कोविड वार्ड में चुत चुदाई का मजा- 3

(Hospital Chudai Story)

चन्दन सिंह 2021-01-26 Comments

मैंने एक मरीज का मम्मी को दो बार खूब मजे से चोदा. मरीज के साथ उसकी सास भी थी. वो भी मुझे पटती हुई लग रही थी. इसके बाद क्या हुआ?

नमस्कार दोस्तो, मैं चन्दन सिंह एक बार फिर से आपका अपनी सेक्स कहानी में स्वागत करता हूँ.

अब तक की इस कामुक कहानी
मरीज की मम्मी को पटा कर चोदा
में आपने पढ़ा था कि मैंने रात को रोहिणी देवी को बाथरूम में चोद दिया था उसके बाद उसे अपने बिस्तर पर भी चोदा था.

जब सुबह हुई तो रोहिणी की समधन विमला आ गई और वो मुझसे नैन-मटक्का कर रही थी.

अब आगे:

अचानक से उठ कर विमला मेरे पास आई और उसने मुझसे मेरा मोबाईल मांगा.

मैंने देखा कि उसका मोबाईल उसी के हाथ में था.
मगर तब भी वो बोली- मुझे एक फोन करना है.

मैंने दे दिया.
वो मोबाईल लेकर फोन लगाने लगी.
तभी उसके मोबाईल पर घंटी बोल पड़ी.

उसने नंबर देख कर तत्काल फोन काट दिया और बाथरूम में चली गयी.

अन्दर जाकर उसने फिर से फोन किया और बहुत धीमी आवाज में बात शुरू हो गई.

मैं मद्धम स्वर में बोलने लगा- क्यों इतने नखरे कर रही हैं आप … आखिर आपका दिल और मेरा दिल भी धड़कता है. आपकी कसम आपको पूरी रात याद किया और पूरी रात नींद नहीं आई.
वो बोली- मगर ऐसा तो मेरे साथ कुछ भी नहीं हुआ.

तब मैं बोला- जब ऐसा कुछ नहीं हुआ, तो एक तरफा याद करने से क्या फायदा.
इतना बोल कर मैंने फोन काट कर रख दिया.

उसका फोन वापिस आया. उसने मेरा नाम पता मालूम किया. क्या काम करते हो … वो ये सब पूछने लगी.

मैंने सब बताते हुए उससे उसके बारे में पूछा.
उसने बताया कि दो साल पहले मेरे पति की एक्सीडेंट में मृत्यु हो गयी थी. मेरा एक लड़का और एक लड़की है. लड़की की शादी कर दी है. लड़के की शादी करनी है.

बात पूरी होने बाद मैं बोला- अगर आप कृपा कर आज की रात अस्पताल में मेरे लिए रुक जाएं, तो मुझे अच्छा लगेगा.
वो हंस कर बोली- देखूंगी.

इसके ठीक दो घंटे बाद मुंबई से मेरे एक घनिष्ठ मित्र का फोन आया, जो रिटायर्ड आईपीएस था.
उसके साथ महीने में एक दो-बार बार में चला जाता था. वहां फाइव स्टार होटल के बार में सभी स्टेन्डर्ड लोग आते थे. उनमें बहुतों के साथ मेरा परिचय था.

मेरा मित्र राजेश फोन पर बोल रहा था- अबे ओय कहां है बे!
वो गाली गलौच के साथ बोलने की आदत से मजबूर था.

मैंने कहा- आज कैसे याद किया राजेश?
वो बोला- अरे यार, राजस्थान आया हुआ हूँ. इधर एक मेरे मित्र हैं, उनके लड़के को किसी आईटीआई की कम्पनी में लगाना है. साथ में वहां रहने की व्यवस्था भी करनी है. तेरे यहां आईटीआई के आदमी लगे हुए हैं ही, कुछ महीनों तक उनसे कुछ काम भी सीख लेगा. बाद में वो कहीं अपनी जॉब लगा लेगा.

