भाई की शादी में सुहागरात मनायी-1

(Bhai Ki Shadi Me Suhagrat Manayi- Part 1)

This story is part of a series:

दोस्तो, मैं सुहानी चौधरी आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करती हूँ अपनी अगली कहानी में।
सबसे पहले तो मैं आप सभी को दिल से धन्यवाद कहना चाहती हूँ कि आपने मेरी मेरी पिछली कहानी
मेरी मासूमियत का अंत और जवानी का शुरुआत
को पसंद किया. और मैं आपसे माफी भी चाहती हूँ कि मैं सभी को कोमेंट्स या मेल पे रिप्लाई नहीं कर पाती क्योंकि बहुत सारे ई-मेल्स आते है और मेरे पास टाइम की थोड़ी कमी है कॉलेज की वजह से। अब तक आपने मेरी पिछली कहानियो के सारे पार्ट्स पढ़ ही लिए होंगे।

चलिये कहानी पे आगे बढ़ते हैं। सेक्स शायद दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज़ों में से एक है और हमारे शरीर की जरूरत भी. इसलिए मेरे सेक्स करने के बाद से मेरा शरीर और खिलने लगा. मैं हमेशा खुश रहने लगी थी और मेरी खूबसूरती और बढ़ती जा रही थी। अब मैं अपना और अपने लुक्स का बहुत ध्यान रखने लगी थी। मेरा फ़िगर अब 36-26-36 हो गया था और मेरा रंग और निखर गया था। मुझे हर्षिल ने समझाया था कि सेक्स इंसान के लिए बहुत जरूरी होता है, इसी से दुनिया चलती है।

लगभग एक महीने बाद मेरे मामा के लड़के की शादी थी और हम सब का जाना बहुत जरूरी था. मेरे घर वालों ने पैसे भेज दिये थे कि मैं शादी के लिए कपड़े दिल्ली से ही खरीद लूँ।
मैंने तन्वी को बोला- तू भी चल शादी में, मैं वहाँ ज्यादा किसी को जानती नहीं तो तू भी चल, मजा आयेगा. वरना मैं बोर हो जाऊँगी.
तो वो भी मान गयी।

फिर मैं तन्वी के साथ मार्केट गयी और वहाँ से हम दोनों कुछ अच्छे कपड़े खरीदे. मैंने एक लाइट पिंक लहंगा चुन्नी का जोड़ा खरीदा शादी में पहनने के लिए. इसके अलावा एक झुमकों का सेट भी लिया।
मैंने हॉस्टल में आकर उसे ट्राई किया अच्छे से, तन्वी ने देखा तो बोली- क्या बात है यार … तू इसमें बहुत खूबसूरत लग रही है, शादी में जाने से पहले अपने बाल स्टाइल करा के जाइयो यहीं से। मैंने कहा- ठीक है, चलेंगे।

अब शादी को सिर्फ 3 दिन ही बचे थे तो मैं तन्वी के साथ पार्लर चली गयी. वहाँ पर मैंने नया पूरा मेकओवर करवाया और बाल भी स्टाइल करने को बोला।
तन्वी ने कहा- तू कृति सेनन जैसे करा ले, तेरे पे बहुत अच्छे लगेंगे.
तो मैंने वैसे ही करा लिए।

अगले दिन हम दोनों सीधे मेरे मामा के घर पहुंचे तो सभी ने हमारा बहुत स्वागत किया. वहाँ शादी की तयारियाँ पूरे ज़ोरों पर थी।
शादी वाले दिन मैं और तन्वी पार्लर जाकर तैयार होकर आई थी। सभी रिश्तेदार मुझे देख के बोल रहे थे कि बहुत प्यारी लग रही है, खूब खिल रही है, लगता है, लगता है दिल्ली का पानी रास आ गया.
और मैं मुस्कुरा के शरमा जाती।

तन्वी ने मज़ाक में धीरे से मेरे कान में कहा- आंटी, पानी दिल्ली का नहीं किसी और का रास आ रहा है.
और हम दोनों हंसने लगी।

