मेरी जिंदगी का पहला सेक्स

(Meri Jindagi Ka Pahla Sex)

रंगरसिया 2019-10-30 Comments

अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।
ये मेरी अपनी पहली और असली कहानी है। निजी कारणों के चलते मैंने पात्रों के नाम बदले है बस।

मेरा नाम विकास है और मैं देहरादून का रहने वाला हूँ।
मैं एक औसत ऊँचाई वाला लड़का हूँ। मेरा रंग गोरा है और लंड का साइज 7 इंच और मोटाई 3 इंच है। मैंने कभी मुट्ठ नहीं मारी है क्यूँकि मुझे कभी मुट्ठी मरने का शौक नहीं रहा। पता नहीं क्यूँ मेरे कोई भी दोस्त इस बात पर यकीन नहीं करते हैं।

यह कहानी मेरी जिंदगी के पहले सेक्स की है। बात तब की है जब मैं एक स्कूल में कंप्यूटर टीचर की जॉब करता था। वहाँ छोटी क्लास के बच्चों के साथ उनकी एक मैम आती थी जिनका नाम नीलम था। उनकी उम्र 26 साल थी। तब मेरी उम्र 24 साल थी। मैंने कभी उन पर ध्यान नहीं दिया क्यूँकि वो मैरिड थी और एक बच्चे की माँ भी थी।

नीलम के बारे में बताऊँ तो वो एक साँवले रंग की महिला है लेकिन उनका फिगर बहुत कमाल का है। बूब्स 36 कमर 28 और गांड 34 दिखने में वो एकदम पटाका लगती है।

कुछ दिनों बाद फेसबुक पर मुझे उन मैम की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई तो मैंने एक्सेप्ट कर ली मगर मेरी बात उनसे हुई नहीं।

कुछ दिनों बाद एक दिन मैं फेसबुक पर अपने फ्रेंड से चैट कर रहा था। मेरी फ्रेंड का नाम भी नीलम था तो मैंने उसकी जगह अपने स्कूल की मैम को मेसेज भेज दिया।
वो तब ऑनलइन ही थी तो उन्होंने भी तुरंत रिप्लाई कर दिया।

गलती से ही सही … पर ऐसे हम दोनों की बात शुरू हुई. कुछ समय के बाद उनसे मैंने उनका नम्बर भी ले लिया और हमारी बात कॉल और मैसेज में होने लगी।
वो व्हाट्सप्प यूज़ नहीं करती थी।

एक दिन बात करते करते मैंने मजाक में ही उनसे पूछा- तुम्हारी मैरिड लाइफ कैसी चल रही है?
तो वो उदास होकर बोली- अब पहले जैसी नहीं है।
मेरे पूछने पर उसने बताया कि उनकी और उनके पति कि ज्यादा बनती नहीं है, अब और वो दोनों अलग अलग कमरों में सोते हैं।

इस तरह से धीरे-2 वो मुझसे खुलने लगी।

एक दिन उसने मुझसे पूछा- आपको नॉनवेज जोक भेजूँ?
मेरे हाँ करने पर उसने मुझे उस दिन के बाद से नॉनवेज जोक भेजने शुरू कर दिए।

एक दिन रात को उसका मैसेज आया- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- बस तुम से बातें कर रहा हूँ।
मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो ड्रिंक कर रही है।

थोड़ी देर बाद वो बोली- क्या मैं कुछ बोल सकती हूँ?
मेरे हाँ बोलने पर वो बोली- तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनना चाहती हूँ।
पर मैं किसी और को पसंद करता था तो मैंने उन्हें मना कर दिया और समझाया कि ऐेसे रिश्ते का क्या फायदा जिसका कोई भविष्य ही ना हो.

