चूत की आग और लण्ड की प्यास

(Jungle Sex Kahani)

क्रोमिल 2021-04-19 Comments

जंगल सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक ट्रेनिंग में मेरी मुलाकात एक भाभी से हुई. हमें कुछ समय साथ बिताने का मौका मिला और हमारी दोस्ती हो गयी. उसके बाद क्या हुआ?

नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की कहानियां करीब 5 साल से पढ़ता आ रहा हूं लेकिन मैंने कभी सेक्स कहानी लिखने पर विचार नहीं किया था.
अब मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी अपनी एक सेक्स कहानी लिखकर आप सभी पाठकों के मन को रोमांचित करूं!

जंगल सेक्स कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपना परिचय दे देता हूं.
मेरा नाम रोमिल है और मैं कानपुर (उत्तर प्रदेश) से हूँ। मेरी हाइट 5 फीट 5 इंच है.
कम हाइट होने के बाद भी मैं दिखने में स्मार्ट लगता हूँ. मेरे चेहरे से ही मेरी अच्छी पर्सनेलिटी बनती है और मैंने सेहत भी मेंटेन करके रखी है.

शुरू से ही लड़कियां मेरी तरफ आकर्षित होती रही हैं. इसलिए स्कूल के समय में ही मेरी पहली गर्लफ्रेंड बन गयी थी.

मगर ये कहानी मेरी तीसरी गर्लफ्रेंड की है जब मैं 22 साल का था और कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने वाला था.

मैंने इससे पहले कई औरतों की चूत मारी थी और एकाध भाभी की चुदाई भी कर चुका था.

ये कहानी जिसके बारे में है वो भी एक शादीशुदा औरत थी.
उसका नाम था महकशां.
वो 26 साल की थी और उसको देख कर कोई ये नहीं कह सकता था कि वो शादीशुदा है और दो बच्चों की माँ है.

उसकी हाइट 5 फीट 2 इंच की थी और बॉडी शेप थी- 34-30-34 की।
सांवला रंग लिये और नशीली आंखों के साथ वो मदमस्त जवानी की मालकिन थी जिसे देख कर न जाने कितनों के पजामे के नाड़े खुल जाएं।

अब मैं आपको बताता हूं कि हमारी मुलाकात कैसे और कहां पर हुई।

हम एक ट्रेनिंग के दौरान में मिले थे जहां मैं ट्रेनिंग टीम के साथ था और वो ट्रेनिंग लेने आयी थी.
देरी से आने की वजह से उसे ट्रेनिंग किट नहीं मिल पाई थी और सरकार की तरफ से जितनी किट मिली थी सब बाँट दी गयी थी.

वो मेरे पास आकर रिक्वेस्ट करने लगी और कहने लगी कि बिना किट के हम काम कैसे करेंगे क्योंकि वो उस सरकारी काम लिए अपने क्षेत्र में नियुक्त की गई थी और उसके पास उस कार्य को करने का लैटर भी था।

मैंने सभी के नाम चेक किये तो सूचि में एक नाम दो बार लिखा हुआ मिला. हमने उससे फोन पर बात की लेकिन वो जा चुकी थी. उसने हमें बताया कि वो उस वर्कर को जानती है मगर वो जा चुकी थी.

फिर मैंने उसे थोड़ा रुकने को बोला और जैसे ही सारा काम खत्म हुआ मैं उसे लेकर उस वर्कर के घर गया जहां से उसे वो किट दिलायी। इतनी देर में हमारे बीच काफी बातें हो चुकी थीं.

मुझे इसी दौरान मालूम चला कि उसका घर वहां से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर था.

अब तक काफी देर हो चुकी थी जिस कारण उसे अपने घर पैदल ही जाना पड़ता.

काफी देर से साथ होने के कारण मेरा भी दिल उस पर आ गया था और मन ही मन उसे चोदने की इच्छा होने लगी थी.

मगर दोस्तो, ऐसे तो कोई किसी को न तो चोद पाता है और न ही कोई चुदवा लेता है इसलिए मैंने उसको घर छोड़ने का ऑफर दे दिया और वो मान भी गयी।

वैसे उसके पास विकल्प था क्योंकि चाहती तो वो फोन करके अपने शौहर को बुला लेती.

