जेठ के लंड ने चूत का बाजा बजाया-1

(Jeth Ke Lund Ne Chut Ka Baja Bajaya- Part 1)

सन्जू आर्यन 2019-11-13 Comments

This story is part of a series:

दोस्तो, कैसे हो आप सब? उम्मीद और भगवान से दुआ करता हूं कि आप सब ठीक होंगे और आगे भी ठीक रहेंगे. साथ ही मैं समझता हूं कि आगे भी अन्तर्वासना पर आप सबका प्यार और साथ बना रहेगा.

मैं आपका दोस्त संजू आर्यन, एक बार फिर से एक नई और सच्ची चुदाई की कहानी के साथ हाजिर हूं.

सबसे पहले मैं आप सभी पाठकों को दिल से धन्यवाद कहना चाहूंगा, जिन्होंने मेरी पिछली निम्नलिखित कहानियों को पढ़ कर अपना सुझाव और अपना प्यार मेल के द्वारा मुझ तक पहुँचाया.

तनहा औरत को परम आनन्द दिया
शादीशुदा भाभी की कुँवारी चूत
और
नखरीली मौसी की चुदाई शादी में
मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब आगे भी अपने विचार और सुझाव के रूप में अपना प्यार मुझे और मेरी लेखनी को देते रहेंगे.

दोस्तो, फिलहाल मैं अपने पाठकों के द्वारा साझा किए अनुभवों को कहानी के रूप में अन्तर्वासना के माध्यम से आप सब तक पहुंचा रहा हूं. आप सबसे विनती है कि जिसे मेरी लेखन कला पसंद आ रही है … और वो मुझसे मुझसे पर्सनली बात करना चाहते हैं, वो मुझे मेरे मेल आईडी पर मेल कर सकते हैं.

यह कहानी मेरी नहीं बल्कि जस्सी( काल्पनिक) की है. जस्सी से मेरी जानपहचान अन्तर्वासना की वजह से ही हुई थी. मेरी पिछली कहानी पढ़ कर जस्सी ने मुझे अपनी कहानी के बारे में बताया और उनकी कहानी सुनकर मुझे ऐसा लगा कि ये कहानी आप लोगों तक भी पहुँचनी चाहिए, इसलिए मैं जस्सी से इजाज़त लेकर उनकी इस सेक्स कहानी को अपने तरीके से आप तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा हूं …

शायद कुछ लोगों को ये कहानी काल्पनिक लगे, पर ये कहानी एक सच्ची कहानी है. इस बात की पुष्टि भी मैंने अपने तरीके से की. और पूरी तरह सन्तुष्ट होने के बाद ही मैंने कहानी को लिखना शुरू किया.
दोस्तो, किसी की पर्सनल लाइफ डिस्टर्ब ना हो, इसलिए मैं इस कहानी में सभी पात्रों और जगह के काल्पनिक नाम प्रयोग कर रहा हूं …

अब आगे की कहानी जस्सी की जुबानी सुनिए.

दोस्तो, मैं जस्सी हूं. मेरी उम्र 32 साल है, रंग गोरा, हाइट 5 फ़ीट 6 इंच है. भगवान ने मेरा चेहरा भी अच्छा खासा बनाया है. मेरी फिगर साइज 32 डी – 28 – 34 है. आप लोग अंदाज़ा तो लगा ही सकते हैं कि मैं दिखने में कैसी लगती हूं.

मैं अपने जेठजी के साथ उनके आफिस के कामों में मदद करती हूं.

कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सबको अपने फैमिली के सभी सदस्यों का परिचय दे देती हूं. आप मेरे बारे में तो जान ही गए हैं.

मेरे पति का नाम समीर है. उनकी उम्र 34 साल है, हाइट 5 फ़ीट 9 इंच, एकदम फिट बॉडी है. समीर मेरे लिए वो किसी हीरो से कम नहीं हैं. समीर ने एम बी ए किया है और अभी एक बड़ी कंपनी में मार्केटिंग मैंनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं.