तो वो बोली- मैं कौनसा कोई वादा मांग रही हूँ? बस गर्लफ्रेंड ही तो बनना चाहती हूँ।
मैंने कहा- मैं तुम्हारा दोस्त बन कर रहूँगा हमेशा और कभी तुम्हारा साथ नहीं छोडूंगा।
फिर ये बात आई गयी हो गयी।

कुछ दिनों बाद जिस लड़की को मैं पसंद करता था उसकी सगाई हो गयी. मुझे बहुत बुरा लगा लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था तो मैं दुखी रहने लगा।
तब नीलम ने मेरे दुखी होने का कारण पूछा तो मैंने सब बता दिया.
तो वो बोली- मैं समझती हूँ यार, मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।

मैंने पूछा- तुम्हें क्या हुआ?
तो वो बोली- मेरे पति अब मुझे प्यार नहीं करते जैसे पहले करते थे. दो साल से मेरे पति ने मुझे छुआ भी नहीं.
मैंने सोचा कि कौन पागल पति है जो अपनी ऐसी माल जैसी पत्नी को छूता भी नहीं।

मेरे पूछने पर उसने बताया कि जब वो सेक्स करते थे तो एक दिन में 9-9 बार तक लगातार सेक्स करते थे।
ये सब सुनकर अब मेरे अंदर भी हवस उठने लगी थी। और उठती भी क्यूँ नहीं आखिर मैं भी एक इंसान ही हूँ. और ऊपर से सामने बात करने वाली ऐसी कमाल की माल और पटाका।

मैंने पूछा- क्या अभी मिलने आ सकती हो?
तो वो मान गयी।
रात के 8 बजे का वक्त था। हम एक ही एरिया में रहते है तो उसके और मेरे घर की दूरी 10 मिनट के पैदल रास्ते पर है।

वो मिलने आई तो हम दोनों मोहल्ले की गलियों में घूम रहे थे जहाँ कोई नहीं था।

फिर मैंने एक सुनसान गली देखी और उसे वहां ले गया। हम दोनों एक दूसरे की तरफ मुँह करके खड़े थे, मेरा दिल बहुत ज़ोर से धड़क रहा था।

वो कुछ बोलती … उससे पहले ही मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए। वो भी मेरा साथ देने लगी पर हम खुली जगह पर थे और वो गली आने जाने का रास्ता थी।
हम दोनों को ही उस एरिया के लोग जानते थे और अगर हम पकड़े जाते तो पता नहीं क्या होता।
यह सोच के हम अलग हो गए और वापस चल दिए|

घर पहुँच कर मैंने उससे पूछा- कैसा लगा?
तो वो बोली- तुमने तो सब अचानक कर दिया. मुझे कुछ समझ नहीं आया. अब हालात खराब हो रही है।
मैंने पूछा- क्यों?
तो वो बोली- दो साल से कुछ किया नहीं है, किसी ने छुआ नहीं है मुझे … तभी बोल रही हूँ।

अब हम दोनों क अंदर की आग भड़क चुकी थी।

एक दिन मैंने उसे कहा- कहीं घूमने चलते हैं.
पर वो अपने घर से ज्यादा टाइम के लिए नहीं आ सकती थी तो हमने एक रेस्टोरेंट में जाने का तय किया।

उस रेस्टोरेंट के बारे में मुझे मेरे दोस्तों ने बताया था कि वो एक ऐसा रेस्टोरेंट था जहां प्राइवेसी मिलती थी तो मैं नीलम को वहीं ले कर गया।
आज वो मुझे और भी ज्यादा माल लगा रही थी। वो हरे रंग का सूट पहन कर आई थी।

वहाँ जाकर हमने कॉफी आर्डर की. वेटर आया और कॉफी दे कर हमारे केबिन का पर्दा लगा कर चल गया।

वेटर के जाते ही मैं नीलम पर टूट पड़ा। मैंने उसके होठों को चूसना शुरु कर दिया जिसमें वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
10 मिनट तक उसे चूमने के बाद मैं उससे अलग हुआ।
हम दोनों हाँफ रहे थे।

उसके बाद मैंने उसके शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। उसकी हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी। फिर मैंने उसके शर्ट को ऊपर कर उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आजाद कर दिया।
उफ्फ … क्या बूब्स पाये थे उसने! एकदम गोल गोल और उसके निप्पल एकदम सख्त और तने हुए थे।

उस वक्त मैंने उन्हें दबाना शुरू किया और एक बूब को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा।

उसकी सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थी। मैंने उसे आवाज़ कम करने को कहा क्यूँकि हम एक केबिन में बैठे थे जो दूसरे केबिन से जुड़े हुए थे।

मैंने उसके बूब्स को दबाना और चूसना जारी रखा। मैं बारी बारी से दोनों को दबा और चूस रहा था।
जब मैंने उसके निप्पल पर अपने दांतों से काटना शुरू किया तो उसकी हालत और खराब हो गयी। वो लम्बी लम्बी साँसें भरने लगी।

