आपा का हलाला-8

(Aapa Ka Halala- Part 8)

This story is part of a series:

मैं अपनी सालियों को अपनी पहली चुदाई की कहानी सुना रहा हूँ. मेरे एक दोस्त सुमेर की मदद से उसकी घरेलू काम करने वाली लड़की पारो जिसे वो चोदता है, की बहन की कुंवारी चूत मुझे मिलने वाली है.
अब आगे:

फिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक अंगूठी पहले नज़राने के तौर पर दी.
वह बोली- आप ही पहना दीजिये!
मैंने उसे अंगूठी पहनाई और उसके गोर हाथ को सहलाया और चूम लिया वह सिहरने लगी.

फिर मैंने धीरे से उसकी चुनरी को उठा दिया. दूध जैसी गोरी चिट्टी … लाल गुलाबी होंठ! नाक पर नथ, बालों में गुलाब के फूलों का गजरा … हाथ में भी फूल और गले में भी फूलों का शृंगार, हल्का मेकअप!
उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था.
इतनी सुन्दर गुलाबो को देख मेरे मुँह से निकला- वाह!! तुम तो गुलाब ही हो. मेरी सपनों की रानी … मेरी जान!
और मेरा लंड फुफकारने लगा.

मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया. गुलाबो की आँखें बंद थी. इतनी सुन्दर गुलाबो को मुझे अता फरमाने के लिए मैंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया और बोला- मेरी जान, अपनी आँखें खोलो और अपने आमिर को देखो!
उसने आँखें खोली और हल्की से मुस्करायी मैंने उसका ओंठों पर एक नर्म सा चुम्बन ले लिया.

यह उसका पहला चुम्बन था. वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझसे लिपट गयी. मैंने गुलाबो को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिराया. उसकी पीठ बहुत चिकनी थी.
मैंने पूछा- क्या तुम्हें मालूम है आज हम क्या करेंगे?
उसने अपना सर हाँ मे हिलाया और धीरे से बोली- मैंने दीदी को सुमेर साहब के साथ सेक्स करते हुए छिप कर सब देखा है.
और मुझसे और कस कर लिपट गयी.

मेरे हाथ ने महसूस किया कि उसने सिर्फ फ्रॉक पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी. फिर मेरे फिसल हाथ गुलाबो की कमर तक पहुँच गए. क्या चिकनी नर्म और नाजुक कमर थी. मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे और उसकी गांड की दरार को मैंने महसूस किया.
“आअह्ह्ह …” उसकी सिसकी निकल गयी.

मैंने फिर पूछा- क्या तुम तैयार हो?
उसने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली- इसका इंतज़ार तो हर लड़की करती है. और जबसे मैंने दीदी को चुदती हुई देखा है, मेरे तन बदन में आग लगी हुई है.
मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही था- मेरे सपनों की रानी … मैं तो दीवाना हो गया हूँ.
मैंने हल्की सी आवाज में ‘आई लव यू गुलाबो’ कहा और बोला- आपको मालूम नहीं है कि मेरी क्या हालत है. मेरा मन आपको देखते ही बेकाबू हो गया है तुम तो मेरे दिल की मल्लिका हो.
मैं आगे बोला- आपके गुलाबी नर्म गुलाब की पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी! आय लव यू जान! तुम बहुत अच्छी लग रही हो! आज मैं अपनी दुल्हन को प्यार करूंगा और तुम्हारी सील तोड़ दूँगा!

मेरी ऐसी बातों से गुलाबो पागल हो गयी, उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था. मैंने गुलाबो को अपनी तरफ किया और अपने होंठ गुलाबो के होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और गुलाबो के होंठों पर ही टूट पड़ा।
गुलाबो के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो जुबान रुक गई। गुलाबो ने डीप गले की फ्रॉक पहनी थी, उसकी आधी चूचियां और क्लीवेज झाँक रही थी. जैसे ही उसकी चुनरी सरकी, मैं गुलाबो की आधी नंगी चूची को देख कर मस्त होने लगा, मेरा लंड टाइट हो गया.

