मेरे कॉलबॉय बनने की कहानी

(Mere Callboy Banne Ki Kahani)

काकू बक्शी 2018-12-13 Comments

दोस्तो, मेरा नाम गगन (बदला हुआ नाम) है, मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच है और इसकी मोटाई 3 इंच की है. मैं हरियाणा के पानीपत में रहता हूँ. आज आपको मैं अपनी रियल कहानी बताने जा रहा हूँ. ये कहानी आज से 2 साल पहले मेरे प्लेबॉय बनने की बात है.

नौकरी ना होने के कारण मैंने अपने शहर में ही एक दुकान खोल ली. जहां मैंने दुकान खोली थी, वहां आस पास घर थे और कुछ दूर एक मंदिर था. आस पास के लोग उस मंदिर में सुबह शाम जाते थे. वहीं पर एक औरत, जिसकी उम्र 42-45 होगी, वो भी मंदिर जाती थी. वो मन्दिर जाते वक्त मेरी दुकान की तरफ देखती रहती थी.

कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा. एक दिन वो मेरी दुकान पर आई और मंदिर में भगवान के लिए कपड़े लेने लगी. कपड़े लेते समय वो चोर नजरों से मुझे देखती रही. मैंने उसे कपड़े दिखाए और वो एक को पसंद करके ले गई.

अब वो हर रोज कुछ बहाने से मेरी दुकान में आती और मुझे घूरती रहती. पर एक दिन दो‍पहर को वो मेरी दुकान पर आई और कहने लगी कि मैं घर को लॉक करके मार्किट गई थी और मेरे घर की चाबी कहीं गुम हो गई है, तो प्लीज़ किसी चाबी बनाने वाले को बुलवा दो या आप खुद ले आओ. क्योंकि घर पर इस समय कोई नहीं है.

मैंने कहा- आप घर जाओ, मैं किसी को लाता हूँ.

वो चली गई और मैं बाइक उठा कर चाबी बनाने वाले को लाने चला गया. करीब 15 मिनट बाद मैं एक चाबी बनाने वाले को लेकर उसके घर पहुंचा. वो बाहर ही खड़ी थी. करीब 30 मिनट में चाबी वाले ने मेनगेट और रूम के लॉक की चाबी बना दी और लॉक खोल दिया.

चाबी बनाने वाला वापस जाने को रेडी हो गया, मैं भी जाने को हुआ. तभी उस औरत ने कहा- तुम रुको … मैं तुम्हारे लिए चाय बनाती हूँ, पी कर जाना.
इस पर चाबी बनाने वाले ने कहा- मुझे जल्दी है … तुम पहले मुझे दुकान पर छोड़ आओ.
मैंने उन्हें चाय के लिए मना कर दिया.
इस पर उन्होंने कहा- तुम्हें चाय पिए बगैर नहीं जाने दूँगी.. ऐसा करो तुम इसे छोड़ कर वापस आ जाओ, तब तक मैं चाय बनाती हूँ.

मैंने भी हां कहा और चाबी वाले को छोड़ने चला गया. उसे छोड़ कर मैं वापिस उस औरत के घर आ गया. तब तक उसने चाय बना ली थी. मुझे आया देख कर वो चाय ले कर आई और मेरे सामने बैठकर खुद भी चाय पीने लगी.

वो चाय पीते समय मुझसे इधर उधर की बातें करने लगी. जब चाय खत्म हुई, तो मैंने जाने के लिये कहा.
उसने कहा- अगर तुम्हें कभी ठंडा पानी या कुछ और चाहिए हुआ करे तो तुम मेरे घर से ले लिया करो.
मैंने ‘ठीक है …’ कहा और वहां से चला गया.

अगले दिन दो‍पहर को वो हाथ में छोटा टिफिन उठा कर दुकान में आई और कहने लगी कि आज मैंने स्पेशल साग बनाया है.. और वो साग मैं तुमको टिफिन में देने आई हूँ.
मैंने मना भी किया पर वो टेबल पर रख कर मुस्कुराते हुए चली गई. मुझे महसूस हुआ कि वो औरत मेरे साथ रिलेशन बनाना चाहती है. मैंने साग खाया और टिफिन साफ करके उसके घर वापिस देने चला गया.

अब मुझे भी सब समझ में आ गया था कि वो क्या चाहती है.

मैंने बेल बजाई उसने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर बुला लिया. मेरे अन्दर आते ही उसने पूछा कि साग कैसा लगा?
मैंने कहा- सच में बहुत बढ़िया था.
उसने कहा- हां.. स्पेशल तुम्हारे लिये देसी घी में बनाया था.
मैंने कहा कि मेरे पर इतनी मेहरबानी की वजह क्या है?
तो उसने कहा- तुम मुझे बहुत पसंद हो.

