मेरी डार्लिंग सिस्टर-6

(Meri Darling Sister- Part 6)

डॉली 2013-09-01 Comments

This story is part of a series:

मैंने एक या दो कदम ही आगे बढ़ पाया था की मम्मी की फुसफुसाहट भरी आवाज़ सुनाई दी ‘कहाँ जा रहे हो तुम’??
‘ओह मम्मी तुम जाग रही हो… मैं टायलेट जा रहा हूँ।’
‘ठीक है, ज़रा इंतज़ार करो, मुझे भी वहीं जाना है।’ कहते हुए वो बेड से नीचे उतर गईं।

जब वो खड़ी हो गईं तो मैंने उनको देखा, उनके बाल बिखरे हुए थे, केवल ब्लाउज और पेटीकोट पहन रखा था और उनका गोरा चेहरा थोड़ा फूला हुआ लग रहा था। मगर फिर भी उसकी सुंदरता में कोई कमी नहीं आई थी।

जहाँ मैं खड़ा था, वहाँ तक आने के लिए जब वो चलने लगीं तो उनके कदम डगमगा गए और उनके मुँह से हल्की बू भी मुझे आती हुई लग रही थी।

मुझे लग रहा था शायद मम्मी ने घर में डैडी की शराब में से कुछ पी है। जो भी हो उनने मेरे नज़दीक आ कर अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और आगे बढ़ते हुए मुझे अपने से सटा लिया।

मैंने भी अपना एक हाथ उनकी कमर में डाल दिया। मेरे ऐसा करने से मेरे बदन में एक हल्की सिहरन सी हुई, इस बात से मैं इनकार नहीं कर सकता था।

मगर दोपहर की घटनाओं घटनाओं की रोशनी में इस समय इस तरह का कोई भी ख्याल मैं अपने दिमाग़ से कोसों दूर झटक देना चाहता था।

टायलेट की तरफ जाते हुए मम्मी का बदन मेरे बदन से रगड़ खा रहा था और उनकी एक चूची मेरे चेहरे पर दवाब डाल रही थी। इस सब से मेरे हाथ एकदम ठंडे हो गए थे और कमर से नीचे खिसक कर उसके पिछवाड़े पर चला गया।

टायलेट में पहुँच कर मम्मी ने लाइट ऑन कर दी। तेज चमकदार रोशनी में वो बहुत खूबसूरत रही थीं। गोरा चेहरा, तीखे नाक नक्श, बिखरे बाल, बड़ी बड़ी नशे के कारण गुलाबी हुई आँखें, और थोड़ा फूला हुआ चेहरा कुल मिला के उनको खूबसूरत ही बना रहे थे।

उनकी साँसे बहुत तेज चल रही थीं, जिसके कारण उनकी ब्लाउज में क़ैद चूचियाँ तेज़ी से उठ-बैठ रही थीं।

उनने मेरी ओर देखा और मुस्कुराते हुए मुझसे पेशाब करने के लिए कहा। मैं थोड़ा हिचकिचाया और मम्मी की ओर देखा तो वो मुस्कुराते हुए आगे बढ़ी और मेरे पीछे आ कर मुझे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और मेरे पजामा के नाड़े को खोल कर उसे नीचे कर मुझे पेशाब करने के लिए कहा।

मुझे बहुत शर्म आ रही थी मगर साथ ही साथ मैं धीरे-धीरे उत्तेजित भी हो रहा था क्योंकि मम्मी का मांसल बदन मेरी पीठ से चिपका हुआ था। मुझे महसूस हुआ कि उनकी चूचियाँ मेरी पीठ से चिपकी हुईं हैं और मेरे चूतड़ उनके मांसल जाँघों के बीच के गड्ढे में उसकी चूत के ऊपर चिपके हुए हैं।

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और मेरे लिए पेशाब करना बहुत मुश्किल हो चुका था।

मम्मी ने अपनी गर्दन को मेरे कंधे पर रखते हुए अपने गाल को मेरे चेहरे से सटा दिया और रगड़ते हुए बोलीं- क्या हुआ, क्या तुम्हें पेशाब नहीं आ रही है? करो, दिखाओ मुझे तुम कैसे पेशाब करते हो? मैंने तुम्हें चोदते हुए तो देखा ही है।

मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था और मेरा लंड अब अपनी पूरी औकात पर आ गया था। यानि कि 7 इंच लंबा हो गया था।

मेरे लंड को देखते हुए उनने कहा- कितना बड़ा डंडा है तुम्हारा! तुम्हारी उम्र के लिहाज से तो बहुत बड़ा है, लेकिन बहुत अच्छा है।

इतना कहते हुए उनने अपने मुँह से चटखारे की आवाज़ निकाली जैसे कि खाने की कोई बहुत स्वादिष्ट चीज़ उसे मिल गई हो।

उनने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ लिया। मैंने इस से बचने की कोशिश की मगर कोई फायदा नहीं हुआ।

जब मैंने उनकी ओर पलट कर देखा तो उनने सीधा मेरे होंठों पर अपने गरम मुलायम होंठ रख दिए और अपनी जीभ को मेरे मुँह में पेलने की कोशिश की।

मुझे उनके मुँह से शराब का टेस्ट महसूस हुआ। मम्मी मेरे लंड को थोड़ी देर तक सहलाती रही फिर बोलीं- ठीक है, अगर तुम पेशाब नहीं करना चाहते तो कोई बात नहीं। मुझे पेशाब आ रही है।

इतना कहते हुए वो मेरे आगे आईं और अपने पेटीकोट को ऊपर उठा कर घुटनों को मोड़ कर वहीं पर बैठ गईं।

ओह! कितना कामुक दृश्य मेरी आँखों के सामने था!

