मेरा गुप्त जीवन- 128

(Mera Gupt Jeewan- part 128 Beauty Contest Se Pahle Chudai)

यश देव 2015-12-30 Comments

This story is part of a series:

ब्यूटी कांटेस्ट से पहले चुदाई

उसके जाते ही कम्मो आ गई और बोली- मैडमों से मेरी बात हो गई है, सुंदरता प्रतियोगिता का प्रस्ताव सुन कर बड़ी खुश हो गई हैं और वो शाम को दोनों यहाँ आ जाएंगी, कह रही थी कि वो कुछ खास पीने का भी प्रबंध कर लेंगी।

कुछ समय बाद धीरे धीरे डांसर लड़कियाँ बैठक में आने लगी और काफी अधिक उत्सुक लग रही थी, होने वाली सुंदरता प्रतियोगिता से काफी उत्साहित थी।
सब आपस में अपने प्रतियोगिता में पहनने लायक कपड़ों के बारे में बहस कर रही थी।
हेमा बोली- सुंदरता प्रतियोगिता तो ठीक है लेकिन यह स्ट्रिप टीज़ तो ठीक नहीं लग रहा है।
जूली बोली- स्ट्रिप टीज़ में तो सिर्फ कपड़े ही उतारने हैं और वो भी सब औरतों के सामने और अगर कोई मर्द हुआ भी तो वो अपना सोमू राजा ही होगा ना जिसके सामने हम सब कई बार नंगी हो चुकी हैं वो उस से सब करवाते हुए जिसकी इच्छा हम सबको थी। क्यों ठीक है ना? अब बोलो क्या स्ट्रिप टीज़ में कोई प्रॉब्लम है?

सबने ज़ोर से कहा- नहीं, कोई प्रॉब्लम नहीं है, होने दो स्ट्रिप टीज़ को!
सब लड़कियाँ मेरे इर्द गिर्द जमा हो गई और तब आबिदा बोली- इस प्रतियोगिता के मुख्य जज तो सोमू जी को होना चाहिए क्यूंकि उन्होंने हम सबको अच्छी तरह से देखा और परखा है, हमारे एक एक अंग से पूरी तरह से वाकिफ हैं और उसका आनंद ले चुके हैं।

नंदा बोली- वो तो सब ठीक है, हमको स्ट्रिप टीज़ करने में कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन इस स्ट्रिप टीज़ के विजेता लड़कियों को सोमू की तरफ से एक ख़ास इनाम दिया जाना चाहिए। क्यों सोमू राजा?
मैं बोला- मैं भला किसी को क्या इनाम दे सकता हूँ?
आबिदा बोली- तुम्हरे पास इतनी कीमती चीज़ है जिसकी हर लड़की को ज़रूरत है और चाहत है, बोलो दोगे क्या?
मैं बोला- अच्छा तो तुम लंडम की बात कर रही हो? वो तो हर वक्त हाज़िर है आबिदा जानम, एक बार नहीं जितनी बार कहोगी, वो तुम्हारी चूत की सेवा करने के लिए तैयार है।

तब हेमा बोली- अगर लड़कियों को और सोमू को ऐतराज़ ना हो तो प्रतियोगिता के बाद सब लड़कियों की सोमू के साथ ज़ोरदार चुदाई सेशन हो जाए? क्यों सोमू, तैयार हो चुदाई सेशन के लिए? और क्या तुम सब लड़कियों को चोद सकोगे एक के बाद एक को?

कम्मो जो सब बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी, बोली- तुम 12 लड़कियों को एक साथ चोदना शायद सोमू के लिए मुश्किल हो सकता है लेकिन अगर आप 4-4 के ग्रुप में आएँ तो यह काम वो कर सकता है।
हेमा बोली- वही तो… मज़ा तो तब है जब 12 लड़कियाँ एक साथ नंगी मलंगी सोमू के चारों तरफ फैली हों और वो किसी के मुम्मे चूसे, किसी की चूत में ऊँगली करे और किसी की चूत में लंड डाल रहा हो और एक चोद कर दूसरी पर चढ़ रहा हो और बिल्कुल ऑर्गी जैसा समा बना हो। उफ्फ्फ मज़ा ही जाए अगर ऐसा हो सकता हो तो!