मैं ये सुनकर अन्दर से खुश था, पर अब भी मैं चाहता था कि पहल वो करे. इसलिये मैंने कहा कि ये सब ठीक नहीं है.
उसने मुझे पकड़ा और कहा- छोटी सी जिंदगी में सब कुछ हासिल नहीं होता … और जो हासिल करने का मौका हो तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए, उसे पा लेना चाहिए.

इतना कह कर वो मुझे चूमने लगी. मैं भी यही चाहता था, मैं भी उसका साथ देने लगा. हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.

उसने पहल करते हुए अपने एक हाथ से मेरे लंड को सहलाया और मेरी पैंट खोलने लगी. हम दोनों कुछ ही देर में बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे. उसने मेरी पैंट और शर्ट दोनों उतार दिए. मैं भी कभी उसकी सलवार में हाथ डालकर उसकी गांड दबाता, तो कभी उसकी कमीज में हाथ डालकार उसके चुचे दबाता.

कुछ देर बाद वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई और मुझे बेड पर धक्का दे दिया. वो अपने कपड़े उतारने लगी. ये सब देख कर मैं पागल हो रहा था कि भगवान ने बैठे बिठाए मेरा सपना पूरा कर दिया था.

वो कपड़े उतार कर मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे चूमती रही. कुछ देर बाद वो मेरा लंड चूसने लगी. मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था. वो उठी और बेड पर टांगें फैला कर लेट गई और मुझे ऊपर आने का इशारा करने लगी.

मैं भी जल्दी से उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लंड उसकी फुद्दी में डाल कर आगे पीछे करने लगा. वो भी कामुक सिसकारियां लेने लगी. हम दोनों जन्नत की सैर कर रहे थे. वो अहसास कुछ अजीब ही था, जो मेरी जिंदगी में पहली बार महसूस हो रहा था. मुझे पता ही नहीं लगा कि कब उसका पानी निकलने लगा और हर झटके में पच पच की आवाज निकलने लगी. वो मुझे कस कर जकड़ने लगी, मैं भी पूरे जोश से झटके मारता रहा.

करीब 10 मिनट बाद मेरा माल उसकी फुद्दी में निकल गया. दो पल बाद मैं उसके ऊपर से हटा तो वो भी उठी और अपनी फुद्दी को कपड़े से साफ करने लगी.
वो मुझसे पूछने लगी- मजा आया?
मैंने कहा- बहुत मजा आया.

शाम के 4:30 बज गए थे. मैंने अपने कपड़े पहने और उसे किस करके वहां से चला गया. मैं उसे अपना मोबाइल नंबर दे आया कि जब भी मूड हो, वो बात कर ले.

अगले दिन उसका फोन आया और कल के बारे में हम बात करने लगे. हम दोनों अपनी फीलिंग शेयर करने लगे.

अब तो ये सिलसिला था कि हर दूसरे तीसरे दिन हम दोनों सेक्स करने लगे.

अब मैं उसे काफी देर तक तसल्ली से चोदना चाहता था. ऐसा एक मौका मिला. मेरे घर के लोगों को दिल्ली में मेरी सिस्टर के घर आयोजित एक पार्टी में जाना था. ये अच्छा मौका था, मैंने उसे बताया तो वो मान गई. अगले दिन सुबह 8 बजे घर के सभी लोग चले गए. मैंने उसे फोन करके बता दिया वो 11 बजे मेरे घर आ गई. मैंने उसे अन्दर करके कुंडी मार ली.

उसने कहा- मैं 5 बजे तक ही फ्री हूँ क्योंकि उसके किड्स 5 बजे के बाद घर आ जाते हैं.
हम दोनों कपड़े उतार कर 4 बजे तक काम क्रीड़ा करते रहे. इस दौरान मैंने उसे तीन बार चोदा.. वो भी खुश थी. मैं तो खुश था ही.

एक दिन मैं उसके घर गया, उसके घर के बाहर इनोवा गाड़ी खड़ी थी. मैंने बेल बजाई तो वो आई और उसने कहा कि आज उसकी ननद आई हुई है. मैं वापस जाने लगा तो वो मुझे जबरन अन्दर ले गई और मुझे दूसरे कमरे में बिठा दिया.

वो चाय बनाने लगी. कुछ देर बाद चाय बनाकर वो दूसरे कमरे में चली गई जहां उसकी ननद बैठी थी.

