चुद गई अन्तर्वासना की दीवानी-1

(Chud Gai Antarvasna Ki Diwani-1)

This story is part of a series:

एक बार फिर मैं अपने जीवन की एक और सत्य घटना लेकर आपसे रूबरू हो रहा हूँ, यह घटना अभी कुछ दिन पहले की ही है। उसको आपके सामने एक कहानी के रूप में पेश कर रहा हूँ, आशा करता हूँ, आपको यह जरूर पसंद आयेगी। यह कहानी मैं नीलम को समर्पित कर रहा हूँ जोकि इस कहानी की नायिका है।

‘मेरी कहानी गेटपास का रहस्य’ की तीसरी कड़ी अन्तर्वासना पर प्रकाशित हुई थी, मैं रोजाना की तरह तब भी जीमेल पर अपनी मेल देख रहा था और उनके जवाब भी दे रहा था। उस समय रात के 10 बज रहे थे। मेरी जीमेल पर नीलम नाम की आई डी से मुझे चैट के लिए इनवाईट किया हुआ था। वो मैंने ऐक्सेप्ट कर लिया, जैसे ही मैंने उसको ऐक्सेप्ट किया, मुझे नीलम ऑनलाइन दिखाई दी।
मैंने सोचा ! इससे बात की जाए कि यह कौन है?
फिर मैंने नीलम को एक मैसेज किया- हेलो नीलम, तुम मुझे जानती हो क्या?

वहाँ से मुझे रिप्लाई आया- नहीं तो ! फिर मेरी नीलम से जो भी बात हुई वो सब ज्यों का त्यों लिख रहा हूँ, और वो आपके सामने है।

मैंने नीलम से कहा- फिर आपने मुझे चैट के लिए रिक्वेस्ट क्यों भेजी?
नीलम ने मुझसे कहा- आप स्टोरी लिखते हो?
मैंने नीलम से कहा- हाँ लिखता हूँ, गलत करता हूँ क्या मैं?
नीलम ने मुझसे कहा- सच में ! मुझे यकीन नहीं हो रहा !
मैंने नीलम से कहा- तुम्हारे यकीन करने न करने से मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !

नीलम ने मुझसे कहा- सच बताओ आप वही साजन हो?
मैंने नीलम से कहा- हाँ जी मैं वही साजन हूँ, लगता है आपने मेरी कहानी गेटपास का रहस्य पढ़ी है !
नीलम ने मुझसे कहा- सुधा और सुनीता वाली भी पढ़ी है !
मैंने नीलम से कहा- अच्छा जी, लगता है मेरी सारी कहानी पढ़ी है आपने, कैसी लगी मेरी कहानी आपको !

नीलम ने मुझसे कहा- बहुत अच्छी… बताओ न गेट पर कौन था?
मैंने नीलम से कहा- दीप मेरी बहन थी !
नीलम ने मुझसे कहा- ओके जी… आपका कोई फ़ोटो देख सकती हूँ?
मैंने नीलम से कहा- किस लिए जी, चलो ठीक है, एक शर्त पर !
नीलम ने मुझसे कहा- क्या शर्त है आपकी?
मैंने नीलम से कहा- पहले मैं देखूँगा तुमको, तुम अपनी फोटो भेजो फिर मैं !
नीलम ने मुझसे कहा- ओके जी !

फिर नीलम ने मुझे अपनी फ़ोटो भेजी ! नीलम की फोटो देककर मैंने नीलम से कहा – तुम बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही हो फोटो में !
फिर मैंने भी नीलम को अपनी फोटो भेजी तो नीलम ने मुझसे कहा- आप भी !
मैंने नीलम से कहा- मेरी कौन सी कहानी अच्छी लगी तुम्हे?
नीलम ने मुझसे कहा- सुनीता वाली !
मैंने नीलम से कहा- उसमे क्या अच्छा लगा तुमको?
नीलम ने मुझसे कहा- यह भी कोई पूछने की बात है !

मैंने नीलम से कहा- ओके पर उसमे कुछ तो अच्छा लगा होगा? मेरा सेक्स करने का तरीका या सुनीता ने मेरे लंड से अपना मुँह मीठा किया था !
नीलम ने मुझसे कहा- स्टोरी बहुत बढ़िया थी, पर वो सेक्स की भूखी थी !
मैंने नीलम से कहा- हाँ वो तो है !

