बीवी को गैर मर्द से चुदवाने की मंशा-1

(Biwi ko Gair Mard se chudvane ki Mansha-Part 1)

This story is part of a series:

दोस्तो, मैं आलिया हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है। मेरी शादी को अभी कुल 3 साल हुए हैं। शादी से पहले मैं एक छोटे से गाँव में रहती थी। शादी के बाद अहमदाबाद अपने शौहर के साथ रहने आई। यह अपनी सच्ची कहानी आपके सामने रख रही हूँ।

कहानी लिखने में मेरा साथ देने वाले मेरे रियल हीरो आनन्द के साथ की मेरी चुदाई की यह सच्ची कहानी है।

मेरे Cuckold शौहर सलीम को threesome का जो भूत चढ़ा था उसका नतीजा सलीम जो भी भुगत रहा हो.. वो भुगते.. लेकिन मुझे मेरा आनन्द मिल गया।

कैसे.. वो आप खुद ही पढ़ लीजिए..

तीन साल पहले की बात है.. जब मेरी शादी नहीं हुई थी। मैं अपने परिवार के साथ अहमदाबाद से करीब 100 किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव में रहती थी।

मुझसे छोटी मेरी और 2 बहनें हैं। मेरे उम्र 22 होने को थी.. पापा मेरी शादी के लिए लड़का ढूँढ रहे थे।

मुझे देखने 2-3 लड़के आकर भी गए.. लेकिन बात कुछ जमी नहीं।

फिर एक दूर के रिश्ते में से कोई आया और उन्होंने एक लड़का.. जो अहमदाबाद में रहता है.. उसके बारे में बताया।

पिताजी ने जाकर पहले उसके घर मिल कर आए।

उस लड़के का खुद का घर था और सरकारी नौकरी करता था, अहमदाबाद में अकेले रहता था।
उसके माँ और पापा उनके गाँव में रहते थे।

मेरे पिताजी को सब ठीक लगा.. तब उन्होंने उस लड़के को हमारे गाँव में मुझे देखने के लिए बुलाया।

लड़का अगले हफ्ते रविवार को आने वाला था।

रविवार के दिन मैं सुबह से तैयार होने लग गई.. मेरा कद 5’5″ है.. मैं दिखने में गोरी और खूबसूरत हूँ और मेरा फिगर 34-28-36 है।
हमारे गाँव में सबसे खूबसूरत लड़की मैं ही हूँ।

मैं भी हमेशा सपने देखती थी कि मेरी शादी किसी राजकुमार से होगी।

तब मुझे पता नहीं था आगे क्या होने वाला है।

मैं बहुत अच्छे से मेकअप करके तैयार हुई… गुलाबी रंग का सलवार कमीज़ पहन कर आईने में देख कर खुद पर गर्व महसूस होने लगा।

सुबह के 11 बजे वो लोग आए… मैं अपनी छोटी बहनों के साथ रसोई में थी।

माँ ने मुझे बताया कि लड़का और उसकी माँ आए हैं।

कुछ देर बाद मैं चाय लेकर बाहर गई… सब को चाय दी और सामने कुर्सी पर बैठ गई और डरते हुए लड़के की ओर देखा।

उसे देख कर मुझे धक्का सा लगा.. लड़का दिखने में खास नहीं था।
उसका सांवला रंग और चेहरा ज़रा भी अच्छा नहीं था।

मैंने झट से नजरें झुका लीं और मन ही मन में सोचने लगी कि मैं इस लड़के को पसंद नहीं करूँगी.. ना ही इसके साथ शादी करूँगी।
फिर मेरे पापा ने एक-दूसरे से पहचान करा दी।

मैंने देखा.. लड़का मुझे घूर रहा था, मुझे उसकी नज़र भी अच्छी नहीं लगी।

फिर मैं अन्दर चली गई.. कुछ देर बाद मुझे वापिस बाहर बुलाया गया।

उस लड़के की माँ ने मुझसे कुछ सवाल किए… फिर लड़के ने भी मुझसे पूछा- क्या पढ़ी-लिखी हैं.. खाना बनाना आता है या नहीं?

फिर नाश्ता वगैरह करने के बाद वे चले गए।
तब मेरी जान में जान आई।

उनके जाते ही मैं माँ से बोली- मुझे लड़का पसंद नहीं है और मैं उसके साथ शादी नहीं करूँगी।

माँ कुछ नहीं बोली… लेकिन मेरी किस्मत खराब थी।
दो दिन बाद उनका मैसेज आया कि उन्हें लड़की पसंद है.. आगे की बात करने दो दिन में आ रहे हैं।

मैं तो रोने लगी… मैंने पापा से कहा- मुझे नहीं करनी शादी..

