पब में दो मर्दों से चुदी- 2

(Double Side Hard Fuck Story)

डबल साइड हार्ड फक स्टोरी में पढ़ें कि मेरा आशिक और उसका दोस्त मुझे पब में सरेआम नंगी करने लगे। उन्होंने डांस फ्लोर पर ही मेरी चूत में उंगली डाल दी। फिर क्या हुआ?

दोस्तो, मैं आपको अपनी चुदाई की स्टोरी के पिछले भाग
पुराने आशिक से दोबारा मुलाक़ात
में बता रही थी जहां पर दो मर्द मेरी चूत को चोदने की फिराक में थे। एक मेरा पुराना आशिक था और दूसरा उस पब का मालिक जिसमें मैं पार्टी करने गयी थी।

पब के अंदर डांस करते हुए वो दोनों मेरे बदन से चिपकने लगे। मुझे भी मजा आने लगा।

अब आगे डबल साइड हार्ड फक स्टोरी:

मयंक मेरे आगे से चिपक कर डांस कर रहा था। तो वहीं राजीव मेरे पीछे चिपका हुआ था। दोनों की ही गर्म गर्म सांसें मेरी गर्दन पर लग रही थीं।
जिससे मेरे अंदर आग लगने लगी थी और मैं भी पूरी बहकने लगी थी।

तभी मयंक ने मेरे गाल पर किस कर दी।
मैं बोली- ये क्या कर रहे हो … लोग देखेंगे।
फिर मयंक बोला- मेरी रानी, हमें कोई नहीं देख रहा है। सब अपने आप में बिजी हैं।

मैंने नजरें घुमा कर देखीं तो सही में सब अपने आप में खोये थे।
मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था इसलिए मैंने भी कोई आपत्ति नहीं जताई।

तभी राजीव ने मेरी गर्दन पर चुम्मी जड़ दी।
उसके चुम्बन से मैं सिहर गयी।

दोनों के लन्ड में अब तनाव आ चुका था। मेरी चूत और गांड पर मुझे दोनों के लंड का दबाव महसूस हो रहा था।

अब तो जैसे चुम्बनों की बारिश हो रही थी।

मयंक कभी मेरे गालों को चूमता तो कभी होंठों को।
बेचारा राजीव सिर्फ मेरी गर्दन और मेरी नंगी पीठ को चाट रहा था।

हालांकि मयंक के चुम्बन से ज्यादा मैं राजीव के चाटने से गर्म हो रही थी।

तभी मयंक मेरे होंठों पर स्मूच करने लगा।

मैं भी अब फुल मूड में आ चुकी थी; मैं भी स्मूच में पूरा साथ दे रही थी। हम तीनों एक दूसरे में बिल्कुल खो चुके थे।

राजीव ने नीचे से मिडी उठाते हुए मेरी नंगी गांड पकड़ ली।
तभी मैं उसका हाथ हटाते हुए बोली- नहीं यार, ये सब यहाँ नहीं।
राजीव बोला- टेंशन मत लो रानी, हमें कोई नहीं देख रहा है।

फिर मैं बोली- नहीं, ये सब यहां नहीं!
तभी मयंक मेरे एक बूब्स को मिडी से निकाल कर चूसने लगा।
मैं बोली- यह क्या कर रहे हो तुम लोग! मेरी इज्जत नीलाम करवाओगे?

