नहीं तो राण्ड से गाण्ड मरवानी पड़ती

विकी शर्मा
दोस्तो, मैं कहानी लिखना नहीं जानता हूँ लेकिन अब तक 23 अलग-अलग चुदाई कर चुका हूँ.
इस दास्तान में शायद वो मजा ना आए लेकिन सच्चाई पूरी है।
आप लोगों से प्रोत्साहन मिलने के बाद मैं अपनी बहुत सारे अनुभवों को लिखूंगा जिसमें से एक में मैंने गर्ल-फ्रेंड की चूत में शहद डाल कर चाटा था और उसने भी मेरे लंड पर शहद डाल कर चाटा था।
मैं विकी शर्मा दौसा के एक मेडिकल कॉलेज से स्टडी कर रहा हूँ और यहीं के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में पार्ट टाइम जॉब भी करता हूँ।
मैं मात्र 20 साल का हूँ, दिखने में आकर्षक हूँ।
अब सीधे असल मुद्दे पर आता हूँ। मैं एक महिलाओं के प्रसव आदि का चिकित्सक हूँ तो रोज ही नई-नवेली चूतों के दर्शन होना साधारण सी बात है।
मेरे साथ काम करने वालों में मेरी सबसे ज़्यादा राजाराम जी से पटती है।
एक दिन राजाराम जी का एक छोटे कद की औरत कावेरी से संपर्क हो गया, वो नसबंदी कराने आई हुई थी, उसके बाद राजाराम और कावेरी की बातें होने लगीं।
एक दिन राजाराम ने मुझे जब बताया और कहा- भाई मेरी चुदाई का जुगाड़ हो चुका है, रूम का अरेंजमेंट कर दीजिए।
मैं बोला- हो गया समझो.. लेकिन सोच लो कद्दू कटेगा तो सबमें बंटेगा।
उसने कहा- मैं कौन सा उससे प्यार करता हूँ, तुम भी निपट लेना।
मेरा एक दोस्त अपने गाँव गया था, उसके कमरे की चाभी मेरे पास थी, तो उस जुगाड़ को उधर ही ले गए।
राजाराम दो बोतल बियर ले आया था। हमने पहले एक साथ बियर पी। वो पहली बार पी रही थी। पीते-पीते उसका माथा घूमने लगा। राजाराम ने उसकी साड़ी खोल दी, उसने ‘ना’ तक नहीं किया।
मैंने यह देख कर बियर साइड में रख कर उसका ब्लाउज खोलने लगा। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मेरे इशारा करते ही राजाराम ने कावेरी को झिड़क दिया। वो रोने लगी, वो बेचारी रात में घर जाने से तो रही।
पता नहीं क्या बहाना बना कर आई थी।
राजाराम ने कहा- बहन की लौड़ी.. दोनों से चुदवाना पड़ेगा।
उसने रोते-रोते ‘हाँ’ कर दिया।
अब मैंने उसे प्यार से सहलाया और उसकी ब्रा खोल दी।
ब्रा खोलते ही उसके कसे हुए मम्मे उछल कर बाहर आ गए और मैं उन पर टूट पड़ा।
कभी उन्हें प्यार से चूसता, कभी चाटता और वो मादक आवाजें निकाल रही थी।
मेरा पजामा तम्बू बन कर उसकी पैन्टी पर रगड़ मार रहा था। जिसका अहसास उसे हो चुका था।
उसने बाहर से ही मेरा लौड़ा पकड़ लिया तभी राजाराम ने उसकी पैंटी निकाल फेंकी और उसकी बुर में ऊँगली करने लगा।
कावेरी ऊँगली करने से तरह-तरह की सीत्कारें कर रही थी, “आऊओ…!”
और कह रही थी- अब मत तड़फाओ ! डाल भी दो..!
वो एक बार झड़ चुकी थी।
उसके इतना कहते ही मैंने अपना लौड़ा हाथ में लेकर पूरा एक ही बार में घुसा दिया।
मैंने जैसे ही लौड़ा डाला, मुझे समझ आ गया कि यह पहले से ही खूब चुदी चुदाई है, लेकिन छोटे कद की थी तो उससे मेरा हथियार सहन ना हुआ और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे।
मैं शॉट पर शॉट मारे जा रहा था। उसकी मस्त बलखाती नदी में मछली की तरह गोते लगा रहा था।
उसकी आवाजें तेज हो रही थीं और वो दुबारा झड़ चुकी थी।
तभी मैंने उसे अपने ऊपर लिया और नीचे से ही हचक कर शॉट लगाता रहा।
कोई दस मिनट के मल्लयुद्ध में मैं भी झड़ चुका था।
अब राजाराम ने कावेरी की चूत में उसकी ऊँगली करना चालू कर दी।
उसके ऐसा करने से तरह-तरह की आवाजें निकल रही थीं, “आ..आ..ओ..ई..” और कह रही थी, “अभी रुक तो जाते मुझे सांस तो लेने देते मेरे हरजाई सनम…. साले फिर से चूत में आग लगा दी…! चल अब मत तड़फा तू भी डाल दे।”
उसके इतना कहते ही राजाराम ने अपना लौड़ा निकाल कर उसकी चूत में जड़ तक ठांस दिया।
उससे ये बेदर्दी सहन ना हुई और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे मुँह से रोते समय निकलने वाली सिसकियाँ निकलने लगीं, “बाहर निकाल ले साले हरामी… मेरी चूत फाड़ने पर तुले हो..!”