लेकिन पापा बोले- उस लड़के की सरकारी नौकरी है और अहमदाबाद में खुद का घर है.. ऐसा लड़का फिर नहीं मिलेगा।

लेकिन मैं नहीं मानी… 2 दिन तक रोती रही।
माँ ने भी मुझे समझाया कि तेरे पीछे तेरी 2 बहनें भी शादी के लिए हैं। तू ऐसे करती रही तो उनका क्या होगा.? और तुम्हें लड़का कैसा दिखता है.. तू उस पर मत जा… लड़का गुणों में कैसा है वो देख…

मैं कुछ नहीं बोली… उस वक़्त मुझे मेरे सपने चकनाचूर होते दिखाए दिए।

अगले 2 दिन बाद उन की तरफ से कुछ लोग आए और शादी के बारे में बातचीत की.. और शादी की तारीख भी तय हो गई।
अब मेरे हाथ मे उसके साथ शादी करने के सिवाय कुछ नहीं बचा था।
मुझे अब ज़रा भी उम्मीद नहीं थी कि ये शादी टूट पाएगी।
अब शादी के लिए मैंने भी अपना मन बना लिया, मेरे पास कोई चारा भी नहीं था।

शादी का दिन आ गया… अहमदाबाद में एक बड़े से हॉल में शादी थी।

मेरे शौहर का नाम सलीम था। शादी में सलीम के 12-13 दोस्त और काफ़ी रिलेटिव थे।

मैं दुल्हन बन कर पूरी तरह सज चुकी थी। मैंने अच्छा साज़-श्रृंगार किया था… फिर शादी हो गई.. और सब दोस्त लोग.. सलीम और मुझसे मिलने स्टेज पर आने लगे।

उनमें से एक दोस्त स्टेज पर मिलने आया.. तब धीरे से सलीम के कान में बोला- तूने क्या मस्त माल ढूँढा है यार..

सलीम बोला- गाँव से गँवारन माल लेकर आया हूँ।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

उनकी बातें सुन कर मैं हैरान रह गई।

एक शौहर अपनी पत्नी के बारे में ऐसे बातें कर रहा है.. जिससे शादी हुए अभी एक घंटा भी नहीं हुआ।
पता नहीं मेरे नसीब में आगे क्या-क्या लिखा है।

सब से मिलने के बाद खाना खाने बैठे।
खाना खाते वक़्त सलीम ने मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर ज़ोर से दबाया और एक आँख मारी।
मैं शर्मा कर कहीं और देखने लगी।

सब प्रोग्राम पूरे होने के बाद हम शादी के हॉल से निकले और सलीम के घर पहुँचे।

मैंने देखा वो एक दो कमरे और रसोई वाला फ्लैट था।
छोटा सा हॉल और रसोई थी।

उस दिन घर पर बहुत मेहमान थे। रात में सबको सोने को ठीक से जगह नहीं थी।

करीब सब मेहमान चले गए.. अंत में 3 दिन बाद मेरे सास और ससुर भी चले गए।

सलीम उनको बस स्टॉप पर छोड़ने गया।

तब दिन के 3 बजे थे.. मैं रसोई में साफ़-सफाई करने लग गई।

एक घंटे बाद सलीम घर आया… अन्दर आते ही सलीम ने मुझे दबोच लिया और पागलों के जैसे चूमने लगा।

सलीम के होंठ बहुत मोटे थे.. वो मेरे होंठों को चूसने लगा।

एक हाथ से मेरे दायें मम्मे को दबाने लगा.. मानो उसके दिमाग़ में शैतान घुस गया हो.. ऐसे पागलों जैसे मुझे दबाने लगा।

लगभग 15 मिनट तक मेरी समझ में नहीं आ रहा था.. कि क्या हो रहा है।

कुछ देर में मुझे महसूस हुआ कि सलीम ने मेरी सलवार निकाल दी है और कमीज़ भी उतार फेंका।

वैसे ही मुझे नीचे लिटाया और मेरे ऊपर आकर एक जानवर जैसे मुझे दबोचने लगा।

मैंने उससे कहा- प्लीज़ धीरे करो.. मुझे दर्द हो रहा है।

तो बोला- आज हमारी सुहागरात है.. सुहागरात में तो दर्द होता ही है।

फिर उसने मेरी ब्रा एक झटके में खींची और दोनों मम्मों को देख कर मुझे उसकी आँखों में एक अलग सी चमक दिखी।

फिर उसने ज़ोर से मेरे रसीले आमों को दबाना शुरू किया.. दबाना क्या.. निचोड़ना शुरू किया।
वैसे भी हमारे शौहर गंदे होते हैं, पूरे जिस्म से बास आती हैं, और गंदे दाँत होते हैं.. जो मुझे पसंद नहीं है।

मैं दर्द के मारे चीख रही थी।

कुछ देर में उसने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया।

उसका काला-कलूटा लंड देख कर मैं डर गई।

वो मेरे मुँह के पास अपना लंड लेकर आया और मुझे चूसने को कहा.. मैंने मना किया, फिर भी वो ज़बरदस्ती मुँह में डालने लगा।
उसके लंड से मुझे बड़ी दुर्गन्ध आ रही थी।

मैंने मेरा सिर घुमा दिया लेकिन उसने मेरे बाल खींच कर ज़बरदस्ती मेरे मुँह में दिया और चूसने को कहा.. मैं मजबूर थी।

सुहागरात ऐसी होती क्या.. मैं ये सोचने लगी।

मेरी इस सच्ची घटना पर आप सभी के सभ्य भाषा में विचारों का स्वागत है।
sunnyshah26@ yahoo.com या
sexynayana@ gmail.com
कहानी जारी है।

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