मगर जब उसके शौहर का फोन आया तो उसने कह दिया कि वो अपनी सहेली के साथ है और वो खुद ही घर आ जायेगी.
उसके इस तरह से झूठ बोलने के कारण मैं भी मन ही मन खुश हुआ और मैंने सोचा कि शायद इसके मन में भी कुछ है मेरे लिये.
मैंने लाइन क्लियर समझी.

फिर रास्ते से एक दुकान से मैंने एक कोल्डड्रिंक की बोतल और चिप्स के पैकेट खरीदे और गाड़ी धीरे धीरे चलाने लगा.
मैं किसी सुनसान जगह की तलाश में इधर उधर देखने लगा.

महकशां ने मुझे इधर उधर ताड़ते हुए देखा तो पूछा- क्या देख रहे हो?
तो मैंने भी कह दिया- किसी सही जगह की तलाश कर रहा हूं जहां हम सुकून से बैठकर ये चिप्स और कोल्ड ड्रिंक का मजा ले सकें.
वो बोली- हां मैं जानती हूं एक अच्छी जगह, आप चलाते रहो मैं जगह आने पर बता दूंगी.

उसकी इस बात पर मैंने सोचा कि अब तो कोई संदेह ही नहीं कि इसके मन में कुछ न कुछ है वरना ये इतनी आसानी से ये सब नहीं बोलती.
मैं मन ही मन खुश हो गया कि शायद अभी ही इसके साथ कुछ करने का मौका मिल सकता है.

ये सोचकर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था लेकिन मैं गाड़ी चलाता रहा और उसका इंतजार करने लगा कि कब वो गाड़ी को रोकने के लिए कहेगी.
जहां तक मुझे लग रहा था कि वो पहले भी किसी के साथ यहां पर आई होगी वरना ऐसे ही किसी को इस तरह की जगह के बारे में पता नहीं होता है.

वो बार बार मंद मंद मुस्करा रही थी जिससे मुझे पता लग रहा था कि ये मोहतरमा भी अपनी चूत देने के लिए तैयार हैं शायद।

तभी थोड़ी दूर चलने पर महकशां ने मुझे दूसरे रास्ते पर मुड़ने के लिए कहा.
मैंने उसी तरफ़ गाड़ी ले ली. मैंने देखा कि वहां पर बहुत कम गाड़ियां जा रही थीं.

कुछ दूरी पर चलकर वो रास्ता काफी सुनसान सा हो गया.
मैंने सही सी जगह देखकर गाड़ी साइड में लगा ली और हम अपनी चिप्स खाने लगे.

मैं उसकी मनोदशा को पढ़ने लगा. अभी तक मेरी हिम्मत इतनी नहीं हुई थी कि मैं उसके साथ कुछ कर सकूं.
तभी उसकी कोल्ड्रिंक खत्म हुई तो मैं उसे और कोल्डड्रिंक देने लगा.

बोतल में गैस बन जाने के कारण जैसे ही बोतल का कैप खोला तभी कोल्डड्रिंक छलक कर उसके ब्लाउज के ऊपर गिर गयी.
मैंने जल्दी से सॉरी बोलते हुए तुरंत अपना रूमाल निकाला और ब्लाउज को रुमाल से साफ करने लगा.

जल्दी जल्दी में मैंने ये ध्यान नहीं दिया कि वो जगह उसके स्तनों की है.
फिर मैंने जल्दी से वहां से साफ किया और उसने कुछ भी नहीं बोला.

जब मैंने उसका चेहरा देखा तो वो मुस्करा रही थी.
वो बोली- अभी थोड़ा दाग रह गया है.
कहते हुए उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने ब्लाउज पर रखवा कर खुद ही रूमाल से साफ करवाने लगी.

मैं समझ गया कि वो लाइन दे रही है.
मैंने भी उसके स्तनों पर हाथ का दबाव बढ़ा दिया.
मैं उसकी चूची को साफ करते हुए उसकी नजरों में देख रहा था.
वो भी हवस भरी नजर लिये मेरी तरफ मुस्करा रही थी.

इससे पहले कि मैं आगे बढ़ता उसका दूसरा हाथ नीचे ही नीचे मेरी पैंट की जिप पर आ चुका था और उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया था.
मेरा लौड़ा तो पहले से ही पूरा तना हुआ था. उसका हाथ लगते ही लंड में पूरा कसाव आ गया और वो फड़फड़ाने लगा.

