अस्पताल में शादीशुदा नर्स से आशिकी और चुदाई

(Xxx Nurse Sex Kahani)

रूद्र 2021-03-29 Comments

Xxx नर्स सेक्स कहानी मेरी पहली चुदाई की है. मेडिकल कालेज में पढ़ी के दौरान मेरी दोस्ती नर्सिंग कर रही एक मैरिड लड़की से हुई. मेरा लंड उसकी चूत में कैसे घुसा?

मेरा नाम रुद्र है और उस लड़की का नाम शालया (बदला) है, जिसकी Xxx नर्स सेक्स कहानी मैं लिख रहा हूँ.

मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5 फिट 9 इंच है. बॉडी भी मस्त है. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, गलती को नजरअंदाज कर दीजिएगा.

मैंने इंटर पास करने के बाद सीपीएमटी की परीक्षा पास की और मुझे करीब के ही एक मेडिकल कालेज में एडमिशन मिल गया था.

वहां जब मैं नया नया गया, तो सब नॉर्मल चल रहा था. मैं पढ़ने में अच्छा था, तो प्रिंसिपल सर भी मुझे बहुत पसंद करते थे.

मैं एक छोटे गांव से था और मेरा कॉलेज गांव से कुछ दूर एक बड़े शहर में था. हमारे प्रिंसिपल सर का एक निजी हॉस्पिटल भी उसी जगह पर था.

मेरे साथ में बहुत सारी लड़कियां पढ़ती थीं. मैं उन सबको देख कर बस मजे लेकर चुप रह जाता था.
मजे की बात ये थी कि काफी सारी लड़कियों के दिल में आपका भाई छाया हुआ था.
शुरू में मुझे ये नहीं मालूम था मगर बाद में ये बात पता चली थी.

एक लड़की ने मुझे प्रपोज किया भी था पर मुझे वो पसंद नहीं थीं.
उसको लेकर बाकी बातें बाद में करते हैं अभी वो घटना सुना रहा हूँ, जो आपको कामुक बना देगी.

जिसको लेकर ये सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, उसकी नई नई शादी हुई थी. वो उम्र में मुझसे थोड़ी बड़ी थी तो मेरा उस पर कभी ध्यान नहीं गया था.

वो अपने पति से दूर रह कर इधर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी.

उसका फिगर कमाल का था और वो गजब की सुंदर थी. उसका भरा हुआ शरीर था सेक्सी बॉडी थी. सच में बड़ी माल लगती थी.

कुछ दिन बाद पहले साल की पढ़ाई ख़त्म हो गई, तो प्रिंसिपल सर ने मुझे अपने हॉस्पिटल में आने के लिए कह दिया. मैं उधर जाने लगा.

कुछ दिन बाद पता चला कि सब लड़कियां भी उधर आ रही हैं. मैं थोड़ा खुश हो गया था कि उनके साथ मेरा अच्छा टाइम पास हो जाएगा.
हालांकि अभी तक मेरा किसी लड़की के साथ कोई चक्कर नहीं था, तो बहुत ज्यादा ख़ुशी की बात भी नहीं थी. पर अच्छा था, मैंने सोचा मजा आएगा.

अगले दिन से लड़कियां आने लगीं. हमारे 3-3 के दो ग्रुप बन गए. हफ्ते में तीन दिन एक ग्रुप आता था और दूसरी बार दूसरा ग्रुप आता था.
संडे ऑफ़ रहता था.

सब नॉर्मल चल रहा था.

एक दिन सर ने एक लिस्ट दी. वो क्लास की छात्राओं के मोबाइल नंबरों की लिस्ट थी, उस पर कॉल करके उन्हें बोलना था कि कल नहीं आना है.

मैंने ऐसा ही किया, पर उसमें से एक लड़की मुझे परेशान करने लगी. मैं उसे पसंद भी नहीं करता था.

ये बात मैंने अपने ग्रुप की लड़की शालया नर्स को बताई.

उस टाइम तक उस फोन वाली लड़की से 2 से 3 बार फोन पर बात हो गई थी.

शालया ने मुझसे कहा- चलो मैं देखती हूँ वो तुम्हें परेशान नहीं करेगी.
इस बात को लेकर मेरी और शालया की बहुत सी बात होने लगीं और न जाने कब हम दोनों में प्यार हो गया, पता ही चला.

उसने मुझे ‘आई लव यू ..’ भी बोल दिया था.
मुझे भी वो अच्छी लगती थी, तो मैं भी मान गया.

अब हम लोग जब भी मिलते और कोई नहीं रहता था, तो एक दूसरे के बदन के साथ खेलने लगते थे. किस कर लेते थे.
मैं उसके साथ घूमने भी गया था, पर उस समय टूर में साथ में पूरा बैच था … तो उसके साथ कुछ भी कर पाना मुश्किल था.