फिर मैंने उसके सलवार में हाथ डालना शुरू किया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने थोड़ा जोर दिया तो मेरा हाथ उसकी पैंटी में घुस गया।
उसने अपनी टांगें बंद कर ली।

अब मैंने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया. गर्दन को चूमते हुए मैं उसके कान तक पहुँचा और उसके कान पर काटने लगा।
अब वो कसमसाने लगी।
मैंने धीरे से उसके कान में कहा- खोल दो ना यार!
तो उसने धीरे से अपनी टांगें खोल दी।

अब मेरा हाथ उसकी चूत पर था उसकी हल्की हल्की झाटें थी। मैंने उसकी चूत मसलनी शुरू की तो वो आहें भरने लगी। मैंने उसकी चूत का दाना पकड़ कर हल्का सा मसल दिया और उसकी चूत ने थोड़ा सा पानी छोड़ दिया।

अब मैंने फिर से उसे किस करना शुरू किया और उसका हाथ अपनी जीन्स के ऊपर से अपने लंड पर रख दिया। वो उसे हल्के हल्के सहलाने लगी।

मैंने अपनी जीन्स की चेन खोल कर उसका हाथ वहाँ घुसा दिया तो उसने झट से हाथ बाहर निकाल दिया। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उसका हाथ उस पर रख दिया तो उसने मेरे लंड पर अपना हाथ चलना शुरू कर दिया। मुझे ऐसे लग रहा था कि मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ।

उसके बूब्स चूसते और चूत में उंगली करते हुए मेरा एक बार प्रीकम निकल चुका था।
थोड़ी देर ऐसे ही हाथ चलाने के बाद मैंने उसे लंड मुँह में लेने को कहा तो वो बोली- पागल हो क्या?मैं नहीं लूँगी मुँह में!
काफी मिन्नतें करने के बाद उसने मुँह में ले ही लिया।

जैसे ही उसने लंड चूसना शुरू किया मुझे मजा ही आ गया। वो पूरा लंड मुँह में ले कर चूस रही थी।
10 मिनट तक चूसने के बाद उसने मेरा लंड मुँह से बाहर निकाल लिया। मेरा माल निकला नहीं था क्यूँकि शायद एक बार पहले ही निकल गया था इसीलिए।

उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए और मैंने वेटर को बुला कर कॉफी का पेमेंट कर दिया।
फिर हम वापस घर को चल दिए।

शाम को चैटिंग पर मैंने उसे आने के लिए थैंक्स बोला तो वो बोली- तुमने मेरे बूब्स बहुत ज़ोर से दबाये. अब दर्द कर रहे हैं. और किस करते हुए तो मेरे होंठ कट गया।
मैंने उसे सॉरी बोला तो वो बोली- कोई बात नहीं, मुझे आज बहुत टाइम बाद ऐसा अच्छा फील हुआ।

तब मैंने कहा- अभी क्या कर रही हो?
वो बोली- नहाने जा रही हूँ, आ जाओ।
मैंने कहा- आकर क्या करुँगा?
वो बोली- जो काम दिन में अधूरा रह गया था, पूरा कर लेना।
मैंने कहा- तुम्हारे घर वाले?
वो बोली- सब शादी में गए हैं, 2 घंटे में वापस आएंगे।

आप सभी सोच रहे होंगे कि मैं तुरंत ही निकल गया होऊंगा उसके घर के लिए पर नहीं मैं नहीं गया क्यूँकि जैसा कि मैंने पहले बताया है कि हम दोनों को उसके एरिया में सब जानते है और अगर गलती से भी हम पकड़े जाते तो बहुत बदनामी होती दोनों के घर की।
मैं अपनी और सामने वाली दोनों की इज्जत का सोचता हूँ चाहे वो कोई भी हो।

खैर मैं उसके रात नहीं गया और उसके बाद हम दोनों ऐसे ही चैट करते रहे आगे कई दिनों तक।
हमने कॉल पर कभी सेक्स नहीं किया क्यूँकि घर में हम दोनों के परिवार वाले रहते है और उनके सामने ऐसे बात तो नहीं कर सकते।

