भाभी को चोद कर प्रेग्नेंट किया

(Bhabhi Ko Chod Kar Pregnant Kiya)

अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को प्यार भरा नमस्कार. मेरी पिछली हिंदी सेक्सी स्टोरी
ऑफिस की मैडम की गोद भरी
के बारे में आपके बहुत मैसेज मिले. आप सभी का धन्यवाद कि आपने अपनी राय रखी.

ऐसे ही मुझे इंटरनेट पर भाभी का एक मेल प्राप्त हुआ. उसमें लिखा था- आपकी कहानी मुझे बहुत पसंद आई है. क्या हम मिल सकते हैं?

उसका नाम था रूपाली. वह अपने आप को लखनऊ की रहने वाली बता रही थी. मैं भी लखनऊ में ही रहता हूँ. कुछ दिन तक हमारे बीच ईमेल के जरिये ही विचारों का आदान-प्रदान होता रहा. फिर भाभी का नम्बर भी मुझे उन्होंने खुद ही दे दिया.

हम लोग मिलने का प्लान कर रहे थे. मैं उससे कहा कि मैं संडे के दिन मिल सकता हूं.

जहां पर मैं जॉब कर रहा था, वहां ऑफिस में मिलने का कोई प्रबंध होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा था.
मैंने उसको ये बात बताई और फिर हमारी मीटिंग एक शॉपिंग मॉल में मिलने के लिए फिक्स हुई.

शॉपिंग मॉल में पहुंच कर भाभी को देखा तो मैं देखता ही रह गया. उनको देखते ही मेरे होश फाख्ता हो गये. गुलाबी साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज में बहुत ही सेक्सी लग रही थी वो. उसको देखकर ऐसा लगा कि जैसे दीपिका पादुकोन हो.

दीपिका पोदुकोन की सेक्सी फोटो मैंने कई बार देखी थी. रूपाली को देख कर मेरे मन में वैसे ही ख्याल आ रहे थे. कुछ देर तो मैं असमंजस में रहा कि इसको तो कोई भी हट्टा कट्टा मर्द चुदाई के लिए मिल जायेगा.

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इसने मेरे साथ मेल पर बात क्यों की. खैर, मैंने ज्यादा वक्त बर्बाद न करते हुए उनसे हाथ मिलाया. उसके कोमल हाथों में अजीब सी कशिश थी.

फिर मैंने उसका हालचाल पूछा. उसके बाद हम लोग कॉफी कॉर्नर में चले गये. वहां पर जाकर कॉफी ऑर्डर की. मेरी नजर बार-बार भाभी की चूचियों पर जा रही थी.

उसकी चूचियां उसके ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेताब थीं. रूपाली भी मेरी नजर को समझ गई थी.
वो बोली- सब दिखाया जायेगा. समय आने दीजिये.

इतने में ही हमारा कॉफी का ऑर्डर आ गया. मैंने नोटिस किया कि पास से गुजरने वाला हर शख्स रूपाली को ही देख रहा था. कॉफी पीते हुए हम दोनों बातें करने लगे.

वो अपनी आपबीती बताते हुए बोली- मुझे अपने पति से पैसा तो बहुत मिलता है, लेकिन प्यार नहीं. वो उम्र में मुझसे 11 साल बड़े हैं. मेरे ससुर का समाज में बहुत नाम है, इसलिए मैं इज्जत रखने के लिए किसी को कुछ नहीं बताती हूं.

मैंने कहा- तो फिर अब तक आपने खुद को ऐसे ही रोक कर रखा हुआ है?
वो बोली- हां और क्या करती. अगर पड़ोसी से चुदाई करवाती या किसी अन्य गैर मर्द से चुदाई करवाती तो बात फैल जाती इसलिए बस चूत का हस्तमैथुन करके काम चला रही हूं.

मैंने कहा- तो फिर अब क्या इरादा है?
वो बोली- कुछ दिन के बाद मेरे पति अपनी मां के साथ गुड़गांव जा रहे हैं. वहां पर सासू मां का इलाज होना है. वो लोग 10-15 दिन के लिए जायेंगे और इसी दौरान मैं तुमसे जी भर कर चुदना चाहती हूं.

