ज़ारा की मोहब्बत- 12

(Honeymoon Sex Story)

This story is part of a series:

हनीमून सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी माशूका जिसे सेक्स बहुत पसंद है, मेरे साथ सुहागरात मनाने की इच्छा जाहिर की. मैंने उसकी तमन्ना कैसे पूरी की?

ज़ारा ने मेकअप किया और वो लहंगा-चुन्नी पहना.
ज़ारा- जाओ आप अपने कमरे में!
मैं- तुम इतनी खूबसूरत लग रही हो कि तुम्हें छोड़कर जाने का मन ही नहीं कर रहा! 
ज़ारा- आपके ही पास आ रही हूं मैं!
मैं- पहले एक पप्पी दो! 
ज़ारा- क्यों बच्चों जैसी हरकतें कर रहे हो जान? जाओ!

मैं अपने कमरे में चला गया.

अब आगे की हनीमून सेक्स स्टोरी:

कुछ देर में ज़ारा आई.

लाल-महरून शादी के जोड़े में लिपटा उसका गोरा बदन! 
माथे पर दाहिनी ओर पड़ा झूमर, माथे पर मांगटीका, हेजल आंखों में डाला मस्कारा, गुलाब से होंठ, सुतवां नाक में नथ, कानों में सोने के झुमके, गले में हीरे का नेकलेस, सोने के बाजूबंद, हाथों में लाल चूड़ा!

मेहंदी तो वो हमेशा ही लगाये रहती है लेकिन आज मेहंदी का डिजाइन भी उम्दा!

सोने के हथफूल, कमरबंद, पैरों में सोने की पाजेब, उस वक्त दिखाई नहीं दी लेकिन बाद में दिखीं!

देखता ही रह गया उसे! 

आप लोग सोच रहे होंगे कि इतनी महंगी ज्वेलरी कहां से आयी? 
इसका जवाब है अमीर आदमी क्या नहीं खरीद सकता?
ज़ारा को सजने-संवरने का शौक तो शुरू से ही है ऊपर से मां-बाप की लाड़ली! 
हैरत नहीं होनी चाहिये कि उसके पास सारी ज्वेलरी रखी होगी. 

इतनी खूबसूरत महबूबा! 
शादी के जोड़े में! 
सब हार-शिंगार किये हुये सामने खड़ी हो तो आदमी क्या करेगा?
गिरा के बिस्तर पर चूस लेगा उसके हुस्न को! 
यही एक हथियार है हम मर्दों के पास! 

लेकिन लड़कियां? 
औरतें? 
उनकी ख्वाहिशें? 
मैं- बिस्तर पर बायीं तरफ घूंघट निकाल कर बैठ जाओ! 
ज़ारा- जी! लेकिन मेरा आपसे कुछ भी छिपा नहीं है तो घूंघट करना अजीब सा लगेगा!

मैं- ज़ारा, एक्टिंग करनी है. मैं भी तो करूंगा! 
ज़ारा- जी!
वो घूंघट डालकर बैठ गयी सुहाग सेज पर.

मैं उठकर बैठा उसके पास; उसका घूंघट उठाया तो उसने शरमा कर आंखें बंद कर लीं और गर्दन झुका ली.

मैंने एक बर्फी ली और खिलाने लगा तो वो बोली- पहले आधी आप खाईये!
तो मैंने आधी बर्फी खायी और बचा टुकड़ा उसे खिलाकर दूध का गिलास उसे दिया तो उसने गिलास मेरे होंठों से लगा दिया दिया.

मैंने दो घूंट दूध पिया तो उसने भी दो घूंट पीकर गिलास पास ही टेबल पर रख दिया. 

अब मैंने उसे वो हार पहनाया- ये तुम्हारी मुंह दिखायी! 
ज़ारा- आप ही पहना दीजिये!
और उसे लिटाकर किस करने लगा जब ज़ारा साथ देने लगी.

मैं हटा और उसे बिठा लिया; बिठाकर सबसे पहले उसकी चुन्नी उतारी और नाक पर चूमकर उसकी नथ उतार दी इसके बाद माथे पर चूमा और मांग टीका निकाल दिया.

अब मैंने उसके होंठों को चूमा और उसके कान की लव को झुमके समेत मुंह में लेकर चूसने लगा. 

ज़ारा बेसब्र होने लगी तो मैंने मुंह हटाया और झुमके निकालकर टेबल पर रख दिये.

