भगवान ऐसा पति सबको दे

(Bhagwan Aisa pati Sabko De)

आप सबको शीलू का प्रणाम!

कुछ दिन पहले मेरी पहली कहानी ‘पति के दोस्त से चूत चुदाई‘ अन्तर्वासना में प्रकाशित हुई, जिसे आप सबने बहुत सराहा।

आपके कुछ सुझाव भी आये, आपका प्यार सर आँखों पर… आप सबको बहुत बहुत धन्यवाद!

मैंने सबके मेल का जवाब देने का प्रयास किया पर क्षमा करियेगा सभी को जवाब देना संभव नहीं हो पा रहा है।
आपकी सराहना और सुझावों से मुझे उसके आगे की कहानी लिखने की प्रेरणा मिली।
इसी को ध्यान में रख कर आगे की कहानी प्रस्तुत है।

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मेरे पति के दोस्त राजन ने मुझे सम्मोहित कर लिया और मुझे अभूतपूर्व सुख दिया।
अब आगे पढ़िए :

कमल जब घर आये तो मैं रसोई में खाना बना रही थी।
वो राजन के पास कुछ देर बैठने के बाद मेरे पास आये, पता नहीं उन्हें कैसे मेरी ख़ुशी का अहसास हो गया, वो बोले- क्या बात है? आज मेरी रानी ख़ुशी से चहक रही है, यह मेरे दोस्त की बातों का असर है क्या?

मैं- हाँ जी, बिल्कुल सच बोलते हो आप, केवल बातें ही नहीं और भी बहुत कुछ हुआ हम दोनों के बीच!

कमल- मेरे राजन ने क्या जादू कर दिया जो मेरी रानी इतना चहक रही है?

मैं- राजन की बातें ही नहीं, उसका सब कुछ जादू के समान है।

कमल- सच ! क्या दिखा दिया राजन ने?

मैं- आज आपके दोस्त ने दिखाया ही नहीं सब कुछ दे दिया है आपकी प्रियतमा को!

कमल- सचमुच ! मुझे तो विश्वास ही नहीं होता कि मेरी अनुपस्थिति में मेरी लाडो इतना कुछ भी ले सकती है।

मैं- यह सच है जानू, आप विश्वास करो या न करो, यह तो आप पर है।

मेरे इतना बोलते ही कमल ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और चूमने लगे, बोले- मैं अपनी जान को इतना खुश देख कर बहुत खुश हूँ। राजन को धन्यवाद देना चाहिए और दुःख भी है कि मैं इतना अद्भुत नजारा प्रत्यक्ष नहीं देख सका।

इसके बाद हमने खाना खाया और वे दोनों काम पर निकल गए।

मैंने घर के काम निपटाए और सारा दिन आराम किया, बच्चों का होमवर्क कराया और शाम तक सब कुछ सामान्य चलता रहा।

रात में खाने के बाद कमल और राजन गेस्ट रूम में सोने लगे और मैं बच्चों के साथ अपने कमरे में थी।

कुछ देर बाद कमल की आवाज आई- बच्चे सो गए क्या? यहाँ पानी दे जाना!

मैं पानी लेकर गेस्टरूम गई और बताया- बच्चे सो चुके हैं।

तो उन्होंने बोला- उनके रूम का दरवाजा बाहर से बंद करके आ जाओ, कुछ देर तीनों साथ बैठते हैं।

वो दोनों रजाई ओढ़े लेटे हुए थे।

मैं बच्चो के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद करके आई और सोफे पर बैठ गई तो कमल बोले- ठण्ड लग रही होगी… तुम भी बिस्तर पर आ जाओ!