कुछ टाइम बाद मैंने उसके स्कूल से जॉब छोड़ दी पर नीलम से मेरी बात होती रही।
हम दोनों ही सेक्स के लिए उतावले हुए जा रहे थे और मौका ढूंढ रहे थे।
मैंने नीलम को बोला- यार चलो ना मिलकर मजे करते हैं।
वो बोली- पर कैसे? टाइम ही नहीं रहता।

मैंने बोला- किसी दिन स्कूल से हॉफ डे ले लो.
वो बोली- पर ज्यादा टाइम नहीं मिलेगा 1 या डेढ़ घंटा ही मिल पाएगा।
मैंने कहा- इतना ही काफी है।
वो राजी हो गयी।

अगले दिन मैं पूरा तैयार बैठा था कि आज मैं अपनी जिंदगी की पहली ठुकाई करुँगा।
11 बजे उसका कॉल आया कि उसे छुट्टी नहीं मिली आज!
तो मेरा मूड खराब हो गया।

10 मिनट बाद उसका फिर कॉल आया कि वो मजाक कर रही थी उसे छुट्टी मिल गयी है और वो निकलने वाली है।
मैंने कहा- मैं लेने आ जाऊँगा स्कूल से थोड़ी दूर।
अब मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा।

मैं जल्दी से केमिस्ट पर गया और उससे 2 कंडोम के पैक ले लिए। फिर मैं स्कूल की तरफ चल दिया। मैंने नीलम को कॉल की पर उसका फ़ोन ऑफ आ रहा था।
मैं वेट करने लगा।

स्कूल की तरफ से आने के दो रास्ते थे। मुझे लगा कहीं नीलम दूसरे रास्ते से ना आ रही हो तो मैं उस रास्ते बाइक ले के चल दिया। पर काफी आगे आने पर भी वो नहीं दिखी तो मैं वापस लौट गया।

कुछ देर बाद मुझे नीलम आती दिखाई दी। वो बोली कि उसके फ़ोन की बैटरी खत्म हो गयी तो कॉल नहीं कर पायी।
आज वो सिम्पल बन कर आई थी कुर्ती और लेगी डाल कर पर उसमें भी उसका फिगर करंट मार रहा था।

मैंने उसे बाइक पर बिठाया और होटल ले के गया। होटल पर मैंने पहले ही बात कर ली थी तो जाते ही मुझे कमरा मिल गया।

कमरे में जा के जैसे ही मैंने कुण्डी लगाई, मैं नीलम को पकड़ कर बेतहाशा चूमने लगा।
वो बोली- रुक जाओ, मैं कहाँ भागी जा रही हूँ।
उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए।

क्यूँकि उसे घर जाना था और कपड़ों की बिगड़े हालत देख कर उसके ससुराल वाले जरूर शक करते। हम कोई चांस नहीं लेना चाहते थे।

मैं पूरा नंगा हो गया और वो ब्रा पैंटी में चादर में घुस गयी।
मैंने उसे चादर उठाने को कहा तो उसने मना कर दिया बोली कि उसे शर्म आती है।
मैं चादर में घुस गया और उसे पूरे शरीर पर चूमना शुरू कर दिया।

उसके बूब्स मुझे ज्यादा पसंद थे तो मैंने उनसे खेलना शुरू कर दिया। अब वो जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी क्यूँकि आज किसी का हमें डर नहीं था।
फिर मैंने उसके शरीर से ब्रा और पैंटी निकाल दी और अचानक से उसकी चूत पर उंगली डाल दी तो वो चिहुँक उठी।

Chut Me Ungli
Chut Me Ungli

मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया।
मैंने हैरान होते हुए कहा कि उस दिन तो चूस लिया था?
तो वो बोली मैंने इसलिए चूसा था उसके दिन कि कहीं तुम ये ना समझो कि इसने तो बस अपने मजे लिए और मुझे कुछ मजे दिए ही नहीं।

खैर मैंने उसे ज्यादा फोर्स नहीं किया। मैंने कंडोम लगाया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। उसके कान में मुँह ले जाकर मैंने उसे कहा- बोलो ना … मुझे चोद दो!
पर उसने नहीं कहा।
शायद उसे ये सब बोलना पसंद नहीं था।

