असगर मियां की ठर्क-2

(Asgar Miyan Ki Tharak- Part 2)

मेरे प्यारे दोस्तो, आप सब ने मेरी लिखी कहानी
असगर मियां की ठर्क-1
को बहुत प्यार दिया, मुझे बहुत से ईमेल आए कि इस कहानी का अगला भाग भी लिखो।

अब अगला भाग मैं क्या लिखूँ क्योंकि मैं तो असगर मियां की दुकान से अपना मोबाइल उठा लाया था जब मैंने देखा के उस बुढ़ऊ ने मेरी अम्मी को तो चोद दिया था और अब मेरी छोटी बहन को भी चक्कर में लेकर पटा लिया था.
और मुझे भी छोटी की हरकतें देख कर लग रहा था कि शायद ये भी उस बुढ़ऊ से अपने नए रिश्ते से खुश थी। पर क्यों खुश थी, इसे अगर बॉयफ्रेंड की ज़रूरत थी, तो अपनी ही क्लास के किसी लड़के, या मोहल्ले में रिश्तेदारी में किसी हम उम्र लड़के से दोस्ती करती… उस दादाजान की उम्र के बुढ़ऊ में इसे क्या दिखा?

कुछ दिन तो मैंने भी असगर मियां की दुकान की तरफ रुख नहीं किया, मगर फिर मेरे मन में भी उथल पुथल होने लगी कि अम्मी और छोटी दोनों असगर मियां की दुकान पर जाती रहती होंगी, तो क्या असगर मियां ने छोटी को चोद दिया, या क्या अम्मी अभी भी उस ठर्की बुड्ढे से चुदवाती हैं।
करीब महीना भर मैं इसी उधेड़ बुन में उलझा रहा मगर जब मुझे सब्र नहीं हुआ तो मैंने सोचा कि देखते हैं, अब बुढ़ऊ क्या करता है। मेरी माँ बहन तो चलो चोद ही दी होंगी उसने… पर मोहल्ले की और औरतें और लड़कियां भी उसने अपने चक्कर में ले रखी हैं? अगर मैं फिर से अपना कैमरा लगा दूँ तो मुझे अपने ही मोहल्ले की और भी औरतों और लड़कियों के उस बुढ़ऊ के साथ काले कारनामे देखने को मिलेंगे।

बस यही सोच कर मैंने फिर से असगर मियां की दुकान पर जाना शुरू कर दिया, और पहले की तरह उनकी मदद करने लगा।

फिर एक दिन मैंने चुपके से उनकी दुकान में अपना कैमरा फिट कर दिया। दूसरा कैमरा मैं उनके बेडरूम में भी फिट कर आया। हर रोज़ मैं जाता और कैमरा बदल आता। दो दिन बाद ही मैंने देखा के हमारे मोहल्ले की दो तीन और आंटियों को मैंने असगर मियां का लंड चूसते या उनसे चुदवाते हुये देख लिया।

मगर मेरी इच्छा तो यह थी कि कब मैं अपनी ही अम्मी को फिर से उस बुढ़ऊ से चुदवाते हुये देखूँ! और अगर उस बुढ़ऊ ने छोटी की भी सील उसने तोड़ दी है तो उसकी चुदाई भी देखूँ।

इसमें कोई शक नहीं कि अब मेरी अपनी ही अम्मी और छोटी बहन को देखने की नज़र बदल गई थी, मैं अपनी ही छोटी बहन के बदन पर उसकी नई नई जवानी की उभर रही गोलाइयों को घूरता, उसके मम्मे, उसकी कमर, उसके कूल्हे मुझे बहुत प्यारे लगते।
मैं सोचता कि काश मैं ही असगर मियां होता तो इस कच्ची जवानी का रस पीता।
अपनी छोटी बहन को देख कर मुझे मशहूर लोलिता की स्टोरी याद आ जाती!

और अम्मी तो माशा अल्लाह हैं ही बहुत भरपूर… सारे बदन पर हर जगह चर्बी ही चर्बी चढ़ी है, गोरा बदन, चर्बी से भरपूर… सारे घर में थल थल करती घूमती फिरती हैं, उनके मांसल बदन को देख कर मैंने कई बार मुट्ठ मारी।

खैर, मैं फिर से असगर मियां की दुकान और उनके बेडरूम में चुपके से मोबाइल छुपा कर उनकी गंदी हरकतों की पोर्न वीडियोज़ बनाने लगा। करीब करीब एक महीना मैं उन वीडियोज़ को देखता रहा, इस दौरान, मैंने अपने मोहल्ले के बहुत सी लड़कियों को और औरतों को यहाँ तक की कई बूढ़ियों को भी असगर मियां से अपनी ठर्क मिटाते देखा।