मैं बिस्तर पर चली गई और रजाई ओढ़ ली।

कमल बीच में थे, उनके एक तरफ राजन और दूसरी तरफ मैं…
कमल ने रजाई के अंदर ही कपड़ों के ऊपर से मेरा बदन सहलाना शुरू कर दिया और मेरा हाथ पकड़ के अपने लिंग पर लगा दिया।
उनकी पैंट की चैन खुली थी और लिंग बाहर था।

मैंने भी उनका लिंग सहलाना शुरू कर दिया।

कमल एक हाथ से मेरा बदन सहला रहे थे तो उनका दूसरा हाथ राजन की ओर था।

आप समझ गए होंगे कि दूसरे हाथ से वे क्या करते रहे होंगे।

वो लोग बचपन की बातें करते हुए इशारेबाजी भी कर रहे थे।

अचानक कमल के लिंग पर एक और हाथ आ गया जिसने मेरे हाथ और कमल के लिंग दोनों को पकड़ लिया और दबाने सहलाने लगा।
हम तीनों को अद्भुत आनन्द आ रहा था।

फरवरी की गुलाबी ठण्ड, रात की ख़ामोशी, कमरे में हल्की नीली रोशनी और रजाई के अन्दर तीन गर्म बदन !

वातावरण बहुत ही मादक हो चला था।

थोड़ी देर में कमल उठे और टीवी ऑन कर रोमांटिक फिल्म लगा दी और आकर किनारे में लेट गए।

अब मैं बीच में थी मेरे एक ओर कमल तो दूसरी ओर राजन थे।

फिर कमल ने मेरा एक हाथ पकड़ कर राजन के लिंग पर रख दिया और दूसरे हाथ में अपना लिंग पकड़ा दिया।

वाह क्या मस्त अहसास था !

मेरे एक हाथ में कमल का 5 इंच का गोल सुपाड़ा वाला प्यारा लिंग था तो दूसरे हाथ में राजन का कम से कम 7 इंच का मोटा एवं नोकदार सुपाड़ा वाला मजेदार लिंग था।

मैं मस्त होकर दोनों को प्यार से सहलाने लगी।

वो दोनों कभी मुझे चूमते चाटते, कभी मेरे स्तन दबाते और सहलाते…
बहुत नशीला मादक वातावरण बन गया था।

दोस्तो, मेरे पति कमल जी बहुत अच्छे इन्सान हैं, उनका दिल बहुत बड़ा है, वे कभी भी केवल अपने स्वार्थपूर्ति में नहीं रहते बल्कि उन्हें हमेशा अपने से अधिक सामने वाले की इच्छापूर्ति करने में ही सुकून मिलता है।
वे हमेशा मुझे अधिक से अधिक सुख देना चाहते हैं।

उस नशीले वातावरण में कब रजाई बिस्तर से नीचे गिर गई और कब हम तीनों के कपड़े बदन से अलग हो गए, मुझे पता ही नहीं चला।
अब वे दोनों मेरे पूरे बदन की मसाज कर रहे थे एवं चूम चाट रहे थे।

अति आनन्द में मेरी तो आँखें ही बंद थीं।

कभी दोनों मेरे एक-एक स्तन चूसते तो कभी गाल और होंठ चूसते।

उस दिन दोनों दोस्तों ने मुझे अभूतपूर्व अकल्पनीय और अद्भुत सुख देने का निश्चय किया हुआ था। जब एक मेरी योनि में अपनी जीभ से सुख पहुँचा रहा होता तो दूसरा अपना लिंग मेरी मुखगुहा में अन्दर बाहर कर रहा होता।

मैं तो उत्तेजना के चरम पर थी एवं कई बार चरमोत्कर्ष पर पहुँच चुकी थी।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

तभी कमल ने फुसफुसाते हुए पूछा- अब मेरी रानी की क्या इच्छा है?

मैंने आँखें खोले बिना ही उत्तर दिया- जो मेरे पति परमेश्वर की इच्छा हो!

तब कमल राजन का 7 इंची नोकदार सुपाड़े वाला मस्त लंड अपने हाथों में लेकर बड़े प्यार से चूमते हुए बोले- चल दोस्त, मेरी लाडो को जिन्दगी का असली सुख देने को तैयार हो जा!