फिर शाम को बारात चढ़ी और हम दोनों भाई की शादी में खूब नाची और मजे किए। फिर कार से मैं, तन्वी और परिवार की कुछ लड़कियां के साथ बारात में चले गये। शादी का फंकशन एक मैरिज हाल में था। वहाँ हम डी जे के गानों पे खूब नाचे, लड़की वालों के रिश्तेदार भी हमें ही देख रहे थे और मैं थोड़ी ही देर में उनके परिवार में भी फ़ेमस हो गयी।

सभी लड़कियां खूबसूरत लग रही थी पर शायद मैं सबसे खूबसूरत और अलग लग रही थी, ये वहाँ के लड़कों की नजरें बता रही थी।
फिर हम नाश्ता करने चली गयी.

तो खाना खाते खाते तन्वी ने मेरे से कहा- यार, वो लड़का देख कितना क्यूट है, कब से तुझे देखे जा रहा है।
मैंने ध्यान नहीं दिया था पर उसके कहने पे ध्यान से देखा तो सच में लड़का बहुत स्वीट और हैंडसम था। करीब 5-10 सेकंड तक हम दोनों एक दूसरे को लगातार देखती रही. फिर जब तन्वी को लगा कि मैं उसे लगातार देखे जा रही हूँ, उसने मुझे कोहनी मारी तो मैं शरमा के मुस्कुरा के नीचे देखने लगी।

तन्वी ने कहा- पता तो कर कि है कौन ये।
मैंने कहा- तुझे क्या करना है, सेटिंग करनी है क्या?
तन्वी ने कहा- यार करा दे तो तेरा एहसान मानूँगी।
मैंने कहा- चल देखते हैं, जब कोई रिश्तेदार न हो आसपास तब देखते हैं, अभी कुछ और खाते हैं।

फिर हम दोनों खाने चली गई, वो लड़का भी हमारे आसपास ही घूमता रहा।
तन्वी ने कहा- देख यार, यहीं घूम रहा है.
मैंने तन्वी से ज़ोर से कहा ताकि वो लड़का भी सुन सके- चल यार, बाथरूम चलते हैं।
फिर हम दोनों बाथरूम चली गयी।

जैसा कि मुझे उम्मीद थी, वो लड़का भी बहाना सा करके हमारे पीछे पीछे आ गया।
हम दोनों ने मज़ाक में गुस्से से उससे कहा- तुम हम दोनों का पीछा क्यूँ कर रहे हो, बताऊँ अभी भैया को? अभी हड्डी पसली एक कर देंगे।
वो लड़का सच में डर गया और सॉरी बोल के चला गया।

उसके जाने के बाद हम दोनों खूब हँसी.
तन्वी बोली- बेचारे को इतना क्यूँ डरा दिया?
मैंने कहा- मैं तो मज़ाक कर रही थी, मुझे क्या पता था कि वो सच में डर जाएगा।
फिर वो लड़का हमें बस दूर से ही देखता रहा, मुझे उसपे बहुत तरस सा आया कि ‘यार इतना सीधा कौन होता है आज के जमाने में!’

फिर वरमाला की रस्म शुरू हो गयी और सब बहुत खुश हुए। सबने दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो खिंचाई और हमने भी खिंचाई। मेरे परिवार वाले शादी में बिजी थे तो वो हम दोनों पे ध्यान नहीं दे रहे थे।
थोड़ी देर में मेहमान भी खाना खाकर इधर उधर होने लगे थे, भीड़ कम सी होने लगी थी।

मौका सा देख के मैंने उस लड़के को चुपके से मुस्कुरा के इशारा किया और मुड़ के दुबारा बाथरूम की तरफ जाने लगी। तन्वी को मैं वहीं पे छोड़ गयी थी।
जैसे ही मैं बाथरूम से निकली तो वो सामने ही खड़ा था। मैं मुसकुराते हुए नीचे देखते हुए थोड़ा साइड में चली गयी और जब देखा कि कोई नहीं देख रहा तो उसे अपने पास बुलाया।
वो आया तो मैंने बोला- सॉरी यार, मैंने तुम्हें डरा दिया, मैं मज़ाक कर रही थी।
तब उसकी जान में जान आई और वो बोला- सच में आपने तो मुझे डरा ही दिया।

