साली और साली की बेटी संग मज़े किए-4

(Sali Aur Sali Ki Beti Sang Maze Kiye- Part 4)

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करीब घंटे भर बाद मैं फिर से उठ गया, दिमाग में कोमल जो घुसी थी। घड़ी पर सुबह के चार बजने वाले थे, मैं उठ कर धीरे धीरे कोमल के पास गया, और उसकी बगल में लेट गया।

वो गहरी नींद में थी, और ऊपर से दूध का नशा।
मैंने बड़े आत्मविश्वास से उसकी टी शर्ट में हाथ डाल कर उसके दोनों चूचों को सहला कर देखा।
जब उसकी नींद को जांच लिया तो फिर पहले उसकी टी शर्ट पूरी ऊपर उठाई और उसके दोनों चूचे बाहर निकाले, फिर उसकी लोअर और चड्डी भी नीचे पाँव तक उतार दी, और अपनी लोअर उतार कर मैं फिर से नंगा हो गया।

कच्ची चूत की खुशबू से मेरे लंड ने फिर सख्ती पकड़ ली।
मैंने कोमल की टाँगें चौड़ी की ताकि उसकी चूत को देख सकूँ, मगर हल्की रोशनी के कारण देख नहीं पा रहा था, उठ कर गया और अपना मोबाइल उठा लाया और उसकी रोशनी में कोमल की चूत को ध्यान से देखा, न सिर्फ देखा बल्कि उसकी चूत और चूचों की पिक्स खींची, और वीडियो भी बनाई।

उसके बाद कोमल के ऊपर लेट कर अपना लंड उसकी चूत के दाने पे रगड़ा, दिल तो कर रहा था कि बीच में ही डाल दूँ, मगर कुँवारी लड़की थी, दर्द होता तो तड़प के जाग जाती तो आराम आराम से ही करता रहा।

अच्छी तरह से अपने लंड का टोपा उसकी चूत पे रगड़ा, उसके कान में फुसफुसाया- ओह कोमल मेरी जान, एक दिन ऐसा आए जब तुम जागते हुये, मेरा यह लंड अपनी चूत में लो जानेमन… चाट चाट कर ही तेरी चूत का पानी निकाल दूँगा मैं, एक बार मेरी हो जा!

कहते कहते मैंने अपना लंड उसकी चूत के सुराख पे रखा और अंदर को धकेला, थोड़ा सा ऐसा लगा जैसे अंदर घुस गया हो, मगर वो बिल्कुल वैसे ही सोती रही।

मगर यह काम खतरनाक था तो मैं पीछे हट गया।
अब दिल तो बहुत कर रहा था मगर दिल को समझाना पड़ा। मैंने अपना लंड हाथ में पकड़ा और मुट्ठ मारने लगा।

कितनी देर मैं प्यारी कोमल के होंठ चूसता, बोबे चूसता, उसके बदन पे यहाँ वह चूमता चाटता रहा और अपनी मुट्ठ मारता रहा।
बड़ी देर बाद और बड़ी मुश्किल से मेरा माल छूटा। सच में लंड मुट्ठ मारते मारते लंड दुखने लगा था। मगर फिर भी मैं झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य कोमल की झांटों में गिराया।

शांत हो कर मैं उठा, कोमल के कपड़े ठीक किए, अपने कपड़े पहने और बेड पे जा कर सो गया।

करीब एक घंटे बाद मुझे किसी ने धीरे से हिला कर जगाया, देखा साली थी, बोली- सुनो, उठो, अभी तो सब सो रहे हैं, अभी वक़्त है, एक बार और हो जाए?

मैंने देखा चड्डी में मेरा लंड पूरा टाइट था और दर्द भी कर रहा था, मगर मेरे में इतनी हिम्मत नहीं बची थी कि मैं उसका निमंत्रण स्वीकार कर पाता।
मगर ना भी नहीं कह सकता था, तो उठा और नीचे जा कर लेट गया, साली खुद ही ऊपर आ कर बैठ गई, नाइटी हटाई, लंड सेट किया और अपनी चूत में लेकर खुद ही उछलने लगी।

मगर मेरे लंड की तो बैंड बज रही थी। कोई 10-12 मिनट उसने पूरे ज़ोर से मुझे चोदा और जब उसका हो गया तो नीचे उतर कर बोली- आ जाओ, अब तुम अपना भी कर लो।

मगर मुझमें तो मरने की भी हिम्मत नहीं बची थी, मैंने कहा- आज नहीं, बहुत थका हूँ, कल को करेंगे।
उसने बहुत ज़िद की, मेरा लंड पकड़ कर चूसा, अपने बोबे मेरे मुँह पर रगड़े, अपने निप्पल मुझे चुसवाए कि ‘एक बार और करो न, मुझे बहुत मज़ा आया तुम्हारे साथ करके…’
मगर मैं निढाल हो चुका था तो अगले दिन का वादा करके जा कर सो गया।

अगले दिन सुबह उठा तो अपनी साली को घर में करते फिरते देख कर यही सोच रहा था कि इंसान क्या चीज़ बनाई है भगवान, ने ये औरत जो अपने घर में इतने प्यार से खुश खुश सब काम कर रही है, कौन जानता है कि रात इसने अपने ही घर में अपने ही बेडरूम में किसी गैर मर्द के साथ संभोग किया है।

यह जो लड़की घूम फिर रही है, इसको रात में सोते हुये इसका ही एक रिश्तेदार चोदने की हद तक गया, इसके कुँवारे बदन को अपनी तसल्ली के लिए चूसा, चूमा और चाटा, इसकी कुँवारी चूत पे अपना लंड रगड़ा, इसको छोटे छोटे बोबे चूसे, इसके ऊपर बैठ कर मुट्ठ मारी और इसकी झांटों में अपना माल छुड़वाया, इसकी नंगी पिक्स भी खींची और इस बेचारी को कुछ पता नहीं!
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और मैं कैसे आराम से बैठा अपने साढ़ू के साथ चाय पी रहा हूँ, हंस बोल रहा हूँ, जबकि इसकी बीवी को रात में दो बार चोदा, इसकी बेटी के बदन को चूम चाट कर देखा।
सच में इंसान का कोई भरोसा नहीं… रात के अंधेरे में और काम वासना में क्या कुछ नहीं कर जाता।
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