कमसिन कली को प्यार से कुचला -1

(Kamsin Kali Ko Pyar Se Kuchla- Part 1)

This story is part of a series:

आज मैं जो कहानी आपको बताना चाहता हूँ.. वो मेरे साथ घटी एक सत्य घटना है। जिसमें नमक मिर्च भरने की मुझे कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह घटना हरेक के जीवन में घटने वाली नहीं है.. ये मुझे मालूम है। मेरी चौबीस साल की शादी-शुदा जिन्दगी में एक ऐसी लड़की आई, जिसने मेरी कामविषयक सोच में पूरा बदलाव कर दिया।

मेरी चौबीस साल की जिंदगी में कॉलेज के दिनों में मैंने बहुत सी लड़कियाँ चोदीं। मेरा एक उसूल था.. कोई लड़की ‘हाँ’ कहे तो उसे छोड़ना नहीं और कोई लड़की ‘ना’ कहे तो उसे छूना नहीं.. चाहे वो बाजारू गुड़िया क्यों न हो। मेरे इस उसूल के चलते कॉलेज के जमाने में मैं और लड़कों से अलग था। आज मेरी उम्र पचास साल के आस-पास है। लेकिन आज भी अगर मेरी बीवी अगर चोदने के लिए ‘ना’ कहती है.. तो मैं उसे छूता नहीं हूँ, चाहे मेरा मन चोदने का कितना भी अधिक क्यों न हो।
लेकिन चार-पांच साल पहले यह जो लड़की मेरे जिन्दगी में आई, इसने मेरी संभोग विषयक सोच को पूरी तरह से बदल दिया।
ऐसा क्या किया था उसने..?
क्यों उसको आज भी भुला नहीं पाता हूँ मैं?
मेरी कहानी इसी लड़की की कहानी है। मैं आपसे एक ऐसा अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ.. जो मेरे लिए यूनिक है।

इसका नाम नीलम था, मेरे एक रिलेटिव के ऑपरेशन के वक्त दवाख़ाने में इससे मुलाक़ात हुई, मुझे इसका स्वभाव बड़ा भाया, बड़ी आत्मीयता से उसने मेरे रिलेटिव का ख़याल रखा, मैं उसके इस अंदाज का कायल हो गया।

धीरे-धीरे मेरी उससे मुलाकातें बढ़ने लगीं, उसने मुझे बड़ी आत्मीयता से अपनी निजी बातें शेयर करने दिया। बस मेरे प्लान की इम्प्लीमेंटेशन शुरू हो गई। ‘यह लड़की मुझसे चुदवाएगी’ तब तक मेरे जेहन में ऐसा कोई विचार नहीं था, वो सिर्फ अच्छी लगती थी।

मेरे चौबीस साला शादी-शुदा जिन्दगी में इस्टेंट सेक्स तो कई बार हुआ.. लेकिन इस लड़की में जो कशिश थी.. वो और किसी लड़की में मुझे दिखी ही नहीं.. यह सत्य है।
कभी किसी लड़की के पीछे मैं इतनी शिद्दत से नहीं लगा था। लड़की आती थी.. मेरे नीचे सोती थी.. चुदती थी.. गांड मरा लेती थी.. लेकिन मैंने किसी लड़की को इतनी लगन से चाहा हो.. ये पहली बार हुआ। मैंने मेरी बीवी को भी इतनी शिद्दत से नहीं चाहा था।

अब तो इसे मेरे नीचे सोना ही था। करीब छह महीने बाद एक बार ऐसा मौका आया कि घर के सब लोग कुछ कार्यक्रम के चलते चार दिन के लिए बाहर गए थे। ये मौका अच्छा था.. चार दिन अब मेरे थे। मैंने नीलम को घर आने का आमंत्रण दिया.. उसे कुछ सेक्स क्लिप्स बताईं। उसे सेक्स के प्रति तैयार किया.. फिर जिस दिन घर वाले गए.. उस दिन मैंने उसे घर बुलाया। लंच और डिनर साथ करेंगे.. ऐसा कहकर मैंने उसे बरगलाया.. तो वो तैयार हो गई।

एक घंटे बाद घर की डोरबेल बज उठी। मैंने पायजामा और बनियान पहनी थी। पायजामे के नीचे की निक्कर मैंने निकाल रखी थी। मेरा लंड मेरे चलने पर थिरक रहा था। नीलम बड़े गौर से उसे देख रही थी। मैं उसकी भरी हुई गांड का दीदार मेरी आखों के सामने करने की तमन्ना लिए उसे बेडरूम में ले आया।
सच में क्या मस्त चीज थी वो..

