सीधी सादी लड़की की पहली चुदाई

(Sidhi Sadi Ladki Ki Pahli Chudai)

मेरी पहली बार चुदाई की कहानी के पहले भाग
सीधी सादी लड़की को लगा सेक्स का शौक
में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपने स्कूल की कुछ हरामी लड़कियों से सेक्स के बारे में जाना, एक लड़की की चुदाई अपनी आँखों के सामने देखी, अन्तर्वासना साईट के बारे में जाना और इस साईट पर कहानी पढ़ कर अपनी बुर में उंगली की.

अगले दिन मैं सुबह उठी तो मैं बहुत खुश थी.

फिर स्कूल जाने के लिए मैं इकरा के घर आ गयी. हम साथ जाने लगी तो रास्ते में मैंने इकरा को सब बताया जो मैंने रात में अपनी कुंवारी बुर के साथ किया था और जो मजा मुझे मिला था.
मेरी बात सुन कर तो वो चौंक गयी कि अभी तक मुझे इन सबके बारे में कैसे नहीं पता था?

मैंने इकरा से पूछा- तू भी करती है क्या?
तो वो बोली- यार, मुझे तो बिना बुर में उंगली करे नींद ही नहीं आती. लेकिन अब मुझे उंगली करने में उतना मज़ा नहीं आता. अब मुझे असली का लंड चाहिए.
मैंने कहा- तू कोई बॉयफ्रेंड बना ले.
तो वो बोली- बना तो लूं … मगर अगर मेरे घर पता चल गया तो परेशानी हो जाएगी।

फिर वो बोली- मुझे मोहित जैसा लड़का चाहिए जो बुर की ऐसी चुदाई करे कि बुर में दर्द हो जाये.
मैं बोली- तू मोहित को ही पटा ले. क्योंकि तू है भी बहुत सेक्सी!

इकरा भी उस वक्त मेरी हमउम्र थी, 19 साल की जवान लड़की जो किसी का भी लंड खड़ा कर सकती है.
तो वो बोली- यार पूजा ने पहले ही उसे पटा रखा है. तूने तो देखा था कल कैसे उसने पूजा की चुदाई की थी।

हालांकि कल पूजा की चुदाई के बाद से और रात में उंगली करने की वजह से मुझे भी मोहित से सेक्स करने का मन होने लगा था। मगर मैंने अपने मन पर कंट्रोल रखा.
लेकिन इकरा ने बाद में मोहित को पटा कर चुदवा लिया था, खैर वो कहनी कभी बाद में।

फिर स्कूल में ऐसे ही उंगली करते हुए कई महीने निकल गए.

तब मुझे एक लड़के ने प्रोपोज़ किया था. उसका नाम अमन था. वह लगभग 6 फुट का सेक्सी से लड़का था. उसके साथ मेरा चक्कर चल निकला क्योंकि मुझे सेक्स करने का बहुत मन था।

एक बार वो स्कूल में मेरे पास आया और बोला- बाबू हम कब तक ऐसे स्कूल में मिलते रहेंगे? मुझे तुमसे बाहर कहीं मिलना है.
तो मैंने उसको शाम को वहीं बुलाया जहाँ पूजा ने मोहित से चुदवाया था.

स्कूल के बाद वो आ गया और मेरा इंतज़ार कर रहा था.

जैसे ही मैं वहाँ पहुँची, उसने मुझे अपनी बांहों में खींच लिया और मुझे किस करने लगा. वो मेरी ज़िंदगी का पहला किस था.
उसने जैसे ही मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे, मेरा पूरा शरीर कांप गया.

फिर मैं उसका साथ देने लगी. फिर उसने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए.

अब मेरी हवस भी बढ़ती जा रही थी. उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया तो मैंने उसका लन्ड सहलाना शुरू कर दिया.

जैसे ही उसने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे चूसने को बोला तो मैंने मना कर दिया. फिर उसने मेरी शर्ट उतारने के लिए बटन खोलने शुरू कर दिए. उसका लंड मेरे हाथ में था. उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिये. अब मैं उसके सामने ब्रा में आ गयी.

मुझे बहुत शर्म आ रही लेकिन अब मैं उस लड़के से प्यार करने लगी थी इसलिये उसे किसी चीज़ को मना नहीं कर रही थी.