फिर दूसरा महीना भी गुज़र गया। अम्मी की आदत थी कि वो महीने में दो बार असगर मियां से पक्का चुदवा कर आती थी। छोटी भी अब असगर मियां से बहुत खुल चुकी थी, मैंने उसे कई बार दोपहर को अकेले असगर मियां की दुकान पर जा कर उनके लंड का स्वाद लेते देखा था। अब तो वो किसी ब्लू फिल्म की हिरोइन की तरह उस बुड्ढे का लंड चूसती थी।

असगर मियां का लंड लंबा तो था ही, साथ में थोड़ा सा ऊपर उठा हुआ, घूमा हुआ सा था। अगर वो औरत की चूत मारता होगा तो उसके लंड का टोपा, औरत की चूत की ऊपर की तरफ पूरी तरह से रगड़ता होगा। शायद यही वजह रही होगी कि औरतें उसके पास आती होंगी।

इसी दौरान मुझे एक दो दिनों के लिए कहीं बाहर जाना पड़ा। जिस दिन वापिस आया तो सबसे पहला मौका मिलते ही मैं असगर मियां की दुकान में गया और असगर मियां की दुकान से अपने दोनों मोबाइल उठा लाया।
दोनों मोबाइल की बैट्री डेड हो चुकी थी तो दोनों मोबाइल मैंने चार्जिंग पे लगा दिये। इतने में छोटी दौड़ती हुई आई, और बोली- भाई, अब्बू ने कहा है हम सब मूवी देखने जा रहे हैं, जल्दी से तैयार हो जाओ।

मुझे इस बात की टेंशन थी कि यार तीन दिन में पता नहीं बुड्ढे असगर ने किस किस को चोद दिया होगा, मैं पहले वो वीडियोज़ देख लेता, मगर मुझे अपने परिवार के साथ जाना पड़ा।

पापा ने मुझे बुला कर कहा- अरे सुन यार, मेरी एक शर्ट ही प्रैस कर दे।

मैंने पापा के रूम में ही प्रैस लगाई, और उनकी शर्ट प्रैस करने लगा। रूम में एसी चल रहा था।

तभी अम्मी बाथरूम से नहा कर निकली- ओ हो… हो… बहुत गर्मी है यार!
वो कहती हुई जैसे ही बाथरूम से बाहर आई, मैं तो उनको देखता ही रह गया। गुलाबी रंग का पेटीकोट और ऊपर गुलाबी रंग का ही ब्लाउज़, मगर ब्लाउज़ के सभी हुक खुले हुये, और नीचे सफ़ेद ब्रा में बाहर झाँकते उनके विशाल गोरे बूब्स!

मुझे देखते ही अम्मी चौंक गई और झट से अपने बूब्स को तौलिये से ढाँप कर पापा के पास चली गई। शायद उन्होंने पापा से इशारो इशारों में कोई शिकायत की तो पापा बोले- भाई अपना ख्याल खुद रखा करो।

चलो… मैंने पापा की शर्ट प्रैस की और चुपचाप बाहर आ गया।

हम सब मूवी देखने गए, मेरी छोटी बहन मेरे बगल वाली सीट पर बैठी थी, और उसने अपनी बांह मेरी बांह में डाल राखी थी। बड़े ही खुशनुमा माहौल में हम मूवी देख कर आए।

रात को सोने से पहले मैंने फिर से अपना लैपटाप उठाया और अपने बिस्तर पर लेकर बैठ गया।
वीडियो चल पड़ी, असगर मियां अपनी दुकान पर बैठे, ग्राहकों को सौदा दे रहे थे, लोग आ जा रहे थे। एक दो औरतें और आई मोहल्ले की, उनके चेहरे की शर्म बता रही थी असगर मियां उनसे कोई ठर्की बातें कर रहे हैं, जो वो उनकी गंदी बातें सुन कर शर्मा रही थी।

फिर करीब 12 बजे, तपती दोपहर में छोटी असगर मियां की दुकान में गई, उसने गुलाबी रंग की फ्रॉक पहन रखी थी। उसने असगर मियां से कुछ बात की, तो असगर मियां ने उसे एक चॉकलेट दी और कुछ समझा कर वापिस भेज दिया।
उसके बाद और भी लोग असगर मियां की दुकान पर आते जाते रहे।

