25 साल का कुँवारा लड़का: चूत कैसे मिली

(25 Saal Ka Kunvara Ladka: Choot Kaise Mili)

दोस्तो और खूबसूरत चूत वाली लड़कियो, भाभियो, चाचियों आपको मेरी ओर से प्यार भरा नमस्कार.

मैं काफी समय से अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज का पाठक रहा हूँ और बहुत सारी हिन्दी कहानियां भी पढ़ी हैं. मुझे सेक्स कहानियां पढ़ कर बहुत मजा आता है.

मैंने अपनी एक छोटी सी सवालिया कहानी में आपको अपनी कामना को लिखा था.

उसमें मैं आप सब पाठकों से एक प्रश्न पूछना चाह रहा था कि सब लड़कों को कोई कुंवारी लड़की चुदाई के लिए मिल जाती है, तो वो खुशी से पागल हो जाते हैं. पर अगर एक औरत को एक कुंवारा लड़का मिले, तो उसे भाव भी नहीं देती. ऐसा भेदभाव क्यों?

इसी सवाल को लेकर मैं काफी दिनों तक ऊहापोह की स्थिति में रहा. मैंने कई लड़कियों को अन्तर्वासना और फेसबुक से अपने कुंवारेपन की बात बताई, पर मेरी बात कहीं नहीं जमी.

मैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ था तब वो मेरा लंड लगभग रोज़ चूसती थी पर कभी मेरा माल नहीं निकाल पायी. यह बात भी मैंने उन लड़कियों से बोली, पर पता नहीं उनको कुंवारे लड़कों के साथ क्या प्रॉब्लम होती थी … किसी ने मुझे घास ही नहीं डाली.

मैंने अब तक न तो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स किया था और न ही किसी और के साथ सेक्स किया था.

हालांकि मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे लंड चूस कर मजा दिया था … मगर वो मुझसे चुदने के लिए राजी नहीं थी. वो शादी के पहले अपनी बुर में लौड़ा नहीं डलवाना चाहती थी.

मैंने भी एक नारी का सम्मान रखते हुए उसके साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध कुछ नहीं किया.

खैर, मेरा प्रश्न यह था कि मैं कैसे किसी विवाहित औरत एक कुंवारे लड़के का यानि मेरा कौमार्य भंग करने के लिए मनाऊं?

मैंने ये प्रश्न अन्तर्वासना पर लिखा था. काफी समय तक मुझे कोई ऐसा मेल नहीं मिला जिसने मेरी बात कर समर्थन करते हुए मुझे भाव दिया हो. मेरा मतलब किसी शादीशुदा महिला ने मेरी बात पर कुछ भी नहीं कहा था. बस सबके मेल इसी तरह से आते रहे थे कि मुठ मार लो … कोई चुत मिलने वाली नहीं है और अगर ज्यादा चुदास चढ़ी हो, तो तो किसी रंडी के साथ चुदाई कर लो.

मगर मेरे मन में ये भावना बहुत भीतर तक घर गई थी कि मैं अपना पहला सेक्स किसी शादीशुदा औरत के साथ ही करूंगा, तभी मजा आएगा.

इसी के कारण मैंने अपने लंड की कभी मुठ भी नहीं मारी थी. जबसे मेरी गर्लफ्रेंड की शादी हो गई थी … तब से मेरे लंड को चूसने वाली भी कोई नहीं बची थी.

मैं अपना लंड लिए … बस इंटरनेट के माध्यम से भाभियों और आंटियों से बात करते हुए अपना सपना पूरा करने की कोशिश कर रहा था.

अन्तर्वासना साईट से मेरा अत्यधिक लगाव होने के कारण मैं मोबाइल में इस साईट पर दिन में पंद्रह से बीस बार जाता रहता था. कहानी के नीचे लिखे कमेंट्स पढ़ने में मुझे मजा आता था. लेकिन मेरी तलाश ऐसी किसी भाभी या आंटी की चुत को लेकर थी, जिसे किसी कुंवारे लड़के के लंड से अपनी चुत चुदवाने की लालसा हो.

मेरी मेल पर रोज ही कोई न कोई मेल आता रहता था. मैं निराशा से उनके जबाव देता रहता था.

