मोहिनी सूरत थी उसकी !

singh4560 2010-01-20 Comments

प्रेषक : अजय सिंह

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और ज़ाहिर है कि आप सभी की तरह मुझे भी लोगों की भेजी गयी कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है, कभी कभी तो कहानी इतनी कामोत्तेजक होती है कि हाथ खुद-ब-खुद लण्ड पर चला जाता है और माल निकाल कर ही हटता है।

खैर अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, लोगों की कहानियां पढ़ कर मेरा भी दिल किया कि मैं भी अपनी कहानी भेजूँ !

आशा करता हूँ कि आपको मेरी यह कहानी अच्छी लगेगी।

मेरा नाम अजय है, उम्र 34 साल, कद 6 फीट, अच्छी शक्ल, सेहत का मालिक हूँ। मैं अपने काम में इतना व्यस्त रहता हूँ कि शादी के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिलता।

बात उन दिनों की है जब मैं थोड़ा फ़ुरसत में था, सोचा क्यों ना किसी लड़की को पटाया जाये और चूत मारने का जुगाड़ हो जाये।

नहीं तो तब तक अपना हाथ जगन्नाथ वाली बात थी।

उन दिनों मैं एक औरत को देखा करता था जो अपनी स्कूटी पर आया जाया करती थी, उम्र कोई 35-36 साल, कद 5’4″, बहुत ही खूबसूरत चेहरा, इतना कि कभी भी मेरी नज़र उसके चेहरे से नीचे गई ही नहीं।

वह अक्सर मुझे रास्ते में मिलती जब भी मैं किसी काम से मार्केट जाता, लेकिन मजाल है कि कभी भी उसने नज़र उठा कर इधर उधर देखा हो, हमेशा नज़र सड़क पर ही रहती थी, चेहरे पर कुछ उदासी की परछाइयाँ रहती थी, कभी भी मैंने उसे मुस्कुराते हुए नहीं देखा था। अब तो उसे देखे बिना मेरा दिल नहीं मानता था, दिल करता था कि बार बार उसे ही देखता रहूँ, इतनी मोहिनी सूरत थी उसकी !

खैर किसी तरह से जोड़ तोड़ लगा कर मैंने उसका मोबाइल नम्बर पता कर ही लिया और सीधे बात करने के बजाये मैंने एक मैसेज भेज दिया सिर्फ “हाय” लिख कर, और इंतज़ार करने लगा उसके जवाब का।

6-7 दिन बीत गए कोई जवाब नहीं आया पर एक दिन मेरे मोबाइल पर उसके नंबर से कॉल आया…

“हेल्लो !”

….उफ्फ्फ्फफ्फ़ …इतनी मीठी आवाज़ !!!

मैंने अपनी पूरी ज़िन्दगी में इतनी मीठी और सेक्सी आवाज़ नहीं सुनी थी, मैंने जवाब दिया- हाँ जी, कौन बोल रहा है?

तो उसने कहा- मुझे मेरे मोबाइल पर आपके नंबर से मैसेज आया था?

तो मैंने अनजान बनते हुए कहा- मुझे तो याद नहीं कि कभी मैंने इस नंबर पर कभी मैसेज किया हो ! वैसे आप कौन बोल रहे हो?

उसने कहा- मैं पूजा (बदला हुआ नाम) बोल रही हूँ।

तो मैंने कहा- सॉरी पूजा, अगर गलती से मेरे नंबर से आपको मैसेज चला गया हो तो !

उसने इट्स ओके कह कर फ़ोन रख दिया।

मैंने थोड़ी देर के बाद एक मैसेज और कर दिया- पूजा जी, मुझे पता नहीं आपको अच्छा लगे या नहीं पर ज़िन्दगी में मैंने इतनी सुन्दर और सेक्सी आवाज़ नहीं सुनी, और मेरे ख्याल से आप अपनी आवाज़ से कहीं ज्यादा सुन्दर और सेक्सी होंगी।

मैंने जवाब की अपेक्षा नहीं की थी पर थोड़ी देर के बाद मुझे उसका जवाब आया- थैंक्स !

अब रोज़ हमारी मैसेज के द्वारा बात होने लगी, मैंने उसे फ्रेंडशिप का ऑफर किया तो उसने कहा- ठीक है।

तो उससे बात करने के बाद पता चला कि वह एक विधवा है जिसका पति 5-6 साल पहले कैंसर के कारण मर चुका था। वह एक अमीर और ऊँचे खानदान की बहू थी, जहाँ किसी पराये मर्द के साथ बात करना अच्छा नहीं समझा जाता था।

धीरे धीरे बातों बातों में हमारी नजदीकियाँ बढ़ने लगी। अब तो मन में यह था कि कोई मौका मिले मुझे उससे मिलने का और मैं उसे जी भर कर प्यार करूँ और मैं उसे प्यार से, जिद से मनाने की कोशिश करने लगा मिलने के लिए।

