क्रॉसड्रेसर दोस्तों के साथ डर्टी गे सेक्स- 2

(Crossdresser Dosto Ke Sath Dirty Gay Sex- 2)

सबसे ज्यादा आनन्द तो एक क्रॉसी को तब आता है, जब कोई उसकी गांड को अपनी जीभ से कुरेदता है और वही मजा इस वक्त मुझे मिल रहा था.

हैलो फ्रेंड्स, मैं मोहिनी क्रॉसड्रेसर एक बार फिर से आपके सामने अपने दोस्तों के साथ ग्रुप सेक्स कहानी का मजा देने आ गई हूँ.
पहले भाग
क्रॉसड्रेसर दोस्तों के साथ डर्टी गे सेक्स- 1
में अब तक आपने पढ़ा था कि जैक ने निशि का ब्लाउज फाड़ दिया था और वो उसकी ब्रा भी खींच कर फाड़ने वाला था.
निशि ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया. क्योंकि हम क्रॉसड्रेसर्स को ब्रा पहने हुए ही औरत होने का अहसास गर्म करता है.

अब आगे:

निशि की बात मान कर जैक ने उसकी ब्रा को ऊपर खिसका दिया और उसके एक बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को एक हाथ से दबाने लगा.

वहीं रोनित ने उसकी पैंटी को साइड में करके एक उंगली उसकी गांड में डाल दी.
इससे निशि कसमसाने लगी थी.

मैंने रोहिणी की तरफ देखा, तो वो मुस्कुरा दी.
रोहिणी का पेटीकोट और ब्लाउज उसके जिस्म का साथ छोड़ चुके थे.

कमल रोहिणी के तने हुए उरोजों को ब्रा के ऊपर से ही सहला रहा था और नील उसकी पैंटी को साइड में करके उसके चूतड़ों को मसल रहा था.

अरुण ने मेरे जिस्म से मेरे ब्लाउज और पेटीकोट को अलग कर दिया, लेकिन उसने ब्रा पैंटी को नहीं उतारा था. शायद उसे उसके मायने पता थे.

मेरे उरोज एक छोटे संतरे के आकार के थे, लेकिन रोहिणी के उरोज मुझसे बड़े थे और वही उरोज उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे.

रोहिणी ब्रा पैंटी में बिलकुल एक देसी भाभी की तरह लग रही थी, जो अपने यार को अपने अन्दर समा लेने को बेकरार थी.

इधर मेरे चूचक तन चुके थे और अरुण ब्रा को खिसका कर उन्हीं चूचुकों को अपनी हाथ की दो उंगलियों में लेकर मसलने लगा.

इससे मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मेरे अन्दर की औरत जानती थी कि एक मर्द को खुश कैसे किया जाता है.
मेरे मुँह से दर्द की जगह एक सिसकारी निकली.

वहीं रोनी ने मेरी पैंटी को साइड में करके अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद में लगा दिया और मेरी गांड को चाटने लगा.
वो इसके साथ ही साथ मेरे चूतड़ों पर चांटे भी मार रहा था.

हर चांटे पर मेरे मुँह से निकलने वाली ‘आह उह स्स्स्स ..’ की कामुक आवाजें माहौल को उत्तेजित बना रही थीं.

निशि वापस से जैक और रोनित का लंड मुँह में लेकर चूस रही थी.

मुझे जिस बात का अंदाजा था, वही हुआ. वो लंड को अपनी गांड में लेने के लिए कर रही थी.

थोड़ी देर चूसने के बाद उसने जैक के लंड पर चिकनाई के लिए जैली लगायी.

रोनित उसके सामने ही था और रोनित ने अपना लंड उसके मुँह में दे रखा था.

तभी जैक ने पीछे आकर थोड़ी सी जैली निशि की गांड में लगायी और उसकी गांड पर दो तीन चांटे मारे.
जैक निशि से बोला- तुम तैयार हो!
निशि ने हां में सिर हिला दिया.

जैक ने अपने लंड का टोपा निशि के गुलाबी गांड के छेद पर रखा और धीरे धीरे अपने लंड को उसकी गांड में डालने लगा.