करीब 3 बजे दोपहर को छोटी फिर असगर मियां की दुकान पर गई, इस बार वो दुकान पर नहीं रुकी सीधा अंदर चली गई पीछे वाले कमरे में। असगर मियां ने भी आस पास का माहौल देखा और अपनी दुकान का शटर डाल कर पीछे वाले कमरे में आ गए।

छोटी वहाँ बेड पे बैठी चॉकलेट खा रही थी, असगर मियां ने आते ही अपनी टोपी उतरी, कुर्ता और बनियान भी उतार दी, और फिर लुंगी भी खोल दी, एकदम नंगा हो गया, मादरचोद कमीना आदमी। नंगा होकर उसने छोटी को पकड़ लिया और उसकी चॉकलेट छीन ली।
एक ही बार में उसकी फ्रॉक ऊपर उठा कर बुढ़ऊ ने उसकी चड्डी खींच ली और मेरी मासूम सी बहन को नंगी कर दिया।

फिर उसकी चॉकलेट उसकी चूत पे रगड़ने लगा और जब चॉकलेट से छोटी की गोरी गोरी चूत भूरी सी हो गई तो बुढ़ऊ ने मुँह लगाया और लगा चाटने।
बाकी बची चॉकलेट उसने फिर से छोटी को दे दी और वो फिर से खाने लगी।

एक मिनट में ही बुढ़ऊ ने चूत चाट कर छोटी के जिस्म में काम की आग भड़का दी। वो खुद ही चॉकलेट छोड़ कर अपनी कमर उचकाने लगाई और बुढ़ऊ के सर अपने दोनों हाथ रख कर उसका सर अपनी चूत पे दबाने लगी।
यह तो बेहद सेक्सी सीन था, मैंने अपने कपड़े खोले और लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा। पहले जब असगर मियां ने मेरी अम्मी को चोदा था, तब भी मैंने अपने लंड हिलाया था, और आज जब वो मेरी कमसिन बहन को चोदने जा रहा था, तब भी मैं अपना लंड ही हिला रहा था।

उसने छोटी की फ्रॉक पूरी उतार दी और फिर उसकी अंडरशर्ट भी उतार दी। छोटे छोटी गोरे गोरे मम्मे उसके, जिनहे असगर मियां अपने मुँह में पूरा का पूरा लेकर चूस गया, बुढ़ऊ का लंड भी पूरा अकड़ चुका था, मैं सोच रहा था, कैसे मेरी प्यार छोटी बहन इस ज़बरदस्त मर्द का खतरनाक लंड लेगी।

मगर छोटी ने पहले भी उसका लंड बहुत बार चूसा था, तो बस फिर असगर मियां ने उसको घोड़ी बनाया, और अपने लंड पर थूक लगा कर उसकी चूत पर रखा।
मैंने दिल में कहा- नहीं यार रहने दे वो अभी छोटी है, मत खराब कर उसको!
और अपनी बहन को भी गालियां दी- हरामज़ादी किसके साथ पंगा ले रही है तू, वो तेरी माँ की जान निकाल देता है चोद चोद कर, तू कैसे सहेगी?

मगर अब क्या फायदा, ये सब कुछ तो तीन दिन पहले हो चुका था। यानि कि आज जब छोटी मेरे साथ मूवी देखने गई थी, तो तब तक वो अपनी जवानी, अपना कौमार्य उस बुढ़ऊ पर लुटा चुकी थी, मतलब यह कि मेरे साथ मेरी कुँवारी नहीं चुदी हुई बहन गई थी, और मैं उसे वही पहले वाली छोटी समझ कर प्यार करता रहा।

बुढ़ऊ ने अपने लंड का टोपा छोटी की चूत पर रखा और उसकी कमर मजबूती से पकड़ कर ऐसे ज़ोर से अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ा कि छोटी तड़प उठी और उसके चेहरे पर दर्द के भाव देख कर मैं भी तड़प उठा।
कितना दर्द हुआ होगा मेरी प्यार बहन को!

