अनामिका की पहली चुदाई

garg4uready 2013-12-22 Comments

प्रेषक : राज

मेरा नाम राज है। आज मैं आप सब लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बता रहा हूँ, यह मेरी पहली कहानी है।

यह तब की बात है जब मैं 22 साल का था, मेरे घर के पास एक लड़की रहती थी, उसका नाम अनामिका था, हम दोनों एक-दूसरे को देखा करते थे, लेकिन मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई कि मैं उसको अपने दिल की बात बता सकूँ।

मेरे सारे दोस्त बोलते रहते कि तू ऐसे ही उसको देखता रहेगा या कभी कुछ बोल भी पाएगा उसको। लेकिन मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई, उससे कुछ कहने की।

मैं आपको बता दूँ कि अनामिका देखने मैं बिल्कुल अमृता राव की तरह लगती है। वो स्लिम है, लेकिन उसका फिगर बड़ा ही मस्त है।

एक दिन मैं उसके घर गया, मम्मी ने भेजा था काम से। मैं घर गया तो पता चला आंटी भी नहीं है, अनामिका अकेली थी।

मुझे लगा आज सब कुछ बोल देना चाहिए वरना कभी मौका नहीं मिलेगा। मैंने अनामिका को सब कुछ बता दिया।

यह सुन कर वो रोने लगी। मैं डर गया पता नहीं क्या होगा?

मैंने उसको ‘सॉरी’ बोला तो वो बोली कि मैं सोच भी नहीं सकती थी कि तुम मुझसे इतना प्यार करते हो, और वो मेरे गले लग गई।

मैंने भी मौका देख कर उसको चूमना चालू कर दिया। वो भी प्रत्युत्तर देने लगी। फिर हमें लगा शायद कोई आ सकता है तो हम दोनों अलग हुए और मैं अपने घर चला गया।

उस दिन के बाद हम दोनों रात को 2 बजे तक बातें करते रहते। अनामिका अब मुझसे खुल गई थी। हम दोनों फोन पर सेक्स की बातें करते रहते।

मैं उसको कहता कि फिंगरिंग करो तो वो करती थी और मोबाइल को अपनी चूत के पास रख कर मुझे उंगली अन्दर-बाहर जाने की आवाज़ सुनाती थी। मैं भी अपने लंड को आगे-पीछे कर के मुट्ठ मारता था।

मैंने उसको फोन पर ही बता दिया था कि सेक्स कैसे करते है, चूत और लंड कैसे चूसते हैं।

आख़िर हमको एक दिन मौका मिल ही गया, उसके मम्मी-पापा उसकी दीदी जो फरीदाबाद में रहती थीं, उनके घर मैं कुछ कार्यक्रम था, उनके घर चले गये थे।

अनामिका का पेपर था तो वो नहीं गई। उसने मुझे फोन करके एक दिन पहले ही बता दिया था।

मैं भी मार्केट से 4-5 डॉटेड कंडोम ले आया था। मैं उसके घर कोई 12:00 बजे गया था, उसने धीरे से दरवाजा खोला और पूछा- किसी ने देखा तो नहीं?

मैंने कहा- नहीं।

तो उसने मुझे अन्दर बुला कर जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया। हमारे पास बहुत समय था, वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई।

वहाँ पर घुसते ही वो मेरे गले लग गई और मुझे चुम्बन करने लगी और कहने लगी मैं तुमसे शादी करना चाहती हूँ।

मैंने भी उसको कहा- मेरा इरादा भी कुछ ऐसा ही है।

उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूमने लगे। वो मेरे ऊपर वाले अधर को चूस रही थी और मैं उसके नीचे वाले अधर को। उसके बाद मैं बेड पर उसको लेकर गया। अब वो मेरे ऊपर थी और मैं उसके नीचे।

मैंने लोअर पहन रखा था और उसने कैपरी और टी-शर्ट, अब वो मुझको पागलों की तरह चूम रही थी और मैं भी। मेरे हाथ उसके शरीर पर फिसल रहे थे और उसने मेरे बाल पकड़े हुए थे।

अब मैं धीरे-धीरे उसके स्तनों पर हाथ फेर रहा था। वो गर्म हो रही थी। उसने भी अपनी चूत मेरे लंड पर रगड़नी चालू कर दी थी।

वो बहुत जल्दी-2 ऐसा कर रही थी और मेरे लंड को दबा रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसकी कैपरी के अंदर डाला और उसके चूतड़ों को सहलाने लगा।

