मेरी गांड चुदाई की बढ़ती प्यास

(Desi Gand Sex Kahani)

मेरी देसी गांड सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे चाचाजान ने मुझे गांड मरवाने की आदत लगाई. मेरी गांड को लंड लेने की प्यास बढ़ती ही जा रही थी. फिर मैंने क्या किया?

दोस्तो, मेरा नाम साजिद है. ये नाम मैं बदल कर लिख रहा हूं.
मैं मेरठ (उत्तर प्रदेश) से हूं. मेरी हाइट 5.5 फीट है. रंग गोरा है और बॉडी स्लिम है. मेरी गांड छोटी सी है.

मेरा लंड 4 इंच का है और बिल्कुल पतला सा है. जब मैं लुल्ली को हिलाता हूं तो कुछ ही सेकेण्ड्स में मेरा पानी निकल जाता है.
आपको अंदाजा लग गया होगा कि मैं किसी को चोदकर खुश नहीं रख सकता हूं.

ये मेरी जिन्दगी का एक कड़वा सच है जो मैं आपको बता रहा हूं. मेरी कुछ पुरानी धुंधली सी यादें हैं जो मैं देसी गांड सेक्स कहानी में लिख रहा हूं.
मुझे याद है कि मेरे चचा जान मेरी गांड को सहलाया करते थे.

मुझे ज्यादा कुछ तो अब याद नहीं रहा लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि वो शुरू से ही मेरी गांड के पीछे थे. मगर उनको सही मौका नहीं मिल पाया. उसके बाद मैं बड़ा होता चला गया और फिर पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चला गया.

फिर मैं अपनी पढ़ाई खत्म करके आया तो मैं जवान हो चुका था. वैसे तो मेरी आवाज थोड़ी भारी हो गयी थी लेकिन मेरा जिस्म एकदम से चिकना और मस्त मलाई जैसा ही था.

हमारे यहां बचपन में ही लंड का खतना करवा दिया जाता है इसलिए मेरी लुल्ली का भी करवा दिया गया था. मैं तो बड़ा हो गया लेकिन मेरी लुल्ली वैसी ही रही.

मैं अब अपनी आगे की पढ़ाई का सोच रहा था और फिलहाल घर में ही रह रहा था.
उस वक्त तक मेरे चाचा कुंवारे ही थे. उनकी शादी नहीं हुई थी.

वो अब मुझे अपने साथ खेत में ले जाते थे. हम लोग खेत में काम किया करते थे.
अभी भी कई बार वो मेरे बदन को छूने और सहलाने की कोशिश करते थे.

उस घटना के होने तक मुझे ये सब नॉर्मल लगता था कि चाचा जान मुझे प्यार करते हैं और इसलिए सहलाते हैं.

मगर एक दिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि सब बदल गया.

एक बार की बात है कि मैं और चचा जान खेत में सुबह जल्दी निकल गये.
हम लोग वहां खेत में ही शौच करने की जगह देखने लगे. फिर दोनों वहीं पास की झाड़ियों में चले गये.

मैं चचा के सामने अपना पजामा खोलने लगा तो चचा मेरी तरफ ही देख रहे थे.
वो भी अपना पजामा खोल रहे थे. मैं उनकी ओर देख रहा था तो मेरा नाड़ा अटक गया.

जब चचा जान ने देखा कि मेरा नाड़ा फंस गया है तो वो मेरे पास आ गये.
वो मेरी मदद करने लगे और नाड़ा खुल गया.

मगर फिर एकदम से मेरा पजामा नीचे गिर गया.
मेरी लुल्ली उनको दिख गयी.

वो उसे देखकर हंसने लगे और बोले- तेरी बेगम को इससे तू खुश रख पायेगा?
मैं बोला- मैं क्या करूं चचा … अब मेरा है ही इतना.
वो बोले- ला मैं तेरी मदद करता हूं इसको बड़ा और मोटा करने में।

फिर वो मेरी लुल्ली को सहलाने लगे. मुझे मजा आने लगा.

पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने भी चाचा का लंड पकड़ लिया और वैसे ही करने लगा जैसे वो मेरे लंड के साथ कर रहे थे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

चाचा का लंड भी पूरा तनकर विशाल आकार ले चुका था. फिर कुछ ही देर में मेरी लुल्ली ने पानी फेंक दिया और चचा हंसने लगे.

वो बोले- ये तो ठुस्स हो गयी.
मैं भी शर्मिंदा हो गया.
मेरा हाथ अभी भी उनके लंड पर ही था.

फिर वो बोले- कोई बात नहीं, तू मेरा तो पानी निकलवा दे. मैं तेरे वाली को फिर बाद में देखूंगा.
मैं चाचा की मुठ मारने लगा और वो मेरे से लिपटने लगे.
मुझे भी अच्छा लग रहा था.

अब उनके हाथ मेरी गांड पर आ गये. मेरा बदन बहुत नर्म और मुलायम सा था. मेरी गांड भी पूरी मलाई थी.
चाचा को मेरी गांड दबाने और सहलाने में कुछ ज्यादा ही मजा आने लगा.

वो मेरे ऊपर जैसे चढ़ने को हो रहे थे.

फिर उन्होंने मुझे घुमा लिया और मेरी गांड में लंड लगा दिया.
मैं बोला- ये क्या कर रहे हो चचा?
वो बोले- यार साजिद … मेरा लंड तब तक शांत नहीं होता जब तक उसको छेद न मिले. अब तू ही बता यहां खेत में किसकी चूत लाऊँ? तू थोड़ा सा साथ दे दे. मैं शांत हो जाऊंगा.

मैं घबरा रहा था, फिर भी मैं बोला- ठीक है. आप कर लो जो करना चाह रहे हो.
चचा मेरी गांड पर लंड को रगड़ने लगे.
मुझे भी अपनी गांड के छेद पर लंड रगड़वाने में मजा आने लगा.

फिर उन्होंने मुझे नीचे लेटने को बोला.
मैंने कहा- यहां कैसे लेटूंगा मिट्टी में?
वो बोले- तो फिर मेरे साथ आ!

वो मुझे एक कोठरी में ले गये. वहां पर कोई नहीं आता था. उसके अंदर धान की पराली पड़ी रहती थी.

उन्होंने मुझे नीचे लिटाया और मेरी गांड में लंड लगाकर रगड़ने लगे.
धीरे धीरे वो लंड को अंदर घुसाने की कोशिश कर रहे थे.

फिर एकदम से उन्होंने धक्का मारा और मेरी गांड में लंड फंसा दिया. मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और मैं चिल्लाने लगा.

चचा ने मेरा मुंह भींच लिया और मुझे चूमने लगे.
फिर वो धीरे धीरे मेरी गांड में लंड को अंदर बाहर करने लगे.
मुझे कुछ देर बाद आराम मिलने लगा और मैं आराम से गांड चुदवाने लगा.

उस दिन चचा ने पहली बार मेरी गांड मारी.
मैंने घर पर ये बात नहीं बताई.

अब मैं गलत संगत में पड़ गया और रोज मुठ मारने लगा. चचा मेरी गांड मारने लगे.

फिर दो साल बाद मेरे चचा की शादी हो गयी और वो अपनी बेगम के साथ शहर जाकर रहने लगे.
मुझे चचा का लंड मिलना बंद हो गया.

मेरी गांड में अब खुजली होने लगी और मुझे लड़कों के लंड की जरूरत लगने लगी.

मैंने अपने पड़ोस के एक लड़के को पटाया और उसने कई बार मेरी गांड मारी.
मैं उस लड़के से चुदने लगा.

फिर उसकी भी शादी हो गयी.
उसके बाद मुझे फिर से लंड की कमी लगने लगी.

