पति को हिंसक सेक्स से खुश करने की कोशिश -3

(Pati Ko Brutal Sex Se Khush Karne Ki Koshish - Part 3)

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पाठको, आपने अभी तक पढ़ा कि मैं अपने पति के साथ उनकी विकृत मानसिक स्थिति का इलाज करने के लिए एक डॉक्टर की राय मान कर सेक्स का एक तरीका ‘ब्रूटल सेक्स’ का प्रयोग कर रही थी और उसी क्रम में मैं आज रात उनके साथ पेश आ रही थी।
अब आगे..

मुझे इतना गुस्सा आया कि मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और उन्हें बेल्ट से मारना शुरू कर दिया, उनके चूतड़ एकदम लाल हो गए।

वो रोने लगे.. फिर मैंने उनके गालों पर तीन-चार थप्पड़ मारे और उन्हें फिर से बिस्तर पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ कर दोबारा लंड को पूरा उनकी गाण्ड में घुसेड़ दिया। हालांकि वो मुझसे ताक़त में काफ़ी ज़्यादा थे.. लेकिन फिर भी वो अपनी ताक़त यूज नहीं कर रहे थे.. इसी से मैं समझ गई कि अगर ये ताक़त का प्रयोग करते.. तो मैं कभी भी यह सब नहीं कर पाती।

लेकिन क्योंकि वो भी कई सालों से यही सब करवाना चाहते थे.. इसीलिए वो ताक़त का प्रयोग नहीं कर रहे थे। वैसे भी इस बार उन्हें दर्द नहीं होना था.. क्योंकि मैंने सुन्न कर देने वाली क्रीम जो लगाई थी।
मैंने पूरी ताक़त से और फुल स्पीड में चुदाई शुरु कर दी। बस इतना समझ लीजिए कि इस बार की चुदाई इतनी ख़तरनाक और जबरदस्त थी कि अगर मैंने क्रीम ना लगाई होती तो शायद इतना भयंकर दर्द होता कि ये किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर पाते।
उनकी गाण्ड से पोटी निकलने लगी.. लेकिन क्योंकि थोड़ी ही देर में उनकी गाण्ड पूरी सुन्न हो गई थी.. इसलिए उन्हें इसका एहसास नहीं हुआ।

वो बोले- क्या हुआ लंड क्यों निकाल लिया?

मैं समझ गई कि अब चाहे इनकी गाण्ड में चाकू ही घुसेड़ दो.. इन्हें पता नहीं चलेगा।

बस मैं अपनी पूरी ताक़त और फुल स्पीड में उनकी गाण्ड मारती रही। लगभग आधे घण्टे में ही मैं बुरी तरह से थक गई.. फिर मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेट गई और इन्हें मेरे नकली लंड पर बैठा लिया। अब मैं रोहित से ही उसकी गाण्ड चुदवाती रही। कभी मेरी तरफ पीठ करके और कभी मेरी तरफ मुँह करके वो भी अपनी गाण्ड ठुकवाता रहा।

अंत में मैंने एक बार फिर इन्हें कुत्ता बनाकर बहुत बुरी तरह से चोदा और उसके बाद लंड बाहर निकाल लिया और देखा कि मेरे लंड पर बहुत सारा खून लगा हुआ है और उनकी गाण्ड से भी पोटी और खून बह रहा है। मैंने सब कुछ ठीक से साफ़ करके थोड़ी सी एंटीबायोटिक क्रीम एक कॉटन में लेकर उनकी गाण्ड में भर दी.. पर उन्हें यह सब नहीं बताया।
मैं जानती थी कि 3-4 घंटों के बाद जब सुन्न वाली दवा का असर ख़त्म होगा.. तब इनकी हालत बहुत खराब होने वाली है।

अब वक़्त था मेरी बुर की आग शांत करने का.. जो रात भर से चुदाई के लिए तड़प रही थी।
मैंने उनको सीधा किया और उनका लंड चूसने लगी। जल्दी ही उनका लंड खड़ा हो गया। मैं उनके ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत को उनके लंड पर सैट किया और एक ही झटके में उनका लंड जड़ तक अपनी चूत में ले लिया। मुझे एक जबरदस्त शांति मिली.. आख़िर मैं भी पिछले 3-4 महीनों से चुदाई के लिए तड़प रही थी।
मैं उनके लंड पर कूदने लगी.. मैं आज इतनी खुश थी कि मैं बता नहीं सकती।

