कोटा में कोचिंग और चुदाई साथ साथ- 2

(Aunty Nude Story)

राजेश 784 2021-01-02 Comments

आंटी न्यूड स्टोरी में पढ़ें कि मेरी चाची की बहन बहाने से अपना जिस्म दिखाकर मुझे गर्म कर रही थी. मैं भी उसे चोदना चाहता था. तो फिर क्या हुआ?

आंटी न्यूड स्टोरी के पहले भाग
चाची की बहन की चुदास
में आपने पढ़ा कि मैं कोटा में कोचिंग करने आया तो चाची की बहन के घर किराये पर रहने लगा. मैं चाची की बहन सरिता के साथ सेक्स का जुगाड़ करने में लग गया.

सरिता उस दिन बहुत ही सेक्सी ड्रेस में थी. उसने बिना ब्रा के स्लीवलेस टॉप और घुटनों से थोड़ी नीचे तक की स्कर्ट पहन रखी थी.
सरिता- राज! कपड़े मैंने नहाते हुए धो लिए थे लेकिन भारी बाल्टी उठाने से मेरी कमर में दर्द हो गया. लगता है झटका लग गया है.
और यह कह कर वह बेड पर बैठ गई और अपना हाथ पीछे ले जाकर दर्द जैसा मुँह बनाने लगी.
मैं- कोई दवाई लगा दूँ?
सरिता- नहीं बस थोड़ा मसल दो.

अब आगे आंटी न्यूड स्टोरी:

मैंने देखा यह कहते हुए सरिता आँटी के चेहरे और आंखों पर अजीब खुमारी छाई हुई थी.
उनकी भारी और सुडौल चुचियों के निप्पल्स टॉप में तन चुके थे.

मैं आँटी के साथ बैड पर बैठ गया, सरिता आँटी थोड़ी टेढ़ी हो गई.

मैंने एक हाथ उनके पीछे किया और कमर पर रगड़ने लगा.
जैसे ही मेरा हाथ सरिता की कमर पर लगा, सरिता के सारे बदन में झनझनाहट हुई और उसने अपनी कमर को झटके से पेट की ओर अंदर किया.

हाथ चलते ही सरिता ने अपनी आंखें बंद कर ली.

जैसे ही मैंने हाथ को ऊपर नीचे किया तो सरिता बोली- राज! तुम्हारे हाथों में तो बड़ी जान है, तुम तो बच्चे नहीं हो, थोड़ा ऊपर तक कर दो.

मैं हाथ को थोड़ा ऊपर तक रगड़ने लगा. हाथ सरिता की ऊपरी पीठ तक जाने लगा. सरिता आँटी सी … सी … करते हुए टेढ़ी मेढ़ी होती रही.

दो मिनट मसलने के बाद सरिता आँटी एकदम उठी और बोली- राज, तुम मुझे पीछे से थोड़ा उठा दो ताकि चटक निकल जाए.

सरिता आँटी खड़ी हो गई और मैंने उनको पीछे से अपनी बांहों में भरा और ज़ोर से भींचकर ऊपर उठा दिया.

मेरा लंबा मोटा लौड़ा आँटी की बड़ी और फूली हुई गांड में, उनकी स्कर्ट के ऊपर से धंस गया.
आँटी मेरे लौड़े और मेरी बाजुओं में जकड़ी, मेरे ऊपर उल्टी हो कर लटक रही थी.

मेरे हाथ आँटी के मम्मों के नीचे थे. आँटी ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी और आनंद के रस में भीग रही थी.

मैं आँटी से उम्र में काफी छोटा था लेकिन कद काठी में आँटी और अंकल दोनों से मजबूत था. मैं एक जवान होता साँड था.

कुछ देर बाद मैंने आँटी को नीचे उतारा और पूछा- कुछ ठीक लगा?
आँटी कहने लगी- राज! ऐसा दो तीन बार कर दो.
मेरे लौड़े के दबाव से आँटी की स्कर्ट उनके चूतड़ों में अन्दर चली गई थी.

अबकी बार मैंने आँटी को उठाते हुए अपने हाथ उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों के नीचे अच्छी तरह रख लिए और उन्हें दोबारा उठाया.