मैंने देर ना करते हुए एक जोर का धक्का मारा और एक ही बार में पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
आहहह की आवाज़ करते हुए उसकी सांस अटक गयी। वो बोली- आराम से नहीं डाल सकते क्या? पिछले दो साल से नहीं गया है इसके अंदर!
मैंने उसे सॉरी बोलते हुए कहा- समझो ना यार … पहली बार है तो थोड़ा एक्साईटेड हो गया था।
ऐसा बोलकर फिर मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए।

उसकी चूत काफी टाइट थी। लग नहीं रहा था कि मैं एक 5 साल की बेटी की माँ को चोद रहा हूँ।
शायद 2 साल से ना चुदने की वजह से उसकी चूत टाइट हो रखी थी।

उसके चेहरे पर मुझे दर्द के भाव दिख रहे थे पर वो भी मजे ले रही थी और उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज़ें निकाल रही थी।
ये मेरा पहले सेक्स था जिंदगी का और मैं काफ़ी एक्साईटेड था और ऊपर से नीलम जैसी माल तो मैं 7-8 मिनट में ही झड़ गया और साइड में लेट गया।
हम दोनों की साँसें तेज तेज चल रही थी।

फिर मैंने उससे पूछा- यार तुम्हारा फिगर इतना कमाल कैसे है?
तो उसने बताया कि वो मॉडल रह चुकी है और मॉडलिंग कर चुकी है।

फिर वो मेरे ऊपर आ गयी और मुझे चूमना शुरू कर दिया। मेरे गले और फिर मेरी छाती पर चूमते हुए उसने मेरे निप्पल पर दाँत घुमाने शुरू कर दिए।
मैंने उसे कहा- दाँत से मत काटना वरना निशान पड़ जाएगा और प्रॉब्लम हो जाएगी।
असल में वो गर्मियों का वक्त था और मैं घर में बनियान या ऐसे ही ऊपर कुछ नहीं पहनता था। अगर घर में कोई मेरे निप्पल पर दाँत का निशान देख लेता तो उन्हें शक पड़ जाता इसलिए मैंने नीलम को मना किया।

उसके ऐसा करते करते और उसकी चूत की गर्मी से फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मैंने नीचे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। इस पोजीशन में मेरा पूरा लंड नीलम की चूत में जा रहा था। मुझे तो मजा आ ही रहा था पर नीलम को ज्यादा मजा आ रहा था इसी पोजीशन में।

10 मिनट तक चुदाई करने के बाद अब वो बैठे बैठे थकने लगी थी तो मैंने पोजीशन बदल ली और उसे नीचे ला के ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी।
अब वो बस आह आह ओह्ह्ह बस बस की आवाज़ कर रही थी। उसे अब दर्द होने लगा था वो मुझे देख कर रुकने को कहने लगी. पर अब मैं स्पीड में आ गया था तो मैंने चुदाई जारी रखी।

थोड़ी देर बाद नीलम का शरीर काँपने लगा और वो झड़ने लगी।
झड़ने के बाद वो बेदम सी हो गयी पर अभी मेरा हुआ नहीं था तो मैंने उसे पेलना जारी रखा.

10 मिनट की और चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था क्यूँकि नीलम की सिसकारियों से मेरा जोश और बढ़ रहा था।
8-9 धक्कों के बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर थोड़ी देर तक पड़ा रहा।
फिर हम अलग हो गए।

वो बोली- कुछ ज्यादा देर तक चल गए तुम! 25 मिनट से मेरी ले रहे हो वो भी ऐसी स्पीड और दम से। तुम तो किसी को भी खुश कर सकते हो।
तो मैंने बोला- हाँ पहली बार सेक्स किया है।
वो बोली- झूठ बोल रहे हो, तुम्हें देख कर तो लगा नहीं कि तुम पहली बार किसी को चोद रहे हो।
मैंने कहा- यार चाहे किसी की कसम दे के पूछ लो, मैं सच बोल रहा हूँ।

फिर मैंने अपना कंडोम निकाल के डस्टबिन में फेक दिया और बाथरूम में नहाने चला गया।
मेरे बाद फिर नीलम फ्रेश हुई।
फिर हम दोनों वापस चल दिए।

ये थी मेरे जीवन की पहले सेक्स की कहानी एक स्कूल टीचर के साथ सेक्स !.
आपको ये कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके बता सकते हैं.
[email protected]

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