और अपने हाथों से मेरी चूत का द्वार खोल कर उसके नुकीले सुपाड़े की नोक मेरी चूत पर टिका दी और मेरे पीछे आकर मुझे आधा अपनी गोद में ले कर बैठ गए!
जैसे माँ बाप अपने बच्चों को डॉक्टर के सामने इंजेक्शन लगवाने के लिए करते हैं।

फिर उन्होंने राजन से कहा- मेरी रानी को बड़े प्यार से चोदना और जीवन का असली आनन्द देना, आज तुम मेरे दोस्त होने का फर्ज निभाओ।

मैं कितनी भाग्यशाली हूँ, मेरे पति कितने अच्छे हैं ! आप स्वयं समझ सकते हैं।

फिर राजन ने बड़े प्यार से धीरे-धीरे अपना नोकदार लंड मेरी चूत में अन्दर डालना शुरू किया और पूरा 7 इंच अन्दर डाल दिया।

मैं कमल की गोद में लेट कर राजन के नोकदार लंड को अपनी चूत में महसूस कर स्वर्ग से भी अधिक आनन्द की अनुभूति प्राप्त कर थी।
फिर राजन ने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया, अपने पतिदेव के इशारे पर मैं भी अपने चूतड़ उठा-उठा कर उसके धक्कों का जवाब देने लगी।

इस तरह बहुत देर तक हम लोगों ने चुदाई का आनन्द लिया।

मैं तो 2 बार झड़ चुकी थी किन्तु राजन झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।

फिर वो बोला- कमल, अब तुम आओ।

अब मैं राजन की गोद में थी और कमल के प्यारे गोल सुपाड़े वाले लौड़े से चुद रही थी।
तभी राजन बोला- भाभी, एक साथ दोनों लण्डों का मजा लो, कमल आगे से मजा दे रहा है और मैं आपको पीछे से मजा दूँगा।

मुझे पीछे से लेने में परेशानी होती है इसलिए कमल ने इसके लिए मना कर दिया।

सच मेरा कितना ध्यान रखते हैं मेरे पतिदेव…

ऐसा प्यार करने वाला और ध्यान रखने वाला पति भगवान सभी को दे।

कुछ देर बाद कमल बोले- मैं तो अपनी रानी को चोदता ही रहता हूँ, राजन आओ और अब मेरी रानी को परम सुख दो।

राजन फिर से अपना 7 इंची लंड मेरी गीली चूत में डालकर चोदने लगा।

मैं कमल का प्यारा लंड अपने मुँह में लेकर लॉलीपाप की तरह चूसने लगी।

कमल बोले- देखो राजन, मेरी लाडो एक साथ दो लण्डों का मजा ले रही है, इसने तुम्हारी इच्छा पूरी कर दी है।

कुछ देर बाद हम तीनों चरमोत्कर्ष पर पहुँचे।

राजन ने ढेर सारा जीवन अमृत मेरी चूत के अन्दर छोड़ दिया और मुझे तो ऐसा महसूस हुआ कि मेरी चूत ने 2-4 लीटर पानी छोड़ा होगा।

कमल का अमृत मेरे मुँह में था जो मुझे बहुत स्वादिष्ट लग रहा था और मैं उसकी एक-एक बूंद प्यार से चाट गई।

हम दोनों, मैं और राजन उसी मुद्रा में पड़े रहे, कमल ने सारी सफाई की और किचन से गरमागर्म दूध लेकर आये।
हम तीनों ने एक साथ दूध पिया और तीनों बिना कपड़ों के एक दूसरे से लिपट कर सो गए।

सुबह के पहले ही मैं अपने कपड़े पहन कर अन्दर कमरे में चली गई।

अगले दिन राजन ने जल्दी ही अपनी पत्नी नेहा भाभी के साथ आने का वादा किया और अपने शहर लौट गए।

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली बार की दो मर्दों के साथ की कहानी…

आपको यह कहानी कैसी लगी, अपनी राय जरूर दीजियेगा।

मौका मिला तो इसके आगे की कहानी भी आपको बताऊँगी
आपकी शीलू

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