मयंक मेरे होंठों पर लिपलॉक किस करने लगा और एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा।
ये देखकर राजीव ने इस बार मेरी मिडी कमर तक उठा दी जिससे मेरी गांड पूरी नंगी हो गयी।

मैं अपनी मिडी को नीचे करने की कोशिश कर रही थी लेकिन कर नहीं पा रही थी।

इधर राजीव एक हाथ से मेरी गांड मसल रहा था और दूसरी ओर से हाथ घुमाते हुए मेरे बायें बूब्स पर मसल रहा था।

राजीव का हाथ आते ही मेरे बायें बूब्स को सौंपते हुए मयंक ने दूसरे बूब्स को भी बाहर निकाल लिया और मसलने लगा।

कुल मिलाकर बोलूं तो कौन क्या कर रहा था पता नहीं चल रहा था मुझे! मगर मज़ा बहुत ही ज्यादा आ रहा था।

अगर मैं अपनी पोजीशन की बात करूं तो मयंक अभी मेरे होंठों को चूस रहा था और मेरे बूब्स मसल रहा था।

उधर राजीव मेरी गर्दन, पीठ और मेरी बांहों को चाट रहा था और एक हाथ से गांड मसल रहा था, दूसरे हाथ से वो मेरे बूब्स को दबा रहा था।
मैं दोनों का पूरा साथ दे रही थी।

मैं बिल्कुल खो चुकी थी। मेरे ऊपर वासना पूरी तरह चढ़ चुकी थी।

इतने में मयंक अपने एक हाथ को मेरी मिडी के नीचे से ले जाते हुए मेरी चूत सहलाने लगा।

उसका हाथ जैसे ही मेरी चूत पर पड़ा तो मैं सिहर सी गयी और जोर से कसमसाने लगी।
मैं बिल्कुल गर्मा गयी थी। अब तो बस मेरी चूत लन्ड की खोज कर रही थी।

मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था कि कोई देख न ले। मैं अपने आप को उन दोनों से छुड़ाना चाहती थी लेकिन उन दोनों ने जोर से मुझे जकड़ा हुआ था।
मैं भी बिल्कुल अपनी हवस में पागल हो चुकी थी।

तभी मयंक मेरी चूत को जोर से मसलने लगा जिससे मेरी प्यास और बढ़ गयी थी।

इतने में राजीव अपने लन्ड को निकालकर मेरी गांड पर ठोकर मारने लगा था।

मैं सोचने लगी कि ये लोग क्या कर रहे हैं।
इतनी भीड़ में मैंने आजतक पब्लिक सेक्स नहीं किया था।

अब मैं बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी। इतने में मयंक ने एक उंगली मेरी चूत में डाल दी जिससे मैं चिहुँक उठी।

अपने होंठों को मयंक के होंठों से अलग करते हुए बोली- ये क्या कर रहे हो तुम लोग? छोड़ो कोई देख लेगा।
वो लोग मेरी बात को नहीं सुन रहे थे और अपने काम में लगे रहे।

फिर मैं भी डर भूलकर उन लोगों का साथ देने लगी।
मैंने अपना एक हाथ पीछे करते हुए राजीव का लन्ड पकड़ लिया।

उसका लन्ड पकड़ते ही मैं चौंक गयी। उसका लंड पकड़ने में काफी मोटा और बड़ा लग रहा था। एकदम गर्म रॉड की तरह था।
राजीव का लन्ड तो पहले से मोटा था और मेरा हाथ लगते ही मानो जैसे और मोटा व सख्त हो गया हो।

इतने में मयंक मेरी चूत में दो ऊँगली डाल कर मेरी चूत चोदने लगा जिससे मेरी चूत की कुलबुलाहट और बढ़ गयी।
मैं चूत की गर्मी से मचलने लगी।

मयंक तेजी से मेरी चूत को अपनी उंगली से चोदने लगा और इतनी गर्मी मेरी चूत बर्दाश्त न कर सकी और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

मुझे थोड़ा सा होश आया तो मैंने देखा कि एक लड़का चुपके से मेरी वीडियो बना रहा है।

इधर ये दोनों अभी भी मेरी गर्मी उतारने में लगे हुए थे।

फिर मैंने दोनों को जबरदस्ती अपने से अलग कर दिया।
वो दोनों मुझे छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं थे।

मैंने कहा- हटो दूर … कुत्तों, तुम मेरी इज्जत को यहां नीलाम करवा दोगे।
वो बोले- अरे कुछ नहीं होगा यार!