अब मेरी बारी थी, उसे बेडरूम में डबलबेड पर बैठा कर मैंने पानी के दो गिलास भरकर लाए। नीलम सकुचाई सी बिस्तर पर बैठी मेरी तरफ देख रही थी। मैंने उससे आराम से पूछा- क्या इसके पहले कोई एक्सपीरियंस लिया है?

उसने सिर्फ मुंडी ‘ना’ के इशारे में हिलाई। आज तक के तजुर्बे से मुझे यह मालूम था कि कोई लड़की ऐसे किसी अनुभव को शेयर नहीं करना चाहती।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया, उसने आँखें बंद कर लीं.. जैसे वो मैं जो कर रहा हूँ.. वो उसे देखना नहीं चाहती हो।
मैंने पहले उसके बदन पर से अपने हाथों की हथेलियों को घुमाना शुरू किया। ज्यों-ज्यों मेरा हाथ उसकी चूत की तरफ जा रहा था.. वो कसमसा रही थी.. तिलमिला रही थी।
मैंने अपने होंठ उसके होंठों से भिड़ा दिए।
अचानक हुए इस हमले से वो थोड़ी बौखलाई और उसने अपना चेहरा फिरा लिया।
मैंने उसके बाल पकड़े और उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए। फिर वो थोड़ी सहज हुई।

दोस्तो.. अगर लड़की को चोदना है और वो पहली बार चुद रही है.. तो एक बात इस चूत-चोदू की नसीहत ध्यान में रखना.. पहली बार कोई जबरदस्ती ना करना।
क्योंकि लड़की अगर ना समझ हो.. तो तकलीफ होती है और अगर लड़की अगर एक बार बिदक जाए.. तो फिर लाइन पर आराम से नहीं आती है।
धीरे-धीरे फोरप्ले करते हुए उसे नंगी करके चोदें, उसकी चूत की फाँकों में अपने उंगली से रगड़ मारें.. उसके होंठ चूमें.. चूसें.. अपने होंठों से उसकी चूत को चूमें।
मेरे कई साल के तजुर्बे का ये नतीजा है कि आज मेरे नीचे खुद को बिछाने वाली कोई भी औरत कहती है कि ‘तुम्हारे लिए सब कुछ हाजिर है।’

नीलम के होंठ.. मम्मों को पीते हुए मैंने उसे गरम किया।
‘स्स्स्स्स्स हाँ’ करते हुए वो मेरी हर हरकत को साथ दे रही थी, अब वो उत्तेजना के शिखर पर पहुँचने वाली थी, मैंने उसके कपड़े धीरे धीरे निकाले.. पहले उसकी सलवार उतारी.. फिर उसकी कमीज उतारी.. फिर उसकी शमीज में हाथ डालकर उसके मम्मे दबाए। उसके कंधे पकड़ कर उसे थोड़ा उठाया।

वो भी उतनी ही लालायित दिख रही थी.. मेरे स्पर्श के लिए।
अचानक उसने मुझसे पूछा- क्या मैं तुम्हारा चूस सकती हूँ?
मैंने मजाक से पूछा- क्या चूसोगी जानू?
‘ये..’
‘ये क्या..?’
‘ये नीचे वाला..?’
‘उसका नाम क्या है..?’
‘मुझे शर्म आती है..?’
‘अरे उसे हिन्दी में लंड.. मराठी में लवड़ा.. उर्दू में बुल्ला और इंग्लिश में पेनिस कहते हैं।’

