गांडू की बीवी की मस्त चुदाई उसके सामने-2

(Gandu Ki Biwi Ki Mast Chudai Uske Samne- Part 2)

कहानी का पिछला भाग: गांडू की बीवी की मस्त चुदाई उसके सामने-1

चाय के बाद अजहर बोला- यार … आशना का चुम्मा तो लो!
मैं उसके पति के सामने ही मैं आशना के लबी चूसने लगा जोर जोर से!
अजहर मस्त देख रहा था और बार बार बोल देता- इसकी चुचियाँ भी दबाओ।
मैं दबा देता।

ऐसे 7 बज गए. फिर आशना नाश्ता बनाने चली गयी किचन में।

उसके बाद अजहर और मैं बैठे थे रूम में … वो बोला- कंडोम लाये हो?
मैं बोला- हाँ लाया हूँ।

उसके बाद वो मेरी जीन्स के ऊपर से लंड पे हाथ फेरने लगा।
मैं बोला- क्या कर रहे हो?
वो बोला- कुछ नहीं लौड़ा नाप रहा हूँ।

अजहर मस्त जोर जोर से दबा रहा था लौड़ा मेरा … मुझे बड़ा अजीब लग रहा था।
मैं लेट गया।

उसने अपनी बीवी आशना को जोर से आवाज़ दी- आशना बेगम … कितनी देर में बनेगा नाश्ता?
वो बोली रसोई से- आधा घंटा तो लग जायेगा।
अजहर बोला- ठीक है।

उसके बाद वो मेरे कान में बोला- बाहर निकालो इसको!
मैं बोला- क्यों?
वो बोला- चूसना है मुझे।
मुझे बड़ा गुस्सा आया कि हद है बेशर्मी की!

इतने में मैं कुछ बोलता … वो उठ कर रसोई में गया और झट से वापिस आ गया।

अब अजहर ने मेरी जीन्स की चैन खोली और मेरा लौड़ा चूसने लगा जोर जोर से आगे पीछे!
मुझे गुस्सा आ रहा था … उसके दांत बार बार मेरे लंड को काट रहे थे।

4-5 मिनट लौड़ा चूसने के बाद उसने खुद मेरी चैन बंद की और मेरे कान में बोला- आशना को बताना मत!
मैं बोला- ठीक है … लेकिन एक बात बताओ, तुम गांडू हो क्या?
सीधा बोल दिया मैंने उसको।
वो बोला- हाँ … लेकिन बस 4 बार गांड मरवाई है मैंने।
मैं बोला- आशना को पता है तुम्हारी कि तुम गांडू वो?
वो बोला- नहीं।

फिर कुछ देर में मैं उससे बोला- तुमको बुरा नहीं लगता तुम्हारी बीवी किसी और से चुदे?
वो बोला- लगता है … लेकिन तुम दूसरे बंदे हो जो इसको चोदोगे।
उसने बताया- इससे पहले एक और बंदा उसकी बीवी आशना चोद चुका था।

फिर उसकी बीवी आशना आ गयी नाश्ता लेके।
मैं बोला- मैं नहा के आता हूँ।
मैं 20-25 मिनट में नहा के आ गया.

उसके बाद हम सबने नाश्ता किया।

उसके बाद हम तीनों अंदर वाले रूम में आ गए। वहाँ पर दो बेड थे एक पे अजहर और दूसरे में आशना भाभी और मैं थे।

मैं उसके बालों को सहला रहा था और बातें कर रहे थे।
करीब 15 मिनट ऐसे करते हो गए तो अजहर बोला- चोदो इसको … इतना इंतज़ार किस बात का कर रहे हो?
मैं कुछ नहीं बोला.