मैंने पूछा- किंतु अगर मैं आपके घर आऊंगा तो किसी को शक हो जायेगा.
वो बोली- मैं तुम्हें टाइम वगैरह सब बता दूंगी. ऐसे वक्त पर आना जब किसी को तुम्हारे आने का शक न हो.

अपना सुझाव रखते हुए मैंने कहा- होटल में चुदाई का आइडिया कैसा रहेगा?
वो बोली- होटल में चुदाई का प्लान ठीक नहीं है, अगर मैं रोज घर से निकल कर जाऊंगी तो कोई न कोई जरूर मुझे आते जाते हुए देख लेगा. तुम मेरे घर पर ही आ जाना. अगर तुम्हें पैसे चाहिए तो मैं पैसे देने के लिए भी तैयार हूं.

मैंने कहा- पैसे की कोई बात नहीं है, मैं तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा. लेकिन क्या पूरे 15 दिन ही चुदवाओगी? मेरे पास 10 दिन का ही समय है.
वो बोली- कोई बात नहीं, दस दिन में तो मैं तुमसे चुद कर प्रेग्नेंट हो ही सकती हूं. मुझे तुमसे बच्चा चाहिए है.

उसकी बात पर मुझे हैरानी नहीं थी. मगर मैं सोच रहा था कि चूत चुदाई करके प्रेग्नेंट करने के लिए तो दिनभर साथ में ही रहना होगा.
मैंने कहा- तो फिर अगर मैं तुम्हारे घर पर ही रहूं तो तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं होगी.
वो बोली- नहीं, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है.

एक दिन शुक्रवार शाम को उसने मुझे कॉल किया- आज मेरे घर में मेरे अलावा कोई नहीं है, आप आ सकते हो.
मैंने कहा- रूपाली जी, ठीक है, अपनी चूत की सफाई करके तैयार हो जाओ. आज आपकी चूत चुदाई होनी है.
मेरी बात सुन कर वो एकदम से खुशी से बोली- जल्दी आ जाओ, मैं तैयार हूं.

उससे बात होने के घंटे भर के बाद ही मैं उसके घर पर पहुंच गया. मैंने बेल बजाई लेकिन वो बाहर नहीं आई. उसने मुझे कॉल किया कि गेट खुला हुआ है, अन्दर आ जाओ.

मैं उसके घर के अन्दर चला गया. अन्दर वो बेडरूम के पास ही खड़ी थी. जब मैं घर में भीतर पहुंच गया तो उसने मुझे देखा और निकल कर घर का अन्दर वाला दरवाजा बंद कर दिया.

फिर वो एकदम से मेरी पीठ से आकर चिपक गई. रूपाली अपनी चूचियों को मेरी पीठ पर सटा कर बोली- जैसे चोदना चाहो वैसे चोद दो, मेरे आंसू निकाल दो भले ही, मैं कुछ नहीं कहूंगी.
मैंने कहा- तुम बेफिक्र रहो, हम खूब इन्जॉय करेंगे.
उसके बाद मैंने उसके माथे को चूमा. उसकी गर्दन को चूम लिया. उसके कानों को किस किया. उसके कानों में जुबान डाल दी. वो बार-बार मुझे अपनी बांहों में जकड़ रही थी.

फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू गिरा दिया. उसके वो मुलायम पर्वत अब मेरे सामने उठे हुए दिख रहे थे. उसके ब्लाउज के ऊपर से ही मैंने उनको दबाया. चूचियों को किस करने लगा.
वो बोली- ब्लाउज उतार दो यार.

मैंने उसके ब्लाउज को उतारा और अंदर से उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उसकी संगमरमर जैसी चूचियों को देख कर मेरी आह्ह सी निकल गई. चूचियों को देख कर मैं उन पर टूट पड़ा.

रूपाली के दूधों को देख कर मुझसे रहा नहीं गया. मैंने उसकी ब्रा को उसकी चूचियों से आजाद करते हुए बूब्स को नंगे कर दिया. उसकी नंगी चूचियों को देख कर मैंने उनको दबाना और चूसना शुरू कर दिया.

मुंह में लेकर उसकी चूचियों को पीने लगा. मेरा लंड मेरी पैंट को फाड़ने को हो गया. रूपाली ने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही थाम लिया. लंड पर हाथ को लगा कर वो चौंक गयी.
बोली- हे भगवान, इतना बड़ा लंड है. मैं तो मर जाऊंगी.

