मेरी प्यासी चुत में मोटा लण्ड

(Meri Pyasi Chut Me Mota Lund)

सभी साथियों को मेरा प्रणाम!
मैं काफी लंबे समय से अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज की पाठक हूं मुझे इस साईट की कहानियां बहुत अच्छी लगी तो सोचा कि क्यों ना मैं भी अपने जीवन की एक सच्ची घटना को कहानी के रूप में आपके सामने प्रस्तुत करूँ ताकि आप भी उसका आनंद ले सकें.

मेरा नाम नेहा उपाध्याय (बदला हुआ) है, मैं मध्य प्रदेश की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 26 साल है मेरे स्तन बड़े बड़े हैं जो हर किसी को अपने वश में कर लेते हैं, हर किसी को मेरे बारे में सोचने को मजबूर कर देते हैं. मेरी फिगर की साइज 36 है, मैं 36 नंबर ब्रा पहनती हूँ. मैं कक्षा 9 में थी तब से ब्रा पहनने लगी, जिससे मेरे स्तन सुंदर और सुडौल बन गए हैं. स्तन ही औरत की शान होते हैं, यही मर्दों को अपनी और आकर्षित करते हैं.

मैं शादीशुदा हूँ, मेरी शादी 3 साल पहले हुई है। मेरे पति बिजनेस के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते हैं, मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हूं, अभी तक मेरी कोई संतान नहीं है, मैं घर पर अकेली रहती हूं, मेरे पति महीनों महीनों में घर आते हैं. सोचो अगर किसी शादीशुदा औरत का पति यदि महीनों महीनों तक घर पर नहीं रहता है तो उसका क्या हाल होता होगा.
वही हाल मेरा है, मुझे रात में नींद नहीं आती है, मैं हमेशा जिस्म की प्यासी रहती हूँ। मैंने पिछले 3 सालों में केवल 10 या 12 बार सेक्स किया होगा, यदि औरत को एक बार सेक्स की लत लग जाए वह फिर सेक्स के बिना नहीं रह सकती, उसका प्यासा जिस्म कुछ भी करवा सकता है.

तो मैं लेकर चलती हूं अपने जीवन की सच्ची घटना की ओर जिसे मैंने कहानी के रूप में प्रस्तुत किया है कि किस तरह मैंने गैर मर्द से अपनी प्यास बुझाई.

मैं जिस फ्लोर में रहती थी, वहाँ पास वाले कमरे में एक आदमी रहता था, उसकी उम्र कोई 30-32 साल होगी। वह भी एक कम्पनी में जॉब करता है। वह बहुत ही हट्टा कट्टा नौजवान था, मैंने सोचा क्यों न इससे अपनी जरूरत पूरी की जाये, क्यों ना इसके लण्ड से अपनी प्यास बुझाई जाये।

मैंने ठान लिया था कि कैसे भी करके इस से चुदना है। मैं उसे अपने वश में करने के लिए प्रयास करने लगी। मैं उसके सामने में हमेशा अपने कंधों पर बिना दुपट्टा डाले ही घूमती थी और बार बार उसके सामने नीचे झुकती थी ताकि वो मेरे स्तन देख सके। मैं उसके कमरे के दरवाजे के सामने ही अपने कपड़े सुखाने डालने लगी और ब्रा और पैंटी भी उसके दरवाजे के सामने ही डालती थी. शायद वो भी जान गया था कि मैं क्या चाहती हूँ इसलिए वो भी हवस भरी निगाहों से मेरी ओर देखने लगा।

एक दिन वहां बाहर बालकनी में मेरे कपड़े सूख रहे थे तो मैंने देखा कि खिड़की में से वह मेरी पैंटी और ब्रा को हाथ में लेकर सूंघ रहा था और फिर चला गया।
फिर एक दो दिन बाद मैंने देखा कि मेरी ब्रा और पेंटी कोई चुरा ले गया. मैं समझ गई कि उसने ही चुराई होगी. पर एक बात समझ में नहीं आई कि आखिर वह उस ब्रा पेंटी का करेगा क्या?
पर मैं भी समझ गई कि आखिर वह मुझे चोदना तो चाहता है.

एक दिन वह दरवाजे पर खड़ा था, मैं कमरे से बाहर निकली तो उसने स्माइल की, मैंने भी स्माइल की, इस तरह दोनों में धीरे धीरे बात का सिलसिला प्रारंभ हो गया.