निशि पहले भी एक दो बार गांड मरा चुकी थी, तो उसको ज्यादा दर्द नहीं हुआ.

पूरा लंड निशि की गांड में चला गया, तो जैक ने धक्के देने शुरू कर दिए.
जब निशि के मुँह में रोनित का लंड नहीं होता, तो उसकी ‘आह आह स्स्स्स स्स्स्स ओह्ह ओह्ह ..’ की आवाजें बता रही थीं कि निशि को मजा आने लगा था.

दूसरी तरफ रोहिणी नील के लंड को अपनी गुलाबी गांड की सैर करवा रही थी और कमल उसके बूब्स को चूस रहा था.

नील के लंड के हर झटके पर रोहिणी ‘आह्ह ओह्ह्ह इसस्स ..’ की आवाजें निकाल रही थी और बोल रही थी- जोर से मेरे राजा.

इधर मेरे मुँह में रोनी का लंड तो गुलाबी गांड में अरुण का लंड था.

अरुण मेरे चूतड़ों पर चांटों की बरसात कर रहा था. उसे इसमें मजा आ रहा था, तो मैंने भी उसे मना नहीं किया.
सच तो ये था मैं भी यही चाहती थी. अब कमरा धप धप और चट चट की आवाजों से गूंज रहा था.

करीब पंद्रह मिनट निशि की गांड मारने के बाद जैक झड़ने को आया, तो जैक और रोनित ने अपनी जगह बदल ली.

अब रोनित निशि की गांड मार रहा था और जैक उसके मुँह को चोदने में व्यस्त था.

कुछ ऐसी ही अदला-बदली नील और कमल के बीच में हुई.

अब कमल रोहिणी की गांड में अपना लंड एक घोड़े की तरह दौड़ाए जा रहा था.
लेकिन रोनी और अरुण ने अदला बदली नहीं की.

अरुण ने मुझसे पूछा- क्या दो लंड एक साथ गांड में लेना पसंद करोगी.

मैं पहले भी ऐसा कर चुकी थी लेकिन छह महीने से मैंने किसी का लंड अपनी गांड में नहीं लिया था, तो दो लंड एक साथ लेने से डर रही थी.
लेकिन फिर भी मैंने हां कर दी.

अब रोनी नीचे लेट गया और मैंने उसके लंड और अपनी गांड में खूब सारी जैली लगायी और उसके लंड को अपनी गांड के छेद पर सैट किया.
फिर लंड को अपनी गांड के अन्दर ले लिया.

अब बारी थी अरुण की. उसने पहले अपने लंड पर जैली लगायी और मेरी गांड में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा.
उसका लंड मेरी गांड में नहीं जा रहा था.

उसने दोबारा फिर कोशिश की, तो उसके लंड का टोपा मेरी गांड में घुस गया.

जैसे ही अरुण के लंड का टोपा मेरी गांड में घुसा, मेरी चीख निकल गयी और एक तेज दर्द की सिहरन मेरे जिस्म में दौड़ गयी.

रोनी को पता था कि जब अरुण का लंड आगे बढ़ेगा, तो मुझे दर्द होगा. वो मुझे मेरे होंठों पर चूमने लगा और मेरे बूब्स की घुण्डियों को दबाने लगा.

जब रोनी ऐसा कर रहा था, तभी अरुण ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया.
अब उसका और रोनी दोनों के लंड मेरी गांड में थे.

अरुण कुछ देर उसी हालत में रुका रहा.
कुछ देर बाद जब मुझे आराम हुआ, तो मैंने अपनी गांड हिला कर दोनों को इशारा किया.

उसके बाद उन दोनों के लंड मेरी गांड में पिस्टन की तरह चलने लगे.
मुझे शुरूआत में दर्द हुआ, लेकिन बाद में जब मेरी गांड लंड के हिसाब से फ़ैल गयी, तो मुझे भी मजा आने लगा.

अब मैं ‘आह्ह उह्ह्ह इस्स ..’ की आवाजें निकाल रही थी, सिसकार रही थी.
मेरी मादक सिसकारियां उनका हौसला बढ़ा रही थीं.

