इश्क विश्क प्यार व्यार और लम्बा इन्तजार-3

(Sex Kahani : Ishq Vishq Pyar Vyar Aur Lamba Intjar- Part 3)

रवि खन्ना 2018-01-24 Comments

सेक्स कहानी का पहला भाग : इश्क विश्क प्यार व्यार और लम्बा इन्तजार-1
सेक्स कहानी का दूसरा भाग : इश्क विश्क प्यार व्यार और लम्बा इन्तजार-2

जैसा कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा था कि मैं मोनिका को होटल में ले गया और वहां हम दोनों ने मन भर कर चुदाई की, जिससे मोनिका की शिकायत मेरे लिए खत्म हो गई.

एक दिन उसने कहा- घर आ जाओ.

उसके पड़ोस में जागरण था और उसको चुदास लगी थी, जो मुझको अब भी रोज चूत चोदने की लगती है. मैं जैसे तैसे उसके घर उसके भाई भाभी वाले रूम में पहुँच गया. अन्दर जाते ही वो मुझसे चिपक गई और मेरे कपड़े उतार कर किस करने लगी. मैं खुद इसी फिराक में रहता हूं.

मैंने उसे वहीं फर्श पर लिटा दिया. अपना खड़ा लंड उसकी चुत के छेद पर रख कर धक्का मार लंड पूरा अन्दर पेल दिया. धकापेल चुदाई शुरू हो गई. लंड मस्ती से उसकी चूत में आ जा रहा था. मुझको लगा आज इसको ज्यादा ही चुदास है, तो मैंने अपनी एक उंगली मोनिका की गांड में डाल दी, जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया और खूब चुदाई की.

उसके बाद मैंने उसको वहाँ पड़े सोफे बिठाया और लंड डाल कर चुदाई की. उस रात वो 3 बार झड़ी, मैं एक बार झड़ पाया था. वो आज बहुत खुश थी क्योंकि उस दिन उसका मन बहुत था. उसका मन होता तो रोज था, पर बोलती नहीं थी.

उस दिन हमें गाँव के 2 लड़कों ने देख लिया और आते जाते उसको ताने मारने लगे, फिर मेरे धमकाने और समझाने पर रुके.

उनके बाद हम बहुत बार होटल में मिलने लगे लेकिन किसी दिक्कत की वजह से हम काफी दिन से मिले नहीं तो मैंने उसको उसके घर मिलने को कहा.. वो मना करती रही.

पर एक दिन मैं जबरदस्ती उसके घर पहुँच गया और वाशरूम में जा कर बैठ गया. उसके कुछ टाइम बाद वो गुस्से में आई. हम ने किस किया फिर मैंने उसका बस लोवर एक पैर से निकला एक पैर उसका उठा कर अपना लंड हाथ में लिया और मोनिका की चुत पर लगा कर धक्का दे दिया और पूरा अन्दर डाल कर चुदाई करने लगा. मैं जल्दबाजी में अपना रस निकाल कर जाने लगा.

मोनिका बोली- मुझको और चाहिए.
मैंने मन समझाया और उसको घोड़ी बना के पीछे से उसकी चुत में लंड डाल कर चुदाई करने लगा. वो आज गुस्से में भी चुप थी. वो चुद कर झड़ी और मेरा भी निकल गया.
फिर मैं जाने लगा तो उसने मुझ को पकड़ा और बोली- आई नीड मोर.
मैंने उसको वहीं लिटाया, किस किया और लंड खड़ा होने के बाद चुत में डाल दिया. कुछ टाइम के बाद मैं फिर झड़ गया, उठने लगा.
मोनिका बोली- मुझको और चाहिए.

मेरा अब इस डर से खड़ा नहीं हो रहा था कि उसके मम्मी पापा न आ जाएं.

फिर भी कुछ टाइम बाद हल्का फुल्का खड़ा हुआ, उसी से मैंने मोनिका को फिर चोदा. वो भी झड़ गई और मैं भी.. लेकिन वो बोली- मुझको और चाहिए.

मैंने मोनिका से हाथ जोड़े और कहा- देवी, मैं समझ गया कि बिना लड़की की इजाजत के आओगे और अगर वो अपनी पर आ जाएगी तो तुम्हारी बैंड बजा देगी.

वो हंस दी और शांत हो गई.

उसके बाद हम बस होटल में मिलने लगे. चुदाई के जोश में कई बार वो प्रेग्नेंट हुई मैं उसे टेबलेट्स दे देता और हम बच्चा गिरा देते. हम कंडोम यूज़ नहीं करते थे. मोनिका को लंड नंगा पसन्द है और मुझको भी. जब तक चुत और लंड नंगे ना मिलें, हम दोनों के लिए वो चुदाई कोई चुदाई नहीं होती है.

