कॉलेजगर्ल की अनजान मर्द से जोरदार चुदाई-2

(College Girl Ki Anjan Mard Se Jordar Chudai- Part 2)

चाहत राज 2020-04-02 Comments

This story is part of a series:

उसने कूल्हों से ऊपर के मेरे पूरे जिस्म को जी भर के चूसा।

इसके बाद वो अपने घुटनों के बल बैठ गया और मुझे देखने लगा। मेरी आँखों में चुदाई का नशा उसे साफ नज़र आया होगा।

उसने मेरी पैंटी उतार दी और फिर खड़े होकर अपनी ट्रैक पैंट भी निकाल दी। उसने सफ़ेद अंडरवियर पहना हुआ था और उसका लंड अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को बेताब था।

वो फिर बैठ गया और मेरी पैंटी को मेरी टांगों से निकाल कर सूंघने लगा। मेरी आधी गीली पैंटी की खुशबू उसे बहुत पसंद आई क्यूंकि उसमें मेरा चूत रस था।

बिना देर किए वो मेरी चूत को चूसने लगा और अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर डालने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था लेकिन मेरे हाथ बंधे हुए थे। फिर वह अपनी एक उंगली मेरी टाइट चूत में डालने लगा और मेरी चूत के दाने को मसलने लगा।

मैं- आह! अर्जुन, रुकना मत … करते रहना … प्लीज़!
वह रुका और बोला- अपने दोनों हाथ अपने सिर के ऊपर करो।

मैंने वैसा ही किया जैसा उसने कहा।
मेरे ऐसा करते ही वह खड़ा हुआ और मुझे पता चल गया कि वह क्या करना चाहता है।

वो मेरे पास आया। उसकी छाती मेरे बूब्स से रगड़ खा रही थी। वो बिना कुछ बोले ही मेरी साफ वैक्सड आर्मपिट चूसने लगा। मैं भी मादक सिसकारियां लेने लगी क्यूंकि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। उसने मेरी दोनों आर्मपिटस को जी भर के चूसा, फिर उसने मेरे हाथ खोल दिए।
अर्जुन- झुक जाओ।

मैंने ऐसा ही किया और दोनों हाथ बेड पे रखते हुए झुक गई।
वो मेरे पीछे आया।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करने वाला है।

उसने मेरे चूतड़ फैलाए और मेरी गान्ड चाटने लगा। मैं बहुत ज़ोर से सिसकारने लगी। वह मेरी गान्ड चाटता रहा। उसका पूरा मुंह मेरे चूतड़ों में छुपा था और वो तब तक चाटता रहा जब तक मेरी टांगें नहीं कांपने लगीं और मैंने कहा- अर्जुन, मैं झड़ने वाली हूं।

वो खड़ा हुआ और भाग के मेरी तरफ आया और झुक के मेरे चूतड़ों को आगे से पकड़ता हुआ बोला- मैं तुम्हारे कामरस की हर एक बूंद पीना चाहता हूं।
मैं बुरी तरह कांप रही थी और अगले ही पल मैंने अपना सारा रस अर्जुन के मुंह में डाल दिया।

वो मेरा पूरा रस चाट गया और एक बूंद भी नहीं छोड़ी। मैं निढाल हो कर बेड पर ही लेट गई।

मैं एक बार झड़ चुकी थी और निढाल होकर बेड पर ही लेट गई लेकिन अर्जुन अभी तक नहीं झड़ा था और वह मेरे ऊपर आया और उसका खड़ा लंड मेरी चूत के ऊपर लगा। मुझे अपने बदन पर उसके मांसल शरीर का भार अच्छा लग रहा था।

अर्जुन अपना चेहरा मेरे चेहरे के करीब लाया और बोला- चाहत, तुम बला की खूबसूरत हो। तुम मुझे पहले क्यूं नहीं मिली?
और अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका दिया।

अब तक वो मेरे मम्मे और चूत और गांड चूस चुका था लेकिन यह पहली बार था जब उसने मेरे होंठों को चूसा था। वो मेरे लबों को लगातार चूसे जा रहा था और इसमें में भी उसका साथ दे रही थी और उसकी सख्त पीठ पर अपने हाथ फिरा कर उसको अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी।

हमारी जीभ एक दूसरे के मुंह में थी और हम एक लंबा और गहरा फ्रेंच किस कर रहे थे। उसने ही यह किस तोड़ा और मेरे पूरे मुंह को चूमने लगा। उसने बहुत सेक्सी तरीके से मेरी पलकों को, मेरे गालों को और मेरे कानों की लो को चूमा और नीचे जाकर फिर से मेरे बूब्स की घाटी में अपनी जीभ फिराने लगा।

इतने में मैं फिर से गर्म हो गई और उससे बोली- अर्जुन, तुमने तो मुझे पूरी नंगी कर दिया और खुद अभी भी कपड़ों में ही हो। यह तो नाइंसाफी है।
इतना सुनते ही वो उठा और अपना टैंक टॉप और अंडरवियर निकाल के फेंक दिया.