नीलम ने मुझसे कहा- आपके पास किसी का फ़ोटो है, जिसके साथ आपने सेक्स किया हो? प्लीज मैं आपकी पसन्द देखना चाहती हूँ, कैसी थी !
मैंने नीलम से कहा- हाँ है, पर सॉरी, मैं दिखा नहीं सकता !
नीलम ने मुझसे कहा- आप मेरी स्टोरी बनाकर भेज दोगे क्या?

मैंने नीलम से कहा- तुमने सेक्स कर लिया है? किसके साथ किया?
नीलम ने मुझसे कहा- कभी नहीं किया !
मैंने नीलम से कहा- फिर क्या डालोगी कहानी में? जब तुमने सेक्स नहीं किया तो !

नीलम ने मुझसे कहा- यदि तुम चाहो तो हमारी स्टोरी बन सकती है !
मैंने नीलम से कहा- वो कैसे? बताओ मुझे !
नीलम ने मुझसे कहा- तुम कहाँ से हो?
मैंने नीलम से कहा- दिल्ली से !

नीलम ने मुझसे कहा- मैं जयपुर में रहती हूँ !
मैंने नीलम से कहा- तो फिर !

नीलम ने मुझसे कहा- आपको जयपुर आना होगा, और यहाँ आकर मुझे भोग लो ! जब आप मुझे अक्षतयौवना से पूर्ण स्त्री बना दोगे, फिर तो आप हम दोनों की सम्भोग की कहानी बना कर भेज सकते हो?
मैंने नीलम से कहा- ठीक है, मैं जयपुर आता रहता हूँ, मैं जब भी आऊँगा तो तुमको बता दूँगा। पर एक बात बताओ कि तुम मुझे कहाँ पर मिलोगी और ये सब कहाँ पर होगा।
नीलम ने मुझसे कहा- मेरे रूम पर !

मैंने नीलम से कहा- तुम क्या अकेली रहती हो? और तुम्हारे घरवाले कहाँ रहते है? तुम अकेली क्यों रहती हो?
नीलम ने मुझसे कहा- वो भरतपुर में हैं, मैं जयपुर में पढ़ रही हूँ !
मैंने नीलम से कहा- तुम होस्टल में रहती हो क्या?
नीलम ने मुझसे कहा- नहीं रूम है यार, तुम एक बार जयपुर आ तो जाओ !
मैंने नीलम से कहा- ठीक है जब मैं आऊँगा तो बता दूंगा !

फिर हम दोनों ने अपने-अपने फ़ोन नम्बर एक दूसरे को दिये, फिर मैंने नीलम को कहा- रात बहुत हो गई है, तुम भी सो जाओ और मैं भी !
नीलम ने कहा- हाँ, मुझे भी कल सुबह कॉलेज जाना है !

उसके बाद मैंने अपना कंप्यूटर बंद किया और लेट गया। अभी मुझे लेटे हुये कुछ देर ही हुई थी, मेरा फ़ोन बज उठा, मैंने फ़ोन उठाकर देखा उस पर नीलम का नम्बर आ रहा था, मैंने फ़ोन रिसीव किया- हेल्लो !

दूसरी तरफ से नीलम की मधुर आवाज आई- हेल्लो साजन जी, मुझे आपकी आवाज सुननी थी, और मुझे नींद भी नहीं आ रही, क्या आप कुछ देर मुझसे बात कर सकते हो?
उसकी आवाज बहुत ही मधुर और सुरीली थी।
मैंने नीलम से कहा- ओके, पर मैं ज्यादा बात नहीं कर पाऊँगा।

हम दोनों बात करने लगे और बात करते-करते हम सेक्स की बात भी करने लगे। हमने फ़ोन सेक्स भी किया, बात करते हुए हमें रात के तीन बज चुके थे तो मैंने उसको बोला- रात बहुत ज्यादा हो गई है, अब तुम सो जाओ तुमको कल कालेज भी जाना है।
फिर हम फ़ोन बंद कर के सो गए।
अगले दिन सुबह फिर से नीलम ने मुझे फ़ोन किया और वो जिद करने लगी- आप जल्दी से जयपुर आ जाओ।