मैं बोली- देखो वो लड़का मेरी सेक्स वीडियो बना रहा था।
ये कहते हुए मैंने अपने कपड़े ठीक किये।

मयंक ने मुझे ऊपर की ओर इशारा करते हुए कहा- तुम ऊपर के रूम में चलो, हम दोनों वीडियो डिलीट करवा कर आ रहे हैं। फिर अच्छे से खेलेंगे।

मैं ऊपर चली गयी।

रूम में आने के बाद मैंने दरवाजे को खुला ही छोड़ दिया। उसमें एक किंग साइज का पलंग था। एक साइड में सोफा था।

मैं जाते ही सोफे पर बैठ गयी।
मन ही मन मैं सोच रही थी कि मैं कितनी बड़ी चुदक्कड़ होती जा रही हूं। इतने लोगों के बीच मैं कितने आराम से अपने आप को मसलवा रही थी। अगर मेरी नज़र उस लड़के पर नहीं पड़ती तो शायद वहीं चुदवा भी लेती।

तभी मेरी फोन बजा।

मैंने देखा तो सनी का फोन था।
जैसे ही फोन उठाया उसने कहा- और कितना चुदेगी बहन?
मैं हंसते हुए बोली- अभी तो गर्म हुई हूं.
वो बोला- बाद में चुद लेना। पहले मासी से बात कर लो। तेरा फोन नहीं लग रहा था तो मैंने उनको कह दिया कि तू बर्थडे पार्टी में गयी है।

फिर मैंने उसको ‘लव यू बहनचोद’ कहकर फोन काट दिया।

मैंने अपना फोन देखा तो मॉम की कई मिसकाल थीं। मैंने फोन मॉम को लगाया तो मॉम कहने लगी- फोन कहां रख कर भूल जाती हो?

मैं बोली- पर्स में ही रखा हुआ था।

अभी मैं मॉम से बात कर ही रही थी कि वो दोनों आ गए।
रूम में आते ही उन्होंने रूम को लॉक कर दिया.

इशारे से मैं बोली कि मॉम का कॉल है लेकिन वे दोनों नहीं माने।
उन पर तो मानो चुदाई का भूत सवार था। दोनों मेरे से चिपट गये। मेरे पूरे शरीर को मसलने लगे, चूमने लगे।

मैं तो गर्म पहले से ही थी। बात करते करते मैं सिसकारने लगी।
मेरे से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। गर्म तो मैं पहले से ही थी।

वे दोनों मुझे बस नंगी करना चाहते थे लेकिन मैं दोनों को हटा रही थी। वो मान नहीं रहे थे।

फिर वो हो गया जो मैंने कभी नहीं सोचा था। मुझे नंगी करने के चक्कर में इतनी जोर से उन्होंने मिडी खींची कि वो फट गयी।
फटने की आवाज शायद मॉम ने भी सुन ली।

मॉम पूछने लगी- कैसी आवाज है?
तो मैंने कह दिया कि मैं आपको बाद में फोन करूंगी और मैंने वो कॉल काट दिया।

मैं उन दोनों पर गुस्सा होने लगी कि ये क्या किया?
मगर वो दोनों जैसे मेरी बात को सुन ही नहीं रहे थे।

वो दोनों मेरी कातिलाना नंगी जवानी को देखने लगे। दोनों बिल्कुल निशब्द होकर मुझे निहार रहे थे। ऐसे घूर रहे थे जैसे मानो आजतक किसी लड़की को नंगी देखा ही ना हो।

मैं शर्मा गयी और अपने एक हाथ से चूत और दूसरे हाथ से बूब्स को ढकने लगी।

तभी मयंक आगे आया और मेरे हाथों को हटाते हुए बोला- नहीं मेरी रानी … इसे मत ढको … जी भरकर देख लेने दो, आज तक ऐसी जवानी मैंने नहीं देखी है।

