ग्रुप सेक्स के नए जोड़ीदार-5

(Group Sex Ke Naye Jodidar- Part 5)

सनी वर्मा 2016-08-31 Comments

This story is part of a series:

अपने पति के दोस्त से चुद कर मुझे बहुत मज़ा आया था और मैं खुद को नीता से कम भाग्यशाली नहीं मान रही थी।

और सच बताऊँ तो अब मेरे मन में एक बार विकास का लंड भी खाने की इच्छा हो रही थी।

मेरा बेटा स्कूल से आ गया था।
उधर मेरी मम्मी भी कहती थी कि बेटे को पढ़ने उन्हीं के पास भेज दूँ।
मेरा बेटा भी नानी से खूब हिलमिल गया था।

आज की बिजनेस डील की कामयाबी और उसके बाद मिले समीर के लंड से मेरे मन मैं भी यही आ रहा था कि बेटे को मम्मी के पास भेज दूं। सोचा, चलो सनी से पूछूंगी, वो शायद ही तैयार हो क्योंकि वो बेटे से बहुत प्यार करता है।

हम दोनों खाना खाकर सो गए।

मेरी आँख तीन बजे खुल गई… चूत फिर प्यासी हो रही थी… मैंने समीर को फोन किया और एक लम्बा किस दिया।
समीर बोला- जानू प्लीज सनी को मत बोलना… पर अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊँगा।

हम दोनों ने पौना घंटा फोन पर बातें की।
शाम को डिनर पर मिल ही रहे थे इसलिए फोन रखा।

सनी फैक्ट्री से सात बजे आया, चाय पीकर दोनों बाप बेटे खेलते रहे।
मैंने बेटे को पट्टी पढ़ा रखी थी कि वो अपने पापा से नानी के पास जाने की जिद करे।
और वही हुआ, बेटा सनी से नानी के पास जाकर वहीं पढ़ने को कहने लगा, सनी ने मना कर दिया।
मैंने भी सोचा कि देखते हैं।

नहा धोकर हम लोग डिनर पर गए, वहाँ लिफ्ट में बेटे ने जाने से मना कर दिया, वो और सनी एस्केलेटर्स से गए और मैं और समीर लिफ्ट से!
लिफ्ट में हमारे होंठ मिल गए और समीर के हाथ मेरे मम्मे दबाने लगे।

लिफ्ट रुकते ही समीर ने अपना रूमाल निकला और अपने होठों से मेरी लिपस्टिक साफ़ की… हम हंसते हुए बाहर आये।
सनी ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- समीर मुझे छेड़ने की कोशिश कर रहा था।

इस पर सनी बोला- यार अगर न छेड़ पाया हो तो एक बार और कोशिश कर ले… सच बहुत गर्म माल है मेरी बीवी…
हम तीनों हंस पड़े और सामने रेस्तराँ में घुस गए।

टेबल पर समीर अपने पैर से बार बार मेरी साड़ी उठाने की कोशिश कर रहा था। सनी की निगाह बचाकर कर उसने अपनी स्पून मेरी स्पून से बदल ली और स्पून को चाटने लगा।

मेरी चूत तो गीली हो रही थी, मेरे दिमाग मैं एक आईडिया आ रहा था कि अगर प्रीति भी इस खेल में शामिल हो जाए और मैं भी विकास से चुद लूँ तो हम छह लोगों का ग्रुप बन जाएगा और चुदाई की ऐसी रासलीला हममें से किसी ने सोची नहीं होगी।

रात को सनी ने यह शर्त रखी कि आज बेड पर बिना कपड़ों के ही जायेंगे।
मगर बेटा सो नहीं रहा था।

मैं कॉफ़ी बना लाई और सोफे पर बैठे सनी की गोद मैं पसर गई।
मैंने फ्रॉक पहना था और नीचे कुछ नहीं था।

सनी की उंगली चूत में पहुँच गई और वो मुस्कुरा कर बोला- आज तो शब्बो पूरी तैयार है।
सनी मेरी चूत को शब्बो कहता था और मैं उसके लंड को रुस्तम।

सनी बोला- कहीं यह समीर को देखकर तो चिकनी नहीं हो रही?
मेरी चोरी पकड़ी गई… पर मैं बोली- रुस्तम के आगे दुनिया का कोई पहलवान नहीं टिक पायेगा। आज बहुत मूड है, पर ये सो नहीं रहा है।

सनी का भी मूड बना हुआ था पर बेटे की मजबूरी थी।
मैंने सनी को प्यार से कहा- सुनो, बेटे को इसकी नानी के पास भेज देते हैं… वहाँ भी तो घर ही है। यहाँ मैं तुम और नीता भरपूर मौज लेंगे और प्रीति को आने दो शायद समीर भी तैयार हो जाए।

मैंने उसे दोपहर का किस्सा कुछ नहीं बताया। नीता का नाम सुनकर और यह सुनकर कि प्रीति भी इसमें जुड़ सकती है, सनी का लंड तूफ़ान मचाने लगा और उसने बेटे को नानी के पास भेजने की हाँ कर दी।