राजेश बोल कर चुप हुआ, तो मैं बोला- इस समय मैं जयपुर के एक सरकारी अस्पताल के एल-थ्री ग्रेड के कोविड वार्ड में एडमिट हूँ.
वो बोला- अबे कब से?

मैं- छह दिन हो गए हैं. आज की दूसरी रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि क्या पोजीशन है. हालांकि मुझे अन्दर से तो सब ठीक लग रहा है.
वो बोला- ठीक है. अभी फोन रखता हूँ और सीधे अस्पताल आ रहा हूँ.

आधा घंटे बाद राजेश अपने साथ बहुत सारे डॉक्टर लेकर आया.

उसके आते ही डॉक्टर ने रिपोर्ट चैक करने में लग गए. अस्पताल का पूरा प्रशासन इस समय मेरे वार्ड में ही था. वरिष्ठ डॉक्टर से मेरा सम्पर्क करवाया गया.

राजेश ने मुझसे कहा- ये डॉक्टर मेरा लंगोटिया यार है … तेरे ही जैसा.

तो राजेश के अन्तिम बोल सुनकर मैं समझ गया कि ये भी एक नम्बर का शराबी और चुतखोर होगा.

राजेश ने उससे मेरी रिपोर्ट मंगवा ली. रिपोर्ट निगेटिव आई थी.
तब भी राजेश के डॉक्टर दोस्त की वजह से मुझे वीवीपीआई कॉटेज वार्ड में शिफ्ट करवा दिया गया.

राजेश बोला- और कुछ कमी रह गयी हो बता?

इस समय अस्पताल प्रशासन वहीं खड़ा होने के कारण मैंने राजेश को बताना उचित नहीं समझा. मैंने राजेश को मात्र इतना ही कहा कि इस कॉटेज वार्ड में एक आदमी ऐसा रखना कि मेरा कोई काम हो, तो वो बिना सवाल जबाव के पूरा कर दे.

ये बात राजेश के साथ डॉक्टर भी सुन रहा था. वो बीच में ही अपने स्टाफ से बोल पड़ा कि यहां इस हैरिटेज वार्ड में बाकी के रूम के मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दो.

सभी खाली होने वाले कमरों को पहले सेनेटाइज करवाओ, दो चार नर्स और दो डॉक्टर यहां कमरे के बाहर सैट दो.
फिर पास में खड़े पीए को इसी समय और इशारा करके सब काम पूरा करने का बोल दिया.

उसने दो अन्य डॉक्टरों के नाम पीए को कहे और बोला कि इन्हें फोन करके बता दो कि ये मेरे विशेष मेहमान हैं.

ये सब हुआ तो सब लोग जाने लगे.

जाते जाते डॉक्टर ने अपना मोबाईल नंबर मुझे देते हुए कहा- कोई कमी हो तो मुझे बिंदास बता देना. अगर कमी रह गयी न … तो मुझे तेरा दोस्त जो एक नंबर का कमीना है, बाद में मेरी हालत खराब कर देगा. एक बार आप इस नम्बर पर फोन करके मुझे अपना नम्बर भेज दो … ताकि मैं उसे सेव कर लूं.

डॉक्टर के नंबर पर मैंने एक रिंग की इसके पश्चात सभी लोग चले गए.
घर जाते वक्त डॉक्टर ने कहा- रात नौ बजे चैक करने मैं फिर से आऊंगा. अब चलता हूँ.

उसके मैं इस वार्ड में स्पेशल बने स्टाफ रूम में गया. वहां का स्टाफ मुझे देख कर खड़ा हो गया. जिस डॉक्टर को मुझे ऑपरेट करने को बोला गया था.

वो डॉक्टर बोला- सर कोई दिक्कत हो तो बताइए.
मैंने देखा कि स्टाफ में तीन नर्सें थीं, एक लेडी डॉक्टर थी. मैंने उस डॉक्टर को मेरे कमरे में आने का इशारा किया.