फिर उसने मेरी ब्रा हटा कर मेरे बूब्स चूसने शुरू कर दिए. मैं कामुकतावश उसका लन्ड जोर जोर से हिलाने लगी. फिर वो मेरे बूब्स चूस रहा था और एक हाथ मेरी बुर में डालने लगा.

तभी किसी के आने की आहट हुई तो हम दोनों वहां से भाग गए.

उसके बाद हमने थिएटर में भी बहुत मज़े लिए. उसने मेरी बुर में उंगली भी की, मेरे बूब्स भी चूसे. मैंने उसका लन्ड सहलाकर उसका पानी निकलवा दिया.

मगर अब हमें सेक्स करने का मौका नहीं मिल रहा था. ऐसे ही चुम्मा चाटी करते हुए स्कूल पूरा हो गया लेकिन हम कभी चुदाई नहीं कर पाए.

फिर वो ग्रेजुएशन करने के लिये दूसरे शहर चला गया.

क्योंकि मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करने लगी थी तो मैं बहुत रोई थी उसके गले लगकर!
लेकिन वो चला गया.

उसके बाद मैंने किसी के साथ कुछ नहीं किया और मैं अपनी ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली आ गयी. यहां 3 साल ऐसे ही निकल गए, किसी के साथ कोई चक्कर नहीं चला.
हालांकि कॉलेज में बहुत सारे लड़कों ने मुझे पटाने की कोशिश की क्योंकि कॉलेज में आते आते मेरा फिगर किसी की भी गांड फाड़ने के लिए बहुत था.

लेकिन न मैं किसी के करीब गयी और न मैंने किसी को अपने करीब आने दिया.

फिर मैं एम बी ए करने के लिए दूसरे कॉलेज में चली गयी. वहाँ मैं पहली बार कॉलेज गयी तो वहाँ मैं फॉर्म जमा करने की लाइन में लगी हुई थी.

फॉर्म जमा करने के बाद मैं कॉलेज से निकल रही थी तो अचानक से किसी ने पीछे से मेरी आँखें बंद कर दी.
मैं चौंक गयी तो वो लड़का बोला- पहचानो कौन?
उसकी आवाज सुनकर मैं और ज्यादा चौंक गयी, मुझे मेरे कानों पर विश्वास नहीं हुआ.

मैंने उसको बोला- अमन?
और जैसे ही वो मेरी आँखों पर से हाथ हटा कर मेरे सामने आया तो मुझे झटका लगा. वो अमन मेरा पुराना बॉयफ्रैंड था.

मैं उसके गले लग गई, उसने भी मुझे गले से लगा लिया और बोला- मेरी जान, क्या माल लग रही हो अब!
तो मैं शर्मा गयी।

फिर वो मुझे एक जगह ले गया. वहां कोई नहीं था. वहां जाकर वह मुझे किस करने लगा. उसे किस करके, अपने पुराने प्यार को पाकर मेरी हवस बहुत टाइम बाद फिर से जाग गयी। हमने थोड़ी देर चुम्मा चाटी की और निकल गए.

कुछ दिन हम ऐसे ही चुम्मा-चाटी करते रहे.

एक दिन वो बोला- फहमी यार, मुझे तेरी बुर चाहिए, वरना मैं पागल हो जाऊंगा.
मेरी हँसी छुट गयी. फिर मैं वहां से चली गयी.

1 दिन उसने मुझे सुबह कॉल किया और बोला- आज कॉलेज मत जाना, कहीं बाहर चलेंगे.
मैंने ‘ठीक है’ बोलकर कॉल कट कर दिया.
मैं समझ गयी कि आखिरकार आज मेरा कुंवारापन खत्म होने वाला है.

तो मैंने नहाते हुए अपने आप को साफ किया. मतलब बुर के बाल और बगल के बाल साफ किये और एकदम चिकनी हो गयी थी. एक सेक्सी ड्रेस पहनकर मैं कॉलेज के लिए निकल गयी.

कॉलेज के गेट पर मुझे अमन मिला. वो मुझे अपने साथ कार में ले गया. रास्ते में उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया. मैंने शर्म के मारे हाथ हटा लिया.

फिर थोड़ी देर बाद हम मेरठ रोड पर आ गए.
मैंने अमन से पूछा- हम जा कहाँ रहे हैं?
तो उसने बताया- हम मेरठ जा रहे हैं.
जो लोग दिल्ली के आस पास रहते हैं, वो जानते होंगे कि दिल्ली से मेरठ के सफर लगभग डेढ़ घंटे का है.