फिर मैंने अन्तर्वासना पर गे सेक्स स्टोरी पढ़ना शुरू कर दिया था.
स्टोरी पढ़कर मैं अपनी गांड में उंगली करता था. अपनी गांड में मोटी व बेलन जैसी गोल चीजें लेने लगा था.

फिर एक दिन अन्तर्वासना गे स्टोरी में एक लड़के का कमेंट मैंने पढ़ा. उसको चोदने के लिए एक गांडू चाहिए था.

मैंने उसको संपर्क किया और हमारे नम्बर एक्चेंज हो गये. उसका नाम सनी था और वो मेरठ का ही था.

मैं उससे मिलने के लिए मेरठ शहर पहुंचा. मैं गांव में था और वो शहर में इसलिए मुझे शहर जाना पड़ा.
फिर वो मुझे अपने दोस्त के रूम पर ले गया.

उसका दोस्त वहां पहले से था. उसने दोस्त से कहा कि वो कुछ देर के लिए बाहर चला जाये. उसका दोस्त मुस्करा कर चला गया.
मुझे लगा कि अब ये दरवाजा बंद करके चोदेगा लेकिन उसने दरवाजा लॉक नहीं किया.

फिर हम दोनों नंगे हो गये. कमरे में अंधेरा था.
उसके बाद उसने मेरी गांड में उंगली दे दी और खड़े खड़े ही मेरी गांड में उंगली करने लगा.
जैसे ही वो उंगली अंदर देता तो मैं उचक जाता था.

उसका लंड खड़ा हो गया था और फिर उसने मुझे नीचे बिठाकर मेरे मुंह में लंड दे दिया और मेरे मुंह को चोदने लगा.
मैं भी मस्ती में उसके लौड़े को चूसने लगा.

बहुत मस्त लंड था उसका. उसका लंड कटा हुआ नहीं था. वो दूसरे समुदाय से था.
मुझे उसका लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था. बहुत ही रसीला लंड था उसका.

वो अपने आंड चूसने के लिए कहने लगा तो मैं उसके आंड चाटने लगा.
वो गालियां दे रहा था- आह्ह … चूस बहन के लौड़े … तेरी मां … बहन … चाची … आंटी सबकी चूत मार लूंगा मैं साले गांडू। आह्ह चूस … मादरचोद।

मुझे भी उससे गाली सुनने में मजा आ रहा था. मैं उसके आंडों को चूस रहा था.

फिर उसने अपनी गांड मेरे मुंह पर लगा दी और मैं उसकी गांड की खुशबू में खो गया. मैं उसकी गांड को जीभ की नोक लगाकर चाटने लगा.

कुछ देर बाद फिर से उसने मेरे मुंह में लंड दे दिया और सिसकारते हुए चुसवाने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

तभी एकदम से दरवाजा खुल गया और मैं डर गया.
उसका दोस्त रवि लौट आया था.

फिर सनी ने उसको इशारा किया और रवि भी अपने कपड़े उतारने लगा. मैं जान गया कि ये दोनों की प्लानिंग थी और अब दोनों मिलकर मेरी गांड चोदेंगे.

सनी बोला- देख क्या रहा है साले गांडू? तेरी गांड की सर्विस करेंगे आज हम. तू हमारे लौड़ों की सेवा करना.

फिर रवि भी नंगा हो गया.

सनी मेरे मुंह में लंड दिये हुए चोद रहा था.
रवि मेरे पीछे आ गया और मुझे खड़ा कर लिया.
सनी ने फिर से मुझे अपने लंड पर झुका लिया और अब मेरी गांड रवि के सामने उठ गयी.

उसने मेरी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा और मेरे मुंह से निकला- हायल्ला!
सच में दोस्तो, मैं बहुत रोमांचित हो गया था. मैं एक लंड लेने आया था लेकिन यहां तो दो दो लंड मिल गये.