एक दिन उसका कॉल आया कि उसके घर वाले बाहर जा रहे हैं, घर में सिर्फ नौकर हैं, तुम आ जाओ लेकिन अन्दर आने के बजाये गैराज़ में चले जाना, मैं मौका देख कर आ जाऊँगी।

मैं वक्त बर्बाद ना करते हुए थोड़ी देर में यथा स्थान पर पहुँच गया और उसका इंतज़ार करने लगा।

थोड़ी देर बाद वो आई, गैराज़ में अँधेरा था, तो कोई भी उसे अन्दर आते हुए नहीं देख सकता था।

उसके अन्दर आते ही मैंने उसे बाहों में भर लिया……म्मम्मम्मम्म …

कितना सुकून मिला मुझे उसको अपनी बाहों में लेकर !

उसके सुन्दर मुखड़े को अपने हाथों में ले कर उसके होठों को अपने होठों में ले लिया, उसने भी बिना कुछ कहे मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए। कसम से उसके रसीले होठों से शहद का सा स्वाद आ रहा था। मैंने तुरंत अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और उसकी जीभ को चूसने लगा।

तब तक मेरा धयान उसके सुन्दर मुखड़े से नीचे गया तक नहीं था, कि अचानक उसने मेरे हाथ पकड़ कर अपने सेक्सी और बड़े-बड़े मम्मों पर रख दिए।

उफ्फ्फ्फ़… इतने बड़े और नएम और गर्म मम्मों की मैंने कल्पना तक नहीं की थी। मैंने तुरंत उसके कमीज़ में हाथ डाला तो मेरे हाथ उसकी साटिन की जालीदार ब्रा से टकराए, मैंने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, हुक खुलते ही उसके बड़े और सेक्सी मम्मे मेरे हाथों में थे।

हे भगवन !!! मैं अपनी किस्मत पर नाज़ कर उठा कि इतने सेक्सी, सुन्दर मुखड़े और सेक्सी बदन की मालिक अब मेरी है।

शुरू से ही मुझे बड़े-बड़े और नर्म मुलायम मम्मे बहुत अच्छे लगते हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

अब मेरे से रहा नहीं जा रहा था, दिल कर रहा था कि बस इसे यहीं लिटा कर अपना लण्ड इसकी चूत में डाल दूँ।

वहाँ मैंने अपने मोबाइल की रोशनी में देखा, कुछ गत्ते पड़े हुए थे, मैंने जल्दी से उसे वहाँ लिटाया और उसके ऊपर चढ़ कर उसके मम्मे चूसने लगा..

वो अह्ह्ह…ओह्हह्ह…सीईईए…करने लगी।

इतनी धीरे कि सिर्फ मेरे कानों तक ही पहुँच रही थी।

मैंने दुबारा उसके होठों से शुरुआत की, थोड़ी देर तक उसके शहद से भरे होठों को चूसा, उसकी जीभ, फिर नीचे आ कर उसकी गर्दन को चाटा, फिर उसके अंगूर के दाने के आकार के चुचूकों को होठों में लेकर कम से कम 15 मिनट तक चूसता रहा…

वो तब तक बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी, मुझे अपने से लिपटाये मेरे सर को अपने मम्मों से सटा रही थी, और अचानक मैंने उसके हाथ को अपने लण्ड पर महसूस किया। मैं समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है, जो सही भी था, बेचारी इतने सालों से अपनी प्यास को दबा कर बैठी थी, आज मैंने उसकी प्यास को जगा दिया था।

अब मेरा लण्ड भी जोर मारने लगा था, तो मैंने भी फटाफट उसकी सलवार का नाड़ा खोला और नीचे सरका दिया। नीचे उसने पैंटी नहीं पहनी थी, ज़ाहिर था की वो भी चुदने के इरादे से आई थी।

मैंने भी अब मम्मों को छोड़ा और उसका पेट चूमते हुए उसकी जांघों तक आ गया, पहले तो मैंने उसकी जांघें चाटी और जानबूझ कर उसकी चूत की तरफ ध्यान नहीं दिया,ताकि वो खुद तड़प कर मुझे चूत चाटने के लिए बोले।

अब उसकी सिसकारियाँ तेज़ होने लगी थी, बदन कांपने लगा था, ज़ाहिर था कि वो झड़ने वाली थी और अचानक उसने मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया, बिना बोले उसने मुझे कह दिया कि मेरी चूत चाटो !

और बारी थी दुनिया की सबसे सुन्दर औरत की सबसे सुन्दर चूत की, जिसको मैं बड़े प्यार से और धैर्य के साथ चाटना चाहता था। जैसे ही मैंने उसकी प्यारी और फूली हुई चूत पर चुम्बन लिया, उसके मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली..आह…!