अब मैं आशना भाभी के होंठ चूसने लगा. वो भी एकदम पागलों की तरह मेरे होंठ चूस रही थी। हम दोनों एक दूसरे में खोए हुए थे। मैं साथ साथ उसके चुचे भी दबाता जा रहा था वो और गर्म होती जा रही थी।

कुछ देर में उसका पति अजहर उठा, उसने अपनी जोरू की मैक्सी को उतार दिया, उसको नंगी कर दिया. उसने कुछ नहीं पहना था अंदर से।

और फिर मैं उसकी चुचियों पर आ गया।

उसकी मोटी मोटी चुचियाँ मुझे पागल कर रही थी, मैं खूब जोर जोर से आशना की चुचियों को मसल रहा था। वो आहें भर रही थी।

अब मैंने उसकी एक चूची अपने मुंह में भरी और चूसने लगा. वो भी बड़े मजे से चुसवा रही थी चूची अपनी … और बीच बीच में बोल रही थी- काटो मेरी चुचियों को मेरी जान! चूस डालो इनको!
मैं भी मसल मसल के चूस रहा था चुचियाँ उसकी.
मैंने देखा कि अजहर सामने बैठा अपने लंड को सहला रहा था और हमें देख रहा था.

आशना अब मेरे लोड़े को ऊपर से रगड़ रही थी।

मैंने उसकी चूचियां ‌करीब पांच मिनट तक दबा के चूसी। उसके बाद मैं लेट गया. वो अब बाल खोल के अपने मेरे लंड के तरफ बढ़ी।

उसने पहले तो मेरा लोअर उतार दिया उसके बाद मैंने खुद अपनी शर्ट उतार दी थी। उसके बाद वो मुँह से मेरे अंडरवीयर को नीचे करने लगी.
मेरा लौड़ा एकदम पागल हो चुका था, तब तक एक दम खड़ा हो गया था।

आशना मेरे नंगे लौड़े पे पहले तो धीरे धीरे जीभ घुमाने लगी। सामने बैठा उसका शौहर अजहर बस हमने देख देख के मस्त खुश हो रहा था, बार बार बोल रहा था- जल्दी चूसो अमन का! फिर चूत की चुदवाई करवाओ।

‌आशना अब मेरा लंड चूसने लगी. मैं भी उसके मुँह को पकड़ के अपने लौड़े के ऊपर कर रहा था. वो एकदम पूरी रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी. अब मुझे मज़ा नहीं आ रहा था, नीचे लेट के उसका मुँह चोदने में दिक्कत हो रही थी बहुत।
मैंने उसको बोला- एक काम करो … तुम बेड पे उल्टी मुँह करके लेट जाओ।
वो लेट गयी।
उसके बाद में नीचे आया और अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल के जोर जोर से धक्के धक्के मारने लगा. वो भी एकदम मस्त मस्त गालियों को साथ।

‌उसका पति मेरा लौड़ा ऐसे देख के खुश हो रहा था। उसके दिमाग में ना जाने क्या था, वो बोला- तुम दोनों चुदाई करो, मैं आता हूँ दुकान से।
उसके बाद वो चला गया और बाहर का ताला लगा दिया।

अंदर मैं आशना भाभी के मुँह की मस्त चुदाई करने में बिजी था। मैं उसके बाल पकड़ के रंडी बना के उसके मुँह में धक्के मार रहा था।
अब वो बोली- कुत्ते अब चल लेट!
ऐसा सुन के मुझे अच्छा लगा.

वो भी मस्त गालियां देने लगी- अपनी रंडी को मौका दे!
मैं लेट गया, वो 69 की मुद्रा में आ गयी, उसकी चूत मेरे मुँह पे और मेरा लौड़ा उसके मुँह पे। मैं इधर उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लौड़ा चाटने लगी।

इतने में उसका शौहर अजहर आ गया।

‌अजहर- अमन, एक काम करो, इस रंडी की आंखों पे पट्टी बांधो.
‌आशना- क्यों अब क्या करना है? चुदने दोगे तुम मुझे या नहीं?
‌अजहर- यार मैं कुछ अलग करने की सोच रहा हूँ.
‌आशना- तुम तो चोद नहीं सकते … अलग क्या लौड़ा करोगे?
‌अजहर- तो तेरा यह दूसरा पति तो करेगा ना!
‌मैं- क्या लड़ाई कर रखी है यार तुम दोनों ने? चलो तेरी आँखों पे पट्टी बांध देता हूँ. अपने पति की सुन लो कि आखिर क्या चाहता है ये?
‌आशना- ठीक है जानू, इनको बस ये चाहिए कि मैं रंडी बन के बस चुदती रहूँ।

