कॉलेज की साथी

आजतक 2010-10-27 Comments

प्रेषक : नवजोत सिंह

दोस्तो, मैं भी अन्तर्वासना के लाखों चाहने वालों में से एक हूँ। मैंने यहाँ सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, हर कहानी को पढ़ने के बाद में अपने लंड से पानी जरूर निकालता हूँ।

मेरा नाम है राजू, मेरा कद 6 फीट है और पंजाब का रहने वाला हूँ। यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जो आज आप लोगों को बताने जा रहा हूँ, यह पूर्णतया सत्य है।

और हाँ, आपको तो एक बात तो बताई ही नहीं, मेरा लंड आठ इंच लंबा और दो इंच मोटा है। क्यों? सुनते ही मुँह में पानी आ गया ना?

जब मैं कॉलेज में पढ़ता था तो मेरी क्लास में एक लड़की थी जिसका नाम था अंजलि उसका कद भी 5’8″ इंच था। सभी दोस्त रोज मेरा और उसका नाम बोर्ड पर लिख देते, वे उसे भाभी बुलाते थे। वो भी सब कुछ जानती थी फिर भी चुप रहती थी।

एक दिन मैंने उसे प्रेम पत्र लिखा और उस तक उसकी सहेली के जरिये भेजा, कहा- अभी जवाब लेकर आना।

उसकी सहेली ने कहा कि अंजलि ने कहा है वो कल बताएगी।

अगले दिन हम पेपर देकर सब कैंटीन में बैठ कर चाय पी रहे थे अचानक अपनी सहेली अमन आई एक चिठ्ठी दे के चली गई। वो अंजलि की चिट्ठी थी, जिसमें उसने मुझे शाम को अपने घर बुलाया। पहले तो मैं डर सा गया कि क्या इसने अपने घर वालों को सब कुछ बता तो नहीं दिया।

फिर में बड़ा दिल करके उसे पढ़ते ही सभी को पहले वहाँ पार्टी दी, वो भी दूसरे मेज पर बैठी थी, सब कुछ देख सुन रही थी।

शाम को तैयार होकर निकल पड़ा। रास्ते में मुझे अमन मिली, उसने कहा- जाओ, आज तुमारी क्लास लगेगी अंजलि के हाथों ! पहले से ही डरा था, ऊपर से उसने और डरा दिया।

मैंने सोचा देखी जाएगी, खा थोड़ी न जाएगी। वहाँ जाकर पता चला कि वो अपनी ममेरी बहन के साथ रहती थी। उसकी बहन शाम को काल सेंटर में जॉब करती थी, वो तब तक चली गई थी। मेरे साँस में साँस आई कि चलो घर पर कोई नहीं है।

उसने काली टीशर्ट और जीन पहन रखी थी। क्या लग रही थी वो !

उसने मुझे सोफे पर बैठने को बोला और पूछा- क्या लोगे ठंडा या काफी?

मैंने कहा- काफी चलेगी !

तभी अंजलि ने बोला- तुम ऊपर वाले कमरे में जाओ, मैं काफी बना कर लाती हूँ।

और वो कमरे में काफी लेकर आई और वहीं बैठ कर मुझसे बातें करने लगी। उस दिन मैंने दिल भर उससे बातें की और रात के 8 बजे उसके घर से चला आया। जाते वक़्त मैंने देखा, उसके चेहरे पर थोड़ा गुस्सा था..

अगले दिन कॉलेज में उसने मुझसे अच्छे से बात नहीं की। उसकी सहेली को भेजा पूछने के लिए कि वो ऐसा क्यों कर रही है मुझसे…

उसने पूछा- कल क्या हुआ था अंजलि के घर?

मैंने कहा- कुछ नहीं, काफी पीकर वापिस आ गया !

और वो भी मुँह फेर कर चली गई, जाते हुए वो बोली- तुम पूरे पागल हो, जाओ अपना काम करो..

