अस्पताल में मदद की तो मिली मस्त चूत

(Garam Bhabhi Xxx Kahani)

राज गोहेल 2021-05-20 Comments

गर्म भाभी Xxx कहानी में पढ़ें कि मेडिकल कॉलेज क्लिनिक में मैंने एक भाभी की मदद की. वो दोबारा आई तो मुझसे मिली. उनसे दोस्ती हो गयी जो आगे सेक्स तक पहुंची.

मेरा नाम राज गोहेल है. मैं अहमदाबाद में एक मेडिकल स्टूडेंट हूं. मेरी उम्र 20 साल की है.
ये मेरी पहली सेक्स कहानी है तो कोई गलती हो सकती है … प्लीज़ गलती के लिए मुझे माफ़ कर दीजिएगा.

ये कॉलेज में क्लीनिकल शिफ्ट के दौरान मुझे मिली एक गर्म भाभी Xxx कहानी है.

एक बार मैंने अपनी शिफ्ट के दौरान देखा कि एक महिला अपनी बच्ची को लेकर इलाज कराने आई थी.
वो बहुत ही उलझन में है, उसे देख कर ऐसा मालूम पड़ रहा था.

वर्तमान में कोरोना के वजह से किसी अजनबी की मदद कोई भी नहीं करने को राजी था.
पर मैं अपने स्वभाव के कारण उसकी मदद करने गया.

उनका नाम पूछने पर भाभी ने अपना नाम दीपाली बताया.

मैंने अपनी पहचान देकर दीपाली जी की बच्ची का जल्दी से इलाज करवाया और उनको दवाइयां भी लाकर दीं.

जब भाभी जाने लगीं तो मैंने उनसे कहा- अगली बार जब भी आप अपनी बेटी का चैकअप कराने के लिए आओ … तब मुझे संपर्क कर लेना, मैं जल्दी से करवा दूंगा.
ये कह कर मैंने भाभी को अपना मोबाइल नम्बर दे दिया.

भाभी जी मेरा शुक्रिया अदा करती हुई चली गईं.

इधर आपको भी दीपाली के रूप लावण्य को समझने का हक है. भाभी दिखने में बहुत ही खूबसूरत थीं. वो ऐसी लग रही थीं मानो कोई अप्सरा हों.
भाभी का फिगर 34-28-36 का बड़ा ही हॉट दिख रहा था.

हालांकि मेरी नजर में उनके लिए इज्जत थी … इसलिए मैंने भाभी को गलत नजर से नहीं देखा.

तीन दिन बाद मुझे अनजान नम्बर से मैसेज आया. उस मैसेज को देख कर मैंने बात की, तो पता चला कि वो दीपाली भाभी थीं.

उनकी बेटी का अगले दिन चैकअप होना था, तो उन्होंने मुझसे हेल्प मांगी थी.
मैंने तुरंत ही हां कर दी.

अगले दिन भाभी अपनी बेटी के साथ आईं, तो मैंने उनकी बेटी का चैकअप करवाया.

उनकी बेटी अब ठीक होने लगी थी. कुछ दवाओं के साथ भाभी को बता दिया कि अब आपकी बेटी ठीक है. तब भी आप चैकअप के लिए आती रहिएगा.
भाभी ने मुझे थैंक्यू कहा.
ऐसे 2-3 बार चैकअप में मैंने भाभी की मदद की.

उसके बाद हमारी वॉट्सएप में बातें होने लगी.
इस सबमें मुझे पता ही नहीं चला कि कब भाभी को मुझसे लगाव हो गया था.
इस दौरान मुझे भी अब भाभी में इंटरेस्ट आने लगा था.

एक दिन भाभी ने संडे को मुझे एक रेस्टोरेंट में मिलने बुलाया.

मैंने उस दिन जाकर भाभी को देखा तो देखता ही रह गया.
वो उस दिन काले रंग का वनपीस पहनकर आयी थीं.
कोई भी उनको देखकर सपने में भी नहीं सोच सकता कि वो एक बच्ची की मां हैं.