मेरे पति के दो भाई हैं. बड़े भाई शेखर हैं, जिनकी उम्र 36 साल है. उनकी हाइट 5 फ़ीट 10 इंच है. उन्होंने खुद को बड़े अच्छे से मेन्टेन करके रखा है. मेरे जेठजी यानि शेखर भैया सी.ए. हैं और उनकी खुद की अपनी एक कंसल्टेंसी फर्म है.

जेठजी की पत्नी श्वेता यानि मेरी जेठानी जी, जिन्हें मैं भाभी ही कह कर बुलाती हूं. उनकी उम्र 34 साल, फिट और स्लिम बॉडी, रंग गोरा और साइज 34-30-34 का है. मतलब मेरी जेठानी जी भी एक भरे बदन ही आकर्षक महिला हैं. श्वेता भाभी हाउसवाइफ हैं और उनका एक डेढ़ साल का बच्चा है.

मेरा देवर सौम्य और देवरानी जानकी ने लव मैरिज की है. जबकि मेरी और श्वेता भाभी की अरेंज मैरिज हुई है.

मैंने पहली बार सेक्स अपनी सुहागरात के समय ही किया था. मेरे पति ने ही मेरे चूत की सील को तोड़ा और उस रात उन्होंने दो बार मुझे जम कर चोदा था. मैं आप सबको अपनी सुहागरात की कहानी बाद में बताऊंगी, अभी मैं अपने जेठजी से कैसे चुद गयी वो चुदाई की कहानी बताने जा रही हूं.

दोस्तो, यह घटना आज से करीब 2 साल पहले की है, जब मेरी जेठानी जी यानि श्वेता भाभी प्रेग्नेंट थीं और उनका छठा महीना चल रहा था. पहला बच्चा गर्भ में होने के कारण वो अपने मायके चली गयी थीं. मेरे पति काम के सिलसिले में 15 दिन के लिए ऑस्ट्रेलिया गए हुए थे और मेरे देवर देवरानी दोनों लंदन में प्रैक्टिस कर रहे थे.
मतलब इस घटना के 5-6 दिन पहले से घर में सिर्फ मैं और मेरे जेठजी ही थे.

यहां मैं आप सबको अपने घर का माहौल भी बताना चाहूंगी ताकि आप सब हालात समझ सकें. जैसा कि मैंने आप सबको पहले ही बताया कि मैं अपने जेठजी के आफिस में उनके कामों में मदद करती हूं और इस वजह से मैं उनके साथ काफी टाइम व्यतीत करती हूं. मेरा ये कहना गलत नहीं होगा कि 24 में 12 घंटे तो मैं अपने जेठजी के साथ ही होती हूं. हम सब, मतलब मेरे पति, जेठजी, जेठानी जी, देवर और देवरानी और मैं, जब सब घर में साथ में होते, तब हम सबके बीच मस्ती मज़ाक, एडल्ट जोक्स वगैरह सब चलता रहता है. फैमिली के सभी मेम्बर्स फ्रेंडली और खुले विचारों के हैं.

कभी कभार आफिस में काम के दौरान जेठजी का हाथ मेरे कूल्हों से भी टकरा जाता था, तो कभी उनकी कोहनी मेरे चूचों से लग जाती थी. मेरे जेठजी ये सब जानबूझ कर करते थे या अनजाने में . … ये तो मुझे नहीं पता था, पर उसके बाद जेठजी खुद ही शर्म महसूस करने लगते और मुझसे नजरें चुराने लगते, जिससे मुझे लगता कि शायद गलती से हो गया होगा.
मैं भी उन बातों पर ध्यान नहीं देती और अपने काम में लगी रहती.

सच कहूं तो दोस्तो, इतना टाइम साथ में रहने से और साथ में काम करने से मेरे दिल में जेठजी के लिए एक सॉफ्ट कार्नर बन गया था. वो कहते हैं ना कि एक मर्द और एक औरत जब काफी टाइम एक दूसरे के साथ बिताते हैं, तो उनके मन में सामने वाले के लिए कुछ ना कुछ फीलिंग्स तो आ ही जाती हैं. यही सब मेरे साथ भी हुआ था.
पर जेठजी का क्या हाल था, ये मुझे नहीं पता था.

