मेरी छात्रा पूनम

राज वर्मा 2009-07-19 Comments

प्रेषक : राज वर्मा

मेरा नाम राज है, कोटा राजस्थान का रहना वाला हूँ, उम्र से 26 बरस का हूँ पर ज्यादा का लगता हूँ, मेरा बदन थोड़ा भारी है और कोटा के एक कॉलेज में कंप्यूटर लेकचरार के पद पर काम कर रहा हूँ।

मैं पहली बार अपनी कहानी लिख रहा हूँ, कोई गलती हो तो क्षमा करना।

मैं कई दूसरे कॉलेजों में भी पार्ट टाइम क्लासें लेता हूँ।

एक बार मेरे कंप्यूटर के बैच में एक लड़की आई जिसका नाम पूनम था। वह बहुत मस्त थी और उसको देखते ही मेरा खड़ा हो जाता था। पर वो चालू थी, उसने मुझे सिर्फ उसके सेमेस्टर को करने के लिए इस्तेमाल किया था

उसने पहले तो मुझे कहा- सर, मुझे कुछ समझना है आपसे, मैं आपसे अकेली पढ़ना चाहती हूँ, अगर आप कहें तो मैं एक घण्टा पहले आ सकती हूँ और आप मुझे यह प्रॉब्लम समझा सकें तो?

तो मैंने हाँ कह दिया तो वो जल्दी आने लगी और मेरे साथ बैठ कर प्रॉब्लम समझने लगी।

फ़िर तो यह रोज़ की सी बात हो गई, उसने मेरा मोबाइल नंबर भी ले लिया और रात को भी फ़ोन किया।

यह पूछने पर कि इतनी देर रात को क्यों फ़ोन किया तो कहती थी- सर, ऐसे ही कर लिया था।

एक दिन वो जींस और छोटे टॉप में मेरी क्लास में आई और उसी दिन मुझे घर पर बुलाया- सर मेरा बर्थडे है, आपको मेरे घर पार्टी में आना है।

मैंने उसे शुभकामनाएँ दी और कहा- मैं घर पर नहीं आ सकता।

तो उसने एक दो दिन बाद कहा- सर, मेरी भाभी आपसे मिलना चाहती हैं, आपसे कुछ काम है, मेरी भाभी के घर आना !

मैंने हाँ कह दिया और शाम को मैं उसके घर पर चला गया।

उसकी भाभी बहुत मस्त थी उसकी तरफ़ देखते ही मैं मचल गया। मैंने उसकी भाभी से मुलाकात की, उसका नाम चंचल था

उसने कहा- पूनम आपकी ही बातें करती रहती है, आपका कंप्यूटर पर बड़ा कमांड है जरा मेरी मदद भी कीजिए ना ! मैं एक कंप्यूटर खरीदना चाहती हूँ, अगर आप कुछ मदद कर देते तो? क्योंकि इस बारे में मैं ज्यादा जानती नहीं।

मैंने कहा- कल आप फ्री हो तो हम मार्केट से खरीद लेंगे।

और हम अगले दिन बाज़ार गए गए और चंचल को कंप्यूटर दिला दिया। वो अपनी कार में मुझे लेकर गई थी।

फिर उसने कहा- आप बहुत अच्छे हैं, क्या मैं आपसे बातें कर सकती हूँ? अगर आप को कोई परेशानी ना हो तो मैं आपको फ़ोन कर सकती हूँ कभी कभी?

मैंने ओके कह दिया।

उसके कुछ दिन बाद मेरी पत्नी घर पर नहीं थी, मायके में थी।

मैंने बातों बातों में पूनम को बता दिया कि मेरी पत्नी घर पर नहीं है, होटल में खाना खा रहा हूँ आजकल।

पूनम ने कहा- सर, क्या मैं आपके घर पर आ सकती हूँ?

“क्या काम है?” मैंने पूछा।

पूनम बोली- सर आपके लिए घर से खाना लाना चाहती हूँ।

मैंने हाँ कर दी।

अगले दिन सुबह दस बजे पूनम मेरे घर पर आ गई। उसने पीले रंग का सूट पहन रखा था जो उसके शरीर से चिपका सा था और उसके चूचे ऊपर से बाहर को आ रहे थे।

मैंने उसे कहा- पूनम, आज तुम बहुत मस्त लग रही हो ! क्या बात है?

वो मेरे साथ मेरे बिस्तर पर बैठ कर कहने लगी- सर, एक बात कहूँ, आप बहुत अच्छे है ! मैं आपको बहुत पसंद करती हूँ। आप तो मुझे बस पास करवा दो इस सेमेस्टर में ! आप जो कहोगे मैं कर सकती हूँ !

और उसने मुझे गाल पर चूम लिया।

उत्तेजित तो मैं पहले ही हो रहा था, मैंने भी उसे चूम लिया।

मैं सेक्स को बहुत मज़े लेकर करता हूँ। मैं लम्बा सेक्स करता हूँ !

पहले मैंने उसके चुम्बन का जवाब दिया। मैं मूड में आ ही चुका था और मुझे चुम्बन करना बहुत पसंद है। मैंने उसके गुलाबी होंठों को धीरे धीरे अपने होंठों से दबाया, यह सेक्स की एक कला है जिससे लड़की और औरत ज्यादा गर्म होती है चुम्बन का मजा धीरे से ही लेने में रहता है।

फिर मैंने उसके बदन के एक एक अंग को चूम कर एक एक करके उसके कपड़ों को उसके बदन से अलग किया।

वो तो तड़पने लगी थी !

पर मैंने उसके पूरे जिस्म को चूमा, कम से कम हमने 15 मिनट तक यह खेल खेला।

उसके बाद मैंने उसके मम्मे खूब दबाये और खूब दबा दबा कर रस पिया उनका। फिर मैंने उसकी योनि को चूमा किया और उंगली से सहलाया, चाटा !

फ़िर अपने कपड़े भी उतार दिए और उसके मुँह में मैंने अपना लण्ड दे दिया और दस मिनट तक चुसवाया।

इसके बाद मैंने धीरे से उसकी चूत पर लण्ड रख कर धक्का दिया तो पता चाअ कि उसकी सील पहले ही टूटी थी।

मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में फँसा कर दो मिनट तक अंदर ही रखा, इससे उत्तेजना बढ़ती है और सेक्स में मज़ा भी मिलता है।

तो वो कहने लगी- सर करो ना !

मैंने कहा- रुको ! अभी तो और प्यार करना है !

फिर मैं धीरे धीरे उसकी चूत में लण्ड अंदर-बाहर करने लगा।

कम से कम 20 मिनट तक इस तरह मैंने सेक्स किया।

फिर जब हम दोनों झड़ने वाले थे तो सारा जोर लगा कर मैंने उसकी चुदाई की।

वो तो जोर जोर से चिल्लाने लगी पर मैं धक्के पर धक्का देता रहा।

और फिर मैं झड़ने के बाद उसके ऊपर ही लेट गया।

अगली कहानी में मैं आपको पूनम की भाभी चंचल की कहानी लेकर बताऊँगा।

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