उनके खूबसूरत गोलाकार चूतड़ जो कि सफेद संगमरमर के जैसे थे और भूरे रंग की खाई के द्वारा को अलग-अलग बाटें हुए थे और जिनके बीच में सिकुड़ा हुआ छोटा सा भूरे रंग का छेद को देखते ही मेरी आँखें फैल गईं।

मेरा मुँह और गला दोनों ही सूख गए जब मैंने उनकी चूत को पीछे से देखा। उनकी पेशाब करने की शर्रस्शर्र…शर्रस्शर्र… की आवाज़ ने मुझे और भी अधिक उत्तेजित कर दिया था।

थोड़ी देर तक पेशाब करने और मुझे इस खूबसूरत और दिल को घायल कर देने वाला नज़ारा दिखाने के बाद वो उठीं और पेटीकोट को नीचे करके मेरी ओर देखते हुए प्यार से मुस्कुराते हुए बोलीं- बेटे, अगर तुम्हें पेशाब लगी है, तो तुम कर लो। मैं अपने कमरे में जा रही हूँ और वहीं तुम्हारा इंतज़ार करूँगी।

इतना कह कर वो बाथरूम से निकल गईं।

मैं थोड़ी देर तक वहीं खड़ा सोचता रहा, इस बीच मेरा लंड थोड़ा ढीला हो गया था। इसलिए मैंने पेशाब कर ली और अपने लंड को धोकर बाथरूम से निकल कर जब मैं मम्मी के कमरे में पहुँचा तो मैंने देखा कि डबल बेड पर मम्मी तकिये के सहारे पीठ टिका कर बैठी थीं।

उनके सामने एक छोटी टेबल पर गिलास में ड्रिंक्स रखा हुआ था। उनने इस समय अपने बालों को संवार लिया था। उन्होंने पेटीकोट नाभि से नीचे बाँधा हुआ था जिसके कारण उनका गोरा मांसल पेट और नाभि दिख रही थी।

उनके ब्लाउज का आगे का एक बटन खुला हुआ था जिसके कारण उनकी चूचियाँ एकदम बाहर की ओर निकली हुई दिख रही थीं।

मैं धीमे क़दमों से चलते हुए उनके पास पहुँचा।
उनने मुझे बेड पर बैठने का इशारा करते हुए पूछा- क्या तुम लोगे?

मैं कुछ नहीं बोला और चुपचाप उनकी तरफ देखता रहा तो उनने एक दूसरे गिलास में शराब डाल दी और थोड़ा मुस्कुराते हुए बोलीं- लो पी लो, इसको लेने के बाद तुम अच्छा महसूस करोगे और फिर हम दोनों आराम से बात कर सकेंगे।

मैंने देखा कि जब वे खुद ही मुझे ड्रिंक्स ऑफर कर रही हैं तो मैंने उसे उठा लिया ओर एक ही साँस में पी गया।

उन्होंने भी अपने गिलास को खाली कर दिया और फिर मेरी तरफ घूम कर बोलीं- तुम ऐसा कब से कर रहे हो?
मैं चुप रहा।

‘देखो, मैं तुम्हें डांट तो नहीं रही, मगर फिर भी मैं कुछ पूछना चाहती हूँ कि तुम ऐसा कैसे कर सकते हो? क्या तुम्हें डर नहीं लगा?’

मैंने थोड़ा बात को घुमाने के इरादे से हिम्मत करके जवाब दिया- तुम क्या बात कर रही हो? मम्मी मैं चाहता हूँ कि तुम थोड़ा खुल कर बताओ।’

‘मुझे आश्चर्य है कि तुम दोपहर की घटना को इतनी जल्दी भूल गए, फिर भी मैं तुम से खुल कर पूछती हूँ कि तुम ऐसा, यानि कि अपनी बहन को कब से चोद रहे हो?’

मुझे ड्रिंक्स और उनके खुले व्यवहार ने कुछ साहसी बना दिया था, लेकिन मैंने डरने और शर्माने का नाटक किया और हल्के से बुदबुदाते हुए ‘हाँ…हूँ’ बोल कर चुप हो गया।

वो मुझे से लगातार पूछ रही थीं- बताओ मुझे! क्या तुम्हें ज़रा भी शरम नहीं महसूस नहीं हुई या पाप का अहसास नहीं हुआ? अपनी बहन को चोदते हुए!!

मैंने अपना सिर नीचे झुका लिया और कोई जवाब नहीं दिया।

मैं मन ही मन सोच रहा था कि ना तो वो मेरी सगी बहन है और ना ही वो औरत जो इस समय मुझसे सवाल जवाब कर रही है, वो मेरी सगी माँ है।

कहानी जारी रहेगी।

इस कहानी के सम्बन्ध में आप अपने विचार व्यक्त करने के लिए लिखें!
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top