जेठजी हमेशा की तरह ही रहते, उनके मन में क्या चलता, मैं कभी समझ ही नहीं पाती. ना ही कभी जेठजी ने ऐसी वैसी हरकत की, जिससे मैं कुछ समझ पाती … और ना ही कभी मेरे मन में जेठजी के साथ ऐसा कुछ करने का ख्याल आया था.

इसका एक कारण ये भी था कि हम दोनों के पास अपने शरीर की जरूरतों को पूरा करने का विकल्प मौजूद था. मेरे पति जब भी घर पर होते, तो ऐसी कोई रात नहीं होती … जिसमें मेरी चुदाई न होती हो. और सच कहूं, तो मेरे पति मुझे पूरी तरह संतुष्ट भी कर देते हैं. कभी कभी तो 2-2 बार चोदते हैं. मैं थक जाती पर मेरे पति नहीं थकते हैं. पता नहीं क्या खाकर आते और फिर मेरी चीख निकाल कर ही छोड़ते.

श्वेता भाभी से बातचीत में पता चलता कि जेठजी का भी वही हाल है, वो भी एक बार शुरू हो जाते, तो रुकने का नाम नहीं लेते. मतलब ये कि हम दोनों अपनी सेक्स लाइफ से खुश थे.

उस समय यही अगस्त सितम्बर का महीना चल रहा था. श्वेता भाभी को मायके गए यही कोई 15-20 दिन हुए थे और मेरे पति को ऑस्ट्रेलिया गए 5-6 दिन हुए थे. मेरा दिन तो आराम से कट जाता, पर रात को पति की याद सताने लगती. जिस चूत को रोज लंड का चस्का लगा हुआ हो … और लंड भी ऐसा जो चूत से पानी निकाल कर ही दम लेता हो. फिर उस चूत को लंड के बिना कैसे चैन पड़ता.

रात होते ही मेरी चूत में आग लग जाती और उस आग में घी का काम करता. मेरे पति का फ़ोन पर रोमांटिक बातें करना और मेरा अन्तर्वासना साईट की गरमगरम चुदाई की कहानी पढ़ना.

मैं आफिस से थोड़ा जल्दी चली आती क्योंकि मुझे खाना भी बनाना होता और घर पर पहुंच कर कामों के बीच अपने पति से बातें भी करती. जिनकी ज़िंदगी में किसी बात का टेंशन न हो और सब कुछ अच्छा चल रहा हो, तो वो अपने पति या पत्नी से कैसी रोमांटिक बातें करते हैं, ये आप सबको बताने की जरूरत नहीं है. आप सब ये तो जानते ही हैं … मेरा भी वही हाल था.

अक्सर पति से बातों के दौरान ही मेरी चूत गीली हो जाती … और रही सही कसर अन्तर्वासना पूरी कर देता. मैं घर या आफिस के कामों से जब फ्री होती, तब अन्तर्वासना पर कोई ना कोई कहानी पढ़ लेती.

उस दिन भी मैं आफिस से जल्दी निकल गयी, पर रास्ते में अचानक हुई बारिश की वजह से मैं भीग गयी. घर पहुंच कर मैंने तुरंत ही कपड़े बदले और जल्दी जल्दी में श्वेता भाभी की नाइटी को पहन लिया. जल्दी जल्दी में कहो या फिर जानबूझ कर … क्योंकि मुझे पता था कि भाभी 4-5 महीने से पहले तो आने वाली हैं नहीं … और कौन सा मैं रोज़ उनकी नाइटी पहनने वाली हूं. ये तो बस सामने दिख गई, तो पहन ली. मैं अपने कामों में लग गयी. कामों के दौरान पति से बातें भी हुईं और चूत कुछ ज्यादा ही गीली भी हो गई. क्योंकि उस दिन पति भी कुछ ज्यादा ही रोमांटिक हो रहे थे.