‌उसके बाद मैंने आशना की आंखों पर पट्टी बांध दी और यह भी सोचने लगा कि आखिर अब इसका पति क्या गुल खिलायेगा। ‌उसके बाद मैंने उसकी बीवी को कुतिया बनाया वो मस्त गांड उठा के अपनी कुतिया बन गयी।
उसकी आँखों पे पट्टी थी तो उसको पता नहीं चल रहा था कि अब क्या होगा।

‌मैंने आशना की चूत पे लौड़ा फेरने लगा. वो भी गांड हिला हिला के साथ दे रही थी और गालियां दी रही थी- बहनचोद अब चोद भी दे! 5 महीने से चुदी नहीं हूँ।
फिर मैंने उसके बाल पकड़ के एक जोर का धक्का मारा.
वो एकदम चहक गयी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आहह आआहाहाः मार डाला बहनचोद आज तो!

उसके बाद मैं जोर जोर से आशना को चोदने लगा।
वो ‘अहाहाः हहह आआहह कर के जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी. मैं भी मस्त चुदाई करने में लगा पड़ा था। मैं उसकी गोरी गांड पे जोर जोर पे थप्पड़ मार रहा था।
उसकी मोटी गांड मुझे मदहोश कर रही थी।

मुझे मस्ती सूझी, मैंने उसकी दोनों टांगें पकड़ी और हवा में ऊपर उठा दी. वो अब बस अपने हाथों के सहारे बेड पर टिकी थी.
वो बोली- क्या कर रहे हो? प्लीज पट्टी हटाओ.
मैं बोलने वाला ही था उसका पति बोल पड़ा- हाथ बंधवाने हैं क्या? जैसे हो वैसे रहो … चुदक्कड़ बन के चुदवाई करवाओ।
आशना बोली- क्या शौहर पाया है मैंने … औरों से बीवी को चुदवा के खुश होता है।

‌उसके बाद मैं लेट गया, आशना मेरे ऊपर थी अब!
मैं अपने लौड़े को उसकी चूत पे टिकने वाला था कि इतने में उसके पति ने मेरा लौड़ा पकड़ के उसकी चूत पे टिक दिया। उसके बाद वो ऊपर नीचे उछल उछल के मेरे लौड़े पे गांड पटकने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैं सातवे आसमान में था जैसे।

इधर मैं आशना की चूचियों के साथ खेलने में व्यस्त था। उसकी चुचियों को चूसने में अलग ही मज़ा आ रहा था।
साथ में उसकी मस्त मोटी गांड पकड़ पकड़ के नीचे से धक्के जोर जोर से मार रहा था.
वो आआह ह्म्म्ह आआहह अहह हहह करती हुई एकदम मस्त लग रही थी।

‌उसकी गांड को पकड़ पकड़ के चोदने में मस्त मज़ा आया मुझे. उसके बाद 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मेरा लौड़ा झड़ गया। वो भी एकदम थक चुकी थी तो वो मेरे लंड पर से उतर कर मेरे बगल में लेट गयी।
अब भी उसकी आँखों में पट्टी बंधी थी।

थोड़ी देर हमने बातें की … वो सो गई फिर।
उसके बाद में भी ऐसे लेटा रहा।

तभी उसका पति अजहर मेरे लौड़े को अपने हाथों से रगड़ने लगा। वो चॉकलेट लाया था और मेरे लौड़े पे लगाने लगा और मुझे इशारा कर रहा था कि मैं चुप रहूँ।

‌उसने मेरे लौड़े पे चॉकलेट लगाई और चूसने लगा. मुझे अब मज़ा आ रहा था कि क्या गांडू है बीवी को चुदवा के खुश होता है और खुद बोलता है कि और चोद मेरी बीवी को रंडी बना के।
उसने मेरा लौड़ा 5 मिनट तक खूब चूसा।

‌फिर मैं सो गया।

करीब 3 बजे के आस पास हम उठे. आशना ने अपनी पट्टी खोल दी थी. उसके पति अजहर ने खोली या खुद खोली पता नहीं।
फिर वो नहाने चली गयी और ऐसे ही नंगी आयी.