टेबलेट्स से उसकी बॉडी कमजोर रहने लगी. हमने तीन बार बच्चा टैबलेट से गिराया था.

एक बार हद हो गई, उसको डेट नहीं आई. मैंने कहा- मैंने माल बाहर निकाला था. उसने मुझ पर विश्वास किया और सोचा कमजोरी की वजह से नहीं आई होगी. ऐसे ही 4 महीने का बच्चा मोनिका के पेट में रह गया. अल्ट्रासाउंड कराया तब पता चला. फिर बड़ी मुश्किल से एक क्लीनिक मिला जो ये बच्चे गिराने का काम करता था.

जब तक नहीं मिला था तब तक मैं मोनिका की रोज कॉलेज से छुट्टी करता और घूमते इलाज ढूढ़ते. मैं रोज रात की जॉब जाता, दिन मैं मोनिका को लेकर घूमता.. जिससे मैं ठीक से टाइम पर सो नहीं पाता. डॉक्टर नहीं मिल पाने की वजह से और चिंता में कि मासूम मोनिका की जिंदगी मैंने बर्बाद कर दी.

फिर हमें वो क्लिनिक मिला, तब थोड़ी मुस्कान मेरे और मोनिका के चेहरे पर आई.

पहले दिन हम वहाँ गए. पूरा क्लीनिक खाली था वहाँ कोई नहीं था. मोनिका को अन्दर ऑपरेशन थिएटर में बिठा कर वो लड़का बोल गया कि मैडम आएगी तब तक इंतजार करो.

वो अन्दर से लॉक करके वहीं लेट गई. वो लड़का बाहर चला गया. मैं बैठा था बाहर मन नहीं लगा तो मैं भी ऑपरेशन थिएटर में चला गया. वहाँ बैठने की जगह नहीं थी, बस एक स्ट्रेचर ट्रॉली थी मरीजों वाली, जिस पर मोनिका लेटी थी. मोनिका ने इशारा किया कि यहाँ मेरे पास ही आकर लेट जाओ. मैं उसकी बगल में लेट गया. हम दोनों बातें करने लगे. हमारा दोनों का फेस एक दूसरे के सामने था. मैंने मोनिका के होंठों पर किस किये, उसने मेरा साथ दिया और हम किस करने लगे. मैंने किस करते करते मोनिका के चूतड़ दबाए, चूचे दबाए, उसने कोई आपत्ति नहीं जताई. मैं समझ गया वो भी मेरा स्पर्श पाकर पागल हो चुकी है. तब मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला.

वो बोली- नहीं.. रहने देते हैं, कोई आ जाएगा.

मतलब उसका मन तो था पर वो डर रही थी. मैंने कहा- कोई नहीं आएगा तुम नाड़ा खोलो, मैं देख कर आता हूं.
मैं देखने बाहर गया, कोई नहीं था. आकर बोला- कोई नहीं है जल्दी उतारो.

वो अपनी सलवार और पैंटी एक पैर से निकाल कर उल्टी लेट गई. कुर्ती अपने चूतड़ों के ऊपर कर दी. मैंने बस चैन खोल कर लंड निकाला और उसके ऊपर लेट कर लंड उसकी गांड की दरारों में डाल कर ऊपर नीचे करने लगा.
उसकी चुत गीली हो चुकी थी, फिर लंड उसकी चुत पर लगा कर चुदाई की और अपना माल उसके चूतड़ों पर निकाल दिया.
इस तरह हम दोनों ने क्लीनिक में भी चुदाई की.

फिर डॉक्टर मैडम आई, उसने टेबलेट्स दीं, उसको रात को यूज़ करने के लिए और बोला- कल और आना है बस.
उस रात मोनिका दर्द से बहुत परेशान रही और अगले दिन बच्चा बहुत दर्द के साथ खुद बाहर आ गया.
मोनिका बहुत स्ट्रांग निकली, उसने मुझ को गलत साबित कर दिया था.
इस तरह हमने अपना 4 माह का बच्चा गिरा दिया क्योंकि हम उसको चाह कर भी अपने पास नहीं रख सकते थे.

बच्चे को गिराने के बाद मेरी आस कमजोर हो गई थी उधर मोनिका खुद शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो गई थी. उसके बाद हम कुछ महीने नहीं मिले.