मैंने जैसे तैसे छोटे मोटे कामों को खत्म किया और घड़ी की तरफ देखा, तो 10 बजने वाले थे. मतलब जेठजी के आने का समय हो चुका था. पर अभी तक मैं खाना बना नहीं पायी थी.

मैं फटाफट खाना बनाने में लग गयी. थोड़ी ही देर में दरवाजा खुलने की आवाज आयी. मैं समझ गयी कि जेठजी आ गए … मुझे मालूम था कि जेठजी आने के बाद सीधा अपने बेडरूम में जाएंगे. फिर फ्रेश होकर हॉल में बैठकर टीवी देखेंगे. इसलिए मैं और जल्दी करने लगी.

अभी 5-7 मिनट ही बीता होगा और मैं रोटी बनाने में लगी हुई थी, इतने में किसी ने पीछे से आकर मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरी गर्दन को चूमते हुए आवाज आने लगी- ओह श्वेता … मेरी जान … मुझे पता था कि तुम भी मेरे बगैर नहीं रह सकती … जितना मैं यहां तड़प रहा था, उतना तुम भी तड़प रही होगी वहां! इसलिए तुम वापस आ गयी ना?
इतना बोल कर उन्होंने ने मुझे अपनी तरफ घुमा दिया.

आवाज से ही मैं पहचान गयी कि ये तो जेठजी हैं और शायद भाभी की मैक्सी की वजह से इन्होंने मुझे श्वेता भाभी समझ लिया. पर मेरे कुछ बोलने के पहले ही जेठजी शुरू हो गए और मुझे कुछ बोलने में मौका ही नहीं मिला.

मेरी और श्वेता भाभी की लगभग सेम हाइट और फिगर होने की वजह से पीछे से पहचाना थोड़ा मुश्किल है … और उस मुश्किल को भाभी की नाइटी ने और बढ़ा दिया था.

मुझ पर नज़र पड़ते ही जेठजी एकदम शॉक्ड हो गए … और मुझे छोड़कर पीछे हटते हुए अपनी झिझक दिखाने लगे.
जेठजी- ज..जस्सी, तुम?

इसके बाद जैसे जेठजी के होंठ सील से गए, वो पता नहीं किस कशमकश में उलझ से गए. मैं तो पहले से ही सुन्न पड़ गयी थी और चुपचाप सिर नीचे झुकाकर खड़ी थी. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ … क्या कहूं? और उनकी इस हरकत पर कैसे रियेक्ट करूं?

जेठजी का तो पता नहीं, पर मेरे दिमाग में यही सब चल रहा था … अभी मैं यही सब सोच ही रही थी कि इतने में जेठजी बोले- सॉरी जस्सी, मुझे लगा कि श्वेता वापस आ गयी है और उसे सरप्राइज देने के चक्कर में मैं तुमसे …
इतना कह कर जेठजी चुप हो गए. उसके आगे वो क्या कहना चाहते थे, मैं भी समझ गयी थी. हम दोनों अपनी जगह पर जम से गए थे … कुछ देर चुप रहने के बाद जेठजी ने फिर से बोलना शुरू किया.

जेठजी- आज ही बात हुई थी मेरी श्वेता से … और उसने बोला था कि आज वो मुझे सरप्राइज देगी … और पीछे से तुम्हें देखा, तो मुझे लगा कि वो यहां आकर मुझे सरप्राइज देने वाली है. इसलिए मैं पीछे से आकर उसे सरप्राइज देने का सोचा.

अभी जेठजी बोल ही रहे थे कि इतने में जोरदार चमक और आवाज के साथ आसमानी बिजली कड़की और मैं भागकर जेठजी से कसकर चिपक गयी. मैं कुछ समझती कि ये मैंने क्या किया … या खुद को संभालती, उससे पहले ही 2-3 बार और आवाज के साथ बिजली कड़की. हर आवाज और चमक के साथ मेरी पकड़ भी मजबूत होती गयी.