आँटी बिल्कुल चुदास से भर चुकी थी.
मेरा लण्ड भी बिल्कुल आँटी की स्कर्ट के ऊपर से सीधा उनकी गांड में दुबारा घुस गया था.

मैंने आँटी को फिर उठाया और उसी तरह उनके हिप्स में अपना लण्ड डाल दिया.
आँटी उल्टी होकर मेरे ऊपर लेट सी जाती थी.

मैंने आँटी को नीचे उतारा, लेकिन उनको छोड़ा नहीं.
आँटी आँखें बंद किये शांत रही.

मैं आँटी को पीछे से जकड़ कर, लण्ड को उनकी गांड में घुसा कर खड़ा हो गया.
हम दोनों की सांसें तेजी से चल रही थीं.

अभी तक जो हो रहा था वह कमर दर्द के इलाज़ के नाम पर चल रहा था.

मैंने आँटी के कान में फुसफुसाकर कहा- आँटी आगे से भी उठा दूँ?
आँटी ने आँखें बंद किये हुए कहा- हूम्म!

मुझे लगा लाइन क्लियर है.

मैंने आँटी को सामने से बाँहों में भरकर ऊपर उठा लिया और पीछे की तरफ झुक गया.
आँटी की चूचियाँ मेरी छाती में गड़ गईं, उनका नर्म पेट मेरे पेट पर था और मेरा लण्ड उनकी स्कर्ट के ऊपर से ही उनकी जाँघों के बीच चूत में अड़ा था.

मैं बार बार सरिता आँटी को उठाता रहा और नीचे उतारता रहा. आँटी आनंद के सागर में डूबती रही.

आँटी को फिर मैंने नीचे उतारा लेकिन उठाया नहीं और अपनी बांहें उनके चारों ओर रखी और उन्हें हल्का सा पीछे करके दीवार से लगा लिया.

मैंने आँटी को खड़े खड़े अपनी बाँहों में जकड़ा और अपना लण्ड पुनः आँटी की जांघों में घुसा दिया.
लण्ड चूंकि लंबा था अतः लोअर में सीधा नहीं हो रहा था फिर भी आँटी की चूत पर अड़ गया था.
आँटी कुछ नहीं बोली.

अब हम एक दूसरे की मंशा समझ चुके थे.

आँटी की चूत का हिस्सा बेहद नरम और चिकना था. मेरा लण्ड आँटी की चूत के क्लीटोरियस पर अड़ा था जिससे आँटी की उत्तेजना बढ़ गई थी.

कुछ ही देर में आँटी के निचले हिस्से में हरकत हुई और आँटी ने अपनी जांघों के हिस्से से मेरे लण्ड पर दबाव बना दिया.

मैं समझ गया कि आँटी तैयार है.
मैंने एक बार थोड़ा पीछे हट कर झट से एक हाथ से अपना लोअर का इलास्टिक नीचे किया और मोटे लण्ड को निकाल कर सीधा आँटी की जांघों में स्कर्ट के ऊपर से ही चूत के ऊपर अड़ा दिया.

आँटी की आँखें बंद थीं. आँटी ने एकदम चूतड़ों की हरकत कर उसे ठीक से सेट कर लिया. आँटी ने आँखें बंद किये किये अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर कस लिए और लण्ड के ऊपर अपनी चूत को धीरे धीरे हलचल करते हुए रगड़ने लगी.

मैंने भी आँटी को अब ऊपर की बजाये उनके निचले हिस्से कमर और चूतड़ों से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया.
हम दोनों ही बिना बोले चुपचाप एकदूसरे को समझते हुए मज़ा लेने देने लगे.

तभी आँटी ने अपनी पकड़ तेज की और उन्होंने अपने चूतड़ों और अपनी चूत के हिस्से की हरकत बढ़ाते हुए चूत को लण्ड पर ज़ोर से रगड़ना शुरू कर दिया.

मैंने भी जोर लगाकर आँटी का साथ दिया.