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा. अगर बच्चा चाहिए तो इसी का बीज तुम्हें अपनी चूत में डलवाना होगा.
वो बोली- लेकिन ये तो मेरी चूत को फाड़ कर रख देगा.
मैंने कहा- नहीं, तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है. इतनी बेरहमी से चुदाई नहीं करूंगा तुम्हारी चूत की.

इतने में ही मैंने उसके पेटीकोट को खोल दिया. वो नीचे से भी नंगी हो गई. मैंने उसकी पैंटी को सहलाया. फिर मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया. उसकी चूत को छूकर देखा. रूपाली की चूत गीली हो चुकी थी. उसकी चूत में काफी गर्मी थी. भले ही वो मेरे सामने नंगी हो चुकी थी लेकिन अभी भी वो शर्मा रही थी.

Bhabhi Ko Choda
Bhabhi Ko Choda

मैंने अब उसकी पैंटी को भी उतार दिया. पैंटी उतारने के बाद उसकी चूत नंगी हो गई. मैंने उसकी टांगों के पास नीचे बैठ कर उसकी चूत को ध्यान से देखा. गुलाबी चूत को देख कर मेरे अंदर का हैवान जाग गया.

मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत में जुबान को डाल दिया. उसकी चूत की चुसाई शुरू कर दी मैंने. वो मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ दबाने लगी. उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी. चूत की चुसाई शुरू होने के बाद उसकी चूत में और भी ज्यादा उत्तेजना आनी शुरू हो गई थी.

15 मिनट तक लगातार मैंने उसकी चूत को चूसा. उसकी चूत से अब ज्यादा रस निकलने लगा. मैंने उसकी चूत का पूरा रस पी लिया. अब मैं उठ गया और अपने कपड़े उतारने लगा.

उसके सामने ही मैं नंगा होने लगा. वो भी मुझे नंगा होते हुए देख रही थी. जैसे मैंने अपने अंडरवियर को निकाला तो उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया. मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी. मैं भी जोश में आ गया. रूपाली को मैंने नीचे बिठा दिया. उसके मुंह में लंड को दे दिया. वो भी मस्ती में मेरे लंड को चूसने लगी.

लंड काफी बड़ा था इसलिए उसके मुंह में पूरा नहीं जा रहा था. कुछ देर तक वो मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती रही. फिर मैंने उसके मुंह से लंड को निकाल दिया.

मैंने उसको खड़ी किया और उसकी चूत पर लंड को सटा दिया.
वो बोली- खड़ी चुदाई करोगे क्या?
मैंने कहा- जैसे तुम कहो.
फिर वो मुझे बेड की तरफ ले गई.

उसने मुझे बेड पर अपने ऊपर खींच लिया. मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए उसके होंठों को किस किया और फिर एक बार दोबारा से उसकी चूत पर लंड को लगा लिया.

चूत पर लंड को लगाने के बाद मैंने धक्का दिया. उसकी चूत खुली हुई नहीं थी. मेरा लंड मोटा था. इसलिए लंड उसकी चूत के ऊपर से फिसल गया. मैंने दोबारा से कोशिश की और फिर से लंड फिसल गया.

मैंने लंड पर थूक लगाया. उसकी टांगों को अच्छी तरह से पकड़ा और धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड को धकेलने लगा. जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में जाने लगा तो उसकी हालत खराब होने लगी.

एक जोर के झटके के साथ मैंने पूरा लंड उसकी चूत में उतारने की कोशिश की और उसकी चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो मेरी पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी. मगर अब तो रुकना बहुत मुश्किल था. अब तो लंड उसकी चूत का स्वाद चख चुका था.

मैंने और जोर लगाते हुए पूरा लंड रूपाली की चूत में उतार दिया. पूरा लंड चूत में घुसा कर मैं उसके ऊपर लेट गया. वो कसमसाते हुए लंड को चूत में एडजस्ट करने लगी. अपनी गांड को हिला-हिला कर उसने मेरे मोटे लंड को अपनी चूत में पूरा ले लिया.

अब मैं उसकी चूचियों को पीने लगा. उसकी गर्दन को चूमने लगा. वो अभी भी सहज नहीं थी. मगर दो मिनट के बाद फिर वो शांत होती गई. अब मैंने उसकी चूत में अपने लंड को चलाना शुरू कर दिया.