इसी बीच एक जंगल में अमन ने कार एक कच्चे रास्ते में मोड़ दी और लगभग 1 किलोमीटर दूर जाकर कार रोक दी.
वो झटके से मुझे किस करने लगा मैंने भी उसका साथ दिया. उसने जोर जोर से मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए.

उस दिन मैंने स्लीवलेस टीशर्ट और जीन्स पहनी हुई थी, अंदर ब्रा और पैंटी दोनों थी.

अमन ने झटके से मेरी टीशर्ट उतार दी. अब मैं ब्रा में उसके सामने थी, मुझे डर लग रहा था कि कोई भी हमें ऐसे देख सकता था. यह बात मैंने अमन को बताई तो उसने बस कहा- कोई नहीं आएगा.
फिर उसने हाथ पीछे ले जाकर मेरी ब्रा भी उतार दी.
मैं पहली बार किसी लड़के के सामने ऐसे नंगी हुई थी.

वो मेरे बूब्स चूसने लगा बल्कि यूँ कहूँ कि खाने लगा. मुझे दर्द हो रहा था मगर मज़ा भी आ रहा था.

मैंने अमन का लन्ड बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगी. फिर अमन ने मेरी जीन्स भी उतरवा दी. अब मैं केवल पैंटी में उसके सामने थी.

मेरी गोरी चिकनी जांघें देखकर वो बौखला गया और मेरी जांघें चाटने लगा. मेरे मुँह से बस आह अहह हहह उहह निकल रहा था।

फिर अमन ने मेरी पैंटी उतार दी और अपनी जेब में रख ली. अब मैं मदारजात नंगी थी उसके सामने और मैं उससे अपनी बुर छुपा रही थी.
लेकिन अमन ने मेरी जांघों को पकड़कर अलग अलग कर दिया जिससे मेरी बुर उसके सामने नुमाया हो गयी.

मैंने शर्म के मारे अपने चेहरे पर हाथ रख लिये.

फिर अमन ने मेरी बुर पर एक किस किया और मेरी बुर चाटने लगा.
मैं तो जैसे आसमान में उड़ रही थी.

एक हाथ वो से मेरे बूब्स दबा रहा था, दूसरे हाथ से मेरी जांघें सहला रहा था और मुंह से बुर चाट रहा था. मैं बस उसका लंड सहला रही थी.

तभी किसी के आने की आहट हुई तो मैंने अमन को खुद से अलग किया और जल्दी से अपनी टीशर्ट पहन ली.
अमन ने भी एकदम कार स्टार्ट कर दी और हम वहां से निकल गये.

मुझे लगा कि आज फिर से मेरी बुर प्यासी रह जाएगी.
लेकिन अमन हँसने लगा.
मगर मेरा मूड खराब हो चुका था.

फिर अमन बोला- मूड खराब मत करो, आज तो हम सेक्स करके रहेंगे.
मैंने उससे पूछा- कैसे?
तो वो बोला- असली प्लान तो मेरठ में है. यहाँ तो मैं मस्ती कर रहा था.

मैंने अमन की छाती पर प्यार से मुक्का मारा तो वो हंस दिया.

मैं अभी भी सिर्फ टीशर्ट में थी तो मैं जीन्स पहनने को हुई. पर अमन ने मना कर दिया कि ऐसे ही रहो.
मैंने उसे बोला- अगर किसी ने देख लिया तो?
वो बोला- कोई नहीं देखेगा. जब शहर आ जाएगा तब पहन लेना.

फिर पूरे रास्ते अमन मेरे बूब्स और बुर से खेलता हुआ आया.

जब शहर आने को हुआ तो मैंने उसको बोला कि किसी सुनसान जगह रोक लेना, मुझे टीशर्ट उतार कर ब्रा पहननी है. वरना मेरे निप्पल साफ दिख रहे हैं.
तो उसने कार रोक दी.
मैंने झट से टीशर्ट उतारी. अब मैं फिर से नंगी हो गयी.

अमन ने फिर से मेरे बूब्स चूसने शुरू कर दिए.
मैंने उसको बोला- बाबू मैं तुम्हारी हूँ, थोड़ा सब्र रखो.
तो वो हटा.

फिर मैंने ब्रा पहनी और टीशर्ट और जीन्स पहनी. और हां पैंटी भी अमन से लेकर पहन ली।

थोड़ी देर बाद उसने एक घर के सामने कार रोकी और किसी को कॉल किया तो थोड़ी देर बात की.
मुझे लगा शायद कुछ परेशानी हो गयी है.

