लॉकडाउन में जवान बेवा की चुत मिली- 2

(Gori Chut Ki Chudai Kahani)

यश वर्मा 2021-12-01 Comments

गोरी चुत की चुदाई कहानी लॉकडाउन में मुझे मिली एक बेवा भाभी की है. मैं पुलिस से डर कर उसके घर में घुस गया था. लेकिन उसने मेरी ऐसी आव भगत की कि …

हैलो मैं यश वर्मा, एक बार पुन: आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
गोरी चुत की चुदाई कहानी के पहले भाग
अनजान भाभी के घर में
में आपने पढ़ा कि उस विधवा औरत आशिया की चुत से पानी निकल जाने के बाद वो थोड़ी देर मेरे साथ ऐसे ही बांहों में बांहें डालकर लेटी रही.
कुछ पल बाद वो उठ कर चली गई.

कुछ देर बाद वो वापस आ गई.
उसने इस बार एक पायजामा और कुर्ता पहना हुआ था.

वो मेरे साथ लेट गई और मुझसे चिपक गई.
अब वो बीच बीच में बार बार मेरे गालों को, मेरे होंठों को चूम रही थी.

मेरा हथियार अभी भी लोअर में खड़ा था, ये उसको भी अहसास था लेकिन वो इन सुकून के पलों का अहसास करना चाहती थी.

फिर जब वो मेरे ऊपर आ गयी तो मेरे लौड़े का अहसास उसको चूत के ऊपर से भी हो रहा था.

वो हिल कर ये बता रही थी कि हां उसे लंड का कड़कपन समझ आ रहा है … पहले जल्दी से एक बार इसे मेरी चुत में डाल दो.

मैंने भी उसको होंठों से चुम्बन करना शुरू किया और उसके कपड़े उतारने के लिए उसको अपने नीचे ले लिया.
पहले पेट से कुर्ता ऊपर किया और नाभि पर जीभ डालकर नाभि को परेशान करने लगा.

आशिया के मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगी थीं- अहह उम्मम!
वो वासना से भरी आवाजें निकाल रही थी और कसमसा रही थी.

मैंने उसके कुर्ते को थोड़ा और ऊपर किया तो मुझे उसकी ब्रा दिखाई दी.
मैं आशिया की ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को चूसने लगा.

मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में कसके पकड़ लिया था.
उसे नीचे मेरे तने हुए लौड़े का अहसास भी हो रहा था.

मैंने उसके कुर्ते को पूरी तरह से ऊपर करके जैसे ही गले से ऊपर किया, उसका नंगा जिस्म मुझे फिर से मस्त करने लगा.
मैं उसके गले पर किस करने लगा जबकि उसका कुर्ता अभी भी उसके बांहों में अटका हुआ था और वो गर्दन को इधर करके उस पल का आनन्द ले रही थी.

उसके कुर्ते को बांहों से हटाते वक़्त और उसकी बांहों को चूमने तक, उसकी चूचियों का ऊपर नीचे होना ही उसकी आनन्द की अनुभूति को साफ़ बता रही थी.

कुर्ता हटाने के बाद मैं जैसे ही उसके होंठों के पास आया, वो खुद ही मेरे होंठों को खाने लगी और उसके दोनों पैर मेरे कमर में कैंची की तरह जकड़ गए थे.

हम दोनों की हिलती हुई कमर और साथ में उसकी चूत का गीलापन, उसके पायजामा से मेरे लोअर के ऊपर महसूस हो रहा था.

हम दोनों बस ऐसे चिपके हुए थे कि बीच में से हवा भी नहीं निकल पाए.

मैंने आशिया को किस करते हुए उसकी गर्दन पर एक छोटा सा चुम्बन और एक लव बाईट दी.
तो उसके दांतों ने उसके होंठों को दबा कर मेरी लव बाईट का स्वागत किया- यससस्स … आंह!

अब उसके पायजामे के नाड़ा को खोलने का पल आ गया था.
जैसे ही मैंने उसके पायजामा का नाड़ा अपनी उंगलियों में फंसाया तो उसने अपना पेट ढीला कर दिया.

उस वक्त मेरी जीभ से उसकी नाभि को एक लव बाईट देते हुए चाटना और नाड़ा खोलना दोनों काम एक साथ चल रहे थे.
उसने अपने दोनों हाथ मेरे बालों में डाल दिए और मुझे अपनी नाभि में और दबा दिया.

फिर जैसे ही मैंने आशिया के पजामे का नाड़ा खोला तो उसके नाड़े वाली जगह पर एक किस कर दिया.

वो भी ‘आहह …’ करके मुझे आगे बढ़ने का मौका दे रही थी.