फिर अचानक एक दिन मुझे एक मेल आया. वो मेल एक लड़के का था. मैंने निराशा से उससे हैलो किया.

उसने मुझसे हैंगआउट पर बात करने की बात कही.

मैंने हामी भर दी और हैंगआउट पर आ गया.

उसने मेरे सामने मेरी इस सवालिया किस्म की कहानी को लेकर सवाल किया.

उसने कहा- क्या आप किसी विवाहित महिला के साथ सेक्स करना चाहते हो?
मैंने कहा- मैं विवाहित महिला के साथ सेक्स करना नहीं चाहता हूँ. बल्कि मैं ये चाहता हूँ कि क्या कोई विवाहित महिला मेरे जैसे कुंवारे लड़के के साथ सेक्स करना चाहती है.
उसने कहा- एक ही बात है.

मैंने लिखा- नहीं … ये एक ही बात नहीं है … मैं तो जब भी चाहूँ, अपना कौमार्य किसी बाजारू महिला के साथ खत्म कर सकता हूँ. मैंने अपनी इस चाहत के चलते अपने कौमार्य को जब तक के बचा कर रखा है, जब तक मेरी शादी नहीं हो जाती.

उसने संदेह जताया कि इस बात को कैसे सिद्ध किया जा सकता है कि तुमने अपना कौमार्य अब तक सुरक्षित रखा है.
मैंने कहा- मेरे पास इसका कोई तरीका नहीं है कि मैं आपको ये सिद्ध करके बता सकूँ. ये तो सिर्फ भरोसा ही किया जाने लायक दावा है.

उसने सिर्फ ‘हम्म..’ लिखा और चुप हो गया.

अब मुझे लगा कि ये कोई महिला तो नहीं है … जो मुझसे पुरुष बन कर बात कर रही हो.

ये ख्याल आते ही मेरी कामनाएं फिर से अंगड़ाईयां लेने लगीं और मैंने खुद ही उसे लिखा.

मैं- मान लीजिए कि मेरा कौमार्य भंग हो चुका हो … और ये बात आपको चुदाई के समय किसी तरह मालूम पड़ जाए, तो आपका क्या रिएक्शन होगा.

मैंने जानबूझ कर कुछ ऐसा लिखा था, जिससे मैं उसे महिला मानने लगूं … और वो अपनी असलियत मेरे सामने खोल दे.

उसका जबाव आया कि चुदाई के समय किसी महिला की सील खुली होने का प्रमाण तो मिलने की सम्भावना होती है … मगर एक लड़के के कुंवारे होने का सबूत कैसे जांचा जा सकता है?
मैंने लिखा- जाना तो जा सकता है … मगर इसके लिए आपको बहुत पारखी होना जरूरी होगा.
उसका उत्तर आया कि मुझको पारखी होने से तुम्हारा क्या मतलब है?

मैं समझ गया कि सामने वाला या वाली बहुत चतुर है. मैंने तुरंत बात पलटी और कहा- मेरा मतलब, जो महिला मेरे लंड से चुदाई का मजा ले रही होगी, उसके पारखी होने की बात से था.

उसने मेरी बात पर एक हंसने की स्माइली भेजी और सवाल दागा- कैसा पारखी होना जरूरी होगा?

मैंने लिखा- आपको गूगल से इस बात की जानकारी हो जाएगी कि जब किसी कुंवारे लड़के का लंड पहली बार किसी चुत में जाता है, तो लंड के सुपारे पर एक तागा सा होता है, जो चुत के दबाव के कारण टूट जाता है और जिस वजह से लड़के को दर्द होता है. हालांकि लड़के के लंड से खून नहीं निकलता है … मगर उसकी दर्द भरी आहें या चेहरे पर झलकता दर्द किसी भी पारखी महिला को समझ आ जाएगा कि जिस लड़के का लंड उसने अपनी चुत में लिया है, वो लंड कुंवारा है और उसका तागा टूटने से ही उसे दर्द हो रहा है.

उसने लिखा- अरे वाह … तुमको तो इस सब तरह की बड़ी जानकारी है.
मैंने अंधेरे में तीर मारते हुए कहा- हां मैं इस विषय पर बहुत पक चुका हूँ … मुझसे बहुत सी लड़कियों और भाभियों ने चैट की है. मगर उनसे मेरा जम नहीं पाया था.