फिर उसने मुझे आवाज दे कर उसी कमरे में बुला लिया. मैंने देखा कि वे दोनों आपस में हंस हंस कर बातें कर रही थीं. उन दोनों में काफी अच्छी अंडरस्टैंडिंग थी. वो अपनी ननद को मेरे बारे में बताने लगी. ननद ने भी मेरा इंट्रो लिया.

बातों बातों में उसने अपनी ननद से कहा कि ये मजे भी पूरे देता है.
यह बात सुनकर मुझे अजीब लगा कि ये क्या कहे जा रही है, मुझे थोड़ी शर्म आई.
तभी उसकी ननद ने कहा- शर्माओ मत … मुझे सब पता है. फोन पर भाभी ने मुझे तुम्हारे बारे में सब बता रखा है.

यह सुनकर मुझे और भी अजीब लगा. मुझे ये बात समझ नहीं आ रही थी कि ये हो क्या रहा है.
उसने कहा- डरो मत किसी को नहीं पता लगेगा … तुम टेंशन मत लो.

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ. मैं सोच रहा था कि कहीं कोई लफड़ा न हो जाए. ये सोच कर मैं वहां से जाने के लिए उठा.
तो उसने कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- मुझे कोई काम है, बाद में बात करता हूँ.

यह कह कर मैं वहां से चला गया. शाम को उसका फोन आया और उसने बताया कि उसकी ननद करनाल में रहती है और वो एक नंबर की चालू है. उसका 5-6 सहेलियों का ग्रुप है, जो किटी पार्टी की आड़ में जवान लड़कों को बुलाकर उनसे अपनी चुदाई करवाती हैं और पैसे भी देती हैं. उसने यह भी कहा कि उसने मेरा नंबर अपनी ननद को दे दिया है. शायद वो तुमको अपने ग्रुप में बुलाना चाहती है.

मैंने काफी सोचा कि हां करूँ कि ना करूँ. आखिर में मैंने हां करने का मन बना लिया.

फिर 3 दिन बाद शनिवार को मुझे कॉल आया. कॉल उस औरत की ननद का ही था. उससे कुछ देर बात की. वो मुझे शाम को करनाल बुला रही थी. मैंने हां कह दी, उसने अपना अड्रेस मुझे बता दिया. मैं शाम को करनाल पहुँच गया और उसे कॉल किया. उसने हरी झंडी दिखा दी और आने को बोला.

जब मैं उसके घर के बाहर पहुँचा, तो देखा उसका घर बहुत बड़ा था, इससे मुझे अंदाजा लग गया कि वो काफी अमीर है. मैंने बेल बजाई तो उसकी कामवाली ने मेनगेट खोला.

मुझे देख वो बोली- मैडम अन्दर हैं मैं जा रही हूँ, अन्दर से कुंडी लगा देना. मैं कुंडी लगा कर अन्दर गया, तो वो सोफे पर ही बैठी हुई थी. उसने मुझे पास बैठने को कहा, मैं उसके साथ बैठ गया.
उसने कहा- आज तुम्हारी परीक्षा है.. आज तुम अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देना.
मैं हां कह दी.

फिर वो उठी और किचन में जाकर उसने मिल्क शेक बनाकर दो गिलास में डाल कर ले आई. उसी के साथ में वो एक टैब्लेट का पैकेट भी लाई थी. वो वियाग्रा की टैब्लेट थी. उसने मुझे एक दी और एक खुद खा ली. मिल्क शेक खत्म होने के बाद वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई. बेड पर लिटा कर मुझे किस करने लगी. मैं भी गर्म होने लगा और उसका साथ देने लगा. हमने एक दूसरे के कपड़े उतारे और उसने मुझे मालिश करने को कहा.

मैंने उसके पूरे बदन पर क्रीम से मालिश की. मालिश करते करते हम दोनों गर्म हो गए और हमने कामक्रीड़ा शुरू कर दी.

उस रात मैंने उसे चार बार ठंडा किया और हर कामक्रीड़ा लंबी चली. वो खुश थी और जाते वक्त उसने मुझे 5000 रुपए दिए.

उस दिन के बाद मैंने उसे कई बार संतुष्ट किया. उसने अपनी साहलियों को भी मुझसे शांत करवाया और मुझे पैसे भी कमाने का मौका मिला. अब मैं उसी की सिफारिश पर एक अच्छी कंपनी में नौकरी करने लगा हूँ और जब भी समय मिलता है, तो उनसे कांटेक्ट करके किसी ना किसी औरत की मालिश करता हूँ और उसे शांत करता हूँ. इससे पैसे भी कमा लेता हूँ. ये है मेरे कॉलबॉय बनने की कहानी.

इसमें एक प्रतिशत भी झूठ नहीं है. आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, मेल कीजिएगा.
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