राजाराम शॉट पर शॉट मारे जा रहा था उसके ऊपर किसी घोड़े की तरह चोद रहा था। उसकी आवाजें तेज हो रही थीं और वो झड़ चुकी थी।
तभी राजाराम ने उसे अपने ऊपर लिया और नीचे से ही शॉट लगाता रहा। कुछ ही देर में राजाराम के लौड़े ने नीचे से अपना फव्वारा उसकी चूत में छोड़ दिया।
कावेरी को वीर्य के चूत में छोड़े जाने से कोई भय नहीं था उसकी नसबन्दी पहले ही की जा चुकी थी।
उसने भी पहले से ही चुदा-चुदा कर चूत का भोसड़ा बना रखा था।
मैंने राजाराम को इशारा किया। वो रसोई में जाकर तेल की शीशी उठा लाया।
थोड़ा सा तेल लौड़े पर और थोड़ा सा कावेरी की गाण्ड के छेद पर लगा कर एक साथ 2 ऊँगली घुसा दीं; वो दर्द के मारे छटपटाने लगी थी।
उसकी चीखों को अनसुना कर के राजाराम ने अपना सुपाड़ा थोड़ा सा घुसाया ही था कि वो इतना तेज चिल्लाई कि पड़ोसी भी सुन लें। मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया, तो साली ने मेरी ऊँगली काट ली और जोर जोर से रोने लगी, “गाण्ड मत मारो और कुछ भी कर लो।”
मैंने कहा- ले मेरा लौड़ा चूस, तभी गाण्ड मारना छोड़ेंगे।
वो मेरा ऐसे मुँह में लेने लगी जैसे लॉलीपॉप चूस रही हो।
मुझे बहुत मजा आ रहा था। क्योंकि मैं पहली बार लौड़ा चुसवा रहा था। मैं खुद को पूरे 3 मिनट भी नहीं रोक पाया और उसके मुँह में ही झड़ गया।
साली बहुत बड़ी वाली थी उसने भी पूरा निगल लिया और लौड़ा चाट-चाट कर साफ कर दिया।
फिर राजाराम ने लौड़ा उसकी गाण्ड से बाहर खींच उसकी चूत में ठोक दिया। उसने खूब जमकर चूत मारी।
उस रात मैंने और राजाराम ने मिल कर उसकी रात भर चुदाई की। बाद में कब निढाल हो कर औंधे गए पता ही नहीं चला।
सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली.. क्योंकि कावेरी ने मेरे लौड़े पर दाँत से काट लिया था।
मैंने उसको एक गाली बक दी, “साली क्या कर रही है…?”
कहने लगी, “तेरे से एक बार और चुदना है..!”
मैंने एक बार और चुदाई करके कपड़े पहनने को कहा।
उसने कपड़े पहन लिए और बोली- मुझे 3000 रु. दो नहीं तो शोर मचाऊँगी..!
मुझे सारा माजरा समझते देर ना लगी। मैंने फोन का बहाना करके कहा- मेरी दोस्त से बात हो गई है वो गांधी सर्कल पर मिल जाएगा।
उसे वहाँ से बाइक पर बिठा कर गांधी सर्कल पर छोड़ दिया और कहा- तुम यहाँ रूको, मैं उसके घर से पैसे लेकर आता हूँ।
उसको इस तरह से चूतिया बना कर मैं वहाँ से भाग आया। उसका फोन राजाराम के फोन पर आया, उसने शहर के बड़े गुंडों के नाम लेते हुए राजाराम को धमकी दी, “तुमने मेरे साथ अच्छा नहीं किया मैं हमेशा पैसे लेकर ही चुदवाती हूँ, तुमको तो ऐसा फसाऊँगी कि याद रखोगे।”
एक बार तो हम दोनों डर गए पर फिर दिमाग से काम लिया और मैंने राजाराम की वो वाली सिम तुड़वा दी और दिन की जगह रात की शिफ्ट करवा दी। तब जाकर उससे पीछा छूटा।
आज भी जब वो बात याद आती है, तो एक ही बात मुँह से निकलती है समय पर दिमाग़ से काम ले लिया नहीं तो राण्ड से गाण्ड मरवानी पड़ती।
दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी ये दास्तान पढ़ कर मजा आया होगा। आप सभी अपने विचार इस ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं, मुझे इन्तजार रहेगा।
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