दोनों मुझे घुमा घुमाकर मेरे नंगे जिस्म का मुआयना कर रहे थे और मेरे नंगे हुस्न की तारीफ कर रहे थे।
इससे मेरी जवानी की आग और भड़क रही थी।

इतने में मयंक ने मेरे एक बूब्स को पकड़ा और बोला- क्या बूब्स हैं मेरी जान … आजतक ऐसे बूब्स नहीं देखे। ऐसा लग रहा है जैसे अभी तक किसी का हाथ भी नहीं लगा है।

उसे क्या पता कि मेरा दूध पी पीकर कितने ही तर चुके हैं।

एक बात मैं बता दूं कि मेरे बूब्स को इतने लोगों ने मसला है मगर फिर भी वो बहुत कड़क रहते हैं।

मयंक अब मेरी निप्पल के चारों तरफ अपनी उंगली को घुमा रहा था। जिससे मेरे बदन में सिहरन हो रही थी। अब मयंक मेरी निप्पल को पकड़ कर खींचता और छोड़ देता था जिससे मेरे बूब्स हिलने लगते।

मयंक मुझे चूमते हुए बोला- रानी आज तक मैंने ऐसी जवानी नहीं देखी है।
बोलकर वो अपने हाथ से मेरे बूब्स मसलने लगा।
उसकी इस हरकत से मैं सब कुछ भूल चुकी थी।

इतने में राजीव आया और मेरे दूसरे बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
उसकी इस हरकत ने तो मानो मेरी बेकरारी और बढ़ा दी।

मैं तो गर्म पहले से ही थी। मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं।

मयंक ने दूसरे हाथ से मेरी गांड दबाना शुरू कर दी और बोला- जानेमन … क्या गांड है तेरी!
मेरे से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। बस दिल कर रहा था कि बस चूत और गांड को ढंग से फाड़ दें ये दोनों!

फिर मैं बोली- सब कुछ खड़े खड़े ही करोगे क्या?
मयंक बोला- नहीं मेरी रानी!
फिर उसने राजीव को अलग किया और मुझे बेड पर गिराते हुए बोला- आज तो मजा आ जायेगा।

मैं बेड पर चित लेटी थी और दोनों शिकारी की तरह मुझे ऐसे घूर रहे थे कि मानो मैं दो शेरों के बीच एक हिरनी हूं।

मयंक बोला- तेरी गर्लफ्रेंड जैसी माल आजतक मैंने नहीं देखी।
मैं जान गयी कि राजीव ने मुझे मयंक के सामने अपनी गर्लफ्रेंड बताया हुआ है।

तभी मयंक मेरी टांगों में बैठते हुए मेरी चूत निहारने लगा।
मैं बोली- ये तो गलत बात है। तुम दोनों ने मुझे कब से नंगी करके रखा है और तुम दोनों ने अपना एक भी कपड़ा अभी तक नहीं उतारा है।

इतना सुनते ही बिना देरी लगाए वो एक पल में ही दोनों नंगे हो गए।
दोनों का लन्ड देखते ही मेरी चूत पनिया गयी। दोनों का लन्ड एक से बढ़कर एक था।

राजीव का लन्ड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा होगा। वहीं मयंक का उससे थोड़ा बड़ा था। तकरीबन 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा होगा।
फिर मैं बोली- यार कितने बड़े-बड़े हैं तुम दोनों के लंड … मेरी तो फट जाएगी।

फिर मयंक बोला- मेरी रानी, आज तो तू सिर्फ मजे कर!
मैं थोड़ा नाटक करते हुए बोली- मैं किसी एक से ही चुदूंगी।

इतना सुनते ही दोनों मायूस हो गए और फिर मयंक मेरी टांगों के पास बैठकर मेरी नंगी जांघों को सहलाते हुए बोला- मेरी जान, आज दोनों एक साथ देंगे। देखना तुम्हें मज़ा भी बहुत आएगा।

