पड़ोसन भाभी की जवान बेटियाँ- 6

(Indian Sex Hindi Kahani)

राजेश 784 2020-09-11 Comments

This story is part of a series:

इंडियन सेक्स हिंदी कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने भाभी की बड़ी बेटी को रसोई में काम करते करते ही चोद दिया. मेरे कहने पर वो स्कर्ट पहनती थी और पेंटी नहीं पहनती थी.

मेरी इंडियन सेक्स हिंदी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि

मैंने कहा- लेटो, एक बार और चुदाई करते हैं.
बिन्दू- नहीं, अब सुबह का डेढ़ बज गया है, मुझे इंस्टीट्यूट जाना है. कल रात को करेंगे.

मैंने बिन्दू को पानी के साथ एक गर्भनिरोधक गोली खिलाई और उससे कहा- यह गोली जब भी चुदाई करोगी तो याद से खानी है.
बिन्दू को मैंने बांहों में भर कर किस किया और उसे उसके कमरे तक छोड़ कर नीचे की सीढ़ियों के दरवाजा खोल दिया.

अब आगे की इंडियन सेक्स हिंदी कहानी:
रात को दो बार छोटी वाली लड़की की चुदाई करने के बाद मैं सो गया.
सुबह सब कुछ ठीक रहा. मैं यूनिवर्सिटी चला गया.

सायं तीन बजे आया तो मुझे घर पर कोई दिखाई नहीं दिया. मैंने ढूंढा तो नेहा रसोई में कुछ पका रही थी.
मैं- अकेली हो?
नेहा- जी, मम्मी अभी मार्किट गई हैं, घंटे भर में आएंगी.

मैंने कहा- चलो करते हैं?
नेहा- बस 5 मिनट!
उसने टोप ओर स्कर्ट पहनी हुई थी. मैं रसोई में ही नेहा के पीछे खड़ा होकर उसके चिपक गया.
नेहा- मेनगेट खुला है, कोई आ जायेगा.

मैं तुरन्त जाकर मेनगेट बंद कर आया और आ कर मैंने रसोई में ही नेहा को पीछे से फिर पकड़ लिया.
नेहा- अन्दर आ रही हूँ. थोड़ा सब्र तो करो.
मैं- मुझसे सब्र नहीं होता.

और मैंने पीछे से नेहा की स्कर्ट उठा दी. मैंने देखा नेहा ने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी.

नेहा काम करती रही और मैंने अपनी पैंट की जिप खोलकर लण्ड निकाला और नेहा के चूतड़ों में फिट कर दिया. नेहा काम करती रही और मुझसे रुकने को बोलती रही.

गैस पर कुछ उबल रहा था. मैंने नेहा को थोड़ा स्लैब पर ही झुकाया और पीछे से लण्ड को चूत में ठोक दिया.
नेहा ने एकदम आ … आ … की आवाज की और पूरा लौड़ा चूत में गटक गई.

मैंने नेहा को थोड़ा और झुकाया तो नेहा ने अपनी छाती स्लैब पर टिका ली. मैं नेहा को जांघों से पकड़कर जबरदस्त तरीके से चोदने लगा. नेहा एक हाथ से मेरी जांघों को पीछे धकाती रही लेकिन मैं चोदता रहा.

गैस पर रखा सामान जलने लगा तो नेहा ने गैस बंद कर दी और बोली- चलो बेडरूम में.

अंदर आते ही मैंने नेहा को बांहों में भर कर उठा लिया.
नेहा- पहले कुछ खा पी तो लो?
मैंने कहा- बाद में!

नेहा- मैं तो दिल से चाह रही थी कि आप आ जाओ. और आप आ गये.
उसके जवान जिस्म से मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी.

मैंने नेहा को बेड पर पटक दिया. बेड पर गिरते ही नेहा की स्कर्ट ऊपर उठ गई और उसकी गोरी गुलाबी चूत … उसकी स्वस्थ और भरी हुई जांघों के बीच पकोड़ा सी बनकर उभर गई थी.
नेहा ने चूत को साफ करके बिल्कुल चमका रखा था.

मैंने नेहा के टॉप को ऊपर करके निकाल दिया और अपनी पैंट और अंडरवीयर निकाल कर अलग रख दिया.
नेहा ने उसी वक्त मेरे झूलते सख्त लौड़े को पकड़ लिया और हाथ से उसकी स्किन को आगे पीछे करने लगी.