मैं जल्दी ही थक गई और उनसे एक मस्त चुदाई की रिक्वेस्ट की। फिर वो मेरे ऊपर आ गए और उन्होंने मेरी इतनी मस्त और जबरदस्त चुदाई की.. जो मैं शब्दों में बता नहीं सकती।
जब उनका स्पर्म मेरी चूत में निकला तो मुझे इतनी शांति और सुकून मिला.. जो शायद इस दुनिया की और किसी चीज़ में नहीं है। मैंने कसकर उनको अपनी बाँहों में जकड़ लिया और पागलों की तरह उन्हें किस करने लगी.. उनके फेस को चाटने लगी।

उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया। काफ़ी देर तक हम यूँ ही एक-दूसरे को जकड़ कर प्यार करते रहे..
शायद ये पल मेरी ज़िंदगी के सबसे हसीन पल थे जिन्हें मैं खोना नहीं चाहती थी क्योंकि आज की इस रात मैंने वो सब कुछ किया था.. जिसके बारे में मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी।

फिर मैं उठी और उनको एक पेन किलर टैबलेट दी.. जिससे उन्हें ज़्यादा दर्द ना हो। वो दवा लेकर फिर सो गए.. उनके सोने के बाद मैंने उनके पूरे बदन पर जहाँ-जहाँ बेल्ट से मारा था.. नाखूनों से नोंचा था और दाँत से काटा था.. सभी जगह दवा लगाने लगी।
उनके जख्मों को देखकर मेरी आँखों से आँसू बहने लगे और मैं फूट-फूट कर रोने लगी कि आख़िर मैंने यह क्या कर दिया।

मुझे अपनी इस हरकत पर अपने आप से इतनी तकलीफ हो रही थी कि मैं शब्दों में बता नहीं सकती।

फिर मुझे भी रोते-रोते नींद आ गई। जब नींद खुली तो एक बज चुके थे.. फिर भी मैं सो गई। शाम के 4 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि रोहित भयंकर दर्द से बुरी तरह तड़प रहे हैं और वो पोटी भी नहीं कर पा रहे हैं। मैंने हॉट वॉटर से उनकी गाण्ड की 3 दिनों तक खूब सिकाई की और दवा लगाई.. तब जाकर उन्हें आराम हुआ और वो ठीक हो पाए।

आज ज़िंदगी में पहली बार वो मुझसे इतना खुश थे कि बताना मुश्क़िल है, वो बोले- आज तुमने मेरी सबसे बड़ी तमन्ना पूरी की है।

अब उनका नेचर मेरे साथ पूरी तरह से बदल चुका था, वो मुझे इतना प्यार कर रहे थे.. जितना शायद कोई पति अपनी पत्नी से नहीं करता होगा।
मैं हमेशा सोचती हूँ क्या ये सब मैंने ठीक किया.. क्या मुझे ऐसा करना चाहिए था.. क्या इस दुनिया में ऐसे अजीब शौक रखने वाले मर्द भी हैं जिनकी जरूरतें इतनी ख़तरनाक हैं। उन्हें हर महीने 1-2 बार ऐसा ही ब्रूटल सेक्स चाहिए.. आख़िर क्यों रोहित को यह सब चाहिए..? मैंने बहुत सोचा लेकिन आज तक मुझे इसका जवाब नहीं मिला।

खैर.. अब तो मैंने भी अपने आपको उनके अनुसार बदल लिया है। अब मैं महीने में 2 बार ऐसा उनके साथ ज़रूर करती हूँ और कोशिश करती हूँ कि इस दौरान ज़्यादा से ज़्यादा ब्रूटल बनूँ और हर बार कुछ नया और अलग करूँ। ऐसा करने से मुझे इंटर्नली बहुत तकलीफ़ होती है क्योंकि मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ.. लेकिन क्या करूँ मजबूर हूँ बगैर ऐसा किए हमारी ज़िंदगी में खुशी नहीं आ सकती।