मैंने कहा- हम्म … अब बताओ कि तुम मेरी फ्रेंड को क्यूँ देखे जा रहे हो?
उसने बोला- सॉरी यार, मैं उसे नहीं, तुम्हें देखे जा रहा हूँ। सच बताऊँ तो मैंने आप जितनी खूबसूरत लड़की कहीं नहीं देखी, आप बहुत क्यूट और प्यारी लग रही हो इस ड्रेस में।
मैंने कहा- थैंक यू!
उसने बोला- क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ?
मैंने कहा- ठीक है, पर एक शर्त है, तुम फॉटोग्राफर को पटाओगे मेरे और तन्वी के कुछ अच्छे फोटोस लेने के लिए।
उसने हंस के कहा- बस इतनी सी बात … पक्का, अब बताओ।
मैंने कहा- मेरा नाम सुहानी चौधरी है, तुम्हारा नाम क्या है?
उसने कहा- मेरा नाम करन है, मैं दुल्हन का चचेरा भाई हूँ।

मैंने कहा- अच्छा, तुम्हारी बहन बहुत सुंदर लग रही है अपनी शादी में … और तुम भी काफी हैंडसम लग रहे हो।
वो मुस्कुराने लगा और बोला- आप भी बहुत खूबसूरत लग रही हो, तो क्या मुझे आप का नंबर मिल सकता है?
फिर मैंने उसे अपना नंबर दिया और कहा- अब चलो यहाँ से, वरना किसी ने देख लिया तो अभी हमारी भी शादी हो जाएगी यहाँ।

फिर मैं तन्वी के पास वापस आ गयी और मज़ाक में बोली- सॉरी यार, वो मेरे पे फिदा है, तू कट ले।
तन्वी बोली- रख ले चुड़ैल … मैं दूसरा ढूंढ लूँगी।
थोड़ी देर में हमारे पास फॉटोग्राफर आया और बोला- मुझे आपकी फोटो लेने को बोला है उन सर ने!
तो मैं समझ गयी कि किसने कहा है।

हम दोनों ने बहुत सी फोटो खिंचाई और फिर हम दोनों कुरसियों पे आ कर बैठ गयी और इधर उधर की बातें करने लगी। और साथ ही साथ में फोन पे करन से चैट कर रही थी।
हालांकि वो हमसे थोड़ी दूर ही बैठा था पर हम दोनों फोन पे चैट कर रहे थे और मुस्कुरा रहे थे।

हम दोनों की दोस्ती एक दो घंटे में ही बढ़ गयी। उसने मुझसे पूछा- क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड है?
तो मैंने मना कर दिया।
फिर मैंने पूछा- तुमने क्यूँ पूछा?
उसने बोला- यकीन नहीं आता कि आप जितनी खूबसूरत लड़की को आज तक किसी ने नहीं किया प्रपोज़?
मैंने कहा- किया तो बहुतों ने है … पर मैंने ही मना कर दिया।
उसने बोला- ओह … मतलब मेरा कोई चान्स नहीं है।
मैंने कहा- मैंने तुम्हें मना कब किया?
वो कन्फ्यूज हो गया कि अब क्या करे।

तभी उसके पापा उसके पास आए और बोले- बेटा जाओ घर चले जाओ, वहाँ पे तुम्हारी दो मौसी हैं घर पे अकेली क्योंकि घर की रखवाली को वे वहीं रुक गयी थी। जाओ, उन्हें ले आओ गाड़ी से! और फिर तुम घर चले जाना 1-2 घंटे के लिए। फिर आ जाना बाद में।
उसने मुझे मैसेज कर के ये सब बताया और उन्हें लेने चला गया।

15 मिनट बाद ही वो उन्हें लेकर आ गया और मुझे मैसेज करके कहा- कार पार्किंग में आओ जल्दी से।
मैंने तन्वी को बताया- मैं थोड़ी देर के लिए जा रही हूँ, कोई मेरे बारे में पूछे तो बोल दियो कि मैं सोने चली गयी हूँ, नींद आ रही थी।
उसने बोला- ठीक है!