मैंने उसकी तरफ देखा तो उसके चहरे में एक चमक दिखी. मैंने भी हिम्मत करके और आगे बढ़ कर उसके होंठों में अपने होंठ रख दिये और किस करने लगा.

थोड़ी देर तो वो औपचारिकता दिखाती रही लेकिन फिर पूरी तरह से मेरे होंठों को चूसते हुए मेरा साथ देने लगी.

काफी देर तक हम एक दूसरे के होंठों से होंठ पीते रहे. कभी मेरी जीभ उसके मुख के अंदर तो कभी उसकी जीभ मेरे अंदर होती और हम काफी देर तक किस करते रहे.

न जाने कितनी लार हमने एक दूसरे के मुंह से पी और एक दूसरे को पिलायी.

अब तक मेरे हाथ भी हरकत में आ गए थे. जहाँ एक हाथ उसके सिर के पीछे था, वहीं दूसरा हाथ उसके स्तनों को मसल रहा था।

हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे को और ज्यादा गर्म कर रही थीं. एक दूसरे को तड़पा रही थी.
मेरा लण्ड पैंट फाड़ कर बाहर आने को तैयार था.
वो एक हाथ से मेरे लंड को बार बार सहलाये जा रही थी और मैं आह्ह आह्ह करके उस पल का मजा ले रहा था.

उसके मुंह से भी उम्म … आह्ह … करके कामुक आवाजें निकल रही थीं.

मैंने कार की सीट को पीछे मोड़ते हुए उसको वहीं पर लिटा दिया. लिटाकर मैं उसके स्तनों की घाटी को बेतहाशा चूमने लगा.

अब मैं पूरी तरह से उसके ऊपर आ गया और उसे नीचे दबा लिया.
फिर मैंने उसके ब्लाऊज़ के हुक खोल दिये और वो ब्रा में आ गयी.

उसकी ब्रा उसके स्तनों को संभाल नहीं पा रही थी. मैंने ब्रा के ऊपर से उसके स्तनों को दबाना शुरू किया.
वो आहें भरने लगी.

काफी देर तक मैंने उसके स्तनों को दबाने का मजा लिया और फिर उसकी ब्रा के हुक खोलकर ब्रा को भी हटा दिया.
उसके नंगे उरोजों को देख कर मैं बेचैन हो गया और मैं उसके दूध पीने लगा और साथ ही स्तनों को मसल रहा था।

उसकी आहें तेज हो गयीं. वो तेज तेज सिसकारियाँ लेने लगी.
उसके मुख से आह … सी … स्स्स … ईई … ऊईई मां जैसे शब्द निकल रहे थे.

सी सी करते हुए उसने मेरी कमर को कसकर पकड़ लिया. उसकी आहों और गर्म सांसों ने मुझे भी बेचैन कर दिया था.

मैंने एक हाथ बढ़ाते हुए उसकी साड़ी के अंदर से उसकी चूत के ऊपर रख दिया.
वो और बेचैन हो गयी और जैसे ही उसकी पैंटी के अंदर हाथ को को प्रवेश कराया तो ऐसा लगा कि मैंने किसी तपती हुई भट्टी में अपना हाथ डाल दिया हो.

उसकी गर्म चूत पर मेरा हाथ पहुंचा तो वो किसी नागिन की तरह मचलने लगी।
मैंने उसकी चूत को अपनी हथेली से भींच लिया जिस कारण उसकी आहों और गर्म सांसों ने गाड़ी की चलती हुई एसी का भी तापमान बढ़ा दिया.

वो बस आहें भरे जा रही थी- सीसी … सीस्स … आह्ह … आई … आह्ह … सीसी … श्स … आह्ह
ऐसे करके वो अपनी उत्तेजना को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी मगर मेरा हाथ उसकी चूत को रगड़ता हुआ उसके जिस्म में आग को और ज्यादा भड़का रहा था.

तभी उसने एक हाथ आगे बढ़ा कर मेरी पैंट की चेन खोल कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया और उसको हाथ में भरकर सहलाने लगी. मेरी तड़प और बढ़ गयी।
मैं सीट के नीचे बैठ गया और उसकी पैंटी उतार दी जो अब तक पूरी भीग चुकी थी.