और जोर से उसने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया और कांपते हुए अपनी प्यारी चूत से रस छोड़ दिया।

अह ! इतना स्वाद रस मैं आज तक नहीं भूल सकता। फिर मैंने अपनी गर्म जीभ से उसकी चूत को नीचे से ऊपर की तरफ धीर धीरे से फेरा, और वो पागल हो गई, नीचे से अपने कूल्हे हिलाने लगी, मैं अपनी जीभ से उस कामुक चूत को चाटने लगा और उस स्वादिष्ट कामरस को पीने लगा जो उसकी चूत रह रह कर छोड़ रही थी।

आज तो इस हसीन परी के साथ प्यार करके तो मैं जैसे स्वर्ग में आ गया था।

लगभग 15 मिनट उसकी प्यारी चूत चाटने के बाद अब बारी थी उसको चोदने की !

और इस दौरान वो कम से कम 2 बार अपना रस छोड़ चुकी थी जिसे मैं बड़े मज़े ले ले पी गया।

उसके होठों से संतुष्टि के अस्फुट स्वर निकल रहे थे, ऐसे महसूस हो रहा था जैसे बंजर धरती पर पहले सावन की पहली फुहार पड़ी हो और मैं भी उस जैसी हसीन परी का साथ पाकर निहाल हो चुका था।

मैंने जल्दी से अपनी जींस और कच्छा निकाला और उसकी टांगों के बीच आ गया, उसकी टांगें चौड़ी की और अपना लण्ड उस पर रख कर धीरे धीरे से घिसा, पूजा एकदम से तड़प उठी और धीरे से बोली- जानू, प्लीज़ अब नहीं रहा जाता, जल्दी से डाल दो अन्दर !

मुझे लगा कि यही वक्त है तो मैंने भी बिना देरी किये अपना लण्ड उसकी प्यारी और गीली चूत के छेद पर रखा और धीरे धीरे अन्दर डालने लगा।

पर उफ्फ्फ्फ़ !!! कितनी कसी हुई चूत थी उसकी ! पर चूत उसके रस से भीगी हुई और चिकनी थी तो मेरा लण्ड आराम से उसकी चूत में फंसता हुआ सा जड़ तक घुस गया।

उसके मुँह से बहुत ही कामुक सी आवाज़ आई….”आह !!!!! जानू धीरे से !!

लण्ड अन्दर तक डालने के बाद मैं 2 मिनट रुका और उसके चुचूक मुँह में लेकर चूसने लगा। अभी तक उसकी चूत मेरे लण्ड को बर्दाशत कर चुकी थी, तो उसने भी मज़े लेते हुए अपने कूल्हे नीचे से हिलाने शुरू कर दिए।

मुझे लगा कि उसको भी मज़ा आने लगा है तो मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कन्धों पर रख कर अपना लण्ड अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। मैं लगातार उसकी चूत में अपना लण्ड पेल रहा था, पूरा बाहर निकालता और एक झटके से उसकी चूत के अन्दर तक घुसा देता, किसी किसी धक्के में तो लण्ड उसकी बच्चेदानी को छू जाता और जब ऐसा होता तो उसके मुँह से सीईईईईई!! ओह !! जैसी आवाज़ आती।

बहुत मज़ा आ रहा था उसको चोदने में ! अभी 7-8 मिनट ही हुए थे तो मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊँगा, हालाँकि आने से पहले एक बार मुठ मार कर भी झाड़ लिया था कि चुदाई में ज्यादा समय लगे पर इस परी की सुन्दरता का कमाल था कि इतनी ज्यादा देर टिक नहीं पा रहा था और मेरा काम होने वाला था।

शायद उसको यह पता चल गया, तो जैसे ही मैं झड़ने की कगार पर पहुँचा तो उसने मेरे कानो में धीरे से कहा- जानू, मेरे मुँह में डाल दो, डोंट वेस्ट इट…

मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ।

वो जल्दी से उठी और मेरा लण्ड अपने मुँह में ले कर चूसने लगी।

….अह्ह……..मैं तो ज़न्नत में आ गया था जैसे !

थोड़ी देर उसके चूसने के बाद मैंने अपना सारा लावा उसके मुँह में छोड़ दिया जो वो गटागट सारा पी गई।

मुझे एहसास था कि मैं कहाँ हूँ इसलिए अपने होंठ दबा गया वर्ना तो मेरी कामुक सिसकारी और किलकारी दूर तक जाती, इतना मज़ा आया मुझे !

उसने सारा रस पी लिया और मेरा लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया..

उसके बाद हमने अपने कपड़े पहने और मैंने उससे विदा ली, लेकिन उसे छोड़ कर जाने का दिल नहीं कर रहा था शायद मुझे उससे दिल से प्यार हो गया था, लेकिन जाना ज़रूरी था पर उस दिन मुझे रात को नींद नहीं आई और सारी रात हमने फ़ोन पर बातें की,

अब जब भी हमें समय मिलता तो हम मिलते हैं और एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं।

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