मैंने उसके नितम्बों को ऊपर उठाया और उसके पायजामा को निकाल दिया.
गोरे रंग की जांघों पर उसकी काले रंग की पैंटी शोभा बढ़ा रही थी.

मैं ये देख कर मस्त हो गया कि वो अभी अपनी चुत पर पैंटी डाल आई थी.

फिर मैंने देखा कि उसकी पैंटी पहले से ही काफी गीली हो गई है तो मैंने पैंटी की साइड में किस करना शुरू कर दिया.

पहले जांघों को चूमा … फिर घुटना और नीचे आते हुए उसकी पिंडलियों को चाट लिया. उसके चिकने पैरों को चूमने के साथ साथ एक एक पल का अहसास उसे और मुझे हो रहा था.

जैसे ही उसका पायजामा टांगों से निकला तो उसकी संगमरमर सी खूबसूरत कमनीय काया मेरे सामने आ गई.

वो अपना सब कुछ मुझे देने के लिए तड़प रही थी.
उस समय उसकी तड़फ ऐसी थी कि नागिन भी उसके सामने कुछ भी नहीं थी.

वो मेरी ओर भूखी शेरनी की तरह झपटी और मुझे अपनी ओर खींच लिया.
मैं भी उसके सीने से चिपक गया.
हमारे जिस्म फिर से एक होने जैसे हो गए.

उसने होंठों को मेरे होंठों से अलग करके कहा- अब मत तड़पाओ … पहले एक बार मेरी प्यास बुझा दो. मैं तुम्हारा ये अहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूलूंगी.

मैं उसकी चाहत को और तड़पाने के लिए उसके जिस्म से खेलने लगा.

आशिया की आंखें वासना में डूबी हुई थीं.

मैंने धीरे से उसके निप्पल को ब्रा के ऊपर से ही अपने होंठों में भर लिया और दबाते हुए मसलने लगा, साथ ही दूसरे निप्पल को अपनी दो उंगलियों की बीच में लेकर मींज दिया.

इससे वो सीत्कार भरने लगी- आंह … इस्स!

अब मैं उसकी पैंटी की तरफ बढ़ रहा था.
उसकी सांसें निरंतर तेज होती जा रही थीं. यह अहसास उसको भी गर्मी रहा था कि अब खजाना खुलने वाला है.

जैसे ही मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में हाथ डाला तो उसके हाथ ने मेरे हाथ को एक पल के लिए रोक लिया.

उसने रोका तो मैंने पैंटी के साइड में और चूत के ऊपर ही ज़ोर से किस कर दिया.
तो उसने फिर से अपने हाथों को ढीला कर दिया.

अब जैसे ही मैंने पैंटी उतारनी शुरू की तो उसने भी अपने नितम्बों को ऊपर कर दिया और पैंटी को निकालने में सहयोग किया.

मैंने उसकी नंगी हो चुकी चूत को देखा तो मेरे अन्दर से आवाज निकली- आय हाय … क्या मस्त कचोरी सी गोरी चूत है.

एक पल लिए तो मैं उसकी चुत देखने के लिए रुक सा गया.
मेरी आंखों का पीछा करती हुई वो भी लजा गई और उसने अपने पैरों से गोरी चुत ढकने का प्रयास किया.

उसकी चुत से निकलते हुए पानी ने मुझे अपनी ओर खींच लिया.
मैंने अपने होंठों को उसकी चुत पर रख दिया.

आशिया की चुत के भगनासा को छेड़ने के साथ साथ मैं अपनी जीभ को भी चलाने लगा.

इससे वो बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी और मेरे बालों में हाथ डालकर मुझे चूत की तरफ दबाने लगी.

उसके मुँह से आवाज निकल गई- अहम्म … उम्म मर गई … यस्य … आंह रुकोऊ …. उधर मत करो …प्लीज़!

वो अपने होंठों को अपने दांतों में दबा कर अपने मुँह को इधर उधर घुमा रही थी, साथ में नितम्ब उठा कर अपनी चूत को मेरी जीभ से लड़ा रही थी.

फिर उसने पांव उठाकर मेरे कंधे पर रख दिए.
मेरी जीभ उसके दाने के साथ उलझी हुई थी.

मैंने एक हाथ उठा कर उसके स्तन पर रख दिया और पूरी मस्ती से दूध दबाने लगा.
इससे उसकी ऐंठन बढ़ गई और उसका झड़ना अब पास में ही था.

अभी दो मिनट ही हुए होंगे कि वो ज़ोर ज़ोर से कराहने लगी- आह … आंह … रुको मत प्लीज़ और ज़ोर से … आई सीएईई … मैं आआ रहीईई हूं … उन्हह … कट गई आंह.

वो ज़ोर ज़ोर से कंपते हुए झड़ने लगी.
उसकी चुत से इतना ज्यादा पानी निकलने लगा, जैसे बाढ़ आ रही हो.