पैंटी उतारते ही उसकी चिकनी चूत मेरे सामने आ गयी.
उसकी ऐसी गर्म चिकनी चूत देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया.

तभी वो मेरी तरफ प्रश्नवाचक निगाहों से देखने लगी और मैंने बिना उत्तर दिए ही उसकी चूत में अपनी जीभ लगा कर चाटने लगा.

शायद चूत चटवाने का उसका अनुभव पहली बार था.
तभी वो तेज आवाज के साथ सिसकारियाँ लेते हुए बोली- राजा … ये क्या किया … आह्ह ये मैं कैसे सहूंगी. आह्ह … आईई … मेरी चूत … आह्ह!

वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी और मैं उसके इस पागलपन में जैसे खोने लगा था.
एक तो उसकी चूत से इतना मस्त स्वाद वाला रस निकल रहा था और दूसरा उसकी चूत में आग लगी थी और वो चुदने के लिए बेचैन थी.

वो लगातार मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी मैं जीभ को पूरी उसकी चूत में घुसा रहा था.
दो तीन मिनट तक ये खेल चला और तभी वो जोर से चिल्लायी और उसकी चूत से लावा फूट पड़ा.

उसकी चूत से रस का झरना बह निकला. मैंने भी पूरी तरह से जीभ से चूत को चाट कर साफ किया.
जब मैंने उसकी तरफ देखा तो वो तृप्त और संतुष्ट लग रही थी।

मगर मैं अभी पूरी तरह से प्यासा था.
उसने मेरे मन को पढ़ते हुए कहा- पहली बार मेरी चूत को किसी ने ऐसी मस्ती से चाटा है कि मैं इतनी झड़ गयी. ऐसा सुख मुझे कभी अपने शौहर से नहीं मिला. अब मैं भी तुम्हारे लंड को पीकर तुम्हें खुश कर दूंगी.

ये कहते हुए उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चाटने लगी.
मेरे लण्ड को मुँह भर कर उसने मेरी पुरानी गर्लफ्रैंड की याद दिला; मगर अभी मैं उसकी बात नहीं करूंगा.

महकशां ने थोड़ी ही देर में किसी एक्सपर्ट की तरह लण्ड चूसना शुरू कर दिया.
मैं तो अब हवा में उड़ रहा था. दोस्तो, लंड चुसवाने का भी अपना ही एक अलग मजा होता है.

करीब 10 मिनट बाद तेज आवाज के साथ मैंने उसके सिर को अपनी जांघों में फंसा कर पिचकारी छोड़ दी.
मेरा वीर्य उसके हलक से नीचे चला गया.

वो जोर लगा कर अलग हुई और कार का दरवाजा खोल कर मेरे वीर्य को बाहर उगलने की कोशिश करने लगी.
मगर वीर्य अंदर चला गया था.

मुझे लगा वो असहज हो गयी तो मैंने उसे पानी की बोतल देते हुए सॉरी बोला और पानी से कुल्ला करने को बोला. मगर उसने मेरी उम्मीद के विपरीत पानी से मुँह में गरारा करने के बाद पानी उगलने की जगह उसे पी लिया.

उसने एक आंख मारते हुए मेरे लण्ड को फिर पकड़ लिया और उसको मस्ती में चाट चाट कर साफ कर दिया और बोली- तुमने आज पहली बार में मुझे बिना चोदे ही जीभ से चूत को चाट कर जो सुख दिया है तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है.

उसके इस समर्पण से मैं भाव-विभोर हो गया और उसके चेहरे पर चुम्बनों की बारिश कर दी मैंने.
उसने भी मेरा पूरा साथ दिया।

तभी उसका फोन बजा जो उसके शौहर का था.

रात के 9 बज चुके थे. उसने बुझे हुए मन से फोन उठाया और बोली- सहेली का भाई मिल गया, उन्हीं के साथ आ रही हूँ।
मतलब साफ था कि उसने मेरे साथ और आगे के सफर करने की अपनी तरफ से हरी झंडी दे दी थी।

मैंने भी मुस्करा कर अपनी सहमति जता दी.

