बहन के यार से गांड मरवा ली

(Bahan Ke Yaar Se Gand Marwa Li)

अरुण कपूर 2016-03-31 Comments

आप सभी पाठकों को मेरा प्रणाम।
मेरा नाम अरूण कपूर है और मैं एक ‘गे’ हूँ। मैं पंजाब का रहने वाला हूँ। मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है।
मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूँ। मैं अन्तर्वासना की सभी कहानियां रोज़ पढ़ता हूँ। अन्तर्वासना से ही मुझे एक गे साईट https://www.indiangaysite.com/ का पता चला तो अब मैं इस साईट पर भी वीडियो देखता हूँ.

आज मैं आपको अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ। मैं घर में अपनी बड़ी बहन के कमरे में सोता हूँ। वो मुझसे 4 साल बड़ी है। उसके साथ रह-रह कर मुझे भी उनके जैसी आदतें पड़ गई हैं।
मैं धीरे-धीरे लड़कियों के जैसा बनता जा रहा था।

जब मेरी बहन घर पर नहीं होती है.. तो मैं उनकी ब्रा-पैंटी पहन कर घूमता हूँ।

मेरी बहन का एक ब्वॉय-फ्रेण्ड भी है। उसका नाम रमेश है। वो काफी हट्टा-कट्टा नौजवान लड़का है। जब मेरे घर में मेरे मम्मी-पापा नहीं होते हैं.. तो वो मेरी बहन से मिलने आता था और एक-दो बार तो वो मेरी बहन को चोद भी चुका है। एक दिन मैंने चुपके से उन दोनों को चुदाई करते देख लिया। मैं उसका 6 इन्च का लौड़ा देख कर हैरान रह गया.. इतना बड़ा और मोटा लौड़ा..।

बस तभी से उसके लण्ड को गांड में लेने की चाह मुझमें जागने लगी।

एक दिन मेरी बहन और कोई भी घर पर नहीं था.. तो रमेश हमारे घर आया, उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी बहन कहाँ है.. बुलाओ उसे..
मैं- वो घर पर नहीं है।
रमेश- कहाँ गई है वो?
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैं- छोड़ो न उसे.. आज मुझसे काम चला लो।
रमेश- ओहो.. तो ये बात है.. मैं भी सोचूँ साला.. जब भी मैं आता हूँ तो तू मुझे ऐसे क्यों घूरता रहता है। चल आ.. आज तेरा भी मज़ा ले लेते हैं.. आजा लेट जा।

पहले उसने 5-6 मिनट मेरे लबों को चूमा.. फिर उसने मेरे छोटे-छोटे चूचे चूसे।
मैं बहुत गर्म हो गया था, मैंने उसकी पैंट उतार कर उसका लंड पहले तो चूमा.. फिर चाटा फिर खूब चुप्पे मारे।

फिर रमेश ने मुझे घोड़ी बना लिया और मेरी गांड चाटने लगा।
मैंने उससे कहा- अब मुझसे रहा नहीं जाता.. अब जल्दी अन्दर डालो।
उसने अपना 6 इन्च का मोटा लंड मेरी कोमल सी गांड में डाल दिया, मुझ बहुत दर्द हुआ.. मेरे मुँह से चीखें निकलने लगीं ‘आाहह.. उईईईईई.. आआओओ.. उईईई.. आआहह..’

पर रमेश हार मानने वाला नहीं था उसने अपना काम जारी रखा।
कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हुआ और मैं भी अपनी गांड उठा-उठा कर उसका साथ देने लगा।
हमने चुदाई अलग-अलग पोज़ में की, मुझे बहुत मज़ा आया।

आखिर 15 मिनट बाद वो झड़ने वाला था.. उसने मुझसे पूछा- मैं अपना माल कहाँ निकालूं?
तो मैंने कहा- मेरे मुँह में छोड़ दो.. मैं तुम्हारा माल पीना चाहता हूँ।

रमेश ने मेरी गांड में से अपना लंड निकाला और गरम-गरम फव्वारा मेरे मुँह में छोड़ दिया। मैं उसका सारा पानी पी गया। फिर हम साथ में नहाए भी.. इस बीच रमेश का लंड फिर से खड़ा हो गया मैंने उसकी मुठ मारी.. और उसका लंड चूस कर पानी भी निकाला।

अब जब भी मौका मिलता है.. मैं उसे घर बुला लेता हूँ और रमेश मुझे खूब चोदता है।

मेरी गाण्ड चुदाई की यह पहली कहानी थी यदि आपको अच्छी लगी हो तो मैं अपनी अगली कहानी लेकर भी जल्दी आऊँगा।
अब मुझे इजाज़त दें.. बाय-बाय।
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