सुहागरात में चूत चुदाई-1

(Suhagraat Me Chut Chudai-1)

जूजाजी 2015-01-04 Comments

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प्रिय पाठको, ये कहानी मुझे किसी ने भेजी थी मैं सिर्फ इसका सम्पादन किया है।
आप लेखक की जुबानी ही इस कहानी का आनन्द लीजिए।

मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी उम्र 24 वर्ष की है। मैं काफ़ी आकर्षक हूँ।

मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे माता-पिता और मेरी बड़ी बहन है, जिसकी शादी हो चुकी थी और वो अपने पति के साथ बहुत खुश है।
मैं अपने बारे में बता दूँ।

मेरी उँचाई करीब 5’9″ है और मैं कसरती बदन का मलिक हूँ।

मैंने अपने लौड़े की भी खूब मालिश की है और मेरा लंड करीब 7″ लम्बा और करीब 3″ मोटाई वाला है।

मेरे दोस्तों ने मेरे लंड को देखा है और वो भी ताज्जुब करने लगते हैं और कहते हैं कि यार तेरा लंड बहुत ही मोटा और लम्बा है.. पता नहीं तेरी पत्नी झेल भी सकेगी या नहीं।

वैसे मैं भी बहुत ही सेक्सी हूँ।

कहानी अब से दो साल पहले की है तब मैं 22 साल का था।
ग्रेजुएशन के बाद मेरी नौकरी भी लग गई और मैं कमाने लगा।
मेरे घर वालों ने मेरी शादी की बातचीत शुरू कर दी।

मेरा मन चुदाई करने को बहुत करता है.. पर मैंने अब तक किसी से सम्भोग नहीं किया था।

हाँ.. कुछेक ब्लू-फ़िल्में देखी थीं और मम्मी-पापा की चुदाई भी कई बार देख चुका था।

मेरे पापा का लौड़ा भी मेरे जैसा ही है।

मेरी माँ को वो अब तो हफ्ते में एक-दो बार ही चोदते हैं.. पर जब भी वो चोदते हैं.. तो सुबह मम्मी ठीक से चल भी नहीं पातीं।

मुझे भी चुदाई की बहुत इच्छा होती थी.. पर अब तक किसी से चुदाई नहीं कर पाया था।

मैं सोचता था कि जो मज़ा बीवी को चोदने में है.. वो किसी और में नहीं है।
इसलिए मैंने अब तक मूठ मार कर ही काम चलाया था..
पर मेरा पानी भी बहुत देर में छूटता था.. इतनी देर में कि मूठ मारते-मारते मेरा हाथ तक दुखने लग जाता।

मेरे घर वालों ने दो-तीन जगह लड़की देखने के बाद मेरे पापा के एक दोस्त के परिवार में मेरा रिश्ता तय कर दिया।

अब मैं आपसे मेरी ससुराल वालों का परिचय करवा दूँ।

मेरे पापा के दोस्त दिनेश अंकल का काफ़ी अच्छा कारोबार था।
वो लोग यहीं पास नोएडा में ही रहते थे।

दिनेश अंकल की मौत करीब 5 साल पहले हो चुकी थी।
उनके परिवार में उनकी पत्नी ओर दो लड़कियाँ थीं।
छोटी वाली लड़की नीलम उम्र 18 साल और बड़ी रिंकी उसकी उम्र 20 साल की थी।
रिंकी की शादी 2 साल पहले हुई थी, पर वो अपने पति से और सास से झगड़ा करके वापस आ गई थी।

दिनेश अंकल की पत्नी यानि नीलम की मम्मी की मौत तो दस साल पहले ही हो चुकी थी और दिनेश अंकल ने रूपा नाम की एक टीवी मॉडल से शादी कर ली थी।

वो निहायती खूबसूरत और सेक्सी थी.. बिल्कुल परी जैसी…

वैसे नीलम भी बहुत ही सुन्दर थी।

मैंने देखते ही उसे पसंद कर लिया और तुरन्त ही हमारी शादी कर दी गई।

मेरी पहली रात बहुत ही खराब रही..
मैंने जैसे ही उसके कपड़े खोलने लगा..
उसने मुझे रोक दिया क्योंकि वो सम्भोग के बारे में ज़्यादा कुछ जानती नहीं थी।