कम्मो बोली- ऐसा हो सकता है अगर बाकी लड़कियाँ एक दूसरी के साथ लेस्बो सेक्स में लगी हों और सोमू लाइन से और कायदे से हर लड़की को काम सुख प्रदान कर सकता है… पर क्या दोनों मैडमों को यह हरकत नागवार नहीं लगेगी क्या?
हेमा बोली- मैडमों को बताएगा कौन? हम सब तो एक जुट हैं, क्यों फ्रेंड्स?
सब ज़ोर से बोली- यस, हममें से कोई भी नहीं बताएगा किसी को, हम सब कसम खाती हैं।

कम्मो बोली- ठीक है, इस खेल का प्लान मैं बनाऊँगी, या आप में से भी कोई मेरे साथ शामिल होना चाहती है?
आबिदा और हेमा दोनों ने हाथ खड़े कर दिए और कम्मो ने दोनों को मिला कर प्लान बनाने का काम शुरू कर दिया।
सब लड़कियाँ रात में होने वाले ब्यूटी कांटेस्ट के लिए अपने कपड़ों का चुनाव करने में लगी हुई थी और मैं बेकार में ही वहाँ बैठा हुआ था।

जब मैं उठने लगा तो जूली मेरे पास आ गई और मैंने उससे पूछा कि अगर वो कुछ नहीं कर रही तो ज़रा लॉन में घूम लेते हैं?तो वो झट मान गई।
हम दोनों हाथ पकड़े हुए लॉन में आ गये।

जूली ने एक लाल फ्रॉक पहना हुआ था जो उसके घुटनों तक ही आ रहा था और वो हवा में खूब लहलहा रहा था। एक दो बार तो वो हवा के तेज़ झोंके के कारण एकदम ऊपर उठ गया और मैंने उसकी वाइट पैंटी के दर्शन कर लिए।

जूली छुपी आँखों से यह सब देख रही थी और मुझको हल्के से अपनी कोहनी मारते हुए बोली- तुम्हारी चोरी पकड़ी गई सोमू जी!
मैंने मुस्कराते हुए कहा- कौन सी चोरी जूली जानम?
वो भी मुस्करा रही थी और मेरे हाथ को अपनी कमर में लपेट कर बोली- वही तुम कुछ देखने की कोशिश कर रहे हो मेरे फ्रॉक के नीचे क्या है?
मैं बोला- वहाँ क्या होगा जो मैंने अभी तक नहीं देखा तुम्हारा? मैं तो सब कुछ देख चुका हूँ तुम्हारा लेकिन इस तरह चोरी से देखने का कुछ और ही मज़ा होता है।
जूली बोली- वही तो!

अब लॉन में कुछ कुछ अँधेरा बढ़ रहा था तो एक पेड़ के नीचे जब हम दोनों पहुंचे तो मैंने जूली को पकड़ कर आलिंगन में बाँध लिया और उसके लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी।
वो भी जैसे इसी मौके का इंतज़ार कर रही थी, उसने भी झट से मेरे लौड़े को पकड़ लिया और पैंट के बाहर से ही सहलाने लगी।
मैंने भी एक हाथ उसकी पैंटी के ऊपर रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा।

एक दूसरे को चूमते चाटते हम एक बिल्कुल अँधेरी जगह में पहुँच गए और फिर मैंने जूली के कान में कहा- मर्ज़ी है क्या?
जूली ने एक किस करते हुए कहा- है तो सही अगर तुम्हारी भी मर्ज़ी है तो?

मैंने जूली को एक घने पेड़ के तने को पकड़ कर खड़ा कर दिया और फिर उसकी पैंटी को नीचे खिसका कर अपने खड़े लंड को पैंट से निकाला और कुछ देर उसकी चूत के ऊपर उसको रगड़ कर धीरे से मैंने उसकी चूत में डाल दिया।
चूत और लंड के मिलन के बाद हम दोनों एकदम से शांत खड़े रहे बिना हिले डुले एक दूसरे से जुड़े हुए!
फिर धीरे से जूली ने अपने चूतड़ों को थोड़ा आगे की तरह किया और फिर पुनः उसको पीछे मेरे लंड से चिपका दिया और इस एक्शन को उसने 4-5 बार रिपीट किया लेकिन मैं बिना हिले डुले शांत खड़ा रहा।

धीरे धीरे से जूली की चूत पनियाती गई और मैंने अपने अंदर बाहर के धक्के शुरू कर दिए और अब जूली के मुंह से आनन्द के सीत्कार की आवाज़ें आने लगी और अब वो भी अपनी कमर को हिला हिला कर मेरे लंड को पूरा का पूरा अंदर लेने लगी और साथ में अस्फुट आवाज़ करने लगी जिससे मैं समझ गया कि जूली अपनी मंज़िल के निकट पहुँच रही है।

मैंने धुआंधार चुदाई शुरू की तो जूली जल्दी से स्खलित हो गई और मेरे लंड के साथ पूरी तरह से चिपट गई।
फिर हम दोनों अपने कपड़े ठीक कर के कॉटेज वापस चल पड़े।
जूली ने अपना सर मेरे कंधे पर रखा हुआ था और वो चुदाई की खुमारी में धीरे धीरे चलती हुई मेरे साथ कॉटेज पहुँच गई।

तभी उसकी रूम मेट सैंडी आ गई और बोली- चलो जूली, तैयार हो जाओ, मैडमों के आने टाइम हो गया है।

कहानी जारी रहेगी।
[email protected]

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category Hindi Sex Story or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

मेरा गुप्त जीवन- 128

Comments

Scroll To Top