अब सनी ने मेरा सिर पकड़ा और मेरे मुंह में लंड को ठूंस दिया.
तभी पीछे से रवि ने मेरी गांड को पकड़ा और मेरी गांड के छेद पर लंड लगाकर ठूंस दिया.

आगे से मेरे मुंह में लंड था और पीछे से गांड में भी लंड घुस गया था.
मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मुंह से बस गूं … गूं … ही निकल रही थी.
वो दोनों आह्ह … आह्ह …. करते हुए मुझे आगे पीछे से चोदने लगे.

रवि ने भी पीछे से धक्के लगाने शुरू किये और कुछ ही देर में मेरी गांड को लंड से चुदने का मजा आने लगा.
सनी- रवि … और तेज इसकी गांड में धक्के लगा. मजा आ रहा है इसका मुंह चोदते हुए. तेज चोद साली रांड को।

वो बोला- हां साली … पूरी रांड है ये … मेरे लंड को गांड में भींच रही है. साली प्यासी रंडी है. इसकी मां चोद दूंगा मैं आज.
इतना कहकर वो और जोर से मेरी गांड को चोदने लगा और मैं मदहोश हो गया.

मेरे दोनों छेदों में लंड थे और मैं आनंद में था. दो दो लड़कों से चुद रहा था.

कुछ देर मुंह को चोदने के बाद सनी ने मेरे मुहं से लंड निकाल दिया. अब मेरी गांड को सनी ने अपनी तरफ कर लिया.

रवि के लंड की ओर मेरा मुंह चला गया था. रवि ने मेरे मुंह में लंड डाल दिया और पीछे से सनी ने अपना लंड मेरी गांड में लगा दिया.

रवि के लंड से मेरी गांड की महक आ रही थी.

अब सनी ने अपनी कोहनी मेरी कमर पर रखी और मेरी कमर को नीचे दबाते हुए मेरी गांड में पूरा लंड अंदर तक घुसेड़ दिया. रवि अभी रुका हुआ था.

दोनों के लंड अंदर जाते ही दोनों के दोनों फिर से मुझे कुतिया समझकर चोदने लगा. मेरे मुंह से ऊं … ऊं … गूं .. गूं … की आवाज ही निकल रही थी.

10-12 मिनट तक मेरी गांड चोदने के बाद सनी ने मेरी गांड में अपना माल गिरा दिया और अपना चिपचिपा लंड मेरे मुंह में दे दिया.
मैंने उसके लंड को चाटकर साफ कर दिया.

फिर रवि ने मेरी गांड पकड़ी और पूरा लंड अंदर पेल दिया.
मेरे मुंह से जोर की आवाज निकली- आह्ह …
फिर वो एकदम से स्पीड पकड़़ कर मेरी गांड को चोदने लगा.

सनी का लौड़ा लेकर मेरी गांड पूरी खुल चुकी थी और उसका माल अभी भी मेरी गांड में भरा हुआ था इसलिए रवि के लंड से चुदते हुए अब मेरी गांड से पच … पच की आवाज आ रही थी.

मुझे अब और ज्यादा आनंद मिल रहा था.

कुछ देर चोदने के बाद वो झड़ने को हुआ तो सनी से बोला- कहां डालूं अपना माल मैं?
सनी बोला- इसकी गांड में ही भर दे साले की. इसको अपने बच्चे की मम्मी बना दे मादरचोद को।

फिर झटके देते हुए रवि भी मेरी गांड में झड़ गया और मेरी गांड में अब दोनों लौड़ों का वीर्य भर गया था.
रवि हांफता हुआ मेरे ऊपर लेट गया.
मैं भी बेहोश होने की कगार पर पहुंच गया था.

अब दोनों ने मुझे लिटा लिया और फिर मेरी अगल बगल लेट गये.
कुछ देर वो मेरी चूचियों को भींचते रहे. मैं उनके लौड़ों को सहलाता रहा.
सनी मेरी गांड से लंड सटा कर लेटा था और रवि मेरी चूची चूस रहा था.