किसी तरह से मैंने उसको समझाया और मैं घर से ऑफिस निकल गया। दोपहर के समय बॉस ने मुझे बुलाया और मुझसे बोले- शनिवार को तुमको जयपुर जाना है, वहाँ के क्लाइंट से पेमंट लेकर आनी है। वो तुमको सुबह के 10 बजे से शाम के 4 बजे के बीच में मिलेगा।

बॉस ने मुझे जयपुर का पता दिया, मैंने बॉस को कहा- इसका मतलब ! सर जी, मुझे आज रात को ही निकलना पड़ेगा।
बॉस ने कहा- हाँ, आज ही निकलना है तुमको, तुम चाहो तो 4 बजे के बाद घर जा सकते हो अपने सफ़र की तैयारी करने के लिए ! मैंने बॉस को कहा- ठीक है सर जी में 4 बजे चला जाऊँगा।

वाह ! रे मेरी किस्मत ! मुझे विशवास ही नहीं हो रहा था कि कल ही मेरी नीलम से बात हुई है और आज मुझे जयपुर का टूर भी मिल गया। मैंने तुरन्त नीलम को फ़ोन मिलाया और उसको बोला- मैं कल शनिवार की सुबह जयपुर आ रहा हूँ।

नीलम यह खबर सुनते ही खुश होते हुए बोली- सच में साजन जी आप आ रहे हो? मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि आप सच में जयपुर आ रहे हो।

मैंने नीलम से कहा- मैं सच में जयपुर आ रहा हूँ ! मैं यहाँ से रात को 11 बजे के बाद चलूँगा। पहुँचने से पहले फ़ोन कर दूँगा, तुम मुझे लेने बस अड्डे पर आ जाना।
नीलम ने कहा- ठीक है ! मैं सुबह आपको लेने पहुँच जाऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है, अब मैं तुमसे कल मिलता हूँ जयपुर में !
मैंने फ़ोन बंद कर दिया।

मैंने अपने घर पर बताया कि मैं ऑफिस के काम से जयपुर जा रहा हूँ, और मैं सोमवार को सुबह तक वापस आ जाऊँगा। मैंने अपना कुछ सामान पैक किया। मुझे रात को 11 बजे निकलना था, वो भी बस से ! बस अड्डा हमारे घर से बहुत पास ही है इसलिए मैं कुछ देर के लिए सो गया।

मैं रात के 10 बजे सो कर उठा, खाना खाया और अपने कम्पूटर पर मेल चेक करने लगा। मेल चेक करने के बाद मैं रात को 10:45 पर घर से जयपुर के लिए निकल गया, 11:15 पर बस अड्डे पहुँच गया, पता किया तो पता चला जयपुर के लिए बस 10 मिनट में निकलने वाली है।

मैंने जल्दी से स्लीपर का टिकट लिया और बस में चढ़ कर अपनी सीट पर पहुँच गया। पाँच मिनट बाद ही बस चल दी जयपुर के लिए।

मैंने बस कंडक्टर से कह दिया था, जयपुर आने से आधा घंटा पहले बता देना। फिर उसके बाद में सो गया। जयपुर आने से पहले बस कंडक्टर ने मुझे उठा दिया।

मैंने घड़ी में टाइम देखा तो सुबह के 6 बजने वाले थे, मैंने नीलम को फ़ोन किया और बताया- मैं आधे घंटे बाद जयपुर पहुँच जाऊँगा ! मेरी बात सुनकर नीलम खुश होती हुई बोली- आपको लेने मैं टाइम पर पहुँच जाऊँगी।

मेरी बस जयपुर बस स्टैण्ड पर पहुँची, बस से नीचे उतर कर नीलम को फ़ोन किया, पूछा- तुम कहाँ पर हो, मैं जयपुर पहुँच गया हूँ। नीलम ने मुझे बताया- मैं भी जयपुर स्टेण्ड पर ही हूँ ! आप कहाँ है और आपने क्या पहना है?