जब डॉक्टर मेरे कमरे में आया. तो मैंने उसे बताया कि इससे पहले मैं जिस जगह एडमिट था. उस मरीज को इसी वार्ड में ले आओ. उसे मेरे जो सामने कमरा खाली है, उस में सैट कर दो.
मैंने उसे उस बेड का नम्बर बता दिया. मेरा आदेश लेकर डॉक्टर चला गया.

डॉक्टर इस बार बिना किसी ना-नुकर के चला गया.

पन्द्रह मिनट बाद रोहिणी अपने बेटे और बहू मीनाक्षी बेटे की सास विमला के साथ मेरे सामने वाले कमरे में आ गई थी.
उस मरीज को डॉक्टर ने सामने शिफ्ट कर दिया था.

इस समय रोहिणी भी आयी हुई थी. विमला मीनाक्षी को लेकर आयी थी.

तभी विमला का फोन मेरे फोन पर आया. उसने पूछा- यहां पर शिफ्ट आपने करवाया है क्या?
मैंने प्रत्युत्तर में हां कहा.

विमला बोली- अभी रोहिणी मुझे घर भेज रही है. मैं रात को आऊंगी.
मैंने कहा- मैं इंतजार करूंगा.

इतना बोल कर मैंने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया.

रोहिणी ने विमला और बहू को मना कर घर भेज ही दिया था. उन दोनों के घर जाने के बाद जब रोहिणी के बेटे को नींद आ गयी तो वो मेरे कमरे में आ गयी.

वो बोली- यहां पर शिफ्ट करवा कर तुमने अच्छा काम किया … थैंक्स.

रोहिणी ने कमरे को गौर से देखा.

जब उसे मेरा बैग दिखाई नहीं दिया, तब पूछा- आपका बैग कहां है?
मैंने बताया कि पीछे वाले कमरे में एक अलमारी है. उसमें रखा है.

रोहिणी पीछे वाले कमरे में गयी. जब वो कुछ देर बाद आयी तो उसके चेहरे की रंगत बता रही थी कि वो वाइन पीकर आई है.

रोहिणी ने कहा- एक बार और थैंक्स … इस वार्ड में शिफ्ट करने के लिए.

मैंने कहा- इसमें थैंक्स कैसा … सब संयोग से हुआ. मेरे मित्र का फोन आ गया. मेरा मित्र संयोग से इसी शहर में आया हुआ था. उसका मित्र, जो यहां का इस अस्पताल का इंचार्ज है. मेरे मित्र ने उससे कहकर मुझे यहां शिफ्ट कर दिया है. मैं यहां अकेला बोर हो रहा था तो सोचा आपको भी बुला लूं … तो कुछ बोरियत कम हो जाएगी.

रोहिणी मुस्कराई और बोली- क्यों रात को जी नहीं भरा था क्या?
मैं उसे बांहों से पकड़ कर बेड की ओर खींच कर बोला- अगर जी भर जाता … तो यहां बुलाता ही क्यों!

रोहिणी बोली- कोई अन्दर आ जाएगा … मैं उठ कर दरवाजे को अन्दर से बन्द कर देती हूँ.

मैंने उसे छोड़ा, तो वो दरवाजा बंद करके पुनः मेरे बेड पर आकर मेरे सीने पर लेट गई.

अब रोहिणी बोली- सच में मेरा भी मन नहीं भरा रात को … इस समय अब यहां कोई नहीं है. मेरी प्यास बुझा दो.
इतना कह कर वो मेरे कपड़े उतारने लगी.

कपड़े उतारने के बाद उसने अपने कपड़े खोल कर मेरे कपड़े उतार डाले और बेहया रांड की तरह वो मुझ पर टूट पड़ी.
हमने वो सब कुछ किया.