थोड़ा नीचे हुआ और उसकी गर्दन को चूमने-सहलाने लगा, वो लंबी-लंबी सांसें लेने लगी.
मैंने हार और नेकलेस भी निकाला और ब्लाउज में छिपी उसकी चूचियां दबाने लगा.

एकाएक ज़ारा ने घूमकर पीठ मेरी ओर कर दी.
मैं एक-एक डोरी चूमता और वो आहें हैं भरती! 
डोरियां खुलीं तो सामने आ गयीं ब्रा में कसी उसकी गोरी चूचियां!

मैं ब्रा निकाल कर चुभलाने लगा उसकी चूचियों को और ज़ारा लंबी-लंबी आहें भरती हुयी एकदम से झड़ गयी.

अब मैंने उसे घुटनों के बल खड़ा किया और उसके कंधे पर चूमते हुये बाजूबंद भी खोलकर रख दिये.

मैं उसकी क्लीवेज को चूमने लगा और चूमते-चूमते नाभि पर आ रुका; नाभि में जीभ डाली और होंठों में भर लिया.
ज़ारा फिर से आहें हैं भरने लगी.
 
मैंने उसकी नाभि को चूसते हुये ही कमरबंद खोल दिया.
अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने अपने कपड़े निकाल दिये और उसके हथफूल भी! 

मैं उसका लहंगा उतारकर 69 की पोजीशन में आ गया! 
ज़ारा ने झट से लंड को मुंह में भर लिया और मैंने चूत को!

मैं उसकी चूत को जीभ से चोदने लगा और वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
 
उसके मुंह में मैं नहीं टिक पाया और झड़ गया.
उसने लंड को अपने होंठों में दबा लिया और सारा जूस पी गयी.

अब मैंने उसकी क्लिट को रगड़ना शुरु किया और कुछ ही देर में उसे भी झाड़ दिया.

तब तक ज़ारा ने लंड को चाट-चूस कर फिर से तैयार कर दिया था.

मैंने ऊपर आकर उसकी एक चूची को मुंह में ले लिया और एक को सहलाने लगा.
अब हुई वो आपे से बाहर और तो कुछ कर नहीं सकती थी मेरे निपल्स को सहलाने लगी.

मुझ पर हुआ सेक्स का भूत सवार! 
मैंने उसे बांहों में भरा और मिशनरी पोजीशन में चुदाई करने लगा.

कुछ देर बाद मैं बोला- घोड़ी बन जाओ! 
वो घोड़ी बनी!

लंड तो चूत के रस से चिकना हो ही रखा था मैंने एक ही झटके में पेवस्त कर दिया पूरा लंड उसकी गांड में!
ज़ारा चिल्ला उठी- जा … न! दर्द भी होता है गांड में!

मैं रुककर उसकी चूचियां दबाने लगा कुछ ही देर में ज़ारा आहें भरने लगी तो मैं झटके देने लगा और दो उंगलियां उसकी चूत में अंदर-बाहर करने लगा.

कुछ ही देर बाद ज़ारा झड़ने लगी तो मैंने धक्के तेज कर दिये और उसका चेहरा अपनी ओर घुमाकर किस करता हुआ झड़ गया.

थोड़ी देर में उसके ऊपर से उठकर अपना लंड और उसकी चूत, गांड साफ कीं और उसे गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया.
वहां उसने अपनी चूत, गांड धोयीं और मेरा लंड भी साबुन लगाकर अच्छे से धो दिया! अब हम फिर से बिस्तर पर आ लेटे!

मैं- ज़ारा! 
ज़ारा- जी?
मैं- दो दिन की छुट्टी और ले लेते हैं! 
सुनते ही ज़ारा लिपट गयी और गाल पर चूम लिया. 

मैं उसे फिर किस करने लगा और उसकी चूचियां दबाने लगा तो वो फिर गर्म होने लगी और नीचे हाथ ले जाकर लंड पकड़ लिया.

कुछ देर चूमकर मैं थोड़ा नीचे हुआ और उसकी चूचियां चूसते हुये चूत को भी रगड़ने लगा तो ज़ारा मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाने लगी. 

अब मैं उसकी चूत में उंगलीबाजी भी करने लगा तो वो एकदम मचल सी उठी.
ज़ारा- आ … ह … उ … ह … जान! 
और लंड को दबाने लगी.

मैं थोड़ा ऊपर होकर बिस्तर के सिराहने से कमर लगाकर बैठ गया.
वो लंड पर झुकी और चूसने लगी.
मैं भी एक हाथ से कभी उसकी गांड तो कभी चूत सहलाता रहा.