मैंने नीलम को अपनी पेंट शर्ट का रंग बताया और कहा- मैं बस स्टैण्ड के मेन गेट पर पहुँच रहा हूँ, तुम भी वहीं पर आ जाओ।

मैं अभी जाकर खड़ा ही हुआ था कि एक लड़की ने मुझसे पूछा- आपका नाम साजन है?
मैं उस लड़की को देखकर ही पहचान गया था कि यही नीलम है क्योंकि उसकी फोटो मैं देख चुका था। उसने नीली रंग की जींस और उसके मैचिंग की हाइनेक पहनी हुई थी। मैं नीलम को देखते हुए, उसकी फिगर का अंदाजा लगा रहा था।

नीलम की हाईट 5 फुट 2 इंच थी, उसके बाल ज्यादा बड़े नहीं थे, बस कंधों थोड़े ही नीचे थे। नीलम बहुत ही गोरी थी, चेहरा गोल, और आँखे इतनी नशीली कि बस डूब जाने को मन करे ! वक्ष 32, कमर 30, चूतड़ 34, क्या मस्त फिगर लिए हुई थी नीलम ! शायद उसको भी यह अंदाजा नहीं था। मैं तो नीलम को देखते ही उस पर फ़िदा हो गया था।

उसने मुझसे दुबारा पूछा- हेल्लो, क्या आपका नाम साजन है?
मैं अपनी सोच को विराम देते हुए, मुस्कुराते हुए बोला- नीलम !

मेरे मुँह से अपना नाम सुनते मुझसे बोली- साजन जी ! वो इतना खुश हुई कि मेरे गले लग गई और मुझे वही पर इतने लोगों की भीड़ में ही मेरे होंठ को चूमते हुए बोली- ओहो साजन जी, आप आ गये ! मुझे तो यह कोई सपना ही लग रहा है।
मैंने नीलम से कहा- यह क्या कर रही हो, सब देख रहे हैं !

नीलम ने चारों ओर अपनी नजरें घुमाई, सबकी नज़र हमें ही घूर रही थी। नीलम ने शरमाते हुए मुझे सॉरी बोला और मेरे हाथ से मेरा सामन अपने हाथ में ले लिया। फिर नीलम ने एक ऑटो रोका और हम उसमे बैठ गए। ऑटो नीलम के घर की तरफ दौड़ने लगा।

नीलम ऑटो में मुझसे चिपक कर बैठी थी, मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लेते हुए उससे बोला- नीलम मैंने तुमको अपनी फोटो भेजी थी, तुम मुझे फिर भी नहीं पहचान पाई !

नीलम ने शर्माते हुए कहा- मैंने आप को पहचान तो लिया था, पर मैं नहीं चाहती थी, कि आपके धोखे में मैं किसी और के गले लग जाऊँ ! इसलिए आप से पूछ कर यह कन्फर्म कर रही थी कि आप ही साजन हो।

बात करते हुए कुछ ही देर बाद नीलम का घर आ गया। ऑटो से नीचे उतर कर नीलम ने ऑटो वाले को पैसे दिए ! अब मैं नीलम के घर के सामने खड़ा था और नीलम मेरे साथ, जिसमें नीलम रहती थी !

वो तीन मंजिला मकान था, घर के अन्दर सामने लॉन था, लॉन के बाद ऊपर जाने के लिए सीढ़ी थी, उसके आगे चार कमरे और दो बड़े हाल थे। फस्ट फ्लोर पर एक ही कमरा था जोकि पूरा हाल था, जिसमें नीलम रहती थी और उसके ऊपर एक स्टोररूम था।

नीलम मुझे लेकर ऊपर पहुंची, उसने अपना रूम खोला और फिर हम दोनों रूम के अन्दर चले गए। नीलम ने अन्दर घुसते ही घर का दरवाजा बंद कर दिया, मेरे बैग को बेड पर रख कर मुझसे लिपट गई और मुझे यहाँ वहाँ सब जगह चूमने लगी। नीलम के हाथ मेरी कमर पर थे।
मैंने नीलम से कहा- नीलू, रुको तो सही !
मेरे कहते ही नीलम ने मुझे चूमना बंद कर दिया और मुझसे बोली- प्लीज़ साजन जी, अब मुझे मत रोको।
मैंने नीलम से कहा- पहले मेरी बात तो सुनो !
नीलम बोली- ठीक है, बोलो आप !