मैं गुलाबो की जांघों और नंगी चूची को टच करने की कोशिश करने लगा. गुलाबो को भी एक्साइटमेंट होने लगा, गुलाबो भी मेरे सामने ढीली पड़ने लगी, मैं उसे हग करके गुलाबो की गांड को सहलाने लगा. मैंने गुलाबो की फ्रॉक के अंदर हाथ डाल दिया और मैंने बारी बारी दोनों चूची को दबा दिया.

फिर मैंने बिना कुछ कहे उठा कर गुलाबो को अपनी गोद में घसीटा और गुलाबो के लिपस्टिक से रंगे होंठ बिना लिपस्टिक के कर दिए। गुलाबो भी पागल सी हो गई और अपने हाथ मेरी गर्दन पर फिराने लगी। मैंने गुलाबो का दुपटा उतार डाला और फ्रॉक की डोरियों की खिंच कर उतार डाला. वह मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और मैं भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगा था. मैं उसके बड़े बड़े सफ़ेद मम्में देख कर पागल हो गया जो उत्तेजना से लाल हो रहे थे. उसके चूचुक गुलाबी रंग के थे.

मैंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिए और वह सिसकिया लेने लगी अहहह अम्म्म ऊऊऊ मम्मम और वह कहने लगी की और जोर से दबावों. हम दोने की ही पता भी नहीं चला कि मैंने कब गुलाबो को नंगी कर दिया। सिर्फ नथ रहने दी.. नथ मुझे चोदने के लिए उकसाने लगती है .. सिर्फ नथ में गुलाबो बहुत सेक्सी लग रही थी

फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मैं गुलाबो को बेकरारी से चूमने लगा और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसके लबों को चूमता चूसता रहा.

अब मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी.
गुलाबो तो मेरे होंठों में ही गुम थी कि अचानक से एक ‘चटाक …’ से गुलाबो के चूतड़ों पर एक चपत लगी. मैंने ही वासना से उत्तेजित होकर उसके कूल्हों पर जोर से थप्पड़ मार दिया था.
गुलाबो ने बिलबिला कर मेरे होंठ छोड़ दिए और मेरी तरफ सवालिया निगाहों से देखा.
तो मैं मुस्कराते हुए बोला – माफ़ कर देना … तुम्हें देख कर मुझे कुछ भी होश नहीं रहा।
गुलाबो ने भी मुस्कुरा दिया और कहा- कोई बात नहीं … मैं सब सहन कर लूँगी।

मगर मुझे पता था कि आगे जो होगा … वो सहन कर पाना सबके बस की बात नहीं है।
मैंने गुलाबो पे ध्यान दिया तो पता चला कि वो मेरे ऊपर नंगी बैठी है … उसने अपने हाथ मेरे सीने पर टिका रखे हैं।

गुलाबो पूरी नंगी … गोद में किसी बच्चे की तरह बैठी हुई थी। मैंने कुरता-पायजामा अभी तक पहन रखा था। मेरे कसरती बदन की मजबूती बाहर से ही महसूस हो रही थी। गुलाबो का बदन बेहद मुलायम चिकना नर्म और कमसिन था.

मैंने धीरे धीरे गुलाबो को पीछे खिसकाया और बिस्तर पर गिरा दिया और खुद गुलाबो के ऊपर आ गया। मेरे शरीर का पूरा भार गुलाबो पर था। गुलाबो ने मेरी लोहे जैसी बाजुओं को पकड़ा और मुझे अपने पर से हटाना चाहा पर नाकामयाब रही। बल्कि जितना वो मुझे हटाती थी, मैं उतना ही गुलाबो पर लदे जा रहा था।

अंत में उसने हार मान ली और अपने आपको मुझे सौंप दिया।

मैं गुलाबो के होंठों को चबा रहा था और गुलाबो के निप्पल को अपने मजबूत हाथों से नौच रहा था, गुलाबो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी जिससे मुझे और जोश आ रहा था।
कुछ देर हम यूँ ही करते रहे!