वैसे मेरी बहन ने उसे पहले ही सब बता दिया था कि मर्द अपना लंड उसकी फुद्दी में डाल कर चोदता है..
पर जब मैंने अपना लौड़ा उसे थमाया और उसने जब उसे देखा, तो वो रोने लगी।

वो रोते हुए बोली- इतना बड़ा डंडा.. भला मैं कैसे ले पाऊँगी.. मेरी तो फट ही जाएगी।

मैंने उसे बहुत समझाया..
पर वो नहीं मानी।
मुझे बड़ा गुस्सा आया क्योंकि हर मर्द चाहता है कि उसकी बीवी उससे प्यार से चुदवाए।

खैर.. फिर मैंने सोचा.. चलो इसे धीरे-धीरे प्यार से समझा लूँगा।

दो दिन तक मैंने बहुत प्यार से मनाया… पर वो मानने को तैयार नहीं थी।

फिर मैंने थोड़ी ज़बरदस्ती भी की, पर वो तैयार नहीं हुई और मैं उस पर ज़्यादा ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं करना चाहता था।

मैं उसके जिस्म का एक भी अंग नहीं देख पाया था.. हाँ, ऊपर से ही उसकी चूत और मम्मों को ही सहला पाया था।

तीसरे दिन ही वो तैयार हो कर कहने लगी- तुम बहुत परेशान करते हो… मुझे अपने घर जाना है।

मेरी बहन और माँ ने उसे बहुत समझाया.. पर वो रोने लगी।

मम्मी ने कहा- बेटा.. इसे ले जा अपने ससुराल में छोड़ दे और अपनी सास को समझा देना कि इसे कुछ सिखा कर भेजे।

माँ भी बहुत गुस्से में थीं.. वो भी जान चुकी थीं कि मैंने अब तक सुहागरात नहीं मनाई है।

मैं भी गुस्से में था.. मैं उसे लेकर अपनी ससुराल नोएडा उसे छोड़ने के लिए चला गया।

वहाँ अपनी सौतेली माँ को देख कर वो उससे लिपट गई और रोने लगी।

मैं अन्दर आकर मेरी बड़ी साली रिंकी से बातें करने लगा।

वो दोनों माँ-बेटी आपस में क्या बातें कर रही थीं वो तो नहीं जान पाया, पर उसने अपने हाथ से नाप बताते हुए मेरी ओर इशारा किया तो मैं समझ गया कि यह मेरे औजार के बारे में बता रही है।

मैं उसे छोड़ कर जाने लगा तो मेरी सास ने कहा- दामाद जी.. दो दिन यहीं रुक जाओ.. वैसे भी ऑफिस से तुमने छुट्टी ले ही रखी है। मैं तब तक नीलम को भी सब समझा दूँगी।

मेरी सास मेरी ओर अजीब नज़रों से देखते हुए मुस्कुरा दी।

मेरी सास की इस अदा से मैं हँस पड़ा और मेरा औजार अकड़ने लगा।

वैसे भी वो अपने वक़्त की ब्यूटी-क्वीन थी और अब भी उनकी उम्र ही क्या थी.. सिर्फ़ 30 साल.. पर देखने में वो बिल्कुल मेरी साली रिंकी की ही उम्र की लगती थी।
उस वक़्त ही मेरे मन में आया.. काश इसकी चूत ही चोदने को मिल जाए तो इसकी चूत का भोसड़ा बना दूँगा।

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फिर उन्होंने रिंकी को बुलाया और कहा- ले जा.. अपनी बहन को और इसे कुछ समझा।

वो दोनों बहनें अपने कमरे में चली गईं।

मैं फ्रेश हो कर आया और फ्रिज से जैसे ही बोतल निकाली.. तो मैंने देखा उसमें बियर के टिन रखे हुए थे।
मैं सोचने लगा.. ये कौन पीता होगा..!
कोई मर्द तो यहाँ है ही नहीं.. पर ज़्यादा सोचे-बगैर मैंने अपनी सास रूपा देवी से कहा- मैं अपने दोस्तों से मिल कर लौट आऊँगा।

वो बोली- ठीक है।

मैं वहाँ से निकल कर अपने कुछ दोस्तों से मिलने चला गया।

शाम करीब 8 बजे मैं लौट आया… साथ ही में बियर के कुछ टिन और एक वैट 69 की बोतल ले आया।

मैं जब वापस आया तब नीलम और रिंकी घर पर नहीं थीं।
वो कहीं अपनी सहेली के घर गई हुई थीं।

मेरी सास रूपा मेरा इंतजार कर रही थीं।

मेरे आते ही उसने बियर वग़ैरह ले लीं और बोलीं- खाना कब तक खाओगे?