मैं और बेटा ख़ुशी से कूदने लगे, मैंने बेटे से कहा- जल्दी सो जाओ वरना पापा नहीं भेजेंगे।

वो बेचारा फटाफट सो गया और हमारे कपड़े केले के छिलके जैसे उतर गए और मैं नंगी ही सनी की पीठ पर लटक गई।
सनी ने मेरी दोनों टांगें अपने पेट पर लपेट ली और मुझे लेकर बेड पर गया।

आज तो बेड की भी शामत आई हुई थी, उसके सारे पेंच तो समीर और मेरी घमासान चुदाई में ढीले हो गए थे और रात भी रंगीन होने को थी।

मुझे चिपटा कर सनी ने पूछा- समीर का कैसा लगा?
मैंने पूछा- क्या कैसा लगा?
सनी मेरे निप्पल मसलते हुए बोला- उसका लंड?
मैंने भी रो मैं कह दिया- दिलवा दो तब बताऊंगी कैसा लगा।

सनी मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चिकनी चूत में घुसा कर बोला- सुन, तू समीर को पटा ले और अपनी गर्म चूत उसे दे दे ताकि वो भी प्रीति की चूत मुझे दिलवा दे।

मैंने ड्रामा करते हुए कहा- नहीं, मुझे तुम्हारे अलावा किसी और से नहीं चुदना। मुझे जितना मजा तुम देते हो, और कोई नहीं दे पायेगा।
अब सनी मुझे चोदते हुए बोला- नहीं मेरी जान, नए लंड और नई चूत से बड़ा मजा आता है। तू एक बार कर के तो देख!
मैंने कहा- अभी नहीं, प्रीति को आ जाने दो, देख लें वो कैसी है तब सोचेंगे। कहीं ऐसा न हो कि समीर मुझे तो चोद ले और अपनी बीवी के नाम पर मना कर दे और इस बीच मैं भी समीर से नजदीकी बढ़ा लेती हूँ।

अब मैंने सोचा कि क्या करूँ जो नीता और सनी खुद मुझे विकास के लंड के लिए जोर दें।
मैंने सनी से कहा- तुम्हें नहीं लगता कि कभी अगर विकास को मालूम पड़ गया तुम्हारे और नीता भाभी के बारे में, तो नीता भाभी को दिक्कत हो जायगी?

अब सनी क्या बताता कि विकास ने खुद ही तो नीता की चूत उसे दिलाई है।
पर अगले दिन सनी ने नीता को फोन करके कहा कि रोमा तैयार है, उसे विकास का लंड से ठुकवा दो।
नीता बड़ी खुश हुई।

नीता ने रात को बेड पर विकास से कहा- तुम्हें एक चूत और दिलवा दूं वो भी गर्म गर्म तो कैसा रहे?
यह सुन कर विकास ने जबाब तो नहीं दिया पर अपना लंड पूरा घुसेड़ दिया नीता की चूत में और उसके मम्मों को जोर से दबाते हुए बोला- अब किसकी चूत पर चढ़ आई हो?

विकास बोला- मैं तुम्हें अच्छे से जानता हूँ, तुम जरूर किसी चूत से लेस्बियन हुई होगी और अब उसकी गर्मी मेरे लंड से शान्त करना चाहती हो।

नीता बोली- हाँ, बात तो बिल्कुल यही है।

नीता ने रोमा का नाम लिया तो रोमा का नाम सुनते ही विकास के धक्के बढ़ गए, क्योंकि रीमा की मटकती गांड का दीवाना था वो!
नीता और सनी ने दो दिन बाद का सनी के घर पर ही डिनर कम कॉकटेल का प्रोग्राम बनाया।

इस बीच सनी और रोमा अपने बेटे को उसकी नानी के पास छोड़ आये थे।
अगले दिन नीता अपने और रोमा के हाथों और पैरों मैं मेहंदी लगवा लाई थी।

रोमा ने पूछा- क्यों लगवा रही हो?
तो नीता ने हंस कर कहा- तेरी सुहागरात की तैयारी जो हो रही है।

तय दिन पर रात को विकास और नीता सनी और रोमा के घर पर आये।
दिन में नीता ने एक बैग रोमा को भिजवाया था कि इसमें नीता और विकास के कपड़े हैं।

रोमा समझी नहीं, पर जब शाम को सनी घर आया तो उसने बताया कि नीता ने पार्टी का ड्रेस कोड रखा है कि लड़कियाँ बिना ब्रा पेंटी के सिर्फ फ्रॉक पहनेंगी और लंड वाले मतलब लड़के लुंगी कुरता।

और चूंकि ये कपड़े पहन कर विकास नीता घर से नहीं आ सकते थे इसलिए उन्होंने अपने पहनने के कपड़े पहले भेज दिये।

कहानी जारी रहेगी।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top