थोड़ी देर बाद मैं गुलाबो पर से हट गया तो गुलाबो ने राहत की सांस ली. फिर मैंने अपना लाया हुआ गिफ्ट गुलाबो को दिया और उसने खोला तो उसमें चाकलेट्स थी!
गुलाबो बहुत खुश हो गयी क्योंकि उसे चाकलेट्स बहुत पसंद थी।

मैंने एक चाकलेट का पैकेट फाड़ा, चाकलेट को अपने मुँह में रखा और अपने मुंह को गुलाबो के मुंह के पास लाया! चाकलेट देख गुलाबो के मुंह में पानी आ गया और गुलाबो आगे बढ़ कर मेरे मुंह से चाकलेट खाने लगी। अब मैंने मुंह से सारी चाकलेट अपने और गुलाबो के मुंह पर लगा दी, मैं गुलाबो के मुंह पर लगी चाकलेट खाने लगा, गुलाबो भी मेरे मुंह पर लगी चाकलेट चाटने लगी.
हमने चाट चाट कर एक दूसरे का मुंह साफ किया।

पहले तो मैंने गुलाबो के गले पर बेतहाशा किस किया और काट कर निशान सा बना दिया। फिर उसके कंधों पर किस किया और चूस चूस कर दांत लगा दिए.
वह कराह उठी- आआह्ह … धीरे करो … प्लीज काटो मत! निशान पड़ जाएंगे!
पर मैं कहाँ रुकने वाला था … मैंने दोनों कन्धों पर काट लिया और वहां लव बाईट के निशान पड़ गए.

फिर मैं उसके गालों पर टूट पड़ा. उसके गाल बहुत नर्म मुलायम और स्वाद में मीठे थे. वहां भी मैंने दांतों से काटा तो वह कराहने लगी- आअह्ह उई ऊह्ह्ह मह्ह मर गयी … मार डाला … अअअ प्लीज प्यार से करो … काटो मत … दर्द होता है!
और उसकी कराहट से मेरे जोश और बढ़ जाता.

मैं पूरा सेक्स में डूब चुका था, मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया और उसकी मुलायम नर्म पीठ को कस कर पकड़ लिया। कुछ देर बाद मैंने उसे थोड़ा ऊपर किया और गुलाबो की चुची पर जानवरों की तरह टूट पड़ा। उसके निप्पल जिनको आज तक किसी ने नहीं काटा था, अब मैं उसके दायें निप्पल को चूस रहा था और काट रहा था। फिर मैंने बायें निप्पल को चूसा और काटा और पहली को हाथ से दबोच रहा था. वो बहुत फूल चुकी थी।

मैं बोला- गुलाबो, तू बहुत मीठी है, मैं तुझे खा जाऊँगा.
गुलाबो बोली- अगर खा जाओगे तो कल किसे प्यार करोगे?

गुलाबो ने मेरा सर पकड़ कर मुझे हटाना चाहा लेकिन मैं टस से मस नहीं हुआ और दोनों चूची को एक साथ चूसने और काटने लगा.
गुलाबो बहुत चीख रही थी- आआह … ओमम्म्म ममम … चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा!
और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी।

अब वो खूब सिसकारियाँ भरने लग गई थी, वो ‘अहाह … आहहह … आहहह …’ कर रही थी। उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी और ज्यादा सनसनी होने लगी थी। गुलाबो की आवाज़ गूँज रही थी लेकिन गुलाबो की मदद को आने वाला वहाँ कोई नहीं था.
दर्द के मारे गुलाबो के आंसू निकल आये पर मैं इसकी परवाह किए बिना लगा रहा। फिर थोड़ी देर के बाद उसका शरीर अकड़ गया और फिर वो झड़ गयी।

कहानी चलती रहेगी.
आपका आमिर
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