कपड़े उतारने पड़ेगे, इसलिए मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए अंडरवियर छोड़कर, मैं अंडरवियर में ही लेट गया और मयूरी का इंतजार करने लगा।

मयूरी का इंतजार करते-करते कब मैं नींद की आग़ोश में पहुँच गया, मुझे पता भी नहीं चला, करीब एक घंटे बाद मुझे अहसास हुआ जैसे कि मेरे साथ और भी कोई लेटा हुआ है, उसका एक हाथ मेरी नंगी छाती को सहला रहा था।

मैंने अपनी आँखें खोल कर देखा तो वो मयूरी थी जिसका हाथ मेरी छाती पर रेंग रहा था। मैंने लेटे हुए ही उसको अपने सीने से लगा लिया और उसके होंठों को चूमते हुये बोला- तुम कब आई?

तो उसने जवाब दिया- बस अभी 10 मिनट पहले ही।

मैंने नाराज होते हुये कहा- तुमने मुझे जगाया क्यों नहीं?

मयूरी बोली- आप सोते हुए बहुत अच्छे लग रहे थे इसलिए मेरी आपको उठाने की हिम्मत नहीं हुई।

उसकी इस अदा पर मैंने फिर से उसके होंठों को चूम लिए और उससे पूछा- नीचे वो दोनों सो गए है क्या?

मयूरी बोली- हाँ, वो दोनों सो गए हैं, तभी तो उन दोनों के सोने के बाद ही मैं आई हूँ।

मेरी नज़र खुले हुए गेट पर पड़ी, मैं मयूरी से अलग हुआ और उठ कर दरवाजा बंद किया।

दरवाजा बंद करके मैं बेड पर वापस आ गया, मयूरी बेड पर लेटी हुई मुस्कुरा रही थी मैं सीधे उसकी जाँघों पर जा बैठा, उसके दोनों हाथ पर अपने हाथों से पकड़ लिए तो मयूरी ने मुस्कुराते हुये कहा- यह क्या कर रह हो जी?

मैंने उससे कहा- प्यार कर रहा हूँ, जो उस दिन अधूरा रह गया था ! उस दिन का अधूरा प्यार आज पूरा करूँगा।

मयूरी ने मुझसे कहा- आप यहाँ पर सोने आये हो या ये सब करने?

मैंने कहा- मैं तो बस प्यार करने के लिए आया हूँ तुमको और तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे तुम नहीं चाहती ये सब?

मयूरी ने कुछ नहीं कहा, बस अपनी आँखें बंद कर ली।

उसके आँखें बंद करते ही मैं उस पर झुक गया और उसके गालों को चूमने लगा। उसने अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रख दिए। मैंने उसके कानों को चूमा, कानों को चूमता हुआ मैं उस पर पूरी तरह से लेट गया और उसके पैरों को अपने पैरों से अलग-अलग कर दिये, अब मेरे पैर उसके पैरों के बीच बिस्तर पर थे उसने अपने पैर फैला दिए थे, मैं उसकी गर्दन पर पहुँच गया था, मयूरी ने अपना चेहरा ऊपर की तरफ कर दिया जिससे मुझे उसकी गर्दन पर किस करने में कोई परेशानी न हो, मैं उसकी ठोड़ी को चूमता हुआ नीचे तरफ जाने लगा।

मयूरी ने अपनी टाँगों मोड़ लिया जिसके कारण उसकी स्कर्ट नीचे सरक गई अब मेरी जाँघ उसकी जाँघ से रगड़ खाने लगी, मेरे हाथ उसके खुले हुए बालों को सहला रहे थे, फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए और उसके निचले होंठ को अपने होंठ में दबा कर चूसने लगा। मैंने उसके लबों को चूसते हुए मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, मयूरी मेरी जीभ को बड़े ही प्यार से चूस रही थी, उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, मैं उसकी जीभ को चूसने लगा।

कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमते चाटते रहे, फिर मैं उसके शर्ट के बटन खोलने लगा, सारे बटन खोलने के बाद मुझे उसका गोरा बदन और भी मनमोहक लग रहा था, उसने सफ़ेद जाली वाली ब्रा पहनी हुई थी जिससे उसके बूब्स और भी अच्छे लग रहे थे।

मैंने उसके नंगे पेट पर चुम्बन किया उसके पेट को चूमने के बाद मैंने अपने लब उसके वक्ष पर रख दिए, पर वो अभी भी ब्रा की कैद में ही थे।

मयूरी के बूब्स को मैं अपने हाथों से दबाते हुए उसकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से हल्के हल्के अपने दांतों से काटने लगा, मेरे ऐसा करने से मयूरी की सिसकारियाँ निकलने लगी ऊन्न्न आन्न्नन्ह्ह ! मयूरी ने अपने हाथों से अपनी ब्रा नीचे सरका दी, ब्रा के नीचे होते ही उसकी चूचियाँ नग्न हो चुकी थी, मैं तो पहले से ही उसकी चूची को ब्रा के ऊपर से चूस रहा था।

मयूरी की ब्रा नीचे होते ही मेरे होंठ उसकी नंगी चूची पर आ गए फिर मैंने उसकी चूची को चूसते हुए उसकी शर्ट को उसके हाथों से निकाल दिया, मयूरी मुझे अपने स्तन चूसते हुए देख रही थी उसकी आँखों में अजीब सा नशा दिखाई दे रहा था।

कहानी जारी रहेगी।

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