उसके बाद मैं भी फ्रेश होके आ गया। सब नहा लिए थे। हमने खाना बाहर से मंगवाया और खाया।

‌फिर ऐसे ही रात होने को थी।
दिन भर खूब सारी बातें हुई मजे किये फिर रात को 9 बजे के आस पास फिर उसका पति बोला- और चुदाई करो इसकी।
मैं बोला- इसको तो कहने दो।
उसको बेगम आशना बोली- हाँ क्यों नहीं … रंडी बना दो मुझे तुम दोनों।

‌मैंने अपने बैग से लैपटॉप निकाला और एक साइट चुदाई वाली खोली. उसमें मैंने एक चुदाई वालो वीडियो चला दी। उस वीडियो में था कि एक पति अपनी पत्नी की चुदाई किसी और से करवा रहा है।
उसके बाद उस वीडियो में उसका पति और जो उसकी बीवी को चोद रहा था वो ऊपर छत वे गए वहाँ चुदाई करने लगे।

मैंने बोला उसकी बीवी आशना से- चलो छत पे चुदाई करते हैं।
पहले तो वो मना करने लगी पर बाद में अजहर के कहने पे मान गयी।

करीब 10 बजे के आस पास हम तीनों ऊपर गए। अजहर अपने साथ ऊपर एक मोटा गद्दा ले गया था, उसे उसने जमीन पर डाल दिया।
हम तीनों नंगे तो थे ही … वहीं मैंने आशना को पकड़ के चूसना चालू कर दिया. वो भी मेरा साथ दे रही थी।

अंधेरा काफी था और उनका घर ऊंचा था तो किसी को पता चलने का नाम ही नहीं था।

चुसाई करने के बाद मैं रेलिंग के किनारे बैठ गया, वो नीचे लेटा के मेरा लौड़ा चूसने लगी, उसका पति उसके बाल पकड़ के मेरे मुँह की तरफ बार बाद धकेल रहा था।
मुझे मज़ा आ रहा था खुल के।

‌उसके बाद मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा किया. वो भी खड़ी हो गयी और गांड अपनी पीछे की तरफ करके बोली- अब डालो जान!
मैंने उसकी चूत पे लौड़ा फंसा के जोर से धक्का मारा. उसका मुँह मैंने पहले ही दबा दिया था कि कहीं चिल्ला ना दे ये।

मैं जोर जोर से आशना को चोदने लगा। उसकी एक टांग उठा के मैंने खूब चोदा.

उसका पति नीचे आ गया, जैसे ही मेरा लौड़ा उसकी चुत से बाहर आता वो आशना की चुत चाट लेता, फिर मेरा लौड़ा पकड़ के उसकी चुत में डाल देता।
मुझे उसके ऐसे करने में अच्छा लगा बहुत।

‌हमने उस रात खूब चुदाई की. रात एक बजे हम नीचे आके सो गए।
तो दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स कहानी जो एकदम सच्ची है।

पहली कहानी में काफी आपके मेल्स आये. खासकर सब बोले कि भाभी का नाम तो लिख दिया करो। तो दोस्तो मैं इतना कहूंगा कि सेफ्टी जरूरी है यह मस्ती और चुदाई की कहानी बस मनोरंजन के लिए है। इसलिए किसी का नाम उछाल के खुश होना गलत बात है। फिर भी मैंने इस कहनी में काल्पनिक नाम दाल दिए हैं.

मस्त रहो … चुदाई करो … मजे करो … खुश रहो।

आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी? आप मुझे ईमेल भेज के बता सकते हैं।
‌मेरी ईमेल अड्रेस है [email protected] आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा। आपके मेल्स आगे कहानियां लिखने में प्रेरित करेंगे। धन्यवाद फिर मिलेंगे।

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