कुछ महीनों बाद हम दोनों मोनिका के घर पर मिले. वहाँ से आते टाइम मुझ को घर वालों ने देख लिया और बहुत जल्द मेरी शादी करा दी. मैंने कोशिश की कि मोनिका के साथ कहीं पर भाग जाऊं. पर वो ये बोल कर नहीं मानी कि अपने पापा की इज्जत गांव में बर्बाद नहीं कर सकती.
घर वालों की इज्जत मुझको भी बहुत प्यारी थी, पर मैं मोनिका से भी कम प्यार नहीं करता था. मैं कुछ नहीं कर पाया.

फिर मेरी शादी घर वालों ने करा दी. शादी के बाद भी मैं और मोनिका मिलते रहे.

एक दिन मोनिका बोली- मुझको तुमसे शादी करनी है.
चाहता तो मैं भी ये ही था, पर मैं कभी बोल नहीं पाया.. पर उसने बोल दिया.

मैं ये सुनकर खुश हो गया कि जो काम हम जमाने के सामने नहीं कर पाए, कम से कम एक दूसरे की खुशी के लिए ही सही कर लेंगे. कम से कम हमारी आत्मा तो खुश रहेगी.

फिर वो दिन आ गया जब मैंने मोनिका के लिए मंगलसूत्र खरीदा, सिंदूर लिया साड़ी ली. फिर हम दोनों ने अगले दिन शादी की. मैंने उसकी मांग में सिंदूर भरा, मंगलसूत्र पहनाया, सात फेरे लिए.. फिर होटल जाकर रूम लिया. रूम में अन्दर जाते ही मैंने मोनिका को किस किया उसने मुझको किस किया. फिर मैं उसको उठा कर बेड पर ले गया और उसको बेड पर लिटा कर उसके ऊपर लेट कर किस किया.

आज फीलिंग्स कुछ अलग ही थी क्योंकि आज हमारा ऑफिशियल हनीमून था, जिसका इंतज़ार शायद हम दोनों को ही बेसब्री से था. मैंने मोनिका की लाल साड़ी उतारी. उसने भी साथ के साथ मेरे कपड़े उतारे. अब मैं बस अपने निक्कर में था और वो बस पैंटी और ब्रा में थी.

आज हम डिसाइड करके आये थे कि कुछ नया करेंगे और क्या करेंगे, वो रात में ही डिसाइड हो चुका था. सकिंग.. जो वो बहुत मुश्किल से मानी थी.

मैंने धीरे से मोनिका की ब्लैक पैंटी उतारी. धीरे से अपना हाथ मोनिका की चुत पर फेरा, जो मुझको आज भी फ्रेश लगती है. क्योंकि 10-20 दिन में या कभी 1-2 महीने में जब भी उसकी चुदाई होती थी, मुझसे ही होती थी. तब तक उसकी चूत उसी शेप में आ जाती थी.

मैंने मोनिका की चुत को ध्यान से देखा, जो ऊपर से बिल्कुल साफ और वाइट थी. अपनी उंगली से चुत को खोल कर देखा, जो अन्दर से गुलाबी थी. मैंने बिना समय गंवाए अपनी जीभ मोनिका की चूत पर फेरी. उसके मुँह से ‘आआह.. आ..’ निकली. उसने अपनी जाँघें आपस में सिकोड़ लीं. मैंने हाथों से उसकी जाँघें चौड़ाईं और उसकी चुत को हाथों से खोल कर उसके गुलाबी चूत पर अपनी जीभ रखी. उसने ‘अअअअअ..’ करते हुए अपने हाथ मेरे सर पर रखे और मेरे सर को अपनी चुत पर दबाने लगी.

अब मैं पूरी मस्ती में मोनिका की चुत चाटे जा रहा था और वो पूरी मस्ती में ‘अअअअअ हम्मम्म आआआ हम्मम्म..’ करे जा रही थी.
ये हम दोनों ही पहली बार कर रहे थे.

जब मुझ को लगा कि वो झड़ने वाली है, मैंने अपना मुँह हटा लिया और अब उसको मेरा लंड चूसने के लिए कहा. वो आई और धीरे से अपनी जीभ मेरे टोपे पर धीरे धीरे फेरने लगी. वो शर्म के मारे पूरा लंड मुँह के अन्दर ले नहीं रही थी. मुझसे रुका नहीं गया, मैंने उसको वहीं लिटाया और उसके ऊपर आकर लंड मोनिका की चूत पर सैट किया. उसने अपने पैर मेरी कमर के ऊपर कर लिए. एक झटके में मैंने पूरा लंड मोनिका की चुत में उतार दिया.
वो दर्द से चिल्लाई- आआआ आआआ..
मैं जोश में झटके पर झटके उसकी चूत में मारता गया.
अब वो मजे में बोलने लगी- फक मी फक मी उम्म्ह… अहह… हय… याह… अअअअअ हम्मम्म..