आज भाभी को देखकर मेरी भी नीयत खराब होने लगी थी, पर मैंने अपने आप पर काबू रखा.

हम दोनों एक टेबल पर बैठे और खाने का आर्डर दिया. भाभी ने मुझे एक गिफ्ट दिया.
मैंने पूछा- ये सब क्यों?
वो बोलीं- आपने जो मेरी इतनी मदद की, तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है.

मैंने थोड़ी नानुकर के बाद वो गिफ्ट ले लिया.

अब हमारी बातें होने लगीं. हमने खाना खाया.

बातों में पता चला कि वो आज रात को अकेली और फ़्री हैं.
खाने के दौरान ही हमने रिवरफ्रंट पर घूमने का तय किया और खाने के बाद सीधे वहीं चले गए.

भाभी के पति अमरीका में थे और वो एक वर्ष बाद ही घर आने वाले थे.

मैंने सोचा कि इसका मतलब ये ही हुआ कि भाभी चुदाई की भूखी होंगी. एक ट्राई करता हूँ.
वैसे भी मैं अभी तक वर्जिन ही था, इसलिए मुझे भी सेक्स की भूख थी.

मैंने भाभी से कहा- भाभी जी, मेरे लिए आप अपनी जैसी कोई लड़की ढूंढ दीजिए.
वो मुस्कुरा कर बोलीं- अरे तुम अभी सिंगल हो! लगता तो नहीं है … चलो कोई बात नहीं, मैं देखती हूँ. पहले तुम ये तो बताओ तुमें गर्लफ्रेंड की ऐसी भी क्या जरूरत और जल्दी है … अभी तुम अपनी पढ़ाई और फ्यूचर पर ध्यान दो.

मैं बोला- भाभी सच बताऊं, तो मैं अभी तक वर्जिन हूं और मुझे …
इतना कहकर मैं चुप हो गया.

वो मेरी बात समझते हुए बोलीं- अच्छा ये बात है … वैसे तुम किसी लड़की को पसंद करते हो?
मैं बोला- अभी तक तो नहीं … मगर आपके जैसी कोई हो, तो बताना.

वो बोलीं- मुझमें ऐसी भी कौन सी चीज है, जो तुमको पसंद आ गई?
मैंने शर्माते हुए कहा- मैंने अभी तक आपके जैसी कोई भी लड़की नहीं देखी. आपको देखकर तो ऐसा लगता है कि आपको ही अपनी गर्लफ्रेंड मानकर यहीं पर चूम लूं.
वो मादक नजरों से मेरी तरफ देखने लगीं और बोलीं- तो फिर चूम लो … रोका किसने है.

मैंने सकपका कर भाभी की तरफ देखा और सर नीचे झुका दिया.

अब भाभी ने खुद ही मुझे अपनी बांहों में भर लिया और चूमने लगीं.

वाह … कैसा आनन्ददायक पल था. मैं उस किस को अभी तक नहीं भूला.

मैंने अपने हाथ भाभी के नितम्ब पर रख दिए और दबाने लगा.
हम दोनों एक दूसरे को करीबन 15 मिनट तक चूमते रहे. ऐसा लग रहा था कि भाभी कई जन्मों से भूखी हों.

इसके बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए. हम दोनों में कुछ पल के लिए थोड़ी चुप्पी सी छा गई. मैंने चुप्पी तोड़ते हुए भाभी से आइसक्रीम के लिए पूछा.

वो वासना से बोलीं- मुझे वो वाली क्रीम खानी है.
मैं समझ गया और बोला- वो भी खिला दूंगा, पहले ये तो ख़ा लीजिए.

भाभी हंस दीं और बोलीं- हां वो गर्म होती है और ये ठंडी है.
मैंने कहा- ठंडी को गर्म करने में मुझे बेहद मजा आएगा.
भाभी ने भी इठला कर कहा- हां मुझे भी मजा आएगा.

हम दोनों ने आइसक्रीम खाई और एक चॉकलेट आईसक्रीम पैक करवा ली.