उसने लिखा- क्या नहीं जम पाया था?
मैंने कहा- चुदाई का सिलसिला.

उसने कहा- क्यों नहीं जम पाया था … जब किसी भाभी या लड़की को कुंवारा लड़का मिल रहा है, तो उसने तुमको कोई चांस क्यों नहीं दिया?
मैंने लिखा- बस यही तो मेरी इच्छा है कि मुझे वही भाभी या आंटी चाहिए जो खुद अपने मन में किसी कुंवारे लड़के के साथ चुदाई की कामना रखती हो.
वो- मतलब तुमको आम नहीं खाना है … तुमको पेड़ गिनना है.
मैंने कहा- हां वो तो सब ठीक है मोहतरमा … अब आप मुझे बताइए कि आपका क्या मन है?

मैंने फिर से दांव चला कि ये खुल जाए. मगर वो एक पुरुष ही था.

उसने साफ़ साफ़ लिखा कि मैं एक विवाहित पुरुष हूँ और मेरी भी एक इच्छा है.

मैंने अब उसे समझ लिया था कि ये एक पुरुष ही है. मगर उसकी क्या कामना थी ये मुझे जानने की लालसा थी. मैं समझ रहा था कि हो सकता है कि ये मुझसे अपनी बीवी की चुदाई करवाने की तमन्ना रखता हो … या फिर ये भी हो सकता था कि ये कोई गे हो.

मैंने उससे पूछा- आपकी क्या इच्छा है … मुझे बताइए.
उसने कहा- क्या तुम अपना कैमरा ऑन कर सकते हो?

मैं एक मिनट के लिए तो सकपका गया. फिर मैंने सोचा कि हो सकता है कि उसके साथ कोई महिला भी हो.

मैंने उससे कहा- यदि मैं कैमरा ऑन करूंगा, तो क्या आप भी अपना कैम ऑन करेंगे?
उसने कहा- हां कर दूंगा … मगर मुझे सन्तुष हो जाने के बाद कि तुम मेरे कोई परिचित नहीं हो.
मैंने कहा- यदि मैं आपका परिचित निकला … तो आपका क्या उत्तर होगा?
वो बोला- चलो इसका उत्तर भी मेरे पास है … मगर पहले तुम अपना कैम खोलो.

मैंने एक पल सोचा, फिर अपना कैमरा ऑन कर दिया. उसने मेरी शक्ल देखी और अपना कैमरा भी ऑन कर दिया.

मैंने देखा कि मेरे सामने एक पचास साल का स्वस्थ आदमी डेस्कटॉप या लैपटॉप कम्प्यूटर के सामने एक कुर्सी पर बैठा था और उसके पीछे एक बेबीडॉल फ्रॉक में एक तीसेक साल की मस्त भरी हुई भाभी खड़ी थीं.

उस भाभी को देखते ही मेरा लंड गर्म होने लगा. मैं समझ गया कि आज मामला कुछ मस्त होने वाला है.

मैंने उस भाभी को देखा तो आदमी ने उस भाभी को आगे अपनी गोद में बिठा लिया और उसकी चूचियां दबाने लगा.

मैं मस्त होने लगा. उस भाभी की चूचियां कोई 34 इंच की एकदम तनी हुई थीं. कमर भी यही कोई 30 की रही होगी और जब वो आदमी की गोद में बैठ रही थी, तब मुझे उसके उठे हुए चूतड़ों का आकार भी लगभग 38 इंच का लगा था.

मैंने मुस्कुरा कर भाभी से हैलो किया. भाभी ने भी मुस्कुरा कर हाथ हिलाया.

एक मिनट से भी कम समय में भाभी आदमी की गोद से उठ कर वापस पीछे चली गईं.

अब उस आदमी ने मुझसे पूछा- तुम मेरी बीवी को चोदना चाहोगे?
मैंने पूछा- क्या मैं जान सकता हूँ कि ये सवाल आपका है या आपकी बीवी का है?
उसने हंस कर कहा- सवाल मेरा है मगर लालसा उसकी है.