पंद्रह मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद हम सब झड़ने के करीब थे.
हम तीनों पहले ही प्लान बना चुके थे कि हमें मलाई का क्या करना है.

नील और कमल ने अपने वीर्य को रोहिणी के मुँह में दिया. रोनित और जैक ने निशि के मुँह में, वहीं रोनी और अरुण ने मेरे मुँह में अपना माल निकाला.

इसके बाद बाद हमने इस माल को एक गिलास में थूक कर इकठ्ठा किया और उसके बाद हम तीनों ने भी अपना माल उसी गिलास में निकाला.

फिर मैंने, निशि और रोहिणी ने थोड़ा थोड़ा उसे अपने मुँह में लिया और फिर उसे हमने एक दूसरे के मुँह में दिया और उसके बाद मजे लेते हुए पी गए.

ये रोहिणी और निशि की डर्टी सेक्स की फैंटेसी थी, जिसमें उस दिन मैं भी शामिल हो गयी थी.

उन दोनों की अभी एक फैंटेसी और रह गयी थी जो उन दोनों ने मुझे बताई थी.
वो थी गैंगबैंग सेक्स.

मेरा तो एक बार गैंगबैंग हो चुका था, लेकिन फिर मुझे इसमें शामिल होना पड़ा.

कुछ देर आराम करने के बाद हमने डिनर आर्डर किया.
यही कोई पच्चीस मिनट बाद हमारा डिनर आ गया. हम सबने डिनर किया.

डिनर करते करते एक बज चुका था. उसके बाद रोनी अपने रूम से जाकर व्हिस्की की बोतलें ले आया. निशि ने हम सबके लिए पैग बनाये.

जैक, रोनी, नील, अरुण, रोनी और कमल ने दो दो लार्ज पैग लगाए और इतनी देर में मैंने, रोहिणी और निशि ने तीन पैग लगा लिए थे.

हम सब पर अब दारू का असर साफ़ दिखने लगा था. लेकिन रोहिणी, निशि और मुझे दारू की जरूरत ज्यादा पड़ने वाली थी, तो हमने एक एक पैग और लगा लिया.

इसके बाद हमारा चुदाई का दूसरा राउंड स्टार्ट हुआ.

अब ये सब लाइन में खड़े हो गए और हम तीनों ने इनके लंड चूसना शुरू कर दिए.
कभी निशि जैक का लंड चूसती, तो कभी नील का.
वैसे ही रोहिणी कभी अरुण का तो कभी कमल का लंड चूस रही थी.

मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही था. हम तीनों लंड चूसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे.

करीब दस मिनट लंड चुसाई के बाद, इनके लंड अच्छे से खड़े हो चुके थे.
अब टाइम हमारी गांड चुसाई का था, तो नजारा कुछ ऐसा था कि नील मेरी गांड को अपनी जीभ से कुरेद रहा था और जैक मेरे बूब्स को ऐसे दबा दबा कर पी रहा था, जैसे उनमें सच में दूध आ रहा हो.

लेकिन सबसे ज्यादा आनन्द तो एक क्रॉसी को तब आता है, जब कोई उसकी गांड को अपनी जीभ से कुरेदता है और वही मजा इस वक्त नील मुझे दे रहा था.
मैं सिसकारने के सिवाए उस वक़्त कुछ नहीं कर पा रही थी.

मेरे एक तरफ कमल निशि की गांड में कभी उंगली डाल रहा था, तो कभी जीभ.

निशि के मुँह में रोनी ने लंड दे रखा था और साथ ही साथ वो उसके दूध को भी दबा रहा था.
वहीं दूसरी ओर रोहिणी की गांड में रोनित की जीभ की जीभ कमाल कर रही थी और अरुण बैठकर नजारों का मजा ले रहा था.

कमरे बस हम तीनों की ‘स्स्स्स आह्ह …’ की आवाजें ही सुनाई दे रहीं थीं.