उसके बाद सारी कहानी अपने दोस्त को बताई।

उसने मुझे कहा- अकेली लड़की शाम को तुम्हें अपने घर काफी पीने बुलाएगी क्या? बुद्धू !

मुझे भी समझ आ गई कि क्या बात थी।

मैं फिर उससे मिला और शाम को मिलने का वादा किया।

मैं फिर उसके घर चला गया 5 बजे। उसने टॉप और स्कर्ट पहनी थी, बहुत सेक्सी लग रही थी वो !

फिर मैं उसी कमरे में जाकर टीवी देखने लगा, वो काफी लेकर आई।

मैंने पूछा- क्या देखोगी?

उसने कहा- जो आपको पसंद हो।

मैंने इंग्लिश फिल्म लगा दी। तभी उसमे एक सेक्सी सीन आ गया तो मैंने चैनल बदल दिया।

वो हंस रही थी, मैने पूछा- क्या हुआ?

पर वो हंसे जा रही थी..

आखिर मैंने पूछा- तुम्हें यह देखने में मजा आया?

उसकी गर्दन हाँ में हिलाई। वो अब खुल रही थी।

मैं बोला- और देखना है?

वो हाँ बोली तो मैंने कहा- ठीक है !

तभी मैंने उसे अपने मोबाइल से बेड सीन दिखाए और मैंने उससे पूछा- अच्छा लगा?

वो बोली- हाँ।

मैंने गुदगुदी करने के बहाने अंजलि के उभारों को हल्के से छू दिया। वो कुछ नहीं बोली या फिर उसे पता नहीं चला। इसलिए मैंने दोबारा वैसे ही किया पर इस बार दबाव थोड़ा बढ़ाया। फिर भी वो कुछ नहीं बोली।

दोस्तों ने कहा था कि बिना कोंडम कुछ मत करना।

तभी हम बेड पे आ गए, वो मेरे पास आकर बैठ गई। उसका शरीर थोड़ा कांप रहा था और मेरा भी ! लेकिन मुझ से रहा नहीं जा रहा था फिर भी मैं चुप रहा। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके हाथ के पास रखा और धीरे-धीरे उससे सटकर बैठ गया।

उसने मेरी तरफ देखा और बोली- तुम्हें ऐसी नंगी लडकियाँ पसंद हैं?

मैंने कहा- वो दिखा रही हैं, मैं देख रहा हूँ।

“उनको शर्म नहीं आती?” उसने कहा।

तो मैं बोला- हर एक के पास जो है, वो है, उसमें क्या शर्माना?

फिर मैंने अपना हाथ उसकी पीठ से ले जाते हुए उसकी नरम जांघों पर रख दिया। उसका शरीर कांप रहा था, धड़कन तेज हो रही थी। उसकी सांसें मेरे करीब से गुजर रही थी, वो मदहोश हो रही थी।

मेरा हाथ उसकी जांघों पर धीरे-धीरे घूम रहा था।

तभी फिल्म में दोनों ने अपने कपड़े उतारे और वो प्यार करने लगे।

शायद अंजलि ने मर्द का तना हुआ लंड पहली बार देखा था तो वो उसे गौर से देखने लगी।

लड़की ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वैसे ही उसने मेरे हाथ को जोर से पकड़ कर दबाया। मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसकी योनि को एक हाथ से सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका स्तन पकड़ लिया।

वो सिसकारियाँ ले रही थी और मेरे लंड पर दबाव डाल रही थी। हम कपड़े पहने थे इसलिए हमारे बदन की गर्मी बढ़ने लगी, दोनों पसीने-पसीने हो गए।

फिल्म पर उस लड़के ने उस लड़की को चोदना शुरू कर दिया।

उसे मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया।

मेरा लंड उसकी गांड पर घिस रहा था, रगड़ खा रहा था। उसके चूचे मेरे हाथों से मसले जा रहे थे, उसकी योनि रगड़ कर मैं उसे और उत्तेजित कर रहा था।

लेकिन कुछ ही पल बाद वो मेरी बाहों में सुस्त पड़ गई, मैं भी पैंट में ही झड़ गया।

हम थोड़े शांत हो गए। फिर भी फिल्म पर चुसाई-चुदाई के दृश्य हमें भड़का रहे थे।

तभी मैंने उससे कहा- तुम मेरे साथ वैसा करना चाहोगी?