मैं कुछ बोलती इससे पहले दूसरी तरफ राजीव बैठ गया और मेरी नाभि के पास उंगली फिराते हुए बोला- आज हम थ्रीसम करेंगे रानी। एक बार करवा कर देखो बहुत मज़ा आएगा।

मैं बिना कुछ बोले मन ही मन सोचने लगी कि थ्रीसम ना जाने कितनी बार करवा चुकी हूँ और ये लोग मुझे थ्रीसम के लिए मना रहे हैं।

इतने में मयंक मेरे पैरों को चूमने लगा जिससे मेरी शरीर में झनझनाहट सी हो गयी।

राजीव मेरी चूचियों को चाटने लगा। अब तो मैं तड़पने सी लगी थी।

मयंक धीरे धीरे ऊपर आ रहा था जिससे मेरी वासना भड़क गई थी।

इधर राजीव मेरे दूध पीते हुए एक हाथ से मेरी चूत मसलने लगा।

मयंक अब मेरी गोरी गदराई जांघों को चूस रहा था जिससे मेरी आँखें बंद हो चुकी थीं और मेरे मुंह से अब जोर जोर की सिसकारियां निकलने लगीं थी- आह्ह … आह्ह … इस्स … आह्ह।

इतने में मयंक बोला- रानी, आज तेरी चूत के साथ साथ गांड भी फाड़ेंगे।
इतने में राजीव ने अपना हाथ मेरी चूत से निकाल लिया।

मैं सोचने लगी कि अब मेरी चूत में कौन लन्ड डालेगा।

तभी मयंक ने मेरी चूत को अपने मुँह में भर लिया जिससे मेरे बदन में आग सी लग गयी और मेरी कमर अपने आप उचक गयी।
मेरे से अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था।

इधर राजीव मेरे होंठों की लाली चूस रहा था। मैं अपना आपा बिल्कुल खो चुकी थी। दोनों मेरे ऊपर मेहनत कर रहे थे।

अब मयंक मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत को ऐसे चाट रहा थे जैसे मानो मेरी चूत नहीं आइस क्रीम हो।

फिर वो मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। मैं तो बस इस सब का लुत्फ उठा रही थी। मयंक तो मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने में लगा था और राजीव मेरी कमर से ऊपर खेल रहा था।

मैं ज्यादा देर तक इन दोनों की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकी और मेरी चूत ने अपना कामरस छोड़ दिया।
मयंक चुबर चुबर करके पूरा चूत का पानी पी गया।

मयंक फिर से मेरी चूत में 2 उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा।
तो मैं बोली- सारी रात जीभ और उंगली से ही चोदोगे या अपने लन्ड को भी कष्ट दोगे?

मेरी यह बात सुनकर दोनों जोश में आ गए और मयंक अपने लन्ड को हिलाते हुए बोला- मेरी रानी, अब घोड़े की सवारी करने के लिए तैयार हो जाओ।

मैं भी बेशर्मी के साथ बोली- मैं तो कब से तैयार हूं। तुम दोनों ही मेरी चाटने में लगे हो।
तभी राजीव बोला- क्या करें रानी ऐसी हुस्नपरी आज तक हम लोगों ने देखी ही नहीं है।

मयंक बोला- पहले मैं चूत मारता हूं, फिर तू मार लेना।
तो राजीव बोला- ठीक है तू पहले चूत मार ले और मैं पहले गांड मार लेता हूं।

मैं बोली- मेरे से भी कोई पूछ लो?
फिर मयंक बोला- तुम कुछ मत बोलो रानी, सिर्फ आज मजे लो।
मैं बोली- जो भी करना कंडोम चढ़ाकर करना।

इतने में राजीव मेरी चूत में उंगली डालते हुए बोला- आज तो तुझे बिना कॉन्डोम के चोदेंगे।
फिर मयंक बोला- तू टेन्शन मत ले कुछ नहीं होगा।