आँटी ने भी मुझे मेरे नीचे वाले हिस्से से पकड़ा और कुछ ही देर की हरकत के बाद मुझे बहुत जोर से अपनी ओर खींचते हुए चरमसीमा पर पहुँच गई और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

उनकी पकड़ ढीली हुई और कुछ सेकण्ड्स के बाद धीरे से मेरी छाती पर अपना हाथ रखते हुए मुझे धीरे से पीछे करते हुए बोली- हटो.
हटते हुए आँटी ने नीचे नजर करके मेरे खड़े सख्त लण्ड को देख लिया था. मैंने भी अपना लण्ड लोअर के अंदर कर लिया.

आँटी ने धीरे से कहा- मैं तो तुम्हें छोटा ही समझती थी … अब तुम जाओ.
यह कह कर आँटी ने लंड के दबाव से चूतड़ों और चूत में फंसी स्कर्ट को अपनी टाँगें थोड़ी चौड़ी करके एक हाथ से आगे से और दूसरे हाथ से पीछे से निकाला और बाथरूम चली गई.

आँटी ने बाथरूम की लाइट जलाई और स्कर्ट ऊपर करके सीट पर बैठ गई.

उन्होंने बाथरूम का दरवाजा पूरा बंद नहीं किया था, लगभग 6 इंच खुला था. आँटी ने बैठते ही सी..स्शी … करके पेशाब किया और चूत को हाथ के फव्वारे से धोया.
आँटी ने चूत में हाथ डाला तो हाथ लार से चिकना हो गया था जिसका अर्थ था कि चूत से रस डिस्चार्ज हुआ था.

आँटी ने दुबारा चूत को धोया और खड़ी होकर हैण्ड टॉवल से चूत और जांघों को नीचे हाथ डालकर साफ़ किया.

जब आँटी बाहर आई तो मैंने कहा- आँटी, सारे शरीर की मसाज़ कर दूँ.
आँटी बोली- नहीं, अब तुम जाओ, मुझे खाना बनाना है, बच्चे स्कूल से आने वाले हैं.

मैं मायूस सा हो गया. मेरे लोअर में लण्ड का उभार अभी भी बना हुआ था और लोवर पर चूत और लण्ड के प्रीकम के गीले निशान बने हुए थे.

सरिता आँटी वैसे तो पूरी तरह से चुदास से भरी हुई थी परंतु दिखाने के लिए उन्होंने मुझे जाने के लिए कह दिया.
मैं जाने के लिए तैयार हो गया.

जैसे ही मैंने दरवाजे को खोलने के लिए कुण्डी पर हाथ बढ़ाया … आँटी अचानक बोली- अच्छा रुको, जो करना है, फटाफट कर लो.
मेरा चेहरा खिल गया.

मैं आँटी के पास आया और उनसे कहा- बेड पर लेटो.
आँटी बेड पर लेट गई.

मैंने कहा- आँटी उल्टी हो कर लेटो.
आँटी पेट के बल लेट गई.

मैंने आँटी की गोरी गुदाज़ पिंडलियों को सहलाना शुरू किया.
धीरे धीरे मेरे हाथ आँटी के सुडौल चिकने पटों (जांघ) पर पहुँच गए और पटों से होते हुए मैं उनके चूतड़ों को सहलाने लगा.

फिर मेरे हाथ आँटी की कमर पर पहुँच गए. हमारी झिझक अब दूर हो चुकी थी.

मैंने आँटी के कान में कहा- आँटी, टॉप अड़ रहा है.
आँटी ने अपने हाथ ऊपर कर दिए.

मैंने टॉप उनकी बाजुओं और सिर से निकाल कर उनको ऊपर से नंगा कर दिया.

आँटी को मैंने पलट दिया. पलटते ही आँटी की 36 साइज की नंगी छातियाँ मेरे सामने आ गई. उनके दोनों बड़े-बड़े खरबूजा के जैसे मम्मे बाहर खड़े हो गए.

मैंने दोनों छातियों को पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया.
आँटी ने जोर से आ..आ.. किया और बोली- धीरे …

मैंने आँटी की स्कर्ट के इलास्टिक में अपनी उंगलियां डाली और उसे नीचे खींचने लगा.
आँटी थोड़ा ऊपर उठी और मैंने स्कर्ट को पाँव में से खींच दिया.

मेरे सामने आँटी का गुदाज़, मलाईदार शरीर बिल्कुल नंगा पड़ा था.