मैंने कहा- भाभी जी की क्या लालसा है?
उसने लिखा कि उसे किसी कुंवारे लड़के के साथ चुदाई करना है.
मैंने पूछा- क्यों … क्या भाभी को शादी के बाद कुंवारा लंड नहीं मिला था?
आदमी ने हंस कर लिखा- हां मैंने शादी से सेक्स कर लिया था, इसलिए मेरी बीवी को कुंवारा लंड नहीं मिल सका था.
मैंने कहा- क्या भाभी जी कुंवारा लंड अपनी चुत में लेना चाहती हैं, इसका इशारा अपने दूध दबा कर दे सकती हैं?

उस आदमी ने भाभी को हैंगआउट का मैसेज पढ़ाया और भाभी ने हंसते हुए अपने दोनों दूध अपनी फ्रॉक से बाहर निकालते हुए जोर से मसल दिए.

मैंने समझ लिया कि आज मेरी मंजिल मुझसे मिल गई है. मगर ये तो कैमरे का सेक्स था. ये कौन हैं और भाभी की चुदाई के लिए मुझे किधर जाना होगा … या ये ही मेरे शहर आएंगे. ये सब अभी अंधेरे में था.

मैंने लिखा- ओके … अब बताइए कि भाभी मुझसे कैसे चुदना चाहेंगी?

आदमी ने लिखा कि पहले तुमको पूरा नंगा होकर अपना लंड और शरीर दिखाना होगा.

मैंने कहा- ये कुछ देर बाद हो सकेगा. मुझे मोबाइल की जगह लैपटॉप पर आना होगा. दस मिनट का टाइम दीजिएगा.

उसने थम्ब उठा कर मुझे ओके कहा.

हमारी चैट ऑफ हो गई.

मैंने जल्दी से अपने लैपटॉप को ऑन किया और बाथरूम में चला गया. उधर मैंने अपने लंड से झांटें साफ़ कीं और लंड पर क्रीम आदि लगा कर उसे चमकाया और लंड को लेकर अपने मन में बुदबुदाया कि कुछ दिन और रुक जा भोसड़ी के … बस जल्दी ही तुझे तेरी चुत मिल जाएगी.

कमरे में आकर मैंने लैपटॉप पर हैंगआउट चैट खोली और कैम ऑन कर दिया.

वो आदमी अभी भी ऑनलाइन था. तुरंत उसका कैम फिर से ऑन हो गया.

अब मेरे सामने भाभी कुर्सी पर बैठी थीं और महोदय पीछे खड़े थे.
भाभी ने लिखा- अपने कपड़े उतारो.
मैंने टी-शर्ट और लोअर उतार दिया.

अब मैं सिर्फ फ्रेंची में था. मेरा लंड फ्रेंची में तना हुआ था.
भाभी ने लिखा- फ्रेंची भी उतारो.
मैंने कहा- लंड खड़ा देखना है या मुरझाया हुआ?
भाभी- खड़ा देखना है.
मैंने कहा- आप मुझे गर्म करो … तो मेरा लंड खड़ा हो जाएगा.

भाबी ने अपनी बेबीडॉल ऊपर उठाते हुए उसे उतार दिया.

आह क्या मस्त चूचे थे, एकदम तने हुए ऐसे लग रहे थे जैसे उनके पति ने कभी चूचियां मसली ही न हों.

मैंने झट से खड़े होकर अपनी फ्रेंची नीचे कर दी और मेरा लंड फनफनाता हुआ भाभी की आंखों में झूम गया.

कुछ देर तक भाभी ने मेरी मर्दानगी को निहारा और अपने गालों पर हाथ रख कर हैरत जताई.

कुछ देर हमारे कैमरे बंद हो गए.

अब उस आदमी ने मुझसे भाभी की चुदाई की बात करना शुरू कर दी. वो मेरे शहर से कोई दो सौ किलोमीटर दूर एक बड़े शहर में था.

मिलने की तारीख और समय तय हुआ … और मैं उस भाभी के पास पहुंच गया.

बीच में क्या हुआ कितनी बातें हुईं … इन सबको लिखने का कोई मतलब नहीं है अब सीधे चुदाई का मजा लें.

शाम को आठ बजे उनके घर पहुंचने पर उन दोनों ने मेरा बड़ा गर्मजोशी से स्वागत किया. उनके घर में उन दोनों के अलावा और कोई नहीं था.