तभी मयंक बोला- यार कब से हम तेरे हुस्न से खेल रहे हैं, चाट रहे हैं … तू भी तो हम दोनों का लन्ड टेस्ट कर?
ये सुनते ही मैंने लन्ड को मुँह में लेने से मना कर दिया और उठकर बैठ गयी।

मैं दोनों का लन्ड पकड़कर मसलने लगी। दोनों का लन्ड काफी कड़क हो गया था।
ऐसा लग रहा था मानो मैं दो गर्म रॉड को पकड़े हुए हूं।

तभी मयंक पलंग की दराज से एक क्रीम लेकर आया और दोनों ने अपने लंड पर लगा ली।

मैं दोनों के लन्ड की मालिश करने लगी और दोनों मेरी एक एक चूची को मसल रहे थे।
तभी मयंक अपने लन्ड को खींचते हुए बोला- तैयार हो जा मेरी रानी!

मुझे वहीं फिर से लिटा दिया और मयंक ने मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत पर ढेर सारी क्रीम लगा दी।
लन्ड को मेरी चूत पर उसने सेट किया.

उधर राजीव का लन्ड अभी भी मैं मसल रही थी।

तभी मयंक ने एक जोरदार झटका मारा और आधा लन्ड मेरी चूत में घुस गया।
मैं दर्द में चीखी।
तभी मयंक ने फिर एक जोरदार प्रदर्शन करते हुए एक और झटका मारा और उसका पूरा लन्ड मेरी चूत में समा गया।

इस बार मैं जोर से चीखी लेकिन मयंक ने मेरे होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया और लन्ड आगे पीछे करने लगा।

फिर राजीव बोला- अब मेरी बारी!
मैं बोली- अभी नहीं यार। मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है।

तभी राजीव मेरी चूची पर चिकोटी काटते हुए बोला- दर्द तो अब होगा मेरी जान!
फिर मयंक ने मुझे लेकर पलटी मारी जिससे मयंक नीचे चला गया और मैं उसके ऊपर और मेरी गांड के ऊपर राजीव आने वाला था।

राजीव मेरी गांड दबाते हुए बोला- कितनी मस्त गांड है यार!
उधर मयंक नीचे से लन्ड उचका उचका कर मेरी चूत फाड़ रहा था और इधर राजीव मेरी गांड चाटने लगा था।
मुझे एक अलग सी अनुभूति मिल रही थी।

वो करीब 5 मिनट तक मेरी गांड चाटता रहा और मैं भी अपनी चूत चुदाई और गांड चटाई का मजा ले रही थी।

अब राजीव ने मेरी गांड पर क्रीम लगा दी और अपना लन्ड टिका दिया।
फिर उसने बिना देरी किये एक जोरदार झटका मारा।

अभी तो सिर्फ लन्ड का टोपा ही गया था और मैं दर्द से तिलमिला गयी।
मैं जोर जोर से चीखने लगी.

उसने फिर एक झटका मारा और लन्ड आधे से ज्यादा मेरी गांड में घुस गया।
अब मैं दर्द से छटपटाने लगी और जोर जोर से चिल्ला रही थी।

उन दोनों पर मानो भूत सवार था। नीचे से मयंक चूत फाड़ रहा था और ऊपर से राजीव गांड फाड़ रहा था।

मेरे से बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो गया था। मैं पूरा जोर लगा रही थी कि मेरी गांड में से लन्ड निकल जाए।

मैं जोर जोर से रोने लगी और गाली देने लगी- साले कुत्ते … अपनी माँ की गांड फाड़ जाकर साले बहनचोद।
इससे वो दोनों डर गए और रुक गए।

फिर तीनों ने साथ मिलकर पलटी मारी। अब हमलोग सैंडविच की पोज़ में आ चुके थे। बीच में मैं थी और दोनों साइड से मुस्टंडे।