वैसे भी अब अक्सर मैं उन्हें सताती रहती हूँ.. कई बार उन्हें परेशान करने के लिए में खूब उनका लंड चूसती हूँ और जैसे ही उनका स्पर्म निकलने वाला होता है.. चूसना बंद कर देती हूँ। तब वो मुझसे एक बार चोदने देने की कुत्ते की तरह भीख माँगते हैं। सच मुझे उन्हें यूँ चुदाई की आग में जलाने और तड़पाने में बहुत मज़ा आता है। थोड़ी देर उन्हें तड़पने के बाद सच्ची उनसे चुदवाने में बहुत मज़ा आता है।

मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा.. बस अब हमारी ज़िंदगी यूँ ही बहुत मज़े में कट रही है।

अक्सर वो भी मेरी गाण्ड मारते हैं.. कभी-कभी तो खुद रबर का लंड पहन कर.. एक साथ दो लंड मेरी गाण्ड और चूत में घुसा देते हैं। दर्द भी बहुत होता है.. लेकिन क्या करूँ उनके बेपनाह प्यार के कारण दर्द भी सह लेती हूँ और वैसे भी अब धीरे-धीरे इन सबकी आदत मुझे भी पड़ती जा रही है।

क्योंकि अगर अपने पति को खुश रखना है और उनका प्यार पाना है तो इतना तो सहना और करना ही पड़ेगा।

अंत में बस इतना ही कहूँगी कि हो सकता है इस दुनिया में मेरे रोहित के जैसी चाहत रखने वाले काफ़ी मर्द होंगे.. अगर आपमें से किसी के भी पति ऐसे हैं.. तो देर मत कीजिए तुरंत यह सब करना स्टार्ट कर दीजिए.. कहीं ऐसा ना हो कि आप सोचती रहें और बहुत देर हो जाए!

और हाँ एक बात का ज़रूर ध्यान रखिएगा कि इस स्टोरी में लिखे गए एक भी स्टेप को भूल से भी मिस मत कर दीजिएगा और ज़रा सी भी दया ना करते हुए एकदम जानवर बन जाइए.. वरना शायद कभी भी आपके पति आपके नहीं हो पाएंगे और आपके बीच की दूरियां कभी भी ख़त्म नहीं हो पाएंगी.. इसलिए इस स्टोरी के हर एक शब्द को 100-100 बार बड़े ध्यान से पढ़िएगा और हर एक चीज़ को एक एग्जाम की तरह याद कर लीजिएगा।

ज़िंदगी यही है दोस्तो.. बस सामने वाले की हर ज़रूरत और खुशी का ख़याल रखिए और हर पल सेक्स में कुछ नया ट्राई करते रहिए और हाँ एक लास्ट बात यह कि ब्रूटल सेक्स की जो मर्दों की डिमाँड होती है.. उनकी यह मांग उधर दम तोड़ देगी.. जहाँ आप 5-7 बार बहुत ज़्यादा ब्रूटल बन कर पूरी तरह से उनके साथ पेश आएंगी.. लेकिन अगर आप बहुत ज़्यादा ब्रूटल ना बन पाएं.. तो यह मांग कभी भी ख़त्म नहीं हो पाएगी।

रोहित के साथ तो मैंने सिर्फ़ 4 बार ही ऐसा ब्रूटल सेक्स किया और इस बात को आज 8 महीने हो गए हैं.. अब वो कभी भी ब्रूटल सेक्स का नाम भी नहीं लेते हैं। क्योंकि मैंने जो 4 बार सेक्स किया था वो रियली इतना ज़्यादा ब्रूटल था कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते। अब यह आप पर निर्भर है कि आप कितनी ब्रूटल बन सकती हैं।

मेरा आप सभी से सिर्फ़ एक ही सवाल है क्या मैंने जो किया और जो मैं यह सब कर रही हूँ.. क्या यह सही था..? क्या मुझे यह सब करते रहना चाहिए था..? प्लीज़ मुझे रिप्लाई ज़रूर कीजिएगा।
मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा..
ओके दोस्तों बाय..
आपकी पूनम शर्मा
[email protected]

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