मैंने नेहा की गोरी और बड़ी चुचियों को मसलना शुरू किया और उसके गुलाबी सख्त हुए निप्पल को अपने मुंह में भर लिया.
नेहा एकदम से तड़प गई.

मैंने नेहा की चूची को चूसते चूसते दांत से काट लिया.
नेहा ने सी … सी … करते हुए मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चुचियों पर दबा लिया और धीरे से बोली- बड़े जालिम हो.

अब नेहा चूत में लंड लेने को बेताब थी. उसने मेरे लौड़े को पकड़ा और अपनी चूत के छेद पर रख लिया.
मैं उसकी तड़प समझ गया. मैंने भी अपने फनफनाते सुपारे को चूत के गर्म छेद पर दबा दिया.

प्यासी चूत की गर्म दीवारों को फैलाता हुआ सुपारा अंदर जाने लगा. नेहा ने अपनी आंखें बंद कर लीं. धीरे धीरे पूरा लौड़ा जब जड़ तक चूत में बैठ गया तो नेहा ने गहरी सांस ली और मेरी आँखों में देखा और मुझे चोदने का इशारा किया।

मैंने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और जल्दी ही नेहा की चूत ने लंड के ऊपर अपना चिकना पानी फैलाना शुरू कर दिया. मैंने नेहा की टांगों में अपनी दोनों भुजाओं को डाला और जोर जोर से झटके मार मार कर चुदाई शुरू कर दी.

नेहा की स्वस्थ जाँघों के बीच पकोड़ा सी चूत उभर आई. नेहा की चूत से फच फच की आवाज निकलने लगी और नेहा हर झटके पर आ … आ … आई … आई … सी … सी … आह … ओह … याह … अइ ईईईई ईईई ऊऊऊऊ आस्स स्सस्स ईईई की आवाज निकालने लगी.

कुछ ही देर में नेहा ने अपने शरीर को जोर से टेढ़ा किया, अपनी चूत को तीन चार बार मेरे लौड़े पर जोर जोर से पटका और उसने अपने दोनों हाथों के नाखूनों को मेरी कमर पर गड़ाते हुए चूत से रस की बारिश कर दी.

कुछ देर मैं भी रुक गया. मैंने पूछा- इतनी जल्दी खलास हो गई?
नेहा- एक तो मज़ा बहुत आया, दूसरे कुछ मन में यह भी था कि कहीं मम्मी न आ जाये?
वो उठी और बाथरूम चली गई.

मेरा लंड अभी पूरे जोश से तना हुआ था. नेहा लौटी तो मैं उसको लेकर खड़ा हो गया. मैंने नेहा की एक टांग को बेड पर रखा और उसकी चूत में लंड डाल कर, उसे उसके चूतड़ों से पकड़ कर ठोक लगाने लगा.
नेहा फिर से आह … आह … करने लगी.

मैंने खड़े खड़े नेहा को अपने लौड़े पर चढ़ाते हुए उसकी दोनों टांगों को अपनी भुजाओं में उठा लिया.
नेहा ने अपने दोनों हाथों को मेरी गर्दन पर कस लिया. इससे नेहा मेरे लंड पर लटक गई.

मैंने अपने हाथों से नेहा के दोनों चूतड़ों को पकड़ा और उन्हें उठा उठा कर लंड पर पटकने लगा. मैं ऐसा करते हुए नेहा को लेकर बेडरूम में चक्कर लगाने लगा और नेहा आंनद से अपना सिर इधर उधर मारती रही. नेहा के दोनों मम्मे मेरी छाती में गड़े हुए थे.

नेहा की सांसें फिर तेज ही गई. मैंने नेहा को उठाये उठाये उसके चूतड़ों को दीवार से लगा लिया और चूत को ठोकने लगा. नेहा के पांव मेरे कन्धों को छू रहे थे और उसकी जांघें मेरी जांघों पर ठप ठप बज रही थी.

मुझे नेहा को उठाये हुए बहुत देर हो गई थी अतः हम दोनों इस पोजीशन में थकने लगे थे. मैंने नेहा को नीचे उतारा और उसे बेड के किनारे पर घोड़ी बनने को कहा.
नेहा घोड़ी बन गई. उसकी सुंदर चूत हमारे काम रस से चिपड़ी हो गई थी.

मैंने लंड को फिर चूत में डाल दिया और सटा सट चुदाई शुरू कर दी.

