मेरी पत्नी की बहनें-1

बात उस समय की है जब मेरी शादी को दो साल हो चुके थे और मेरी बीवी को पहला बच्चा हुआ था. वो उस समय अपने मायके कानपुर में ही थी. मैं इलाहाबाद में पोस्टेड था. जब काफी दिन हो गए तो मैं अपने आफिस से छुट्टी ले कर अपने ससुराल गया ताकि बीवी और बच्चे से मिल आऊँ. अभी मेरी बीवी का इलाहाबाद आने का कोई प्रोग्राम नहीं था क्योंकि दिसम्बर का महीना चल रहा था और जाड़ा काफी अधिक पड़ रहा था.

कानपुर जब मैं अपने ससुराल गया तो मेरी खूब खातिरदारी हुई. मेरे ससुराल में मेरे ससुर, सास, एक साला और दो सालियाँ हैं. मेरे साले की हाल ही में नौकरी लगी थी और वो दिल्ली में पोस्टेड था. ससुरजी भी अच्छे सरकारी नौकरी में थे. दो साल में रिटायर होने वाले थे. लेकिन अधिकतर बीमार ही रहा करते थे. मेरी सालियाँ बड़ी मस्त थीं. दोनों ही मेरी पत्नी से छोटी थीं. मेरी पत्नी से ठीक छोटी वाली का नाम मोनिका है. वो 23 साल की, उससे छोटी अन्नू की उम्र 21 साल की है. दोनों ही स्नातक कर चुकी थी. यूँ तो दोनों दिन भर मेरे से चुहलबाजी करती रहती थी लेकिन कभी बात आगे नहीं बढ़ी थी. मैंने भी मोनिका की एक-दो बार चूची दबा दी थी लेकिन वो हंस कर भाग जाती थी. खैर मेरी बीवी नेहा खुद भी काफी सुन्दर थी. इसलिए कभी कोई ऐसी वैसी बात होने की नौबत नहीं आई.

इस बार मैं ज्यों ही अपने ससुराल पहुँचा तो वहाँ एक अजब समस्या आन पड़ी थी. दोनों ही सालियों ने बी.एड करने का फॉर्म भरा था और दोनों की ही परीक्षा लखनऊ में होनी थी. परीक्षा पूरे एक सप्ताह की थी. समस्या यह थी कि इन दोनों के साथ जाने वाला कोई था ही नहीं क्योंकि मेरे साले की अभी अभी नौकरी लगी थी और वो दिल्ली में था. मेरे ससुर जी को जोड़ों के दर्द ने इस तरह से जकड़ रखा था कि वो ज्यादा चल फिर नहीं पा रहे थे. सास का तो उनको छोड़ कर कहीं जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता था.

मेरी दोनों सालियाँ तो अकेले ही जाने के लिए तैयार थी लेकिन जमाने को देखते हुए मेरे ससुरजी इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे. इस कारण मेरी दोनों सालियाँ काफी उदास हो गई थी.

मुझे लगा कि यूँ तो मैं 15 दिनों की छुट्टी ले कर आया हूँ और यहाँ 3 दिन में ही बोर हो गया हूँ, क्यूँ ना मैं ही चला जाऊँ लेकिन ससुरजी क्या सोचेंगे, यह सोच कर मैं खामोश था.

अचानक मेरी सास ने ही मेरे ससुर को कहा कि क्यों नहीं दामाद जी को ही इन दोनों लड़कियों के साथ भेज दिया जाये.

ससुरजी को भी इसमें कोई आपत्ति नजर नहीं आई, उन्होंने मुझसे पूछा तो मैंने थोड़ी टालमटोल करने के बाद लखनऊ जाने के लिए हाँ कर दी और उसी दिन शाम को ही ट्रेन पकड़ कर लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

अगले दिन सुबह लखनऊ पहुँच कर एक होटल में हम लोग रुके, होटल में मैंने दो रूम बुक किये. एक डबलरूम दोनों सालियों के लिए तथा एक सिंगल रूम अपने लिए.

हम लोगों ने नाश्ता-पानी किया और मैंने उन दोनों को उनके परीक्षा केन्द्र पर पहुँचा दिया. हर तीसरे दिन एक परीक्षा होनी थी 12 बजे से 2 बजे तक, उसके बाद दो दिन आराम.

दोनों ने परीक्षा देकर वापस होटल आने के बाद ही भोजन किया. मैंने दोनों से परीक्षा के बारे में पूछा तो दोनों ने बताया कि परीक्षा काफी अच्छी हुई है.