भाभी जी ने मुझे गले से लगाया और मेरे लंड को दबा दिया.

सीन कामुक हो चला था. उनके पति ने माहौल को रंगीन बनाने के लिए शराब की बोतल खोल ली. मगर मैं शराब नहीं पीता था, इसलिए भाभी मेरे लिए कोल्डड्रिंक ले आईं. उन दोनों ने पैग बनाए और चियर्स करके जाम खाली करने शुरू कर दिए.

भाभी अपनी झिझक खत्म करने के लिए शराब का सहारा ले रही थीं और भैया जी अपनी बीवी चुदवाने का गम भुलाने के लिए दारू को हलक के नीचे उतार रहे थे.

कोई आधा घंटे के बाद पतिदेव ने चार पैग गटक लिए थे और भाभी ने दो. भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और हम दोनों बेडरूम में आ गए.

भाभी ने मुझे नशीली वासना से देखा और अपनी टी-शर्ट उतार कर फेंक दी. भाभी ने नीचे एक कैपरी पहनी थी. मैंने आगे बढ़ कर भाभी की कैपरी के बटन खोले, तो उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी. फिर मैंने अपनी जींस उतारी और भाभी ने कैपरी नीचे कर दी.

जल्द ही हम दोनों नंगे हो गए थे और भाभी जी ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था.

जैसा कि आपको मेरी उस सवालिया कहानी में मालूम था कि मेरी गर्ल फ्रेंड मेरे लंड को बहुत देर तक चूसती रहती थी, मगर मेरे लंड ने अब तक अपना पानी नहीं गिराया था.

मैंने दो मिनट बाद भाभी को बिस्तर पर 69 में लिटा दिया और उनकी चुत का रसास्वादन करना आरम्भ कर दिया.

भाभी ने जल्द ही चुत की गर्मी चुदाई के लिए बढ़ा ली थी और अब वो मेरे लंड का कुंवारापन खत्म करने को लालायित थीं.

मैंने उनकी चुत की फांकों में लंड का सुपारा रखा और हल्के से दबाव बनाते हुए लंड को चुत के अन्दर धकेला. भाभी की चुत खुली हुई थी और पनियाई हुई थी, सो लंड को घुसने में कोई दिक्कत नहीं हुई. मगर भाभी की चुत कोई भोसड़ा नहीं थी, कुछ कसी हुई ज्यादा थी.

लंड को चुत की फांकों ने जकड़ लिया था और मोटे लंड के कारण घर्षण कुछ ज्यादा ही होने लगा था. मुझे एक तेज दर्द होने लगा. जितना नेट पर जाना था, ये दर्द उससे कहीं ज्यादा महसूस हो रहा था.

भाभी मेरे दर्द को महसूस कर रही थीं और मुझे लगातार चूमे जा रही थीं. मादक और कामुक सीत्कारें भाभी के कंठ से भी निकल रही थीं, मगर उनकी आंखों में एक मस्त चमक थी. आज भाभी ने एक कुंवारे लंड को चोदने का मौक़ा पा लिया था.

कोई दो मिनट बाद मेरे लंड को कुछ राहत सी मिली और चुदाई का मजा आना शुरू हो गया. करीब बीस मिनट की मस्त चुदाई में भाभी जी ने दो बार अपनी चुत का पानी निकाला था, जो उन्होंने मुझे बाद में बताया था.

मैं उनकी चुत में निकल गया था … जिसका अहसास मुझे बाद में हुआ कि मुझे बाहर निकलना चाहिए था.

मगर भाभी ने मुझसे चूमते हुए कहा- कोई बात नहीं मैं दवा ले लूंगी.

फिर उस रात पतिदेव बाहर ही धुत्त पड़े रहे और भाभी ने मेरे साथ तीन बार चुदाई की कहानी लिखी.

सुबह भाभी ने मुझसे गले लगकर मुझे एक अंगूठी दी और कहा- ये तुम्हारे लंड की दिखाई है … इसे पहली चुदाई का प्यार समझ कर लो.

मैंने भाभी को गले से लगाया और उनसे विदा लेकर अपने शहर के लिए निकल गया.

दोस्तो, ये सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, अन्तर्वासना पर कमेंट्स करके जरूर बताएं.
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