कॉल कट करने के बाद अमन बोला- यार, मेरे दोस्त का घर खाली था इसलिये तुम्हें यहां लाया था. मगर अब उसके दोस्त आ गए हैं तो अब यहां नहीं कर सकते. क्योंकि अब अगर मैं तुम्हें लेकर ऊपर गया तो वो सब मिलकर तुम्हारी बुर का भोसड़ा बना देंगे.
मैंने उसको धत्त बोला और कहा- मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, मेरे जिस्म पर सिर्फ तुम्हारा हक़ है.

लेकिन अब मुझे सच में गुस्सा आ रहा था कि हम सेक्स कर पायेंगे भी या नहीं.
तो अमन बोला- यार बताओ अब क्या करें?

क्योंकि मेरी बुर में आग लगी थी तो मैंने अमन को कहा- कोई होटल ले लो.
मेरे मुंह से होटल सुनकर वो चौंक गया क्योंकि पहले भी उसने कई बार मुझे होटल चलने को कहा था मगर मैं हमेशा मना कर देती थी.

तो वो मेरी वासना, जिस्म की आग को समझता हुआ मुझे एक होटल में ले गया. वो बहुत अच्छा होटल था. मैं नाम तो नहीं बताऊंगी मगर शायद वो उस समय का सबसे अच्छा होटल था. मेरठ वाले समझ गए होंगे.

फिर हमने चेक इन किया और रूम में आ गए.

रूम में आते ही अमन ने मुझे हग किया और जोर से मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.
फिर उसने किस करते करते मेरी टीशर्ट उतार दी और एक झटके में ब्रा फाड़ दी.

फिर मैंने भी बदले में उसकी शर्ट उतार दी. उसके अंदर उसने कुछ नहीं पहना था. 2 मिनट में हम दोनों नंगे हो चुके थे.

उसने नंगी ही मुझे गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर आकर मुझे चूमने लगा. उसने मेरे शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं छोड़ा जहाँ उसने किस न किया हो.

फिर मैंने भी एक झटके में उसे नीचे लिटाया और उसके ऊपर आकर उसे हर जगह किस करने लगी. वो बिचारा तड़पने लगा.
उसने मुझे बोला- मेरा लन्ड चूसो.
तो मैंने मना कर दिया.

फिर उसने मुझे अपने नीचे लिटाया और मेरी बुर चाटने लगा.
अब तड़पने की बारी मेरी थी, मेरे मुख से बस ‘अह उम्म्ह… अहह… हय… याह… हह अहह उफ़ बाबू अह चाटो जोर से’ निकल रहा था.

2 मिनट बुर चाटने के बाद वो मेरे ऊपर आया और मुझे किस करते हुए बोला- बाबू तुम मेरा लन्ड लेने के लिए तैयार हो?
तो मैंने उसे बोला- तुम मेरे ऊपर चढ़े हुए हो और हम दोनों नंगे हैं. ऐसे में मैं मना कैसे कर सकती हूं?
उसने मुझे किस किया और बोला- तुम वर्जिन हो तो तुम्हें थोड़ा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना.

मैंने इशारे से हाँ कहा तो उसने लन्ड मेरी बुर से लगाया और उसे घिसने लगा.
मेरी आग अब बढ़ती जा रही थी तो मैंने उसे मेरिउइ कुंवारी बुर लन्ड डालने को बोला तो उसने धीरे धीरे में बुर में लन्ड डालना शुरू कर दिया.
तभी मुझे कुछ याद आया तो मैंने उसे अचानक रोका और बोली- पहले कंडोम लगाओ!
तो वो बोला- बाबू, मुझे तेरी सील बिना कंडोम के तोड़नी है. बाद में लगा लूंगा.

इस पर मैंने कुछ नहीं बोला तो उसने लन्ड मेरी बुर में डालना शुरू कर दिया.

मुझे दर्द हो रहा था, मेरे मुंह से ‘आहह हहह बाबू … आराम से … आहहह हहह!’ निकल रहा था. मैंने अमन की पीठ में नाखून गड़ा दिए.
फिर उसने एक झटके में पूरा लन्ड मेरी बेचारी नन्ही सी बुर में डाल दिया.