और फिर मैंने जो देखा, वह देख के मेरा दिल खुश हो गया। उसकी बॉडी का एक एक अंग तराशा हुआ था लगातार जिम जाने की वजह से। उसके बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, पूरी तरह वैक्सड मस्क्युलर छाती और सख्त पीठ देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया।

मैं उसके सिक्स पैक एब्स देख कर दंग रह गई। ऐसी बॉडी मैंने सिर्फ ब्लू फिल्मों में ही देखी थी और नीचे उसका लंड था जो कि कम से कम 8 इंच लम्बा और मेरी कलाई जितना मोटा था।

मैंने भी देर नहीं की और उसको बेड पर पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गई और उसके खड़े सख्त लौड़े को अपने मुँह में भर लिया।

मैं उसका पूरा लौड़ा मुँह में नहीं ले पा रही थी और उसकी मोटाई भी बहुत थी। काफी देर तक मैं उसके लंड को चूसती रही लेकिन फिर मुझे उबकाई सी आने लगी और मैंने लौड़े को अपने मुंह से निकाला और हाथ से ही उसकी मुठ मारने लगी।

ऐसा करते हुए ही मैंने उसकी गोटियों को एक एक करके अपने मुँह का स्वाद चखाया। अर्जुन धीरे धीरे मोन कर रहा था। ज़ाहिर सी बात है कि जिस लड़के के लौड़े को चाहत का मुंह नसीब होगा, वो अपनी किस्मत पे इतराएगा और उसके मज़े की कोई हद नहीं होगी।

जब मैं उसके लौड़े से थक गई तो उसने अपने हाथों में कमान संभाली और अपना लंड मेरी चूचियों की घाटी के बीच सेट किया और मुझे टिट फक करने लगा।
मैंने भी अपने मुंह खोल दिया और जब भी लंड मेरे मुँह के पास आता, मैं उसको अपनी जीभ से चाट लेती।

आखिर कब तक वह मेरी गर्मी बर्दाश्त कर पता। अर्जुन ज़्यादा देर नहीं टिक पाया और झड़ गया और उसने अपने वीर्य मेरे मम्मों पर ही गिरा दिया और फिर अपने लंड से अपना वीर्य मेरे बूब्स पर मलने लगा।

मैं अभी भी गर्म थी और मैं उसके ऊपर आ गई और उसकी बॉडी के एक एक हिस्से को चूमना चाटना शुरू कर दिया। मैंने उसके गाल, उसके निपल्स, उसके तराशे हुए एब्स, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और छाती और पीठ सब चूम लिए।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि जिस आदमी की बॉडी चूसने का सपना मैंने देखा था जब वह जिम की बालकनी में खड़ा था, वो सच में मेरे नीचे लेटा था और मैं उसके जिस्म के हर पन्ने पर अपना नाम लिख रही थी।

मेरी इन हरकतों से वो भी जल्दी ही गर्म हो गया और उसका लंड फिर से अपने आकार में आ गया।

अब हम चूमा चाटी में और वक़्त जाया नहीं करना चाहते थे और उसने मेरी पीठ के नीचे एक तकिया रखा जिससे मेरी गान्ड ऊपर को उठ गई। उसने अपना लंड मेरी चूत के द्वार पे सेट किया और एक झटके में ही अपना आधा लंड मेरी चूत में उतार दिया।

मेरी चीख निकल गई क्यूंकि मैंने इतना मोटा लंबा लंड कभी भी अपनी चूत में नहीं लिया था.

और अगले ही झटके में उसने पूरा का पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में उतार दिया। उसने लंड मेरी चूत में ही रखा और मेरे होंठ चूसने लगा और जब मेरी चूत उसके लंड की अभ्यस्त हो गई, तो वह मेरी चूत में धक्के मारने लगा। वो मेरे ऊपर लेटा था और ज़ोर से मेरी चूत में धक्के मार रहा था।

मैं तो स्वर्ग में पहुंच गई और चुदते हुए सेक्सी मोन करने लगी- आह आह आह!
मुझे इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा था कि मैंने अपने नाखून अर्जुन की नंगी पीठ पर गड़ा दिए।

अर्जुन मुझे धकापेल चोद रहा था और ऐसा करते हुए ही वह मेरी चूचियों को चूस रहा था, मेरे निपल्स को काट रहा था और मेरे होंठ चूस रहा था।