फोन रखते ही उसने साफ साफ बोलते हुए कहा- आपको भी घर जाना होगा. आप जल्दी से अपने लंड की प्यास बुझा लो.
वो सीधे पर तौर पर चूत चोदने की बात कह रही थी.
मैं उसकी बात सुनकर खुश हो गया.

एक बार तो मुझे लगा था कि वो शौहर के फोन के बाद अब चोदने से मना कर देगी लेकिन वो भी आज चुदकर ही जाना चाह रही थी.

अब मैंने अपना दांव खेला और बोला- मैं तो तृप्त तुम्हारे प्यार से ही हो गया. अब जिस्म की भूख मिटानी है जिसमें प्यार कहाँ होगा, केवल जिस्म के लिए चुदायी तो उसकी करते हैं जिससे प्यार नहीं हो. मैंने तुम्हारे साथ इतने हसीन लम्हों को जिया है कि तुमसे प्यार हो गया है. अगर तुम्हारी इच्छा हो तो करेंगे नहीं तो कोई जरूरी नहीं है.

वो मेरी बातों से बहुत खुश हो गयी.
फिर हमने एक प्रेमी प्रेमिका की तरह चुम्बन किया और उसने मेरा मोबाइल नम्बर लिया. फिर हम जंगल सेक्स के बाद गाड़ी स्टार्ट करके उसके घर की तरफ चल दिये.

रास्ते में मैंने पूछा कि वो रास्ता कहाँ जाता है? हम एक घण्टे रुके मगर कोई आता जाता नहीं दिखा.
उसने बताया- वो रास्ता आगे एक जंगल की तरफ जाता है तो शाम होते ही वहाँ कोई नहीं जाता.

मैंने कहा- तुम्हें डर नहीं लगा? कोई जंगली जानवर आ जाता तो क्या करते?
वो बोली- डर लगा … लेकिन कुछ पाने के लिए रिस्क तो लेना ही पड़ता है. वैसे जंगल अभी बहुत आगे था और हम लोग कार में थे और आप की नजरों ने मुझे बेचैन कर दिया था. वैसे अब आपने मुझे और ज्यादा बेचैन कर दिया है और मैं रुक नहीं पा रही हूं.

महकशां ने ये बोलते हुए गाड़ी मोड़ने का इशारा किया और मेरा एक हाथ गाड़ी के हैंडल से उठाकर अपनी चूत के ऊपर रखते हुए बोली- ये जल्दी ही तुमसे मिलेगी.

फिर उसने एक आह भरते हुए गाड़ी रोकने का इशारा किया.
सामने ही उसका घर था. उसने इशारे से बता दिया.

वो आई लव यू बोलते हुए उतरने लगी और उसने उतरकर गाड़ी का दरवाजा बंद कर दिया.

जिस घर की तरफ वो गयी वहाँ एक आदमी खड़ा था.
शायद उसका शौहर था. मैंने गाड़ी बैक की और बिना रुके अपने घर की तरफ चल पड़ा.

करीब 11 बजे मैं अपने घर पहुंचा. खाना मैंने रास्ते में एक होटल से पैक करा लिया था।

घर पहुंच कर गाड़ी खड़ी करके जैसे ही मैं अपने रूम पहुंचा एक मैसेज आया- आई लव यू जानू … परसों फ्री रहना. तुम्हारी जान तुमसे मिलने आएगी और वो सब होगा जो आज बाकी रह गया है। मैं कल दिन में तुमसे बात करूंगी. अगर तुम्हारी तरफ से हाँ हो तो यस लिख कर भेज दो। मेरी चूत अपने लण्ड का इंतजार कर रही है।

मैं तो उसकी चुदासी बातों से फिर से गर्म हो गया और मैंने यस लिखकर भेज दिया.

अब मुझसे भी कल का इंतजार नहीं हो रहा था. मैं भी उसकी चूत चोद देना चाहता था.

तो दोस्तो, आगे की कहानी मैं जल्द ही लिखूंगा और आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने महकशां की चुदाई की और उसको कितनी बार अपने लंड का पानी पिलाया. आपको ये जंगल सेक्स कहानी कैसी लगी आप मुझे बताना जरूर. आपके मैसेज का इंतजार रहेगा.
मेरा ईमेल आईडी है [email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top