मैंने कहा- भाभी रात के 12 बज गए हैं, अब हमें कहां जाना है?
वो बोलीं- मेरे घर पर ही चलते हैं. आज मेरी बेटी भी अपने मामा के यहां गई हुई है. मैं घर में अकेली हूं और मुझे डर भी लग रहा है.

मैंने कहा- डर किससे लग रहा है?
भाभी- अपनी तन्हाई से … तुम साथ रहोगे, तो मुझे डर नहीं लगेगा.

मैंने उनकी एक बांह में अपनी बांह डाली और कहा- चलो भाभी, आज आपका डर खत्म कर देता हूँ, फिर आपको गर्म वाली क्रीम भी खिलानी है.

भाभी मुस्कुरा दीं और मेरे साथ गांड सटा कर चलने लगीं.

मैं सब समझ गया था कि भाभी आज ही सब कुछ चाहती हैं.

मैंने मुस्कुराते हुए कहा- चलो ठीक है, आपके घर ही चलते हैं.

हम दोनों मेरी बाईक पर भाभी के घर के लिए निकल गए.
वो बाईक पर मुझसे चिपक कर बैठी थीं और अपने मम्मों को मेरी पीठ से दबा रही थीं.
उनकी चूचियों की रगड़ से मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

मैंने कहा- भाभी, कुछ तो वक्त दे दो … इतनी भी क्या बेताबी है.

भाभी ने अपना हाथ मेरी कमर में डाला हुआ था.
तभी उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख कर उसे टटोला तो मेरा लंड कड़क हो गया और भाभी को लंड के आकार का पता चल गया.

भाभी बोलीं- ये तो खुद ही रुक नहीं रहा है.
मैंने कहा- तो सड़क के किनारे ही मजा ले लूं क्या?

भाभी हंस दीं और इसी तरह से हम दोनों मस्ती करते हुए उनके घर की तरफ बढ़ गए.

भाभी के साथ बाइक पर ये अनुभव एक अलग ही अनुभव था.
हम दोनों 15 मिनट में भाभी के घर पहुंच गए.

भाभी ने घर का मुख्य दरवाजा खोला और हम दोनों अन्दर आ गए. भाभी ने गेट लॉक कर दिया.

वो मुझे अपने कमरे में ले गईं और मुझे बिस्तर पर धकेलते हुए बैठाते हुए मुझसे बोलीं- तुम बैठो, मैं अभी आई.

भाभी फ्रेश होने चली गई थीं.

मैं उनके रूम में लगी उनकी फोटो देखने लगा.
भाभी के साथ होने वाली चुदाई के बारे में सोचते हुए मेरा लंड एकदम खड़ा होने लगा था.

थोड़ी देर में दीपाली भाभी फ्रेश होकर बाहर आ गईं. उन्होंने एक पारदर्शी बेबीडॉल नाइटी पहनी थी. इस नाइटी में भाभी बहुत ही सेक्सी लग रही थीं.
मैं तो उनको देखते ही ठगा सा रह गया. वो बीस साल की मदमस्त लौंडिया सी लग रही थीं.

भाभी मेरे पास बेड पर आ गईं और भूखी शेरनी की तरह मुझे चूमने लगीं.
मैं भी उनके मम्मे दबाने लगा.

उन्होंने अपने एक हाथ से मेरी पैंट को खोलकर उतार दिया.
फिर शर्ट को खींचकर उसे भी उतार दिया.

अब वो मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर लंड को हिलाने लगीं. ये सब मेरे लिए पहली बार था, तो बहुत मज़ा आ रहा था.

भाभी ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
मैं मानो जन्नत में आ गया होऊं, ऐसा लगने लगा था.

मैं कुछ मिनटों में ही भाभी के मुँह में ही झड़ गया.
वो मेरा सारा वीर्य पी गईं और लंड को चाटकर साफ़ कर दिया.

अब मेरी बारी थी. मैंने उनके पूरे शरीर पर अपने होंठों को फरेना शुरू किया और भाभी को चूमने चाटने लगा.

धीरे धीरे भाभी की नाइटी और ब्रा उतार दी.