ये एकदम सच है कि जब औरत को मालूम हो जाता है कि अब उसकी कारगुजारी को देखने वाला या रोकने टोकने वाला कोई नहीं है, तब वो बिंदास हो जाती है.
ठीक उसी प्रकार इस समय रोहिणी दीन-दुनिया को भूल कर मेरे संग वो सब कर रही थी जो शांत रात्रि में एक औरत और पुरुष करते हैं.

डेढ़ घंटे बाद जब हम सेक्स से निवृत हुए तो उस समय रोहिणी एक शांत समुद्र की तरह नजर आ रही थी.

वो एक बार पुनः दरवाजा खोल कर अपने बेटे को देख कर आयी.
इस समय वो बहुत सयंत थी. अब उसकी सेक्स की खुमारी उतर चुकी थी.

वो अब विमला के प्रति जिज्ञासा से मुझसे पूछ रही थी.
मैं सब कुछ जानते हुए अनजान बना रहा और उसे यही बतलाता रहा- अभी तक कुछ नहीं हुआ है … आज रात को कोशिश करूंगा.

इस बात पर रोहिणी थोड़ी उत्तेजित होकर बोली- अगर तुम विमला के साथ कामयाब हो जाओ … तो मैं तुम्हें मुँह मांगा इनाम दूंगी.

इस बात से मुझे भी थोड़ी जिज्ञासा हुई कि ये ऐसा क्या इनाम दे सकती है.

मेरे पूछने पर रोहिणी बोली- जो मेरे पास है … वो सब कुछ दे सकती हूँ.
मैंने अनजान बनते हुए कहा- मुझे क्या मालूम कि तुम्हारे पास मेरे लिए क्या खास इनाम हो सकता है.

रोहिणी बोली- अब हमारा सम्बन्ध एक दिन का नहीं रहा. जब जब भी तुम जयपुर आओगे, तब तब मेरा घर तुम्हारे लिए खुला मिलेगा.
मैं समझ गया कि अब रोहिणी मेरे लिए एक परमानेंट छेद के रूप में फिट हो गई है.

इस समय शाम की चाय आ चुकी थी विमला और उसकी बेटी के आने का समय हो चुका था.

रोहिणी भी अपने बेटे के पास बैठ कर चाय के साथ बिस्किट खिला रही थी.

मैं इस समय विमला की चुदाई के ख्वाब में खोया हुआ था. सच में उसे देखने के बाद दिल में बार बार उसी का ख्याल आ रहा था.
रोहिणी तो समय व्यतीत करने का मात्र साधन थी.

अपने इन्हीं ख्वाबों में मैं खोया हुआ था कि तभी मोबाईल की घंटी एक बार बोल कर खामोश हो गयी. मैंने मोबाईल में देखा तो विमला का ही मिस कॉल था. इसका मतलब था कि विमला आ रही है … या आने वाली है.

एक घंटे बाद शाम के छह बजे के बाद मेरे कमरे का दरवाजा खुला.
विमला ने अन्दर झांक कर देखा और बोली- क्या मैं अन्दर आ सकती हूँ!
मैंने कहा- आपको इस तरह के बोल शोभा नहीं देते. एक तो हम आपके लिए तड़फ रहे हैं. मेरा एक एक मिनट एक एक साल के बराबर हो रहा है और आप अन्दर आने की पूछ रही हैं.

मेरी बात सुनकर विमला ने मुँह से मास्क हटाया और मुस्करा कर बोली- ऐसी मुझमें क्या खास बात देख ली आपने!
मैं बोल पड़ा- हीरे की परख सिर्फ जौहरी ही कर सकता है.

वो मुस्कुरा दी.

मैंने देखा कि जिस तरह की बेचैनी मुझ में थी, वैसी ही बेचैनी विमला में भी दिखाई पड़ रही थी.
आज उसने जानलेवा मेकअप कर रखा था. आज उसके मेकअप में खास बात थी. उसकी आंखों पर मस्कारा लगा था और बालों को उसने स्टाइल से बांध कर रखा था.