और मैं मौका सा देख के पार्किंग में पहुँच गयी।
करन ने मुझे बोला- मुझे 2 घंटे के लिए घर जाना होगा, वहाँ कोई नहीं है देखने को।
मैंने पूछा- तो ये बोलने के लिए तुमने मुझे यहाँ बुलाया है, ये तो फोन पे बता दिया था तुमने।
उसने बोला- नहीं मैं तो ये कह रहा था कि तुम भी चलो न साथ में, बहुत सारी बातें करेंगे।

मैं यही तो चाह रही थी कि थोड़ा टाइम मिला जाये बात करने को … तो मैंने कहा- ठीक है.
और उसके साथ गाड़ी में बैठ गयी।

हम दोनों उसके घर आ गए। शादी की वजह से पूरा घर सजा हुआ था और बहुत खूबसूरत लग रहा था। हम दोनों अंदर गए और उसने बोला- घर लॉक कर देता हूँ अंदर से, यहाँ चोरों का डर रहता है।
फिर वो मुझे अपना घर दिखने लगा। उसने बोला- एक बात पूछूं?
मैंने कहा- पूछो।
करन बोला- जब मैंने चैट में कहा था कि मतलब मेरा कोई चान्स नहीं है. तो तुमने कहा था कि मैंने कब मना किया तुम्हें, इसका मतलब क्या निकालूं, क्या मेरा चान्स है?
मैं मुस्कुराने लगी तो वो और बैचन हो गया और बोला- प्लीज बोलो न कुछ तो?
मैं बोली- हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता।
उसने बोला- चलो मैं ट्राई कर लेता हूँ.

और वो मेरे पास आया और मेरी आँखों में आँखें डाल कर बोला- सुहानी चौधरी, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, जब से तुम्हें देखा है, मैं तो तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ, सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोच रहा हूँ, क्या तुम मेरी लाइफ पार्टनर बनोगी?
मैंने कहा- बस इतनी बात कहने से डर रहे थे? तुम देखा कितना सिम्पल था।
उसने बोला- तो मैं हाँ समझूँ?
मैंने कहा- हाँ इडियट हाँ।

मैंने पहली बार किसी का प्रोपोज़ल स्वीकार किया था।

करन तो मानो खुशी से पागल हो गया और उछल के ज़ोर से मेरे गले लग गया। जब वो गले लग के हटा तो हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे और कभी वो मेरे पिंक होंठों को देखता कभी मैं उसके होंठों को।
मुझे यह समझने में ज्यादा देर नहीं लगी कि अब वो किस करना चाहता है। उसने मेरा सिर अपने हाथों में पकड़ा मेरे होंठों के पास होंठ ले आया, मैंने भी अपनी बांहें उसके गले में डाल दी और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. हम दोनों की आँखें बंद हो गयी और हम दोनों उस लम्हे में डूब गए।

अब किस हुई तो बात आगे भी बढ़नी ही थी. हम कब उस रोमांटिक पल से काम वासना की ओर चल दिये हमें पता ही नहीं चला। हम दोनों की किस और टाइट होती चली गयी और उसने मुझे धकेल के दीवार से सटा दिया और हम दोनों काफी ज़ोर से एक दूसरे को किस कर रहे थे, हम दोनों एक दूसरे के होंठों की होंठों से रगड़ रहे थे, अब वो मेरे और मैं उसके होंठों को चूस रही थी। लगभग 1-2 मिनट के किस के बाद हम हटे, हम दोनों के दिल ज़ोरों से धड़क रहे थे।

कहानी जारी रहेगी.
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