बीवी को गैर मर्द से चुदवाने की मंशा-4

(Biwi ko Gair Mard se chudvane ki Mansha- Part 4)

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मैं चुप रही.. कुछ देर में आनन्द भी चैट पर आया… दोनों की चैट शुरू हुई

सलीम- आनन्द.. तुम्हारी पत्नी तुम्हारे साथ नहीं रहती हैं?
आनन्द- नहीं.. तलाक़ दे दिया है।
सलीम- क्यों?
आनन्द- मेरा बड़ा लंड रोज-रोज सहन नहीं कर पा रही थी.. वो रंडी मुझसे तंग आकर अलग हो गई..

सलीम- सच में आनन्द.. इतना बड़ा लंड हैं तुम्हारा.. और इतना वाइल्ड सेक्स करते हो कि तुम्हारी बीवी उसे चूत में ले नहीं सकती थी।

आनन्द- खुद से क्या अपनी तारीफ करूँ.. तुम्हारी पत्नी को मेरे साथ लिटा कर देख लो.. पता चल जाएगा।

ये बात सुन कर मैं डर गई कि इंसान है या जानवर..

फिर आगे उनकी चैट देखने लगी।

सलीम- मेरी तो फैंटेसी है आनन्द कि अपने सामने अपनी खूबसूरत पत्नी को तुम्हारे जैसे वाइल्ड इंसान से चुदवाऊँ।

आनन्द- फिर देर किस बात की है?

सलीम- आनन्द भाई… आप कैम पर आओ ना..

आनन्द- ओके.. दो मिनट प्लीज़।

फिर 2-3 मिनट में आनन्द का कैम शुरू होता है.. कैम पर मैंने देखा.. एक हट्टा-कट्टा जवान दिखाई दिया। उसका जिस्म भी सन्नी देओल जैसा मजबूत दिख रहा था।
हाँ.. चेहरा ज्यादा अच्छा नहीं था। ओमपुरी जैसा चेहरा था।

सलीम- आनन्द.. अगर आपको ऐतराज़ ना हो तो क्या आप कैम पर अपना बड़ा लंड दिखा सकते हो?

आनन्द- क्यों नहीं?

अब आनन्द ने कैम की स्थिति ठीक की और पैन्ट में से उसका लंड बाहर निकाला। उसका हलब्बी लौड़ा देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं।

कम से कम 8 या 9 इंच का मोटा लंड था और पूरा काला नाग था। मेरी धड़कनें तेज हो गईं.. पहली बार शौहर के सामने दूसरे मर्द का लंड देख रही थी।

मैंने सलीम की तरफ देखा तो उसकी भी आँखें चमकने लगी थीं.. सलीम उसका लंड देख कर खुश हो गया।

तभी आनन्द ने कैम बंद कर दिया।

आनन्द- बोल साले.. कैसा लगा मेरा लंड?

आनन्द की बात सुन कर हम दोनों चौंक गए… आनन्द ने सलीम को साला बोला था।
अब उसकी बात करने का टोन ही बदल गया था।

सलीम- हाँ आनन्द.. सच में आपका लंड बड़ा है।

आनन्द- फिर मुझसे कब चुदा रहा.. अपनी रंडी पत्नी को..

मैं चौंक गई.. उसने मुझे रंडी कहा।

सलीम की तरफ देखा.. आनन्द ने मुझे रंडी बोला तो वो खुश लगा..

सलीम- हाँ आनन्द.. इसी हफ्ते में शनिवार या इतवार को प्रोग्राम करते हैं।

आनन्द- तू अपनी बीवी को शनिवार नाइट को मेरे पास लेकर आ.. साली को तेरे सामने पूरी रात चोदूँगा।

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अब मुझे आनन्द की भाषा अच्छी नहीं लग रही थी।

सलीम- हाँ आनन्द.. शनिवार नाइट अच्छा रहेगा।

आनन्द- उस रात तेरे बीवी क्या पहनेगी?

सलीम- कोई अच्छी से सेक्सी ड्रेस में लेकर आता हूँ।

आनन्द- नहीं.. मुझे तेरे बीवी शादी के जोड़े में चाहिए.. तेरी शादी हुई.. तब तेरी बीवी ने जो दुल्हन का जोड़ा पहन था… उसी में लेकर आ.. तू उस साली को..

सलीम- जैसा आप कहो आनन्द भाई.. आपके सामने अपनी पत्नी को मैं दुल्हन बना कर लाऊँगा..

आनन्द- हाँ.. पूरी तरह से दुल्हन लगनी चाहिए.. मुझे उसके साथ सुहागरात जो मनानी है।

सलीम- ओके सर.. लेकिन एक शर्त है आनन्द..

आनन्द- क्या.. बोल..

सलीम- आपको मेरी जोरू के साथ कन्डोम में ही चुदाई करनी होगी।

आनन्द- साले मादरचोद.. पहले लेकर तो आ तू उस रंडी को.. फिर देखते हैं..

सलीम- ठीक है.. शनिवार नाइट लेकर आता हूँ।

फिर दोनों ने अपने-अपने मोबाइल नम्बर लिए और दिए।

सलीम ने नेट बंद किया और हम कमरे में आ गए।

मैंने उनको कहा- सलीम.. मुझे यह आनन्द ठीक नहीं लग रहा है.. उस दिन रेहान से बात की.. वही लड़का ठीक है।

वो बोला- तुझे क्या समझ है.. आदमियों की.. उस रेहान में क्या है.. 22-23 साल का लड़का है.. उसको चुदाई का कुछ अनुभव भी नहीं है.. इस आनन्द की उम्र 35 है और खेला-खाया भी है.. लंड भी बड़ा है.. तुझे आनन्द के साथ खूब मज़ा आएगा..