वो कल की बजाय आज और ज्यादा अच्छे से तैयार होकर आयी थी.
उसने अपने बालों के पीछे सिर्फ एक क्लिप लगाया हुआ था. सभी बाल एक जैसी अवस्था में दिख रहे थे … ऐसा प्रतीत हो रहा था आज उसने बालों पर मेहनत काफी की है. मेकअप भी बड़ा हॉट किया था.

एक बात सही है कि खराब से खराब चेहरे को मेकअप खूबसूरत बना देता है. फिर विमला तो माल थी.

वो मेरे पास आकर बोली- आज का क्या प्लान है?
मैं बोला- प्लान करना औरत का काम है … मर्द तो रेडी ही रहता है. बस वो औरत को जब तक कुछ नहीं कहता या करता है तब तक वो खुद से हां नहीं करती है.

वो बोली- बातें तो खूब बना लेते हो.
मैं कहा- मैं एक बात कहूँ?

वो बोली- अब कुछ कहना भी बाकी रह गया क्या?
मैं बोला- आप मेरे साथ ड्रिंक लेना पसन्द करेंगी!

वो बोली- सोशयली मैं कभी कभी बियर ले लेती हूँ.
मैं बोला- तो आज अकेले में मेरे साथ भी कुछ ले लेना.

वो हामी भरती हुई बोली- एक बात बताओ कि ये रोहिणी आप में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रही थी?
मैं- यह तो मैं भी नहीं जानता.

विमला बोली- मुझसे झूठ मत बोलो … मैं सब जानती हूँ.
मैंने पूछा- क्या जानती हो?

विमला बोली- मैं कोई दूध पीती बच्ची नहीं हूँ. तुम्हारे और उसके बीच सम्बन्ध बना हुआ है.
इस पर मुझे कहना पड़ा कि अभी बना नहीं है. कल जरूर बन सकता है.

वो बोली- क्या कल नहीं बना?
मैं बोला- कैसे बनता … जगह ही नहीं थी.
विमला बोली- अगर तुम उसके साथ संबंध बना लो, तो मैं तुम्हें मुँह मांगा इनाम दूंगी.

मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि ये दोनों स्त्रियां एक दूसरे के बारे में सबूत चाहती थीं.

कुछ देर बाद एक बार ने आकर डॉक्टर मेरी कुछ जांच करके चला गया. कुछ देर बाद स्टाफ चेंज होने वाला था.

राजेश का फोन आया- भोजन में क्या लोगे?

मैं अस्पताल का खाना खाकर दुखी हो गया था. मैंने राजेश को कहा- अभी सोच कर बताऊंगा.

ये कह कर मैंने फोन काट दिया.
मैंने विमला से पूछा- क्या खाना पसन्द करोगी?
वो बोली- अगर बियर साथ होगी, तो चिकन चलेगा … पर रात ग्यारह बजे खाना गर्म आना चाहिए, तभी मैं खाऊँगी और बियर नौ बजे होगी तो चलेगी, अन्यथा आप अपनी पसन्द का खाना मंगवा लो. मेरे लिए कुछ भी मंगवाने की जरूरत नहीं है.

मैंने गार्ड को फोन लगा कर बियर मंगवा कर विमला को दे दी. मैं जानता था कि अगर राजेश और उसका मित्र डॉक्टर आएंगे, तो वो मेरे साथ सेलीब्रेट नहीं करेंगे. इसलिए मैंने कल लाई हुई वाइन लेकर विमला के साथ ही पीना चालू कर दिया.

अब आज की रात विमला की चुत चुदाई का मजा मिलने की पक्की उम्मीद हो गई थी. उसकी चुदाई की कहानी अगले भाग में लिखूंगा. आप मेरी इस सेक्स कहानी पर अपने मेल लिखना न भूलें.
[email protected]

कहानी का अगला भाग: कोविड वार्ड में चुत चुदाई का मजा- 4

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