मैं ज़्यादा देर उसका भार बर्दाश्त नहीं कर पाई और थक गई। अर्जुन ने भी मेरी हालत को समझा और मेरे नीचे लेट गया। मैंने उसका लंड अपनी चूत पे सेट किया और उसके लंड पे कूदने लगी।
काफी देर तक हम ऐसे ही चुदाई करते रहे। पूरे कमरे में हमारी चुदाई की आवाज़ें गूंज रही थीं और वीर्य की खुशबू आ रही थी।

अब हम दोनों झड़ने वाले थे। अर्जुन ने फिर से मुझे नीचे लिया और मेरी टांगें अपने कंधों पर रख लीं और फिर से मेरी चूत की गहराई में धक्के मारने लगा।

मैं फिर से स्वर्ग के सागर में गोते लगाने लगी और आनंद से सिसकारियां लेने लगी. मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूं और मैंने अर्जुन से कहा- अर्जुन, मैं झड़ने वाली हूं।

अर्जुन धक्के मारता रहा और कुछ देर बाद वह मेरी चूत में ही झड़ गया और मैं भी अपना काम रस उसके लंड पे गिरा दिया। इतनी जबरदस्त और मज़ेदार चुदाई कभी नहीं हुई थी मेरी। मैं पूरी तरह तृप्त हो गई।

इस भयंकर चुदाई के बाद मैं खड़ी हुई और वॉशरूम में जाकर अपनी चूत को साफ करने लगी।

इतने में अर्जुन भी वहां आ गया और अपने आपको साफ करने लगा। फिर हम दोनों दोबारा बेड पे आए और मैं उसकी छाती पर सर रख कर लेट गई और उसकी मांसपेशियों पर हाथ फिराने लगी। उसका लंड फिर से हरकत में आने लगा और अपना आकार लेने लगा।

अर्जुन- चाहत, तुम्हारी चूत बहुत टाइट है। मज़ा आ गया तुम्हें भोगकर! अभी और कितने दिन हो यहां? मैं चाहता हूँ कि मैं चाहत को हर दिन चोदूं।
मैं- अर्जुन, मैं भी तुम्हारे बड़े लंड से चुद कर तृप्त हो गई। अभी मैं यहां दो और दिन हूं और मैं चाहती हूं तुम अपनी चाहत को इन दो दिनों में दिन रात चोदो।

मैंने अर्जुन का लंड अपने हाथों में पकड़ लिया और मैं चौंक पड़ी उसका लंड पूरा खड़ा हो चुका था मेरी चूत की चुदाई के लिए! अर्जुन का मोटा लंड अपने पूरे आकार में आ गया था.

अगले ही पल अर्जुन ने अपने मजबूत हाथों से मुझे उठाकर उल्टा कर दिया जिससे मेरी चूत अब उसके मुँह के ऊपर सेट हो गयी.
‘आह्ह्ह’ मेरी सिसकारी निकल गयी. अर्जुन की मस्त चूत चुसाई से मेरी चूत का रस तेज़ी से बहने लगा.

मैं भी न देर करते हुए अर्जुन के मोटे लंड को लोलिपॉप समझ के चूसने लगी. मैं उसके लंड के सुपारे को नीचे कर के उसके लंड को हिला हिला कर मस्ती में चूसने लगी मानो ये बस अभी ख़त्म हो जायेगा.

उधर मेरी चूत में अर्जुन अपनी जीभ से चुदाई की कोशिश में था. मेरी चूत उसकी चुसाई की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी.
“अह्ह्ह माआआ आआआ अर्जुन … फ़क मी हार्ड … आह्ह्हह!”
अब एक दूसरे को चूसना बहुत हो चुका था मेरी चूत एक जोरदार चुदाई मांग रही थी।

मैं झट से अर्जुन के ऊपर आ गयी उसके लंड को अपने चूत पर सेट ही कर रही थी कि अर्जुन ने गांड उठा कर मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया.

“आह्ह्हह माँआआआ आआ … अर्जुन उफ्फ … जोर से चोदो मेरे राजा … फाड़ दो मेरी चूत को … आह्ह्हह उम्म्म आह्ह्ह!” मेरी ऐसी आवाजों से कमरा भर गया.
अर्जुन रुक गया.

अब मेरी बारी थी उसके लंड पे उछाल मारने की … मैं उसके लंड के ऊपर कूदने लगी. जब भी मेरी गांड अर्जुन की जांघों से टकराती तो थप थप की मस्त आवाज निकलती और मेरी चूत में उसके लंड के प्रवेश के साथ मेरे चूत रस की मादक खुशबू पूरे कमरे में फ़ैल गई थी।

अर्जुन ने मुझे कुतिया बनने को बोला.
मैं उसके लंड को लेने के लिए झट से कुतिया बन गई. मैंने अपनी गांड हिलाते हुए उसके लंड को अपनी चूत में आने का इशारा किया।

कहानी जारी रहेगी.
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