मैंने उसको मन भर के चोदा. उसने भी अपनी कमर हिला हिला कर मेरा साथ पूरी तरह दिया.
आज की चुदाई का मजा अलग ही था क्योंकि वो मुझको अपना (हबीब) बोल रही थी. मैं उसको अपनी बीवी बना कर चोदे जा रहा था. हम उस दिन असल में बन भी गए थे.

इस बीच वो 2 बार झड़ी, मैंने भी उसकी चूत में अपना वीर्य उगला और उसके ऊपर ही लेट गया.

फिर वो उठ कर कंबल लपेट कर वाशरूम गई.. जो उसके मम्मों और उसकी चूत को ढके हुए था. मैं भी मोनिका के पीछे पीछे गया. वाशरूम बड़ा था, उसमें बहुत बड़ा शीशा लगा हुआ था. वो अपने हाथ धो रही थी, मैंने उसको शीशे में देखा. मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र, उसको भी मैंने आज तक ये नहीं बताया है कि उस दिन वो बहुत ब्यूटीफुल लग रही थी और बहुत गोरी भी. फेस से खुश भी बहुत मानो वो संगमरमर की मूरत हो. एक डॉल जैसी लग रही थी.

उसको ऐसे देख कर मुझसे नहीं रुका गया, मैंने मोनिका को उठाया और फिर बेड पर लाकर उल्टा लिटाया. उसकी बैक साइड से जांघों पर बैठ कर लंड हाथ में लिया, जो कड़क हो चुका था. उसके चूतड़ों अपने दोनों हाथों से खोले और लंड उसकी चूत पर सैट करके एक ही झटके में पूरा अन्दर डाल दिया.

एक ‘अअअअअ..’ के साथ वो पूरे मजे में अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे करने लगी. ऐसे ही मैं दूसरी बार उसकी चूत में झड़ गया.

ऐसे ही हमने उस दिन 7 बार सेक्स किया क्योंकि सुहागरात थी हमारी.
उसके बाद मेरा दिल मोनिका को शॉपिंग कराने का था. मैं उसे मॉल लेकर गया उस वक्त वो मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहने थी. मेरे बहुत कहने पर उसने अपने लिए कुछ सामान खरीदा, उसने मुझको भी कुछ कपड़े दिलाए.

बिल देते टाइम सेल्स गर्ल मोनिका को बोली- आपके पति बहुत अच्छे हैं!
मोनिका बोली- हां!
ये सुन कर मोनिका बहुत खुश हुई और मैं भी, पर ये मैंने मोनिका को जाहिर नहीं होने दिया.

कुछ दिन बाद उसकी भी शादी घर वालों की तरफ से फिक्स हो गई क्योंकि उसकी तरफ से उसकी शादी हो चुकी थी. मैं समझदार था, मुझे पता था कि ये होना ही है, पर फिर भी दिल में जो दर्द था, किसी को बता भी नहीं सकता था.

पहले गांव में किसी की भी शादी में जब भी डीजे बजता, तो मेरा दिल घबराता कि मोनिका की शादी में मेरा क्या होगा. जब अभी दिल घबरा रहा है, तो बस रोना आ रहा है.

धीरे धीरे जैसे जैसे उसकी शादी की डेट नजदीक आती गई, मेरा दिल कमजोर हो गया. फिर वो दिन आ ही गया, जो अब तक की मेरी जिन्दगी का सबसे मुश्किल दिन था. आज पता लगा था जब मेरी शादी हुई होगी, उस वक्त मोनिका पर क्या गुजरी होगी. उसको किसी से शादी बिगड़ने का डर था, तो मैं बस जब तक वहाँ रहा, तब तक सब काम सही नहीं हुआ.

बरात उसके घर तक जाने तक मैं उधर रुका, उसके बाद मुझसे वहाँ रुका नहीं गया और मैं अपने घर आ गया. जितना मैंने उसको इन दिनों मिस किया है शायद ही कभी किसी को करूँगा. आई रियली लव माय स्वीटहर्ट वाइफ मोनिका.

उसने शादी के बाद मुझसे बात करने का वादा किया था, उससे जैसे ही बात होगी.. मैं आपको बताऊंगा.

एक तरफ मेरा दिल करता है कि हमारी बात न हो क्योंकि हमारा बात करने का कोई मतलब ही नहीं है तो दूसरी तरफ दिल करता है सब भाड़ में जाओ बस मुझे तो मोनिका ही चाहिए.

दोस्तो, जो भी आगे होगा, जरूर बताऊंगा तब तक के लिए नमस्कार, मेरी ये कहानी कैसी लगी आपको, आप ईमेल जरूर करना.
विक्की खन्ना
[email protected]

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