थोड़ी देर में मैंने उसे हटाया और लिटाकर उसकी चूत चूसने लगा.
ज़ारा तड़प सी गयी और लंबी-लंबी आहें भरने लगी.

अचानक उसने मेरा मुंह अपनी जांघों के बीच दबा लिया- जान … आ … ह … जा … न! 
कहते-कहते झड़ गयी.

जब उसकी पकड़ ढीली पड़ी तो मैं उठा, उसने नैपकिन से मेरा चेहरा साफ किया और फिर से किस करने लगी. 
मैं उसकी चूचियां दबाने लगा, निपल्स को सहलाने लगा तो ज़ारा फिर से गर्म हो गयी.

अब मैं उसके ऊपर आया और लंड को उसके क्लीवेज में रख दिया.

उसने भी लंड पर चूचियां दबा लीं. मैं आगे-पीछे होकर उसकी चूचियां चोदने लगा.

कुछ देर में बिल्कुल तप कर ज़ारा तड़प उठी.
मैं उसके बराबर में लेटा और उसकी एक टांग उठाकर पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया.
ज़ारा के मुंह से मीठी सी सीत्कार निकली.

अब मैंने शुरू की चुदाई!
कुछ ही देर में ज़ारा लंबी-लंबी आहें भरने लगी- आह … जान … आअ आहाआ आ जान!
मैं- ऊपर आ जाओ! 

कहकर मैं सीधा लेटा तो वो ऊपर आयी और लंड को पकड़कर चूत में घुसा लिया और उछलने लगी.
मैं उसकी हिलती हुयी चूचियां पकड़ कर दबाने लगा.

अब ज़ारा हुयी पागल और जोर-जोर से आहें भरते हुये कुछ ज्यादा ही तेजी से उछलने लगी.
ज़ारा- आ, आ, आ, आ! 

ये देखकर मैंने उसकी कमर को पकड़कर रोका तो वो झुककर किस करने लगी.
मैंने उसके कूल्हों को थोड़ा सा उठाकर नीचे से झटके शुरू कर दिये.

कुछ देर में ज़ारा कांपने लगी, मैंने उसे बाजुओं में कस लिया और होंठों को मजबूती से जकड़ लिया.
दो-चार झटकों के बाद ही हम दोनों झड़ गये.

यह चुम्बन काफी लंबा चला.

हम अलग हुये तो वो उठी, मेरा लंड, अपनी चूत साफ की और मेरे कंधे पर सिर रख कर लेट गयी. 

ज़ारा- ये आज क्या कर रहे हो आप?
मैं- क्या हुआ?
ज़ारा- बिना कुछ किये ही बार-बार झाड़ रहे हो मुझे!
मैं- सुहागरात का मजा!
ज़ारा- ऐसा मजा?

मैं- क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा?
ज़ारा- अच्छा तो लगा लेकिन जिस्म टूट गया मेरा!

मैं- लेकिन चुदाई का मजा भी तो बढ़ा? 
ये सुनते ही उसने मेरी गर्दन के साथ चेहरा छुपा लिया.

मैं- क्या हुआ?
ज़ारा- मुझे शर्म आ रही है! 
ये सुनकर मैं हंसने लगा- मुझसे शरमा रही हो?

ज़ारा- हम्म!
मैं- मुझसे कैसा शरमाना? 
ज़ारा- पता नहीं क्यों? लेकिन आ रही है!
मैं- चलो फिर से सेक्स करते हैं, तुम्हारी शर्म दूर हो जायेगी! 
ज़ारा- जान मेरी चूत दुखने लगेगी!
मैं- चलो गांड में कर लेते हैं!

ज़ारा- जान प्लीज! मान जाओ!
मैं- ठीक है जैसा तुम चाहो! 
कहकर उसे आगोश में ले लिया और हम सो गये.

रात करीब दो बजे मुझे पेशाब लगा तो मैं उठकर वॉशरूम गया.
वापस आया तो ज़ारा पर नजर पड़ी! 

दीन-दुनिया से बेखबर नंगी ही बिस्तर पर सोयी वो बहुत प्यारी लग रही थी! 
लंड ने सलामी दी और सेक्स के लिये मन मचल गया.

हनीमून सेक्स स्टोरी कैसी लगी?

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इस कहानी को यहीं पर समाप्त किया जा रहा है.

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