ओह माय गॉड … कितने बड़े मम्मे थे.

उसी समय भाभी ने एक मादक अंगड़ाई ली और अपने मम्मों को एक कामुक अदा से हिला कर मुझे ललचाया.

मैं आगे बढ़ कर भाभी के एक मम्मे के निप्पल को अपने होंठों के बीच दबाया और चूसने लगा.
दूसरे हाथ से भाभी की पैंटी के ऊपर से चूत को रगड़ने लगा.

भाभी मस्त होने लगीं और मेरे सर पर हाथ रख कर मुझे दूध पिलाने लगीं.

कुछ पल बाद मैंने भाभी की पैंटी उतार फैंकी और उनकी चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

भाभी की मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आहहह … उहहह … आ … उह.

मैंने उनकी चूची पर काट लिया, तो वो चिहुंक उठीं.

भाभी एकदम से चिल्ला पड़ीं- आह कुत्ते … धीरे चूस ना … मैं तुझे उंगली से चुदवाने के लिए नहीं बुलाया है. अपनी चुत में मुझे तेरा लंड चाहिए … आह मेरी प्यासी चूत को लंड का पानी पिला दे … आह अब मुझे और मत तड़पा.

मैंने भाभी को बिस्तर पर चित्त लिटाया और अपने लंड को उनकी चूत पर सैट करके एक जोर से धक्का दे मारा.

भाभी की चीख निकल गई- ओई मां … मर गई … आहहह … ओह!

मैंने अपने होंठों से भाभी के होंठों को चूमते हुए उनका मुँह बंद किया और जोर से धक्का मारकर पूरा लंड चूत में घुसा दिया.
भाभी एकदम से सिहर गईं और उनकी छटपटाहट बढ़ गई.

अब मैं धीमे धीमे चुत में लंड के धक्के मारने लगा. पूरा रूम भाभी की मादक सिसकारियों से गूंज उठा.

मैं भाभी के ऊपर चढ़कर दस मिनट तक धकापेल चोदता रहा.
उसके बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाकर चोदा.

वो वासना में मस्त थीं और मुझे गाली देते हुए चुदाई का मजा ले रही थीं.
उनकी सिसकारियां कमरे में कामुक तरंगें भरती जा रही थीं.

करीब 25 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैंने उनसे पूछा कि कहां छोड़ूं?
भाभी ने चुत के अन्दर ही वीर्य छोड़ने को कहा.

मैं तेज तेज दस बारह धक्के देते हुए भाभी की चूत के अन्दर ही झड़ गया.
अब तक भाभी एक बार झड़ चुकी थीं. हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.

कुछ देर बाद दूसरा दौर शुरू हुआ. अब भाभी ने मेरे लंड पर चॉकलेट आईसक्रीम लगाई और उसे चाट कर साफ़ कर दिया.

मैंने भी भाभी की चूत में आइसक्रीम लगाई और चुत चाटने लगा.
हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गए और एक दूसरे को चूस कर मजा देने लगे.

थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हुए और बाथरूम में जाकर एक साथ नहाए.

नहाते समय मैंने फिर से एक बार भाभी को चोदा. बाथरूम में भाभी की चुत चोदते समय न जाने कैसे उनका पैर फिसल गया और वो गिर गईं.
उन्हें पैर में मोच आ गई थी.

मैं भाभी को तौलिया से पौंछ कर रूम में लेकर गया और बेड पर लेटा दिया.
उनके पैर पर मालिश की और पेनकिलर दवा दे दी.

भाभी ने आंखें मूंद लीं और मैं भी उनके साथ ही नंगा ही सो गया. हम दोनों जल्दी ही गहरी नींद में सो गए.

सुबह मैं भाभी को हॉस्पिटल लेकर गया और उनके पैर का इलाज करवाया.

आगे मैंने दीपाली भाभी के साथ कैसे कैसे मज़ा किए, वो मैं आपको अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.

आपको ये गर्म भाभी Xxx कहानी कैसी लगी, आप अपने अभिप्राय जरूर शेयर करना.
मेरी आइडी है
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