झड़ते झड़ते वो हांफने लगी.

दो मिनट बाद उसका झड़ना बंद हो गया और उसने अपना सिर बिस्तर पर रख दिया.
वो सांसों का संतुलन बनाने लगी.

मुझे अपनी दोनों बांहों में समेट कर उसने पास रखे हुए नैपकिन से मेरे होंठों को साफ किया और मुझे एक जोरदार किस दे दिया.
ये किस थैंक्स देने वाला जैसा था.

वो निढाल सी पड़ी पंखे की ओर देख रही थी और मैं उसकी ओर!

उसका ये पल भर का सुकून ऐसा लग रहा था … जैसे उसको जन्नत मिल गयी हो.

अपना एक हाथ उठाकर उसने मेरे सीने पर रख दिया और धीरे से बोली- एक औरत के साथ बिना सेक्स किए भी झाड़ना आता हैं तुम्हें … अब तुम अपने हथियार को युद्ध के लिए मैदान में डाल दो … बस अब और कुछ नहीं, मैं तुम्हारे उसको अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूं.

उसने ये कह कर मेरे कपड़े इतनी जल्दी से उतारे कि कहीं मैं उसे और किसी तरीके से न तड़पाने लगूँ.

मैंने भी उसकी जरूरत को समझ कर उसका सहयोग किया और उसकी ब्रा भी उतार दी.
अब हम दोनों पूरे नंगे एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे.

उसने खुद आगे आकर मुझे नीचे लिटा दिया और धीरे धीरे मेरे होंठों पर होंठ रख कर अपने पूरे शरीर को मेरे ऊपर चढ़ा दिया.
उसकी चूत मेरे लंड के ऊपर रगड़ खाने लगी.

उसने अपनी कमर को एक जुम्बिश दी और लंड पर चुत फंसा कर बैठ गयी.
लंड अन्दर घुसा तो उसके मुँह से दर्द और आनन्द दोनों की मिश्रित आवाज़ निकली.

शायद काफी दिनों के बाद चुदने के कारण उसकी गोरी चूत टाइट हो गयी थी, सो वो निकलना चाह रही थी.

तभी मैंने उसके पेट को ज़ोर से पकड़ लिया, जिससे वो उठ न पाए.

उसने ‘मर गईईई … ’ इतना ही बोला था कि मैंने उसे अपने ऊपर गिरा दिया और बांहों में कसके जकड़ लिया.
मैंने लंड को चुत से बाहर नहीं आने दिया.

एक दो मिनट वो ऐसी ही रही.
जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, वो कमर को धीरे धीरे हिलाने लगी.
मैं भी नीचे से लंड का तालमेल बैठाने लगा.

फिर वो सीधी होकर मेरे लंड पर कूदने लगी और मैं नीचे लेटे हुए उसकी गजब की परफेक्ट बॉडी को निहारने लगा.

मेरे लंड की सवारी करते हुए मैं आशिया को और उसकी मदमस्त चुचियों को देखने लगा.
वो मस्त घोड़ी सी मेरे लंड पर उछल रही थी.

कोई 5 मिनट बाद जब वो थकने लगी तो मैंने उसे नीचे ले लिया और लंड को बाहर निकाल कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

इस बार वो बिंदास बोली- चोद दे मादरचोद … भैन के लौड़े … लंड बाहर क्यों निकाला, अन्दर डाल कमीने.
मैंने हंसते हुए ज़ोर से एक शॉट मारा और वो चीख उठी- आंह फाड़ दी रे … आह क्या मस्त लौंडा है तू साले … आंह चोद … और चोद … फाड़ दे मेरी चूत को … मस्त आआ.

दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए और मैं उसके ऊपर गिर गया.

उसने मुझे बांहों में ले लिया.
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.

वो थक गई थी लेकिन दिल से अभी भी पूरे फॉर्म में थी.

वो बोली- आपको पता है क्या … मैं बेवा हूं … लेकिन आपको देख कर मेरी नियत फिसल गई. मुझे इतना अच्छा सेक्स पहली बार मिला है. अब से लॉकडाउन में मैं आपकी पूरी सेवा करूँगी.

मैं मुस्कुराकर रह गया.

उसके बाद हम दोनों सो गए.

दोस्तो, अभी मेरी कहानियां शुरू हुई हैं … आगे और भी रंगीन रातों वाली सेक्स कहानियां लेकर आऊंगा.

यहां मैं अपनी मेल आईडी दे रहा हूं. आपके मन में जो भी सवाल हो, आप पूछ सकते हैं.
गोरी चुत की चुदाई कहानी आपको पसंद आयी या नहीं, मुझे बताएं.
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