हमारे बीच अब जोश बढ़ने लगा था और जवान जिस्मों को अपनी आग बुझाने की ललक लगने लगी थी.

वो मुझसे एक दिन बोली कि यार ऐसा कितने दिन चलेगा … अब मुझे तुम पूरे के पूरे चाहिए.
मैंने कहा- अच्छा मतलब तुमको आठ इंच का हिस्सा भी चाहिए?

वो मेरी पीठ पर धौल जमाते हुए बोली- सही पकड़े हो.
मैंने कहा- अभी कहां कुछ पकड़ा है. पकड़ कर बताओ तो कि आठ इंच का हिस्सा कौन सा चाहिए?

वो आंख दबाते हुए मुस्कुरा दी और इधर उधर देखने लगी.
मैंने उसकी चूची को मसल कर कहा- कोई नहीं है यार … बेफिक्र रहो.

उसने मेरी बात सुनकर मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लौड़े पर हाथ रख दिया और सहलाने लगी.
लंड ने औकात दिखाना शुरू कर दी.

वो लंड मसलते हुए बोली- साले की अकड़ तो देखो … ठीक से हाथ लगाया भी नहीं है और अकड़ना चालू कर दिया है.
मैंने कहा- हां यार, इसको पता नहीं है कि इसकी अकड़ निकालने वाली सभी मुँह में लेकर सारी अकड़ ढीली कर देगी.

वो हंस पड़ी और लंड मसल कर बोली- इसकी अकड़ तो इसका मालिक ही अपने हाथ से निकाल देगा.
मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा- मालिक के हाथ तो कई बार अकड़ ढीली कर चुके हैं. अब तो मालकिन का मुँह चलेगा, तब ही इसकी गर्मी शांत होगी.

वो आंखें नचाते हुए मेरी तरफ देखने लगी, तो मैं उसके गाल खींच कर एक चिकोटी ले ली और कहा- ऐसे क्या देख रही हो … जल्दी से मुँह में ले लो.
वो हंसने लगी और बोली- इधर खुले में तो पूरी इज्जत का फालूदा बन जाएगा. कोई जगह तलाशो, जिधर इसकी अकड़ खत्म करने वाली गुफा ही इसका इलाज करेगी.

मैं समझ गया कि बंदी की चुत लंड के लिए मचल रही है.

मैंने कहा- चलो देखता हूँ … होटल चलोगी?
वो बोली- न बाबा … उधर मुझे डर लगता है. कोई सेफ जगह देखो.
मैं ‘हम्म ..’ करके रह गया.

कुछ देर हम दोनों यूँ ही प्यार मुहब्बत की बातें करते रहे और मुहब्बत की सभा समाप्त हो गई.

अब हम दोनों चुदाई के लिए कमरा तलाश रहे थे. कोई कमरा नहीं मिल पा रहा था.
मेरा फ़र्स्ट टाइम था, तो मैं भी ज्यादा जोश में था. वो मुझसे भी ज्यादा थी.

काफी सोच विचार के बाद हमने हॉस्पिटल में ही मिलने का प्रोग्राम बना लिया.

मैंने हॉस्पिटल के पुराने कम्पाउंडर की मदद करने की बात कही, तो वो भी मान गया.
उसने एक खाली कमरे की बात कह दी कि उधर चले जाना.

मैंने अपनी जुगाड़ शालया से बात की तो दूसरे दिन वो भी कमरे को देख कर मान गई.

हम दोनों ने उसी दिन दोपहर का प्लान बना लिया.
उस समय सब स्टूडेंट चले जाते थे.

हम दोनों बड़ी बेसब्री से सबके जाने का इन्तजार करने लगे.

फिर वो बोली- मैं हस्पताल से जा रही हूँ. यदि हम दोनों अकेले रुके, तो किसी को शक न हो जाए.
मैं भी उसकी बात से सहमत हो गया.

उधर उस मादरचोद कम्पाउंडर से भी कुछ बचना जरूरी था. उसको नहीं मालूम था कि हम दोनों का आज ही चुदाई का प्रोग्राम है. वो हम दोनों पर निगाह रखता था कि कब खेल होना है. उसको भी एक गोली देना जरूरी थी.

फिर शालया अपनी तबियत खराब होने की बात कह कर चली गई.
ये देख कर वो कम्पाउंडर भी लंच से छुट्टी लेकर चला गया.

फिर जब सबके जाने का टाइम हुआ, तो सब चले गए. कम्पाउंडर भी चला गया था.

मैंने शालया को फ़ोन किया.
वो दस मिनट में गेट पर आ गयी.
हम दोनों कमरे के अन्दर घुस गए.

शालया भी कमरे को बंद होते ही मुझे पर टूट पड़ी.
मैं भी पूरे जोश में था.
हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर किस करने लगे.