नील, रोनित, कमल, जैक, अरुण और रोनी पता नहीं क्या प्लान बना कर बैठे थे.
इस बार वो सब अदल बदल कर हमारी गांड चूसे जा रहे थे.

करीब पंद्रह मिनट इन सबने हमारी गांड चुसाई की.
लेकिन अपना लंड हमारी गांड में नहीं डाला.

गांड चुसाई के बाद बिना लंड के हम तीनों की बुरी हालत थी. लेकिन एक भी अपना लंड हमारी गांड में डालने को तैयार नहीं था.

जैसे जल बिन मछली होती है, वैसे ही लंड के बिना हम तड़प रहे थे.

फिर कुछ देर बाद ये सब बोले- तुम सब हम सबसे पहले लंड की भीख मांगो और बोलो कि मालिक हमको अपनी रखैल बना लो, हमें रंडी की तरह चोद दो.

हमारी हालत का अंदाजा आप लगा सकते हैं … तो हम सबने उनसे कहा- मालिक, हम भीख मांगते हैं, हमें अपनी रखैल बना लो और रंडियों की तरह हमारी चुदाई कर दो.

जब हमने दो तीन बार कहा, तो वो सब हमें चोदने को तैयार हुए.
उसके बाद हम तीनों, कुतिया की तरह बैठ गईं.

जैक ने अपना लंड रोहिणी की गांड में, रोनित ने निशि की गांड में और नील ने मेरी गांड में पेल दिया और हमारी गांड में अपने लंड को पिस्टन की तरह सटासट पेलने लगे.

रोहिणी, निशि और मेरे चेहरे की चमक लंड मिलने की खुशी को बयां कर रही थी.
दारू का नशा और गांड में लंड हम तीनों को स्वर्ग की अनुभूति करवा रहे थे.

पूरा कमरा हमारी ‘आहहह उह्ह स्स्सस्स, जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी गांड …’ और थप धप की आवाजों से गूंज रहा था.

दस मिनट की चुदाई के बाद हमने अपनी पोजीशन बदल ली.
अब जैक, रोनित और नील लेट गए और हमने उनके लंड को अपनी गांड में रखा था.

अभी चुदाई थोड़ी देर ही चली थी कि कमल अपना लंड मेरी गांड में डालने आ गया.
अरुण निशि के पास था और रोनी रोहिणी के पास पहुंच गया. मतलब हम सबकी गांड फटने वाली थी. थोड़ी कशमकश के बाद कमल का लंड मेरी गांड में, अरुण का निशि की गांड में और रोनी का रोहिणी की गांड में घुस गया.

अब हम तीनों की गांड में दो दो लंड थे. मुझे तो कोई ज्यादा दर्द महसूस नहीं हुआ क्योंकि मैं पहले राउंड में दो लंड गांड में ले चुकी थी और ऊपर से मैं शराब के नशे में थी.

लेकिन निशि और रोहिणी की हालत खराब थी.
भले ही दोनों ने दर्द को बर्दाश्त करने के लिए एक पैग ज्यादा लिया था लेकिन गांड में दो लंड लेना कोई मजाक नहीं था.

रोहिणी और निशि बुरी तरह चीख रही थीं और बोल रहीं थीं- लंड बाहर निकालो.
रोनी रोहिणी की गांड में लंड डाले हुए बोला- रंडी अभी बोल रही थी लंड डालो .. अब बोल रही निकालो .. अब झेल इसे.

तभी जैक और रोनी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, उधर अरुण और रोनित के लंड निशि की गांड को फाड़ने में लगे थे.

मुझे तो चार पांच धक्कों के बाद मजा आने लगा था लेकिन उन दोनों की चीखें मुझे दस मिनट तक सुनाई देती रहीं.

मेरा तो दर्द अब मेरी सिसकारियों में बदल गया था. अब मेरे मुँह से ‘आह्ह उह्ह स्स्स्स चोदो मुझे .. आह फाड़ दो मेरी गांड ..’ जैसी आवाजें निकल रही थीं.

कमल अब मेरे चूतड़ों पर जोर जोर से चांटें मार रहा था, जो मुझे अलग ही मजा दे रहे थे.