दो मिनट की चुदाई के बाद ही उसको मजा आने लगा. अब वो आराम से मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगी.
अब उसके मुंह से आह्ह … ऊह्ह … अम्म … जैसी कामुक सिसकारियां निकल रही थीं. ऐसे ही आवाजें करते हुए मेरे लंड का मजा वो अपनी चूत में लेने लगी.
मैं भी उसकी चूत चुदाई का मजा लेने लगा.

लगभग बीस मिनट तक उसकी चूत में धक्का पेल होती रही. फिर मैं उसकी चूत में धक्के लगाते हुए ही झड़ गया. मैं एक तरफ लेट कर हांफने लगा. मेरी आंखें बंद हो गईं.

जब मैंने आंखें खोलीं तो देखा कि रूपाली अपनी गांड को मेरी तरफ करके लेटी हुई थी. उसकी गोरी सी गांड देख कर मुझे उसकी गांड को चोदने का मन करने लगा. उसकी गोरी सी गांड को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे चोदने के लिए बुला रही हो.

अब मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर लगा दिया. उसको पीछे से पकड़ कर उसकी चूचियों को दबाने लगा. पांच मिनट के बाद ही मेरा लंड फिर से तनाव में आना शुरू हो गया. अब मैंने उसकी गांड के छेद पर थूक दिया.

उसकी गांड के छेद पर लंड को लगा कर मैंने जैसे ही धकेला तो लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में चला गया. इंच भर लंड अंदर जाते ही उसके मुंह से जोर की चीख निकली.
रूपाली की गांड को पकड़ कर मैंने दबा लिया और पूरा जोर लगा कर उसकी गांड में लौड़े को घुसा दिया. मगर बीच में ही लंड मुड़ गया.

मोटा लंड गांड में फंस गया था. मैंने बेड के पास पड़ी तेल की शीशी उठाई और लंड पर तेल डाल दिया. धीरे धीरे लंड पर तेल डालते हुए मैं उसकी गांड में लंड को हिलाने लगा. चिकना होने के बाद लंड अब गांड के अंदर फिसलना शुरू हो गया.

मैंने पूरी ताकत लगा कर जड़ तक लंड को उसकी गांड में उतार दिया. उसकी चीख तकिये में ही दब कर रह गई. मैं अब उसके ऊपर आ गया और उसके हाथों को नीचे बेड पर दबा लिया.
फिर मैंने रूपाली भाभी की गांड चुदाई करना शुरू कर दिया. वो गांड चुदवाने का ज्यादा मजा तो नहीं ले पा रही थी मगर फिर भी मेरा साथ दे रही थी.

मुझे उस औरत की गांड चुदाई करने में असीम सुख की प्राप्ति हो रही थी.
मैं लगातार उसकी गांड में धक्के लगाते हुए उसके छेद में लंड को पेलता रहा. करीबन 20 मिनट तक मैंने रूपाली की गांड को चोदा. उसके बाद मैं उसकी गांड में ही झटके देता हुआ झड़ गया. फिर हम थक कर सो गये.

8 दिन तक मैं रूपाली भाभी के घर पर रहा और पूरे 8 दिन तक ही मैंने उसकी चूत को जमकर चोदा. दिन में भी चुदाई होती थी और रात में भी चुदाई होती रही. हर पोज में उसकी चूत को चोदा. इस बीच मैंने उसको गांड चुदाई करने की भी आदत डाल दी थी. अब वो खुद ही अपनी गांड में मेरे लंड को ले लेती थी.

इन आठ दिनों में हम दोनों ने सूरज को नहीं देखा. हम लोग अंदर ही रहे और चुदाई चलती रही. फिर मेरी छुट्टियां खत्म होने वाली थीं और मैं काफी थक भी गया था. मैंने सोचा कि दो दिन का आराम कर लेना चाहिए.

उसके बाद मैं अपने घर आ गया. मुझे पूरा भरोसा है कि मैंने रूपाली की चूत में अपना बीज डाल दिया है. जल्दी ही वो मेरे बच्चे की मां बनेगी.
जैसे ही मुझे इस बात की खबर रूपाली से मिलेगी, मैं आप लोगों को इसके बारे में जरूर बताऊंगा.

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