मैं उसके बूब्स दबाने लगा और उसे किस करने लगा. फिर मैंने उसे बांहों में भर के अपनी गोद में उठाया और बेड पर बैठ गया.
वो मेरी गोद में थी.

मैं उसे किस करने लगा. कुछ देर बाद मैंने उसका शर्ट उतार दिया और उसको बिस्तर पर लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गया.
नीचे हाथ ले जाकर मैंने उसकी सलवार टांगों से बाहर सरका दी.

उसने भी मेरी टी-शर्ट को उतार दिया. इधर उसकी ब्रा पैंटी सब अलग हो गई थी वो एकदम नंगी थी.
मैं उसकी चूत देखने लगा.

उसकी चूत पर झांट का एक भी बाल नहीं था, एकदम साफ चुत थी.

उसकी चिकनी चमेली देख कर मुझे मजा आ गया.
मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसने चुत पर हाथ रख कर कहा कि इसी को साफ़ करने तो गई थी.
मैं हंस दिया.

अब ये सब मेरे साथ फ़र्स्ट टाइम होने जा रहा था … तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

मैं शालया की चूत पर किस करने लगा.
वो आह करने लगी. उसे भी बहुत मजा आने लगा.

उसने मेरा आठ इंच का लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मेरे लौड़े को हिला-हिलाकर चूसने लगी.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

जल्द ही हम दोनों चरम सीमा पर गर्म हो गए थे और चुदाई के लिए एकदम रेडी थे.

उसने मेरी आंखों में वासना से देखा और मेरा लंड मसल दिया.
मैंने उसके इशारे को समझ लिया और उसे सीधा लिटा कर ऊपर आ गया.

उसने अपनी टांगें खोल कर चुत उठा दी. मैंने उसकी चिकनी चूत पर लंड सैट करके घिसा तो वो आह आह करने लगी और बोली- अब पेलो भी.

मैंने धक्का दे मारा.
उसकी रसभरी चुत में मेरा आधे से ज्यादा लंड सरकता चला गया.

लंड घुसा तो उसकी चीख निकल गई.
मैंने झट से उसके मुँह पर हाथ रखा और उसकी आवाज दबा दी.

वो बेहद कसमसा रही थी. उसने हाथ से मुझे रोकने का इशारा किया.
हम दोनों थोड़ी देर वैसे ही पड़े रहे.

फिर धीरे धीरे मैंने लंड हिलाना शुरू कर दिया, वो भी लंड को झेलने लगी.

मेरी स्पीड बढ़ गयी और उसकी चुदाई आरम्भ हो गयी. वो सिसकारी लेने लगी, उसकी आंखें बंद हो गई थीं और चेहरे पर परम सुख का भाव दिखने लगा था.

मैंने धीरे धीरे करते हुए पूरा लंड चुत में अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी मस्ती भरी आवाजें बता रही थीं कि उसकी चुत में मस्ती आने लगी थी.

मैं दस मिनट तक उसे दबादब चोदता रहा.
अब तक वो एक बार झड़ चुकी थी, अब मेरा भी लंड आने वाला था.

मैंने उससे पूछा- मस्ती किधर लोगी बेबी?
उसने आंख दबाते हुए बोला- अपनी मस्ती मेरी मस्ती के अन्दर डाल दो.

मैंने वैसा ही किया. तेज तेज झटके मारे और उसकी चुत में रसधार छोड़ दी.

आज की चुदाई से शालया बहुत खुश थी.
शायद उसे बहुत दिन बाद लंड का स्वाद मिला था, मुझे भी समझ आ गया था कि उसके पति ने उसकी चुत की शायद पांच चार बार ही चुदाई की थी.

मेरे पूछने पर उसने बताया- हां तुमसे पहले मेरा लोलू पति मेरे साथ दो बार सेक्स कर चुका था.
मैंने उसके मुँह से लोलू शब्द सुना तो मैं समझ गया कि इसके पति का लंड कबाड़खाना होगा.
इसी लिए मैंने उसकी चुदाई की डिटेल नहीं पूछी. बस मैंने उसे एक बार और उसे चूमा और कपड़े पहन लिए.

उसका भले ही दूसरा लंड हो … मगर मेरे लिए तो फ़र्स्ट टाइम और फर्स्ट चुत का मसला था … तो बस पूछिए ही मत कि मुझे कितना मजा आया होगा.

अब आप लोग सोच रहे होंगे कि दस मिनट की चुदाई में क्या मजा आया होगा. वहां रिस्क बहुत था, हमें जो भी करना था जल्दी जल्दी में ही करना था.

एक बार की चुदाई के बाद तो हम दोनों ने बहुत बार सेक्स किया और बहुत मजा लिया.
वो सेक्स कहानी फिर कभी लिखूंगा.

आपको मेरी Xxx नर्स सेक्स कहानी कैसी लगी. अपना सुझाव जरूर दें.
[email protected]

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