उसने कहा- हाँ जरूर ! जल्दी करो ! मैं बेचैन हो रही हूँ।

फिर मैंने अंजलि को गले लगाया। वो भी ऐसे लिपट गई जैसे वो मेरे शरीर का हिस्सा हो।

मैंने उसके होंटों को चूमा और रगड़-रगड़ कर घायल कर दिया। फिर मैंने उसकी टॉप उतारी, ब्रा भी उतारी और उसके सफेद बड़े से बोबे देखकर मैं पागल हो गया जिन पर गुलाबी रंग के चुचूक उनकी शोभा बढ़ा रहे थे।

फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी, पैंट भी उतारी, उसने अपनी स्कर्ट निकाली हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे तो मैंने कहा- इसे क्यूँ रखे हो?

मैंने उसकी और उसने मेरी चड्डी उतारी !

पहले मैंने उसके अपने लन पे किस करने को कहा, फिर उसे सीधा लेटने को कहा।

उसके सारे बदन को चूसना चालू कर दिया, उसके पेट को भी चूमता रहा। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।

वो पूरी गर्म हो चुकी थी, मेरे लंड को घूर रही थी और मैं उसकी काले बालों से ढकी चूत को देखकर पगला रहा था।

तभी मैंने अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया। वो उसे चूसने लगी तो मैं भी उसके चूत में उंगली डाल कर चूसता रहा। बाद में मैंने समय न गंवाते हुए कोंडम निकाल कर पहन लिया, उसकी टाँगें ऊपर उठा कर लंड सही जगह रख कर धीरे-धीरे अन्दर करना शुरू किया वो बहुत तड़प रही थी। उसकी चूत बहुत छोटी थी फिर मैंने थोड़ी क्रीम लगाई, फिर मैंने उसके अंदर डालना चालू किया वो फिर चीखने लगी अभी मुझसे रहा नहीं गया।

मैंने बिना परवाह किये सारे लंड उसकी चूत में डाल दिया वोह बहुत जोर से चीखी तो मैंने उसके होठों पर होंठ रख दिए, उसकी आखों से पानी बह रहा था और वो मुझसे छुटने की नाकाम कोशिश करती रही।

मैंने उसके चूचे बहुत सहलाए। थोड़ी देर बाद वो कमर उठाने लगी तो तभी मैंने उसका मुँह छोड़ा और आधा लंड अंदर-बाहर करने लगा और उसे भी मजे आने लगे।

दो मिनट बाद मैं उसे दनादन चोदने लगा और वो मुँह से आह ! अहा! आ ! आअ ! अआया ! कर रही थी। बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं छुटने वाला था। वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी। कमरे में धप-धप की आवाज आ रही थी।

हम दोनों झड़ने लगे और उस स्वर्ग से एहसास के धीरे-धीरे कम होते हुए हम निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़े रहे।

मैं उठा, उसकी चूत से निकला खून मेरे लंड और चादर पर था।

फिर हमने अपने कपड़े पहने। उसने चादर धो दी और दूसरे दिन मिलने को कहकर उसे प्रगाढ़ चुम्बन किया।

यह थी मेरी पहली चुदाई ! इसके बाद मैंने, अंजलि और उसकी दीदी ने बहुत मजे लिए, वो मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा।

आपको मेरी कहानी कैसे लगी, मुझे बताएँ !

आपके मेल के इन्तजार में

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