दस मिनट के बाद मुझे निशि और रोहिणी की मादक सिसकियों की आवाजें सुनाई देने लगी थी, जो बता रही थीं कि उनको कितना मजा आ रहा था.

इन सबके बीच हम तीनों का भी दो-दो बार पानी निकल चुका था.

करीब पंद्रह मिनट की धक्कमपेल चुदाई के बाद उन सभी ने अपना पानी हम लोगों की गांड में छोड़ दिया. वो गर्म वीर्य हमारे अन्दर की औरत को तृप्त कर रहा था.

फिर हमने उनके लंड को चाटकर साफ़ किया. ये सब करते हुए हम लोगों को पैंतालीस मिनट हो चुके थे.

चुदाई के बाद हम सब ने थोड़ी देर आराम किया. उसके बाद मैंने, निशि और रोहिणी ने व्हिस्की के दो दो पैग और लगा लिए.

इसके बाद निशि उठकर अपने बैग से एक नारियल तेल की बोतल ले आयी और उसने पहले तेल को मेरे बूब्स पर डाला. फिर वो मेरे बूब्स की मसाज करने लगी.

तभी रोहिणी ने तेल की बोतल उठा ली और मेरे पूरे शरीर पर तेल डालने लगी.
निशि मेरे पूरे शरीर की मसाज कर रही थी. मैंने रोहिणी को अपने से सटा लिया और उसको चूमने लगी.

मैंने बोतल रोहिणी के हाथ से ले ली और निशु और रोहिणी को तेल से तरबतर कर दिया.
अब हम तीनों एक दूसरे को चूमते हुए आपस में अपने शरीर को रगड़ रहे थे.

नील और जैक हमें देख कर मजे ले रहे थे और अपने लंड को मसल रहे थे.
कमल, रोनी, अरुण और रोनित कमरे की बालकनी में खड़े हुए थे.

तभी रोहिणी ने जैक और नील को पास आने का इशारा किया, तो वो दोनों हमारे पास आ गए.

मैंने नील और जैक का लंड हाथ में ले लिया और फिर हम तीनों उनके लंड को चूसने लगे.
तभी नील ने उन चारों को भी बुला लिया.

अरुण हमारे तेल में सने हुए शरीर को देखकर बोला- तुम तीनों किसी पोर्नस्टार से कम नहीं लग रही हो.

हमारे तेल से सने हुए शरीर ट्यूबलाइट रोशनी में चमक रहे थे.

हम तीनों तो उनके लंड चूस चूस कर झड़ने के प्लान में थे.
लेकिन उन लोगों ने कहा कि हम सबको किसी की गांड मारने को मिली और किसी की नहीं. तो हम सब तुम तीनों की गांड एक एक करके मारेंगे.

हमारा मन तो नहीं था, फिर भी हमने हां कर दी.

अब मुश्किल ये थी कि हम तीनों में से पहले कौन मरवाएगा.
फिर निर्णय ये हुआ कि पर्ची डाली जाएंगी, जिसके नाम की पर्ची निकलेगी, वो पहले मरवाएगी.

पर्ची डाली गयीं. पहला नाम निकला निशि का, दूसरा निकला मेरा, आखिरी बची रोहिणी.

निशि चुपचाप चौपाया बन गयी और हम दोनों जाकर अलग बैठ गए.
उसके बाद उन सब ने बारी बारी से हम सबकी गांड मारी और अपना पानी हमारी गांड में छोड़ दिया.
हम सबने अपनी अपनी गांड से निकल रहे वीर्य को उंगली से चाटा.

अब हमारी गांड बुरी तरह से दुःख रही थी और उसमे सूजन आ गयी थी. हम तीनों चलने की हालत में नहीं थे.
फिर हमने बची हुई व्हिस्की का एक एक पैग बनाया और पी कर सो गए.

दोस्तों मुझे मेल करके जरूर बताना कि मेरी ये गे सेक्स कहानी कैसी लगी.

मेरी मेल आईडी [email protected] पर मेल करके जरूर बताएं. आपकी प्यारी मोहिनी क्रॉसी.

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