मुझे ऐसा लगा मानो जैसे किसी ने गर्म सरिया मेरी बुर में घुसा दिया हो. मैं बहुत जोर से चीखती अगर अमन ने मेरा मुँह अपने मुंह से बंद न किया होता तो!
मेरी आँखों से आंसू आ गए, मगर वो बेदर्दी से मुझे चोदता रहा जैसे उसे कोई फर्क ही न पड़ रहा हो.

मेरे मुख से बस घुटी घुटी से चीख निकल रही थी.

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हो गया तो मुझे मज़ा आने लगा. उसने 20 मिनट तक पॉजीशन बदल बदल कर मेरी चुदाई की. वह बीच बीच में गंदी गंदी गालियां भी दे रहा था.
बोल रहा था- आह हहह मेरी रंडी … मेरी जान … मेरी रखैल है तू … साली तेरी बुर का भोसड़ा बन दूंगा … मेरी जान बहनचोद।

फिर उसने लन्ड बुर से निकाल कर कंडोम पहना और फिर से चुदाई शुरू कर दी.

2 मिनट बाद उसके झटके तेज हो गए और वो ‘अह हह ह्म्मह हह रंडी मैं आ गया बहनचोद!’ करता हुआ झड़ गया और मेरे ऊपर ही लेट गया.
मैंने भी प्यार से उसे गले लगा लिया और हम दोनों सो गए.

1 घंटे बाद उसने मुझे जगाया और बोला- चलो फिर से करते हैं.
इस बार वो नीचे लेटा रहा और मुझे अपने लन्ड पर बिठाया और मैं उसके लन्ड पर उछलने लगी. 15 मिनट बाद वो फिर से झड़ गया.

अब दोपहर के 3 बज चुके थे तो मैंने उसे वापस चलने को बोला. फिर हमने अपने अपने कपड़े पहन लिए.

हम रूम से बाहर निकल ही रहे थे कि अमन ने मुझे पकड़ कर फिर से रूम में ले गया और मेरी टीशर्ट उतार दी और फिर जीन्स भी उतार दी.
मैं उसे मना कर रही थी मगर वो सुन ही नहीं रहा था.

उसने मुझे फिर से नंगी कर दिया और पास पड़ी मेज पर घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चुदाई शुरू कर दी. इस बार उसने मुझे बहुत देर तक चोदा.
अब मेरी चूत दर्द करने लगी थी.

फिर वो कपड़े पहनने लगा और जैसे ही मैंने ब्रा पहनने को उठायी, उसने ब्रा मेरे हाथ से छीन ली और अपनी जेब में रख ली. मैंने उसको ब्रा वापस करने को बोला तो उसने मना कर दिया.
मैंने उसको बोला- बिना ब्रा के टीशर्ट में से मेरे निप्पल साफ दिखेंगे.
तो वो बोला- कोई परेशानी नहीं है, दिखने दो.

फिर उससे बहस में मैं हार गयी और बिना ब्रा की टीशर्ट पहन ली. पैंटी भी उसने रख ली.
तब हम वहाँ से निकल गए.

रास्ते भर अमन मेरी चूत में उंगली करता रहा. फिर हम घर आ गए.

उसके बाद उसने मुझे बहुत बार चोदा.

फिर एक दिन वो मुझे चोद रहा था तो मैंने उससे शादी की बात की तो वो टाल गया.
मैंने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

फिर एक दिन मैंने उसे किसी और लड़की के साथ किस करते हुए देख लिया तो मैं उससे वहीं जाकर लड़ी.
तो वो मेरे कान में बोला- तू मेरा लन्ड नहीं चूसती इसलिए तुझे छोड़ रहा हूँ.
मैंने वहीं सबके सामने उसे थप्पड़ मारा और उससे सारे रिश्ते खत्म कर लिए.
और बहुत रोई।

फिर उस दिन के बाद से मेरा प्यार से भरोसा उठ गया और मैंने उसी दिन प्यार करने वाली फेहमिना को खत्म कर दिया और एक नया जन्म लिया.
मैंने अपनी लाइफ अपने लिए जीना शुरू कर दिया। अब आप मुझे जानते ही है कि मैं अपने फायदे के लिए क्या क्या कर सकती हूं।

यह थी मेरी बुर की चूत बनाने की कहानी. मेरे पहले सेक्स की स्टोरी।

तो दोस्तो, आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी, आप मेल करके मुझे जरूर बताएं। मुझे आप सबके मेल का इंतज़ार रहेगा।

[email protected] पर आप अपने विचार भेज सकते हैं।

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