और इतना कह कर मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर बेड की तरफ चलने लगी। बेड के पास पहुँच कर उसने मुझे बेड पर बिठाया और मेरे बोलने का इंतजार करने लगी।

मैंने नीलम को अपने पास बिठाया और कहा- मैं अभी सफ़र से आया हूँ ! पहले मैं फ़्रेश तो हो जाऊँ, हाँ यार एक बात तो बताना तो भूल ही गया !
नीलम ने कहा- कौन सी बात साजन जी?
मैंने नीलम से कहा- मुझे 10 बजे मालवीय नगर पहुँचना है।
नीलम ने कहा- क्यों साजन जी? मैं अब तुमको कही भी नहीं जाने दूँगी।

मैंने नीलम से कहा- जान, ऑफिस का बस दो-तीन घंटे का ही काम है ! फिर मैं तुम्हारे साथ ही रहूँगा कल रात 11 बजे तक।

नीलम मुझसे नाराज होती हुई बोली- तुम मुझसे मिलने नहीं अपने ऑफिस के काम से यहाँ आये हो !

उसने नाराज हो कर अपना मुंह दूसरी तरफ फेर लिया। मैंने नीलम का चेहरा अपने दोनों हाथों में लिया और उसके रसीले होंठों को चूमते हुए बोला- ऐसी बात नहीं है जान बल्कि यह तो अच्छा हुआ कि ऑफिस का काम निकल आया यहाँ पर ! वरना पता नहीं मेरा यहाँ आना कब होता।

मैंने नीलम को बड़ी मुश्किल से समझाया और उसको मेरी बात भी सही लगी, इसलिए नीलम ने मुझे कहा- ठीक है, मैं आपके लिए गर्म पानी कर देती हूँ नहाने के लिए !

मैंने नीलम को कहा- रहने दो, मैं ठंडे पानी से ही नहाता हूँ !
नीलम मुस्कुराते हुए बोली- साजन जी, ठंड बहुत है, कही आपको ठंड लग गई तो?
मैंने नीलम से कहा- तुम हो न मेरी ठंड उतारने के लिए !

मेरी इस बात पर हम दोनों हँस दिये। नीलम ने कहा- ठीक है, जैसी आपकी मर्जी ! आप फ्रेश हो जाओ, जब तक मैं नाश्ता तैयार करती हूँ।
नीलम ने मुझे टावल दिया तो मैंने नीलम से कहा- बाथरूम किधर है?

नीलम ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बाथरूम के अन्दर ले गई। बाथरूम के अन्दर मेरे होंठों को चूम कर मुझे बाथरूम में छोड़कर वो किचन में चली गई।
मैं जब तक नहाकर बाहर निकला, तब तक नीलम ने भी नाश्ता तैयार कर दिया था। हम दोनों ने मिलकर नाश्ता किया।

नहाने के बाद मुझे कुछ-कुछ ठंड लग रही थी, मैंने नीलम से कहा- नीलू मुझे ठण्ड लग रही है !
तो उसने कहा- लग गई न ठंड आपको, मेरी बात तो मानते नहीं हो।
मैंने मुस्कुराते हुए कहा – तुम हो न मेरी ठंड उतारने के लिए !
नीलम ने हँसते हुए कहा दो मिनट रुको ! मैं किचन समेट कर आती हूँ, तब तक आप यह रजाई ओढ़ लो।

नीलम ने मुझे रजाई खोल कर दी और मैं रजाई ओढ़ कर बेड पर बैठ गया।

नीलम बर्तन लेकर रसोई में चली गई। मैंने घड़ी में टाइम देखा तो सुबह के 8:30 बज चुके थे, और मुझे क्लाइंट के पास 10 बजे पहुँचना था, तो मैंने सोचा क्यों ना एक बार क्लाइंट से कॉल कर के पता कर लिया जाये, कि वो किस टाइम मिलेंगे। यही सोचकर मैंने क्लाइंट को कॉल किया और उससे बात करने पर पता चला कि वो दोपहर में 2 बजे मिलेंगे।