कुछ देर तक तो जेठजी एकदम खंभे के जैसे खड़े रहे, शायद जो कुछ हुआ पिछले एक मिनट में वो सब उनके लिए भी किसी सरप्राइज से कम नहीं था. डर के मारे मैं तो पहले से ही उनकी बांहों में सिकुड़ी हुई थी. मैं कुछ समझ पाती, उसके पहले ही जेठजी ने शायद मुझे संभलने के लिए या मौके का फायदा उठाने के लिए मेरी पीठ को हल्के हल्के सहलाने लगे. कभी वो मेरे बालों को सहलाते, तो कभी मेरी पीठ को. उनका सहलाना मुझे भी अच्छा लगने लगा. मेरे मन में अभी भी अजीब उधेड़बुन चल रहा था … जैसे कि क्या ये जो कुछ हो रहा है, वो सही है! मुझे जेठजी को रोकना चाहिए या नहीं … और इसके बाद क्या होगा?

दोस्तो, यहां मैं आप सबको एक बात बताना चाहूंगी कि मेरे पति और श्वेता भाभी के बीच भी शारीरिक संबंध थे और ये बात मेरे पति ने मुझे शादी से पहले ही बता दिया था. शादी के बाद श्वेता भाभी से पता चला कि जेठजी भी ये बात जानते हैं.

अब किसी के इतना पर्सनल बातों को जानने के बाद आपका नज़रिया तो थोड़ा बहुत तो बदल ही जाता है. जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि ज्यादा टाइम साथ में होने से और ये सब बातें जानने के बाद मेरा भी नज़रिया जेठजी को लेकर थोड़ा तो बदल ही गया था. शायद जेठजी का भी नज़रिया मेरे लिए बदल गया हो … क्योंकि उन्हें तो सब कुछ पता ही था … जैसे उनका भाई उनकी बीवी को चोदता है. शायद वैसे ही वो भी अपने भाई की बीवी को चोदना चाहते हों. पर जेठजी ने ऐसा कुछ मेरे सामने कभी जाहिर नहीं किया.

मैं अभी भी अपना सर उनके सीने में ही छुपा कर खड़ी थी … और जेठजी मेरी पीठ सहला रहे थे. जैसे जैसे टाइम बीतता गया, वैसे वैसे मेरी पकड़ ढीली पड़ती गयी. पर ना तो मैंने जेठजी से अलग होने की कोशिश की … और ना ही जेठजी ने मुझे अलग किया.

जेठजी का हाथ अभी भी मेरी पीठ पर ही था. मैंने सर उठाकर जेठजी को देखने का सोचा, पर जैसे ही मैंने अपना चेहरा उनके चेहरे की तरफ किया. हम दोनों के होंठ एक दूसरे के होंठों के ठीक पास आ गए. मैं उनकी सांसें अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी. मेरा गला एकदम सूख गया और दिल की धड़कन बढ़ गयी.

सच कहूं तो मैं अब जेठजी या खुद को रोकने के बिल्कुल मूड में नहीं थी. मैं बस इंतजार कर रही थी कि कब जेठजी पहल करें. अगर वो ऐसा करते, तो मैं उन्हें नहीं रोकती … क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले ही मेरे पति ने बातों से ही मेरी चूत को गीला कर दिया था. अभी वो आग ठंडी हुई भी नहीं थी कि इतने में ये सब हो गया. इस घटनाक्रम ने उस आग में चिंगारी का काम किया था. मतलब ये कि मैं एक बार फिर से गीली होना शुरू हो गयी थी … पर जेठजी ने कोई पहल नहीं की.

कुछ देर तक जेठजी की सांसें महसूस करने के बाद … या यूं कहूं कि जेठजी के पहल का इंतजार करने के बाद मैंने फिर से अपना सर झुका लिया.

आपको मेरी सेक्स कहानी का ये भाग कैसा लगा. कमेंट जरूर कीजियेगा. कहानी से संबंधित आप अपने विचार और सुझाव मुझे मेरे मेल आईडी पर मेल करके भी बता सकते हैं.
[email protected]
कहानी जारी रहेगी.

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