उसका नाम रोहन(बदला हुआ) था। हम दोनों आपस में दोस्त बन गए.
उसने मेरे बारे में पूछा, मैं बोली- मैं मेरे घर में अकेली रहती हूं, मेरे पति बिजनेस के सिलसिले में बाहर रहते हैं!
तो उसने स्माइल की और बोला- मैं भी अकेला रहता हूं।

इस तरह दोनों की बातों बातों में बात बहुत आगे तक चली गई और हम दोनों ने मिलने का प्लान बना लिया. आखिर मेरी तमन्ना पूरी होने वाली थी, बरसों की प्यास बहुत जल्दी बुझने वाली थी.
रविवार के दिन मैं घर पर ही थी, वह भी अपने घर पर ही था, मैंने उसे अपने घर पर बुलाया, मैंने सफ़ेद गाउन पहन रखा था जिसके अंदर से मेरी लाल ब्रा और काली पेंटी साफ़ दिखाई दे रही थी। वो बार बार मेरे स्तनों को देख रहा था। धीरे धीरे उसका लण्ड टाइट हुआ और खड़ा हो गया।
मेरी नजर उस पर पड़ी तो वो हाथ से छुपाने लगा, मेरी हँसी निकल गई और वो भी हंसने लगा।
मैं बेशर्म होकर बोली- छुपाओ मत, मेरी प्यास बुझा दो, मैं भी प्यासी हूँ।

वह मुझे चूमने लगा. किस करने के बाद उसने मुझे उठा कर बेड पर पटक दिया और फिर से किस करने लगा।
मैं बोली- बुझा दो मेरी प्यास, बहुत प्यासी हूँ बहुत दिनों से।
वो बोला- आज तो मैं तेरी पूरी प्यास बुझा दूंगा।

औऱ उसने मेरा गाउन उतार दिया, मैं उसके सामने लाल ब्रा और काली पेंटी में खड़ी थी। वो भी सिर्फ ब्लू कलर की अंडरवियर में खड़ा था। मैंने उसकी चड्डी खोल दी और उसका लण्ड पकड़ लिया मैं तो घबरा गई ‘बाप रे बाप… क्या मोटा और लम्बा लण्ड था उसका! काफी लंबा था उसका जो मेरे पति से काफी बड़ा था.’

मुझे डर भी था कि कहीं यह बड़ा लंड मेरी चूत फाड़ न दे… और ख़ुशी भी थी बहुत दिनों में आज लण्ड मिलेगा वो भी इतना लंबा और मोटा।
उसने अपना मोटा लण्ड मेरे हाथ में पकड़ा दिया, मैं अपने हाथों से उसके लण्ड को सहला रही थी और वह मेरी ब्रा के ऊपर से बोबे दबा रहा था, वह बोला- आप ब्रा में बहुत मस्त लग रही हो। ब्रा भी बहुत सेक्सी है।

उसने एक झटका दिया और मेरी ब्रा के हुक तोड़ दिए, पेंटी भी फाड़ दी।
मैं बोली- क्या किया ये?
वो बोला- नई दे दूंगा।
मैं बोली- उस दिन मेरी ब्रा और पैंटी क्यों सूँघ रहे थे?
वह बोला- मैं आपकी चुत की खुशबू सूँघ रहा था.

मैं बोली- मेरे यहां से एक ब्रा और पेंटी तुम ही ले गए थे क्या?
वह बोला- हाँ, मैं रोज आपकी ब्रा देखता हूं और आपकी पैंटी में अपना वीर्य छोड़ता हूं. मेरे पास बहुत सारी आंटियों की ब्रा और पैंटी पड़ी हैं.

और फिर वह मुझे पागलों की तरह चूमने लगा और मेरी चुत में उंगली करने लगा. मेरी चुत पूरी तरह से गीली हो गई थी, मैं भी जोश में आ गयी थी।
उसने उसका लण्ड मेरे मुंह में दे दिया, मैं उसका लण्ड चूस रही थी, वो मेरे बूब्ज चूस रहा था।

वह बोला- पूरा लण्ड ले ले!
और जोर से एक झटका दिया, अपना पूरा लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया।

फिर साथ ही वो मेरी चुत चाटने लगा. उसने अपने लण्ड का पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया, मैं भी सारा पानी पी गई.
थोड़ी देर में उसका फिर से खड़ा हो गया और उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गया, जोर जोर से मेरे स्तन दबाने लगा.
मैं बोली- धीरे दबाओ… दर्द कर रहे हैं!

फिर उसने मेरे ऊपर आकर टांगें चौड़ी कर दी. मुझे डर लग रहा था कि इतना लंबा लंड मेरी चूत के अंदर जाएगा.
मैं बोली- धीरे धीरे घुसाना!
वह बोला- डरो मत, आराम से घुसाऊंगा.