‘एक ही चीज के इतने नाम..?’ उसने पूछा।
मैंने कहा- हाँ.. जैसे कि तुम्हारे नीचे वाले छेद के कई नाम है.. चूत.. योनि.. फुद्दी.. पुच्ची.. ये आनन्द लेने के काम आती है।
‘कैसा आनन्द..?’
‘आज मैं तुमको सम्पूर्ण आनन्द दूँगा।’

‘मतलब..?’
‘आज मैं तुम्हारी आराम से चुदाई करूँगा ‘अच्छा.. क्या चुदाई में अलग-अलग प्रकार होते हैं?’
‘हाँ.. एक होते हैं.. आराम चुदाई.. दूसरी घनघोर चुदाई.. और तीसरी होती है जानवर चुदाई..।’

‘ये प्रकार कैसे हैं?’
मैंने उससे कहा- आज मैं तुमको तीनों की थियोरी सिखाऊंगा। कल उसमें से हर एक का प्रेक्टिकल दूँगा।

1- आराम चुदाई: लड़की जब पहलीबार किसी मर्द से चुदती है.. तो उसे चूत में दर्द होता है.. क्योंकि चूत की झिल्ली पहली बार फटती है.. तो थोड़ा ज्यादा दर्द होता है.. इसलिए पहली बार चुदने वाली लड़की बहुत नानुकर करती है। उसे चोदते वक्त बड़े आराम से चोदना पड़ता है। उसको अगर तकलीफ हुई.. तो वो मर्दजात से नफ़रत करने लगती है। लेकिन अगर उसकी चूत की झिल्ली को हल्के से फाड़ा जाए.. जिससे उसे कम से कम तकलीफ हो.. तो वो चुदने के मामले में तैयार होती है।

2- घनघोर चुदाई: एक बार चुदी औरत फिर जब चुदने को तैयार होती है.. तो उसे लंड के धक्के जोर से मारने पड़ते हैं। अलग-अलग आसानों से चोदने को घनघोर चुदाई कहते है। जब औरत चुदनेकी अभ्यस्त हो जाती है और वो हमेशा चुदने के तैयार रहती है.. उसे घनघोर चुदाई कहते हैं।

3- जानवर चुदाई: जिसमें औरत एक जानवर की तरह हर छेद में लण्ड से चुदती है। उसे कोई एतराज नहीं रहता कि उसका पार्टनर उसके किस छेद में लंड डाल रहा है और किस आसन से चोद रहा है। वो किसी भी तरह की चुदाई के लिए तैयार रहती है.. उसे जानवर चुदाई कहते हैं। इसमें गालियों की बौछार दोनों तरफ से होती है.. एक-दूसरे को नोंचना-खसोटना कूल्हों पर चिकोटी काटना.. कूल्हों पर हल्के-हल्के थपकी मारना.. ये बातें सामान्तया होती ही हैं।

इतना ज्ञान बगराने के बाद मैंने उससे पूछा- क्या तुम इसका अनुभव लेना चाहोगी?

वो कुछ बोली तो नहीं.. लेकिन उसकी आँखों में मुझे स्वीकृति दिखाई दी।

नीलम ने मुझसे पूछा- आज आप क्या करने वाले हो?
तो मैंने उससे कहा- आज तेरी आराम चुदाई होगी।
‘मतलब?’
‘मतलब की आज तेरी सील टूटेगी.. तो तेरी आराम चुदाई है.. कल तुझे घनघोर चुदाई कैसे होती है.. वो दिखाऊँगा। आज तुम आराम से लेट कर चुदो।

नीलम पहले तो शरमाई.. उसने अपना चेहरा मेरी छाती में छुपाया। उसके दोनों थनों के निप्पल मेरी छाती में चुभ रहे थे। दोनों चूचुक चुदाई के ख्याल से इतने टाइट हो गए थे कि मेरी छाती में चुभ रहे थे।

मित्रो.. अब नीलम की चुदाई की तैयारी करनी थी मुझे अपने पूर्ण अनुभव के साथ उसको इस तरह चोदना था कि उसको दर्द न हो.. बल्कि चूत की सील तु।ड़वाने में मजा आए..

आपके विचारों से मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है.. अपने ईमेल मुझ तक जरूर भेजिएगा।
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