आँटी ने मेरे लोअर में खड़े लंड को सहलाना शुरु कर दिया और मेरी टी-शर्ट निकालने लगी.

मैंने टी-शर्ट निकाल दी और आँटी ने जैसे ही मेरा लोअर नीचे किया, मेरा लंबा और मूसल सा मोटा लंड फनफनाता हुआ बाहर आकर झूलने लगा.

मेरे लंड को देखते ही आँटी एकदम से मस्ती में बोली- राज … इतना बड़ा है?
उन्होंने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बहुत देर तक उसको आगे पीछे करके देखती रही.

जब मैंने पूछा- आँटी, आपको चुदवाये कितने दिन हो गए हैं?
तो आँटी उदास हो गई और कहने लगी- बड़े दिन हो गए हैं … 6 महीने से भी ज्यादा.

मुझे सेक्स के बारे में बहुत कुछ पहले से ही मालूम था.
आँटी भी मेरा साथ देने लगी.

मैंने आँटी को नीचे खड़ा किया, चूतड़ों की तरफ घुमाया और उनके बड़े और गोल चूतड़ों और गांड के बीच में खड़ा लण्ड अड़ा दिया और आगे से उनकी छातियों को जोर-जोर से मसलता रहा.

आँटी एक हाथ से नीचे मेरे लंड को सहलाती रही और मैं एक हाथ से उनकी पाव रोटी की तरह फूली चिकनी चूत को सहलाता रहा, उसके बीच में अपनी उंगली चलाता रहा.
चूत बिल्कुल पानी छोड़ चुकी थी.

मैंने आँटी को बेड पर लिटाया और उनके दोनों घुटनों को मोड़कर उनकी चूत को देखा. क्या ग़जब की चूत थी … ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने पाव रोटी में चाकू से दो इंच का चीरा लगा रखा था. चूंकि आँटी थोड़ी भरे हुए शरीर की थी इसलिए उनके शरीर का हर हिस्सा कोमल और गुदाज था.

जब मैंने आँटी के शरीर पर हाथ फिराना शुरू किया तो देखा कि आँटी बार बार झटके खा रही थी.
आँटी सर से पांव तक सेक्स की देवी लग रही थी. उनका पेट बिल्कुल साफ था, कहीं भी कोई निशान नहीं था.

उनके पेट की धुन्नी (नाभि) अंदर की तरफ धंसी हुई थी, मोटी मोटी गुदाज जांघें थी.

आँटी के पाँव हाथी के सूंड की तरह से ऊपर पटों से मोटे और नीचे पांव तक उनकी शेप बहुत ही सुंदर थी.

मैंने थोड़ा सा आँटी के घुटनों को मोड़ा तो चूत का बीच का हिस्सा दिखाई देने लगा.

आँटी की चूत अंदर के रस से बिल्कुल चिकनी हो चुकी थी. चूत के ऊपर दो मोटी पुत्तियां थी और अंदर सुंदर छोटे-छोटे चूत के दो होंठ थे.

मैंने आँटी की चूत को अपने होठों और जीभ से चाटना शुरू किया.
मेरी जीभ जैसे ही आँटी के चूत के दाने पर लगी.

2 मिनट बाद ही आँटी ने मेरा सिर अपनी जांघों के बीच में दबा लिया और आ … आ … करने लगी.
वह कहने लगी- राज! ऐसे तो बहुत मज़ा आ रहा है, तुमने … यह … सब कहां … से सीखा? क्या … तुम्हारी चाची ने … सीखा दिया क्या?

अब मैं उन्हें क्या बताता कि चाची मुझे इस काम में ट्रैंड कर चुकी थी.
मैं चुप रहा और आँटी की जाँघों और चूत को मसलता, रगड़ता रहा.

मैंने आँटी के शरीर के हर अंग की तारीफ की.
उनकी खड़ी सॉलिड चुचियों की, उनके गोल गोरे चूतड़ों की, उनकी गुदाज बगलों की, उनकी नशीली आंखों की, उनकी गर्दन, उनकी गांड और चूत की तारीफ की. मैं उनके शरीर के हर अंग को बेड पर बैठ कर चूमता रहा.

आंटी न्यूड स्टोरी जारी रहेगी.

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