मुझे अपनी चूची पिलाने में बहुत मजा आ रहा था. कुछ देर बाद सनी का लंड मुझे फिर से गांड में चुभने लगा.
मैं जान गया कि इसका लंड फिर से चोदने के लिए तैयार हो गया है.

उसके बाद सनी ने मेरे मुंह में लंड देकर चुसवाया और उसका लौड़ा फिर से पूरा सख्त हो गया. अब वो नीचे लेट गया और मुझे उसके लंड पर बैठने को कहा.

मैं सनी के लंड पर बैठकर धीरे धीरे फिर से उसको अपनी गांड में लेने लगा.
सनी का लंड मेरी गांड में पूरा उतर गया और वो नीचे से जोर जोर के धक्के देने लगा.

मेरी गांड में अब जलन हो रही थी लेकिन चुदने का मजा भी मिल रहा था.
फिर रवि उठकर आ गया. वो पीछे से मेरी पीठ पर लंड चुभाते हुए मेरी चूचियों को आगे से दबाने लगा.

मुझे अब दोगुना मजा आ रहा था.
रवि ने मुझे नीचे झुका लिया और मेरी चूचियां सनी के होंठों के पास चली गयीं.
सनी मेरी चूचियों को पीने लगा और रवि मेरी गांड को सहलाने लगा.

मैं पूरा नीचे झुका हुआ था और रवि ने मेरी गांड में लौड़ा लगा दिया. मैं डर गया. वो दोनों अपने लंड मेरी गांड में एक साथ घुसाना चाह रहे थे. फिर सनी ने मुझे अपनी बांहों में कसकर भींच लिया ताकि मैं हिल न सकूं.

उसके बाद रवि ने अपनी लंड सनी के लंड के साथ सटाकर मेरी गांड में घुसाना शुरू कर दिया. मेरी जान निकलने लगी. वो जोर लगाकर लंड को अंदर घुसाने में लगा हुआ था और मेरी गांड अब सच में फटने लगी.

मैं चिल्लाने लगा- छोड़ दो … आह्ह … नहीं … छोड़ दो … ओह्ह नहीं.
मगर वो दोनों रुके नहीं. सनी मेरी गर्दन को चूसने लगा और रवि भी पीछे से मेरी पीठ को चूमने लगा. मैं मदहोश होने लगा और न जाने कब रवि ने अपना टोपा मेरी गांड में फंसा दिया.

अब मेरी गांड में दो दो लंड थे. फिर रवि धीरे धीरे जोर लगाने लगा और पूरी ताकत लगाते हुए उसने आधा लंड मेरी गांड में फंसा दिया. फिर सनी चोदने लगा मगर मेरी गांड में दो लंड फंस गये थे इसलिए चुदाई सही से नहीं हो पा रही थी.

फिर एक बार सनी धक्के लगाता तो एक बार रवि चोदता. दोनों लौड़े मेरी गांड में पूरी तरह रगड़ कर मेरी गांड को खरोंच रहे थे. इस तरह से उन दोनों ने एक साथ दो लंड फंसाकर मेरी गांड मारी

उसके बाद फिर उन्होंने अपने लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिये और बारी बारी से मेरे मुंह में अपना अपना माल छोड़ा. मैंने उन दोनों का माल पी लिया और मैं निहाल हो गया.

मैं दोनों से चुदकर आ गया. ऐसी चुदाई मेरे साथ पहली बार हुई थी. अब तो मुझे लंड लेने की और ज्यादा तलब लगने लगी. फिर मैंने अपनी गांड की प्यास को बुझाने के लिए किस किस तरह से चुदाई करवाई वो मैं आपको अपनी अगली कहानियों में बताऊंगा.

आपको मेरी देसी गांड सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे इसके बारे में अपने कमेंट्स में जरूर लिखना.
मेरा ईमेल आईडी है [email protected]

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