क्लाइंट की बात सुनकर मैं बहुत खुश हो गया, मैं पहले भी जयपुर आ चुका था इसलिए मुझे पता था कि नीलम के घर से मालवीय नगर पहुँचने में मुझे आध घंटा लगेगा। मैंने सोचा कि मैं यहाँ से दोपहर के 1:15 बजे निकलना जाऊँगा।

नीलम अभी भी किचन में ही थी, मैंने उसके कमरे को अब गौर से देखा ! वो एक बड़ा सा हाल था। जिसमें एक किचन था और कमरे से अटैच्ड लेट्रिंग और बाथरूम। अभी मैं रूम को देख ही रहा था कि नीलम किचन समेट कर मेरे पास आई गई और मेरे साथ रजाई में बैठती हुई, मुझसे बोली- अभी आप किस से बात कर रहे थे?

मैंने नीलम से बताया- मैं क्लाइंट से बात कर रहा था, उसने मुझे दोपहर के 2 बजे आने को कहा है।

नीलम खुश होती हुई बोली- यह बहुत अच्छा हुआ ! कम से कम अभी तो कुछ देर के लिए तुम्हारा साथ मुझे मिल जायेगा।

फिर नीलम ने मुझसे कहा- आप कुछ देर आराम कर लो आप सफ़र से आये हो थक गए होंगे। हाँ आप अपने कपड़े भी उतार दीजिये नहीं तो ये खराब हो जायेंगे।

बात तो नीलम की सही थी क्योंकि मैं तो एक ही जोड़ी कपड़े लेकर आया था और वो मैंने नहाने के बाद पहन लिए थे। इसलिए मैंने नीलम की बात मान ली, मैंने अंडरवियर और गर्म टी-शर्ट छोड़ कर अपने सारे कपड़े उतार दिए। मेरे अंडरवियर के उभरे हुए भाग को देखकर नीलम उत्तेजित हो गई थी। मैं रजाई ओढ़ कर ठीक से लेट गया, नीलम भी मेरे साथ उसी रजाई में लेट गई, नीलम ने मेरी बाजु पर अपना सर और एक हाथ मेरी छाती पर रखा हुआ था।
नीलम ने मुझसे पूछा- क्या आपको अब भी ठंड लग रही है?

मैंने नीलम से कहा- हाँ जान, लग तो रही है।
नीलम ने मुझसे कहा- मैं आपके पास हूँ, आप चाहो तो अपनी ठंड उतार सकते हो।
मैंने नीलम से कहा- तुम कह तो सही रही हो !
मैंने नीलम से कहा- नीलू आज तुमको कॉलेज नहीं जाना तो वो बोली- आपके आने की ख़ुशी में मैंने छुट्टी कर ली।

नीलम मेरे पास लेटी हुई मुझे हरपल मुझे छेड़ती रही। अब आप ही बताओ दोस्तो, जब नीलम ही मुझसे चुदने को तैयार बैठी हो, तो क्या करे। उसकी छेड़खानी से मुझे भी आनन्द आ रहा था।

मैंने नीलम को लेटे हुए उसको अपनी बांहों में ले लिया। उसके होंठ पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा। नीलम तो पहले से ही तैयार थी मुझसे चुदने के लिए, उसने भी मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरा सहयोग करने लगी। कभी मैं उसके होंठ को चूसता तो कभी वो मेरे होंठ चूसती, उसके रस भरे होंठ चूसने से मेरा लंड भी खड़ा हो गया था। इस बात का एहसास नीलम को मेरे लंड की चुभन से हो गया था।

नीलम अपने होंठ मेरे होठों से आजाद करते हुए बोली- साजन जी आप आराम कर लो।
मैंने नीलम से कहा- पहले तो तुम आग लगाती हो और फिर कहती हो आराम करने के लिए।

मेरी बात सुनकर वो खिलखिला उठी, फिर मैं उसकी हाइनेक उतारने लगा और वो अपनी हाइनेक उतरने में मेरी मदद करने लगी। कुछ ही पलों मैं मैंने उसकी हाइनेक उतार दी।

अब वो ब्रा और जींस में मेरे साथ लेटी हुई थी, मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया। अब नीलम की जिस्म पर सिर्फ जींस ही थी। इससे पहले मैं उसकी जींस पर हाथ रखता उतारने के लिए तो नीलम बोली- साजन जी एक मिनट रुको? मैं अभी आई।