खाना खाने के बाद वो दोनों अपने कमरे में गई तथा मैं अपने कमरे में जाकर आराम करने लगा.
करीब 5 बजे मैंने सोचा कि उनसे पूछ लूँ अगर कहीं घूमने जाना है?
यह सोच कर मैं उनके कमरे में गया. दरवाज़ा मोनिका ने खोला, कमरे में अन्नू नजर नहीं आई. यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं.
मैंने मोनिका से पूछा- अन्नू कहाँ है?
वो बोली- बाथरूम गई है.
मैंने कहा- ओह.

मैंने देखा कि मोनिका सिर्फ एक झीनी सी नाइटी पहने हुए है. उसकी चूचियाँ साफ़ झलक रही हैं. उसके चूची के निप्पल तक का पता चल रहा था.
मैंने सीधे बिना किसी शर्म के ही धीरे से कहा- क्या बात है, ब्रा नहीं पहनी?
उसने कहा- यहाँ कौन है जिससे अपनी चूचियाँ छिपानी हैं?
सुन कर मैं दंग रह गया, कहा- क्यों, मैं नहीं हूँ?
वो बोली- आपसे क्या शर्माना? आप तो अपने आदमी हैं. यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं.
मैंने कहा- कभी ठीक से छूने भी नहीं देती हो और कहती हो कि आप अपने आदमी हैं.
उसने कहा- इसमें कुछ ख़ास थोड़े ही है जो आपको छूने नहीं दूंगी. आप छू कर देखिये. मैं मना नहीं करूंगी.

मैंने धीरे से उसे पीछे से पकड़ा और अपने हाथ मोनिका की चूची पर रख दिए. उसने सचमुच कुछ नहीं कहा और ना ही किसी प्रकार का प्रतिरोध किया. मैं उसकी चूची को जोर जोर से दबाने लगा. उसे भी मजा आने लगा. जब मैंने देखा कि उसको भी मजा आ रहा है तो मेरी वानसा और बढ़ गई, मैंने अपना हाथ उसके नाइटी के अन्दर डाला और उसकी चूची को पकड़ लिया.
उफ़! क्या मखमली चूची थी मोनिका की.

मैंने तो कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरी साली इतनी सेक्सी हो सकती है. मैं कस कर के उसकी चूचियाँ दबा रहा था. वो आँख बंद कर के अपने वक्षमर्दन का आनन्द ले रही थी. मेरा लंड तनतना गया.
मैंने धीरे से कहा- ए! जरा नाईटी खोल कर दिखा ना.
मोनिका ने कहा- खुद ही खोल कर देख लीजिये ना.

मैंने उसकी नाईटी को अचानक नीचे सरका दिया और उसकी चूचियों से नीचे ले आया. ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त चूची थी. मैंने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया. वो आँखें बंद करके मज़े ले रही थी.
उसने धीरे से कहा- जीजाजी, इसे चूसिये ना.

मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी चूची को चूसने लगा. ऐसा लग रहा था मानो शहद चूस रहा हूँ. मेरा लंड एकदम उफान पर था. मेरा लंड पैंट के अन्दर ही अन्दर गीला हो गया था. मैंने एक झटके में उसके बदन से पूरी नाइटी उतार दी और अपना शर्ट एवं पैंट भी. अब वो सिर्फ पेंटी में थी और मैं अंडरवियर में!

मैंने उसके बदन को चूमना चालू किया. चूमते- चूमते अपना दाहिना हाथ उसके पेंटी के अन्दर डाल दिया. घने घने बाल साफ़ आभास दे रहे थे. थोड़ा और नीचे गया तो कोमल सी चूत का साफ़ आभास होने लगा, वो पूरी गीली हो गई थी. उसने भी मेरे लंड पर हाथ लगा दिया और कहा- इसे भी खोलो ना जीजू.

मैंने बिना देर किये अपना अंडरवियर भी खोल दिया. वो मेरा लंड को अपने हाथ में ले कर सहलाने लगी. मैंने उसके होठों को कस कर दबाया हुआ था. मैं उसके चूत में अपनी उंगली डालने की कोशिश करने लगा तो वो बुरी तरह से छटपटाने लगी. मैंने किसी तरह से अपनी उंगली उसके चूत में डाल ही दी.

तभी बाथरूम के अन्दर से फ्लश की आवाज़ आई. मैं हड़बड़ा गया क्योंकि अन्नू निकलने वाली थी और मोनिका नंगी पड़ी हुई थी.

मैं झट उठ कर बैठ गया और अंडरवियर पहन लिया, मोनिका ने तुरंत ही अपनी पतली सी चुनरी अपने वक्ष पर ओढ़ ली. इससे उसका नंगी चूचियाँ तो छिप गई लेकिन नीचे वो सिर्फ पेंटी ही पहनी हुई थी यानि कोई भी देख कर समझ जाएगा कि कुछ तो गड़बड़ है.