मगर बुढ़ऊ ने उसे नहीं हिलने दिया और फिर से एक बार और अपने लंड उसकी चूत में घुसेड़ा, छोटी दर्द से रो पड़ी, उसने असगर मियां की जांघों पे हाथों पे मारा भी, मगर असगर मियां अब पीछे हटना नहीं जानता था और फिर आखरी धक्के से उसने अपना सारा लंड छोटी की चूत में पूरा डाल दिया।

मेरी बहन बिलबिलाती रही, मगर थोड़ी देर रुकने के बाद असगर मियां ने उसकी चुदाई शुरू कर दी, कोई रहम नहीं, कोई लिहाज नहीं… बस ताबड़तोड़ चुदाई! जैसे बुढ़ऊ जानता था कि अगर उसके पास इस कच्ची कुँवारी हसीना को चोदने का कोई मौका है तो वो सिर्फ आज है, अभी है।
कुछ देर तो छोटी रोती रही, मगर बाद में चुप हो गई।
असगर ने उसे जम कर पेला।

फिर उसे सीधा कर के लेटाया और अपना लंड उसके पकड़ाया। एक 18 साल की लड़की जो अभी ताज़ी ताज़ी जवान हुई थी, उस लड़की ने उस बहुत ही तजुर्बेकार और पक्के चोदू का लंड पकड़ा और खुद ही अपनी चूत पे रखा। बुढ़ऊ के एक ही वार से वो लंड तलवार की तरह मेरी नन्ही सी दिखने वाली बहन की चूत में घुसता चला गया। बेशक छोटी ने असगर मियां को कोई चुंबन नहीं दिया, सिर्फ अपनी गालों पर ही चूमने दिया, पर असगर मियां ने उसके मम्मे खूब चूसे, और जम के छोटी को पेला।

फिर असगर मियां ने छोटी को अपने ऊपर कर लिया। छोटी ने खुद असगर मियां का लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रख, उस पर बैठ गई, और धीरे धीरे जब वो सारा लंड अपनी चूत में ले गई, तो फिर मेरी लोलिता खुद ऊपर नीचे हो कर चुदाई करने लगी और असगर मियां उसके तने हुये गोरे गोरे मम्मों से खेलने लगे.
छोटी खुद नीचे झुक झुक कर असगर मियां को अपने मम्मे चुसवा रही थी।

कुछ देर की इसी गरमागरम चुदाई को देखते हुये मेरे लंड ने माल की पिचकारी मार दी।

तभी असगर मियां ने भी छोटी की कमर को पकड़ा और नीचे से अपनी कमर उठा कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे और फिर बुढ़ऊ का भी माल गिर गया। छोटी के अंदर ही उसने अपने माल की पिचकारी मारी। वीडियो में साफ दिख रहा था कि बुढ़ऊ का माल छोटी की छोटी से चूत से चू कर बाहर आ रहा था।

बुढ़ऊ वहीं लेट गया।
छोटी उठी और उसने अपने कपड़े पहने, बाहर दुकान में आई, और डिब्बे में से 4-5 चॉकलेट उठा कर घर को भाग आई।

शाम के 7 बजे के करीब अम्मी भी असगर मियां की दुकान पर गई, उसने भी असगर मियां से कुछ कहा, मगर असगर मियां ने साफ मना कर दिया, और अम्मी बुरा सा मुँह बना कर वापिस आ गई।
मैं समझ गया कि असगर मियां ने अम्मी को चोदने से इन्कार कर दिया होगा!
अरे जिसे आज 18 साल की अनचुदी चूत मिली हो मारने को… वो एक 40 साल की औरत को क्यों चोदेगा।

वीडियो खत्म हो गई और मैं यही सोचता रहा कि अगर मैं ये वीडियो न ही बनाता तो कितना अच्छा होता, जिस माँ की मैं इतनी इज्ज़त करता था, जिस बहन से मैं इतना प्यार करता था, कम से कम उनके ये चरित्र देखने से तो बच जाता।
पर अब क्या हो सकता था, मेरी माँ और बहन दोनों को वो बुढ़ऊ मज़े मज़े लेकर चोद चुका था, हो सकता है, उसके बाद भी छोटी उसके पास गई और फिर से चुदवा कर आई हो।
चूत चुदा आई हो तो आई हो, माँ चुदाए साली। भेंण की लौड़ी जब एक बुढ़ऊ से चुदवा सकती है, तो एक भाई से भी तो चुदवा सकती है।

मैं उठा और उठ कर छोटी के बेड के पास गया, वो दीन दुनिया से बेखबर सो रही थी, मैंने उसके सीने से उसकी चादर हटाई, सिर्फ फ्रॉक में उसके निप्पल उभरे हुये थे। मैंने अपना हाथ बढ़ा कर उसके सीने पर रखा, नर्म, मुलायम मम्मा।
फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया- ये मैं क्या कर रहा हूँ। वो तो एक गलती कर आई, मैं और भी बड़ी गलती कर रहा हूँ।

कुछ सोच कर मैं उठा, और अपने बेड पर आ कर मैं सो गया।

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