कुछ ही देर में नेहा हांफने लगी और आई … आई … आह … ई … ई … ई … ई.. उ उ उ उ आह … करते हुए अपनी गर्दन को इधर उधर मारने लगी.
मैंने नेहा के दोनों चूतड़ों को कस कर पकड़ रखा था और अपने एक अंगूठे को उसकी गांड के छेद पर दबा रखा था.

कुछ ही शॉट्स के बाद नेहा बोली- मेरा होने वाला है, आप भी अपना कर लो.
मैंने नेहा की चूत में अपने लौड़े से तूफान मचा दिया.

पूरा बेड चरमराने लगा था. यहां तक कि हर धक्के पर बेड अपनी जगह से सरकने लगा था और चूत घर्षण से इतनी गर्म हो चुकी थी कि अचानक नेहा की चूत की दीवारों ने फव्वारे छोड़ दिये और उसी वक्त मेरे लंड ने भी अपना फव्वारा खोल दिया.
नेहा की चूत में मेरा गर्म वीर्य भरने लगा.

मेरे अन्तिम झटके के साथ ही नेहा बेड पर पेट के बल पसर गई और मैंने पसरने के बाद भी उसकी चूत में पीछे से चार पांच शॉट और मार कर उसे चरमसीमा पर पहुंचा दिया.
मैं काफी देर तक नेहा के चूतड़ों में लंड फसाये, उसकी गर्म पीठ पर अपनी छाती को डाले पड़ा रहा.

कुछ देर में जब लंड अपने आप चूत से बाहर आ गया तो मैं नेहा के ऊपर से उतर कर उसके साथ लेट गया.
नेहा ने अपनी एक बांह को मेरे गले में डाला और बोली- असली मर्द हो तुम!

मैंने नेहा के गाल पर प्यार किया और उसके हुस्न की तारीफ की.
नेहा बेड से उठ गई.

नीचे से चादर हमारे कामरस से गीली हो चुकी थी. नेहा ने एक हैंड टॉवल से अपनी चूत को साफ किया और अलमारी से पैंटी निकाल कर मुझे दिखाते हुए बोली- सर, इजाज़त हो तो पहन लूं?
मैंने हँसते हुए कहा- अभी तो पहन लो, लेकिन जब चुदना हो तो उतार के रखना.
नेहा- ये अच्छा तरीका बताया.
उसने अपने कपड़े पहने और मैं अपने सारे कपड़ों को उठा कर नंगा ही सीढ़ियों से ऊपर अपने रूम में चला गया.

नेहा फटाफट मेरे लिए एक गर्म दूध का गिलास और कुछ ड्राइफ्रूइट ले आई. मैंने दूध पिया और कपड़े बदल कर सो गया.
लगातार की चुदाई से मैं थक गया था.

सायं को लगभग 7 बजे मेरे कमरे में सरोज भाभी आई और मुझे उठाते हुए बोली- राज, तबियत ठीक है?
मैंने कहा- हाँ ठीक है, बस यूँ ही लेटा था तो आंख लग गई थी.

सरोज भाभी मेरे बालों में हाथ फिराने लगी तो मैंने पूछा- दिल कर रहा है?
वो बोली- दिल तो कर रहा है लेकिन अभी रेड लाइट जली हुई है.

भाभी मेरे लोअर में हाथ मारने लगी और लंड पकड़ कर बोली- ये आज क्यों सुस्त है?
मैंने कहा- कल की तैयारी में है.
सरोज- ठीक है आज इसे आराम करवाओ और कल ठीक से तेल की मालिश करके रखना.

मैंने भाभी की चूची पकड़ कर दबा दी. सरोज तड़प कर रह गई.

हम नीचे चले गए और खाना खाकर मैं ऊपर आ गया और अगले दिन की चुदाई के लिए खुद को और अपने लौड़े को रेस्ट देने के लिए कमरा बंद करके सो गया.

यहाँ मैं बता दूं कि तीनों मां बेटियां अपनी अपनी चुदाई के बाद गर्भ निरोधक गोली खा लेती थी.

मेरे प्रिय पाठक व पाठिकाओ, मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरी इंडियन सेक्स हिंदी कहानी आपको पूरा पूरा मजा दे रही होगी. कमेंट्स करके बताते रहें.

इंडियन सेक्स हिंदी कहानी जारी रहेगी.

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