करीब 5 मिनट बाद दोनों धीरे धीरे लन्ड आगे पीछे करने लगे। डबल साइड हार्ड फक चल रहा था मेरे साथ.
मेरा भी दर्द अब कुछ कम हो गया था।

मयंक मेरी चूत चोदने के साथ मुझ पर पप्पियों की बौछार किये हुए था।

उधर राजीव मेरी गांड मार रहा था और दोनों हाथों से मेरी चूचियों को मसल रहा था। वो मेरी नंगी पीठ को चाट रहा था जिससे मैं सातवें आसमान का आनंद ले रही थी।

अब मैं उन दोनों के हर झटके का आनंद ले रही थी और कमर हिला हिला कर दोनों का जोश बढ़ा रही थी।

हम तीनों अब फुल जोश में आ चुके थे। तीनों एक दूसरे में बिल्कुल खो चुके थे। वो दोनों धक्के पर धक्का मारे जा रहे थे और मैं भी कामुक आवाज़ें निकाल रही थी।

ऐसे ही 15-20 मिनट तक चलता रहा.
फिर अचानक राजीव ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और गाली देने लगा- साली रंडी कुतिया, मज़ा आ गया तेरी चुदाई करके … मेरी रांड … तुझे तो अपनी रंडी बनाऊँगा।

गाली देते देते उसने मेरी गांड में वीर्य की पिचकारी छोड़ दी और हाँफते हुए ढेर हो गया।

अब झड़ने की मेरी बारी थी और शायद मयंक भी झड़ने वाला था।

तभी राजीव का लन्ड मेरी गांड से निकल गया था।
उसका स्पर्म रिस रिस कर बाहर निकल रहा था।

तभी मयंक ने मुझे चित लिटाया और अपनी गति बढ़ा दी। इधर मैं भी कमर हिला हिलाकर पूरा साथ दे रही थी।
करीब 5 मिनट बाद मैं जोर जोर से गाली देने लगी और मयंक भी गाली देने लगा।

मयंक बोला- साली कुतिया, तेरी चूत को आज भोसड़ा बना दूँगा।
मैं भी पूरा जवाब दे रही थी- फाड़ दे मेरी चूत को साले … बना दे इसका भोसड़ा, साले कुत्ते … बना दे मुझे रंडी।

हम दोनों ऐसे ही गाली देते देते एक साथ झड़ गए और वो मेरी चूत में अपने स्पर्म को छोड़कर मेरे ऊपर निढाल हो गया।
वो हाँफते हुए मेरे ऊपर लेट गया।

उस रात उन दोनों ने मिलकर 3 राउंड चुदाई की और उस रात मेरा बदन पूरी तरह से टूट गया।
चुदाई करते करते न जाने कब हम थक कर सोए।

इसके बाद मयंक और राजीव मेरी जिन्दगी का हिस्सा बन गये। हम लोगों ने कई बार मस्ती की।
मयंक का एक ग्रुप चलता था जिसमें 3 लड़कियां और 7 लड़के थे।

मैं भी उस ग्रुप का पार्ट बन गयी और हम लोग उस ग्रुप में बहुत मस्ती करते थे। सच बोलूं तो उस ग्रुप में सब मुझे चोदने के लिये लालायित रहते और मैं भी सबको लाइन देती थी और चुदती भी थी।

ये थी मेरी चुदाई की गर्म कहानी।
दोस्तो, मैं आपकी मुंहबोली बीवी मधु उम्मीद करती हूं कि मेरे सारे पतियों को अपनी बीवी मधु की चुदाई अच्छी लगी होगी और अपने साले की कुर्बानी भी।

डबल साइड हार्ड फक स्टोरी पर आप लोग अपनी राय कहानी के नीचे कमेंट्स में बता सकते हैं।
इमेल नहीं दी जा रही है.

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