उसने कंडोम लगाया और उसने अपना लण्ड मेरी चुत पर सेट किया और थोड़ा जोर दिया, उसका आधा लण्ड मेरी चुत में चला गया. मुझे दर्द होने लगा, मैं बोली- रुको, बाहर निकालो!
उसने मेरी एक न सुनी और एक झटका और दिया, पूरा लण्ड चुत फाड़ता हुआ अंदर चला गया. मेरी आँखों में आंसू आ गए लेकिन थोड़ी देर में सब नार्मल हो गया, मुझे भी मजा आने लगा, मैं भी गांड उठा उठा कर उसका साथ देने लगी।

पूरा कमरा थप थप की आवाज से गूंज गया, मुझे बहुत मजा आ रहा था, ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं जन्नत की सैर कर रही हूँ, थोड़ी देर में मेरी प्यास बुझ गई और फिर थोड़ी देर में मैं झड़ गयी और उसने अपने झटके तेज कर दिए, उसका पूरा लण्ड मेरी चुत को फाड़ता हुआ अंदर जा रहा था.

थोड़ी देर में वो भी झड़ गया। मैंने उसका कंडोम उतारा, पूरा कंडोम वीर्य से भरा था.

थोड़ी देर मैं ऐसे ही नंगी लेती रही और थोड़ी देर बाद उसका लंड फिर से टाइट हो गया.
वह बोला- एक बार और!
मैं बोली- अभी नहीं, आज ही सारी कसर निकालनी है क्या? अब तो रोज ही चुदाई करनी है, अब मैं बहुत थक गई हूं और मेरी चूत में जलन भी हो रही है, इतना लंबा और मोटा पहली बार लिया है मेरे पति का तो बहुत छोटा और पतला है.

वह बोला- अब तो तुझे यही रोज मिलेगा, उसे भूल जाएगी तू!
और उसने अपना लण्ड फिर से मेरे हाथों के पकड़ा दिया, उसका फिर से टाइट हो गया था.
मैं बोली- तुम नहीं मानोगे?
वह बोला- नहीं, एक बार और आ जा!

मैं भी तैयार हो गयी, मैंने बोला- कंडोम कहां है?
वह बोला- अब बिना कंडोम के करूंगा!
और वह सीधा लेट गया, मुझे ऊपर आने को बोला.

उसने मुझे अपने ऊपर बिठाया, मैं भी उसके केले के ऊपर बैठ गई, उसका लंड मेरी चूत में घुसता चला गया. क्या मजा आ रहा था!

मैं थोड़ी देर में थक गई, फिर मैं घोड़ी बन गई और उसने पीछे से लण्ड मेरी चुत में डाल दिया, उसका पूरा का पूरा अंदर जा रहा था. मुझे थोड़ा दर्द भी हो रहा था पर दर्द कम और मजा ज्यादा आ रहा था.
फिर उसने अपने झटके तेज किये और अपना पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया. मैं भी उसका सारा पानी पी गई.

हमने 4 बार चुदाई की.

अब वह बोला- मुझे कपड़े पहना दो!
फिर मैंने उसे उसकी चड्डी पहनाई, उसने मुझे गाउन पहनाया, मेरी ब्रा और पेंटी तो उसने फाड़ दी थी।
मैं बोली- तूने मेरी ब्रा और पैंटी तो फाड़ दी, मुझे नई ब्रा पेंटी लाकर देना!
वह बोला- ला दूंगा.

इस तरह मैंने भरपूर आनंद उठाया अपनी चूत चुदाई का… मैं बहुत खुश थी क्योंकि बहुत दिनों बाद मेरी चुत में लण्ड गया तो भी मोटा और लम्बा। मेरे पति का तो इनका आधा लण्ड ही है. सच मानो तो आज ही टूटी है मेरी सील 3 साल में।

फिर तो जब भी मौका मिलता रोज चुदाई करती, हम रोज चुदाई करने लगे, कभी रात में तो कभी दिन में, कभी बाथरूम में!
उसने अब तक मुझे करीबन 15 दिन में 40 बार चोद दिया होगा. हम रोज नई नई पोजीशन में सेक्स करने लगे, उसके हथियार ने मुझे जन्नत की सैर करा दी. सबसे ज्यादा मजा मुझे ऊपर बैठकर चुदाई में आता है.
यही मेरे सेक्स लाइफ है, सेक्स के बिना जिंदगी अधूरी है, चाहे मर्द हो या औरत सेक्स जरूरी है.

बाद की चुदाई के बारे में मैं आपको अगले कहानी में लिखूंगी. कहानी में कोई गलती हो तो मुझे माफ कर देना क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है, मैंने कोशिश की और आपके सामने एक कहानी प्रस्तुत की ताकि आपको मैं अपनी सेक्सी दुनिया के बारे में बता सकूं.

आपको कैसी लगी मेरी कहानी, प्लीज मुझे मेल कर के बतायें, मैं उम्मीद करती हूं कि मेरी पहली कहानी आपको पसंद आयेगी।
आपकी अपनी साथी
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