मैं सोच रहा था कि यहाँ से चला जाऊँ लेकिन तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और अन्नू बाहर आ गई.

यह क्या! उसने भी तो सिर्फ पेंटी ही पहन रखी थी. ऊपर वो पूरी तरह से नंगी थी. वो मुझे अंडरवियर में देख कर चौंक गई. मेरा लंड अभी भी 8 इंच के तनाव पर था.

फिर वो मुझे देख कर अपने हाथों से अपनी गोरी गोरी चूची को छिपाने का असफल प्रयास करते हुए हुए मुस्कुराई और बोली- आप कब आये?
मैंने कहा- अभी थोड़ी देर पहले!

मुझे पता नहीं था कि दुबली पतली सी दिखने वाली इस लड़की के चूचे इतने बड़े होंगे, मैं सोचने लगा- यार इसके भी तो चूचे अब हाथ लगाने लायक हो ही गए हैं.

अभी मैं इसी विषय पर सोच ही रहा था कि अन्नू ने कहा- क्यों जीजू, क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- देख रहा हूँ कि छोटी बच्ची अब जवान हो गई है.
अन्नू ने कहा- आपको अभी तक पता ही नहीं चला था क्या?

मैंने अपने लंड को अंडरवियर के ऊपर से कस के दबाते हुए कहा- मुझे तो अंदाजा ही नहीं था कि आपके नीम्बू अब खरबूजे बन गए होंगे. तेरी चूचियाँ तो तो तेरी बहन मोनिका से भी बड़ी हैं, तू तो उसकी बड़ी बहन लगती है.

यह सुन कर अन्नू बोली- धत, मेरी तो अभी मोनिका दीदी से छोटी ही हैं.
मैंने कहा- नहीं, तेरी बड़ी हैं.
वो बोली- नहीं, मेरी छोटी हैं दीदी से!
मैंने कहा- लगी शर्त? तेरा बड़ी हैं. अगर तेरी छोटी हुआ तो 500 रुपये तेरे. अगर बड़ी हुई तो तू मुझे 500 रूपये देगी. बोल मंजूर है?
वो बोली- हाँ, मंजूर है. दीदी जरा खोल कर दिखा तो अपनी चूची?
मोनिका तो नंगी थी ही. उसने अपनी चुनरी हटाई, अन्नू ने देखा तो कहा- अरे, तू तो पहले से ही नंगी है?
मोनिका ने कहा- जीजू मेरे चूची का साइज़ नाप रहे थे. अच्छा, अब तू भी खोल कर दिखा.

अन्नू बिना समय गंवाए अपने हाथ नीचे कर के अपनी चूचियाँ मेरे सामने लाकर खड़ी हो गई. यूँ तो वास्ताव में अन्नू की चूचियाँ मोनिका से छोटी थी. लेकिन मैं तो सिर्फ उसकी चूची को देखने के लिए इतना ड्रामा कर रहा था. उसकी चूची भी मस्त थी.
मैंने कहा- ऐसे तो पता नहीं चल रहा है, हाथ से नाप कर ही पता चलेगा.
अन्नू मेरे पास आई और बोली- तो ठीक है. हाथ से नाप कर ही देख लीजिये और बताइए किसकी चूची बड़ी है और किसकी छोटी?

मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसकी चूची को मसलने लगा. मेरे लंड का हाल बुरा हो रहा था. थोड़ी देर उसकी चूची मसलता रहा. अन्नू की आँख बंद हो गई थी, उसे भी काफी आनन्द आ रहा था.
उसने धीरे से कहा- जीजू अब बताइए न किसकी चूची बड़ी हैं और किसकी छोटी?

मैं भी कम बदमाश ना था, मैंने कहा- अंदाज़ ही नहीं मिल रहा है, दोनों बहनों की चुचियों को एक साथ छूना होगा. मोनिका इधर आ, तू भी मेरे गोद में बैठ जा.
मोनिका भी सिर्फ पेंटी पहन कर मेरी गोद में बैठ गई. अब मैं दोनों की चूचियाँ मसल रहा था. दोनों ही हल्की-हल्की सिसकारी भर रही थी.
फिर मैंने कहा- ऐसे पता नहीं चलेगा. मुँह में चूस कर पता चलेगा.

मैंने दोनों को बिस्तर पर सटा कर लिटा दिया. और बारी बारी से दोनों की चूचियाँ चूसने लगा. दोनों को अपनी चूचियाँ चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.
मैंने कहा- दोनों की 19-20 ही हैं. अच्छा यह बताओ कि तुम दोनों में से किसकी चूत पर बाल अधिक हैं?
मोनिका ने कहा- जीजू, खुद ही हमारी पेंटी खोल के देख लो ना!

कहानी जारी रहेगी.
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मेरी पत्नी की बहनें-2

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