इतना कह कर नीलम रजाई से बाहर निकल कर बाथरूम के अन्दर घुस गई।

नीलम की नंगी चूचियाँ उसके चलने से हिल रही थी, नीलम मेरे सामने जरा भी नहीं शर्मा रही थी। कुछ देर बाद नीलम वापस आ गई।
मैंने नीलम से पूछा- कहाँ गई थी?
उसने बताया सू-सू करने और अपनी चूत पर हाथ रखते हुए बोली- इसको साफ़ करने गई थी।
इसके बाद नीलम ने रूम हीटर चला दिया ! जिससे कमरा गर्म हो सके।

फिर नीलम अपनी जींस उतारने लगी, जींस उतार के बाद वो रजाई में घुसने लगी। मैंने नीलम से कहा- अब पेंटी ही तो बची है, इसको भी उतार देती।
नीलम बोली- ये मैं नहीं बल्कि आप ही उतारेंगे।
इतना कह कर नीलम रजाई में घुस गई।

नीलम ने रजाई के अन्दर घुसते ही पहला काम मेरी गर्म टी-शर्ट उतारने का किया। फिर मैं भी वैसा ही हो गया, जैसी नीलम थी। मतलब यह कि मेरे शरीर पर एक मात्र अंडरवियर और उसके बदन पर उसकी पेंटी ही शेष रह गई थी।

मैंने नीलम को अपने सीने से लगा लिया, उसकी नंगी चूची मेरी छाती पर रगड़ खा रही थी। मैं उसके गले को चूमने लगा और नीलम मेरी नंगी पीठ को सहलाने में लगी हुई थी। मैंने अपने पैरों की सहायता से नीलम की पेंटी को भी उतार दिया था। अब नीलम पूरी तरह नंगी मेरी बाहों में सिमटी पड़ी थी।

उसके गले को चूमने के बाद मैं उसकी चूचियाँ चूसते हुए दबाने लगा, नीलम की चूचियाँ बहुत ही सख्त थी। मेरे हाथों के स्पर्श से उसकी चूची की निप्पल खड़ी हो गई थी, मेरा लंड अंडरवियर से बाहर आने के लिए मचल रहा था। मेरा लंड नीलम की जांघों पर रगड़ खा रहा था। इस बात का एहसास नीलम को हो रहा था इसलिए नीलम ने रजाई को उतार कर लग कर दिया था।
जब तक रूम भी रूम हीटर की मेहरबानी से गर्म हो चुका था।

वैसे तो कमरे का ही माहौल ही बेहद गर्म हो चुका था। यह नीलम ने अच्छा ही किया रजाई हटा कर, कम से कम अब मैं नीलम की खूबसूरती को सही से निहार तो सकूँगा। रजाई हटाते ही नीलम को मेरे अंडरवियर के अन्दर हलचल दिखाई दे रही थी। नीलम ने अपने एक हाथ से मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी मेरा लंड सहलाते हुये अपना हाथ ऊपर मेरे सीने पर ले जाकर, नीलम मेरे ऊपर आ गई और घुटनों के बल खड़ी होकर मेरे ऊपर झुक गई।

फिर नीलम मेरे सर के पास अपने हाथ टिका कर अपनी चूचियों को मेरे होंठो से लगाने लगी। मैंने भी अपना मुँह खोल कर उसकी एक चूची को अपने होंठ से पकड़ लिया और चूसने लगा, मेरे हाथ उसकी कमर सहला रहे थे।

कुछ देर बाद नीलम ने मेरे मुँह से अपनी चूची निकल ली और वो मेरे होंठों को चूसने लगी। उस वक़्त उसका एक हाथ मेरे गाल पर और दूसरा हाथ बेड से टिका रखा था, संतुलन बनाने के लिए और मेरा हाथ उकी कमर पर था। नीलम मेरे लब चूसते हुए मेरे लंड पर बैठ गई। मेरे होंठो को बहुत ही जबरदस्त तरीके से नीलम चूसने लगी।