मैंने कहा- नीलम और रिंकी ने खा लिया?

वो बोलीं- वो दोनों अपनी सहेली के घर गई हुई हैं.. वहीं रुकेंगीं.. उधर उसके भाई की शादी है।

मैंने चुप रहा।

फिर रूपा बोली- मैंने फ्राइड-चिकन और मटन बनाया है.. कहो तो ले आऊँ?

मैंने कहा- ठीक है ले आओ… साथ मिल कर कुछ खा लेते हैं।

उसने खाना लगाया और मेरे लिए गिलास ले आई।

मैंने कहा- रूपा जी.. आपको भी मेरा साथ देना होगा।

वो मना करने लगी- मैं.. ना..आ.. बाबा नाआ…

मैंने कहा- अब ज्यादा बनो मत.. मैं फ्रिज में बियर के टिन देख चुका हूँ.. और जब पीती हो तो मेरे साथ पीने में क्या हर्ज है… आओ ना.. मज़ा आएगा।

फिर वो मान गई और बोली- ठीक है मैं अभी आई।

वो थोड़ी देर में वापस आ गई.. मगर अब नज़ारा बदल चुका था।

उन्होंने अपनी साड़ी उतार कर एक नाईटी पहन ली थी।
सासू जी का गोरा रंग उसमें बहुत ही खिल रहा था।
उनकी चूचियाँ जिनकी साइज़ 36-38 है.. बड़े ही उभार के साथ दिखाई दे रही थीं।

उनकी नाईटी का गला काफ़ी बड़ा होने से उसमें से उनकी अन्दर की काली ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी।

अब उस कमरे में सिर्फ़ मैं और मेरी सासू जी ही थीं।

मैंने उनके लिए ड्रिंक बनाया और साथ खाना खाते हुए ड्रिंक करने लगे।

करीब 3 टिन हम दोनों ने खाते हुए पूरे खत्म किए।

खाने के बाद जैसे ही सासू जी मुझसे बातें करने लगीं.. मैंने उनको पहली रात वाला किस्सा सुनाया तो वो दंग रह गईं।

वो बड़े ही प्यार से मुझसे बात कर रही थीं।

मैंने उनको जब यह बात बताई तो पहले थोड़ी सी घबराईं.. मगर बाद में हँसने लगीं।

मुझे उनके बर्ताव पर बहुत ही गुस्सा आने लगा था।

मैंने दो पैग बनाए और उसमें 69 डाली.. उन्होंने पीते हुए धीरे से मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और बोली- जाने दो ना राज.. नई कली है.. अभी तक किसी से चुदवाया नहीं है ना.. इसलिए लंड का मजा जानती नहीं है।

मैंने कहा- पर उसकी बड़ी बहन तो शादीशुदा है.. वो तो जानती थी।

वो थोड़ा नर्वस हो कर बोली- नहीं वो भी लंड का मज़ा लिए बगैर ही आ गई है।

मैंने कहा- वो क्यों?

तो वो बोली- शादी की पहली रात को ही उसका पति कारगिल चला गया था.. और अब तक नहीं आया.. उसने भी सिर्फ़ उसे नंगा ही किया था और फोन आते ही वो चला गया.. तुम चिंता ना करो मैं उसको समझा दूँगी।

उनकी खुली बातें सुन कर मैं तो दंग रह गया।

उन्होंने फिर मुझसे पूछा- तुमने पहले कभी किसी को चोदा है?

मैंने कहा- नहीं.. केवल मूठ मारी है।

तो बड़े चाव से बोली- किसके लिए?

मैंने कहा- बहुत सी लड़कियों के लिए और औरतों के लिए.. और..

वो बोली- हाँ हाँ कहो ना… और?

मैंने कहा- एक बार तुम्हें याद करके भी…

और मैंने अपनी नज़रें झुका लीं।

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सुहागरात की चुदाई कथा जारी है।

 

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