उनकी बात सुन कर मैं चुप रही..

आगे कुछ नहीं बोली..

उस रात में सलीम ने आनन्द को कल्पना में लेकर मेरे साथ चुदाई की.. और सो गया..
लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी।
मैं आनन्द के बारे में सोच रही थी… पता नहीं लेकिन मुझे बार-बार उसका लंड याद आने लगा।

लेकिन एक मन कह रहा था कि यह आनन्द अच्छा इंसान नहीं है.. हमको उसके घर नहीं जाना चाहिए… लेकिन मुझे यह भी पता था कि सलीम मेरी बात नहीं मानने वाला है।
बस यही सोचते-सोचते नींद आ गई।

सुबह 8 बजे नींद खुली… आज शुक्रवार था और कल शनिवार.. कल रात को हमको आनन्द के घर जाना था।

सोच कर ही मुझे डर लग रहा था… जैसे-तैसे कर के दिन निकल गया.. रात में खाना खाते वक़्त आनन्द का फोन आया कि नेट पर आ जाओ।
हम खाना ख़ाकर वापिस नेट पर आ गए।

आनन्द- हाय!

सलीम- हाय आनन्द..

आनन्द- तो कल लेके आ रहा ना तू.. तेरी रंडी बीवी को.. मेरे साथ चुदाने को..

सलीम- हाँ यार.. कल का पक्का है।

आनन्द- और सुन.. तेरी पत्नी मुझे दुल्हन के लिबास में ही चाहिए.. नहीं तो साले तुझे घर में नहीं घुसने दूँगा.. समझा क्या गान्डू..

सलीम- आनन्द भाई.. आपने जैसा कहा.. सब वैसा ही होगा।
आनन्द- ठीक हैं फिर.. कल रात को 8 बजे तक मेरे घर आ जा..
सलीम- ओके बॉस..

नेट बंद करके वो मेरी तरफ देखने लगा।

मैंने अपनी नजरें झुका लीं.. हिम्मत करके उनको कहा- सलीम.. एक बार और सोच लो.. कितनी गंदी तरीके से बात कर रहा आपसे.. मुझे यह अच्छा इंसान नहीं लग रहा..

सलीम बोला- डियर ये रण्डियों के दीवाने लोगों की ज़ुबान ऐसी ही होती है.. दिमाग मत लगा।

मैं चुप रही.. अगले दिन.. आज शनिवार था।

सलीम ने मुझसे कहा- दोपहर में पार्लर जाकर आ.. और तू मुझे एकदम ‘फ्रेश-लुक’ में दिखनी चाहिए..

वैक्स भी कर ले.. मैं आज हाफ-डे की छुट्टी लेकर 4 बजे तक घर आता हूँ।

सलीम ऑफिस चला गया।

मैंने खाना बना कर खुद ही वैक्स किया.. चूत शेव की.. अंडरआर्म भी साफ़ किए और दोपहर में पार्लर गई.. वहाँ ब्लीचिंग.. फेशियल सब कुछ किया।

अब मैं बहुत खूबसूरत दिखने लगी थी.. पार्लर वाली ने मेरी हेयर स्टाइल भी अच्छी की थी.. बाल खुले रखे थे। घर आते हुए 3.30 हो गए.. 4 बजे सलीम भी घर आ गया.. आते समय कुछ सामान लेकर आया था।

मैंने देखा उसमें मेरे लिए एक लाल रंग की ब्रा और एक लाल रंग की जाली वाली पैन्टी थी और बहुत सारी लाल रंग की चूड़ियाँ भी थीं और कुछ साज़-श्रृंगार का सामान था साथ ही दो कन्डोम के पैकेट भी थे।

करीब 6 बजे मैं फ्रेश होकर तैयार होने लगी।

आज पहली बार शौहर के सामने मैं किसी दूसरे मर्द के लिए सज रही थी और शौहर देख रहा था।

पहले मैंने सलीम के लाए हुए पैन्टी पहनी और ब्रा.. फिर सलीम ने हमारे शादी का लाल रंग का शरारा मुझे पहनने को दिया।

शरारा पहनने के बाद सलीम ने मुझे चूड़ियाँ पहनने को कहा।

मैंने दोनों हाथों में 20-20 चूड़ियाँ पहन लीं।

फिर सलीम ने नाक की नथ पहनने को दी… हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाई।

अब मैं पूरी तरह से दुल्हन बन गई थी, अच्छे से मेकअप किया और नये सैंडल पहन लिए।

सलीम भी कपड़े पहन कर तैयार हुआ… अब सवा सात बजे थे।

सलीम मेरे पास आकर बोला- सच में तू बहुत खूबसूरत लग रही हैं.. आनन्द तुझे देख कर खुश हो जाएगा।

मैं शर्मा गई और चुप रही… फिर वो मुझसे बोला- सुनो डियर.. आज तू तेरा मोबाइल घर पर ही रख और वहाँ आनन्द को बोलना मत कि तेरे पास मोबाइल है.. ग़लती से भी तू उसको अपना मोबाइल नम्बर नहीं देना और ना ही हमारे घर का पता बताना।

सलीम की बातों से मुझे पता चला कि वो ज़रा भी नहीं चाह रहा था कि आनन्द मुझसे चुपके से कोई रिश्ता बनाए।

उसके मन में यह डर था कि हम बाद में चुपके से रिश्ते न रख लें.. मैं बस चुप रही।

कहानी जारी है।

मेरी इस सच्ची घटना पर आप सभी के सभ्य भाषा में विचारों का स्वागत है।

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