मैंने नीलम को बेड पर लिटाया और उसके चेहरे को चूमता हुआ उसकी चूत पर जा पहुँचा, उस वक़्त नीलम ने अपने एक पैर को सीधा और एक पैर मोड़ा हुआ था। मैं घुटनों के बल झुक कर उसकी चूत को अपने लबों से चाटने लगा, नीलम का एक हाथ अपने सर पर और दूसरा हाथ मेरे सर के बाल सहला रहे थे। नीलम के मुँह से उहूऊ आह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हा स्वर निकल रहे थे।

मैं नीलम की चूत के दाने को अपने होंठों से पकड़ कर चूस रहा था। नीलम मेरी चुसाई से मदहोश होते हुए अपनी गांड ऊपर नीचे कर रही थी और अपने ही हाथों से अपनी चूची भी मसल रही थी। कुछ देर बाद नीलम ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मैं तकिया दीवार के साथ लगाकर, दीवार के सहारे बैठ गया। नीलम ने अपने मुंह से पकड़कर मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया।

नीलम ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर बोली- साजन जी, आपका ये तो बहुत बड़ा है?

मैंने नीलम से कहा- जब पहली बार कोई भी लड़की लंड देखती है, तो यही कहती है, हाय आपका लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है। जब चूत में पूरा लंड चला जाता है तो कहती है, और डालो न, तब यही लंड उनको छोटा लगता है।

मेरी बात सुनकर नीलम मुस्कुरा दी, मेरे लंड को अपने हाथ से दबाते हुए मेरे पैरों के बीच घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को अपने मुँह में लेते हुए मुझसे बोली- मैंने आपसे वादा किया था, आप मेरी पुसी चूसोगे तो मैं भी आपका लंड चुसूँगी !

इतना कहते ही नीलम ने मेरा लंड अपने मुँह में डालकर चूसने लगी। एक हाथ से मेरे लंड को और दूसरे हाथ से मेरी कमर को पकड़कर मेरा लंड चूस रही थी।

मेरे लंड को वो पूरा अपने मुँह में ले जाती तो कभी बहार निकल कर मेरे लंड के सुपाड़े को चूसती। सच कितना मज़ा आ रहा था, ब्यान नहीं कर सकता। नीलम मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाते हुए मेरे लंड को जी जान से चूसे जा रही थी। लंड चूसते हुए उसके बाल आगे की तरफ आ गए थे और उसकी चूची हिलती हुई मेरी टांगो से रगड़ खा रही थी।

जब मुझे लगा कि मैं नीलम के मुंह में ही हो जाऊँगा तो मैंने नीलम के मुंह से लंड बाहर निकाल लिया।

नीलम मेरे लंड को छोड़कर मेरे होंठ चूमने लगी, उसने अपना एक पैर मेरे पैर के ऊपर रखा हुआ था और एक हाथ के सहारे मुझसे चिपक कर लेटी हुई थी और एक हाथ से मेरा लंड को पकड़ा हुआ था। उसकी चूची मेरे पेट से लगी ही थी। नीलम मेरे लंड को सहलाते हुए मुझसे बोली- साजन जी, अब तो आप अपनी और मेरी कहानी लिखोगे न?

मैंने नीलम से कहा- हाँ जान, अब तो लिखनी ही पड़ेगी।
नीलम बोली- उसको अन्तर्वास ना पर कब डालोगे आप?
मैंने उससे कहा- जब कहानी पूरी हो जाएगी तब मैं अ न्तर्वासना पर पोस्ट कर दूँगा।
“सच में साजन जी?” नीलम खुश होती हुई बोली- आप बहुत अच्छे है।

मैंने नीलम से पूछा- मुझे एक बात तो बताओ? तुम क्यों चाहती हो कि तुम्हारी कहानी अन्तर्वासना पर आये?
नीलम मुझसे बोली- साजन जी मैंने अन्तर्वासना पर बहुत कहानियाँ पढ़ी हैं, उन कहानियों को पढ़ कर मेरे दिल ने कहा मेरी भी एक कहानी इस पर होनी चाहिए।

मैंने नीलम से कहा- अच्छा जी, और इसके लिए तुमने मुझे यहाँ जयपुर बुला लिया?
नीलम बोली- हाँ जी !
मैंने नीलम से कहा- तुम दीवानी हो अन्तर्वासनाडॉटकॉम की?
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top