थोड़ी देर बाद मैं अपना हाथ उसकी पैन्टी के अंदर डाल कर उसके गांड के छेद को सहलाने लगा और वो और जल्दी-जल्दी से अपनी चूत मेरे लंड से रगड़ने लगी थी।

अब मुझे भी मज़ा आने लगा था। उसके बाद मैंने अपनी उंगली को थोड़ा आगे बढ़ाया और पीछे से उसकी चूत तक हाथ पहुँचा दिया। अब मैं उसकी चूत को सहला रहा था और वो मुझे पागलों की तरह चूम रही थी।

उसके बाद मैंने अपनी शर्ट उतार दी और उसकी टीशर्ट भी उतारने लगा, तो वो शरमाने लगी लेकिन कोई विरोध नहीं कर रही थी।

कुछ पलों बाद मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दी थी। उसके बड़े-बड़े कबूतर बाहर उछल कर आ गये थे। उसके चूचों के बीच मैं एक तिल था जो बड़ा ही प्यारा लग रहा था।

अब मैंने उसको अपनी गोदी में बिठा लिया था और उसने अपनी टाँगों को मेरी कमर पर लपेट रखा था और अपनी चूत को मेरे लंड से रगड़ रही थी। मैं उसके स्तनों को चूस रहा था कभी दायें को तो कभी बायें को।

थोड़ी देर बाद हम दोनों वापस पहले वाली पोजीशन में लेट गये थे, वो ऊपर और मैं नीचे। अब मैंने सोचा कि 40 मिनट तो हो चुके हैं, अब कुछ आगे बढ़ना चाहिए।

मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया तो वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँ। और मेरे बगल में लेट गई। अब वो मेरे लोअर के अंदर हाथ डाल रही थी और मैं उसके बाल सहला रहा था। उसने मेरे लंड को धीरे-2 पकड़ा और ऊपर-नीचे करने लगी।

थोड़ी देर बाद उसने मेरा लोअर नीचे कर दिया और मेरे लंड को देख कर कहने लगी- तुम्हारा तो बहुत मोटा और लंबा है।

मेरा लंड 7″ लंबा और2.5″ मोटा है।

अब मैंने धीरे से उसकी कैपरी भी खोल दी और पैन्टी भी उतार दी। उसने अपने बाल शेव नहीं किए थे और ना ही मैंने। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने कहा- चलो इनको शेव करते हैं।

हम दोनों बाथरूम में गये तो उसके यहाँ पर रेज़र रखा था।

मैंने कहा- पहले तुम बनाओगी या मैं बनाऊँ?

वो शरमा रही थी तो मैंने कहा- लाओ पहले मैं ही बना देता हूँ।

हम दोनों बिल्कुल नंगे खड़े थे। मैंने थोड़ा सा पानी उसकी चूत पर डाला और साबुन लगा कर रगड़ने लगा। ऐसा करने से उसको बड़ा मज़ा आ रहा था। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और मेरे कन्धों को ज़ोर से पकड़ लिया।

ऐसा करते वक्त मैं बीच-बीच में उसकी चूत में उंगली भी डाल रहा था और वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी- सस्सिईई… ईश्स… ईईईई… ओह… ओफ्फ़… !

अब मैंने उसके बालों को शेव करना चालू कर दिया था। शेव करने के बाद मैंने उसकी चूत को देखा तो देखता ही रह गया और अपने को रोक नहीं पाया और उसकी चूत को चाटने लगा।

वो तो जैसे पागल ही हो गई थी और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ रही थी। मैं भी उसकी चूत को कभी चाटता तो कभी अपनी उंगली डाल देता।

अब उसकी बारी थी मेरे बाल साफ करने की, उसने मेरे लंड पर साबुन लगाया और शेव करने लगी। शेव करने के साथ-2 कभी मेरे लंड को मसल देती तो कभी मुँह में लेकर चूसने लगती। ऐसा करते हुए हमें 50 मिनट हो गये।

अब मुझे लगा काफ़ी देर हो रही है और कंट्रोल नहीं हो रहा तो मैंने बाथरूम में ही उसको उल्टा किया और झुकने के लिए बोल दिया तो वो झुक गई।

मैंने कंडोम लगा कर अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धीरे से पुश किया तो लंड फिसल गया।

मैं समझ गया कि क्या करना है, मैंने थोड़ा साबुन उसकी चूत पर लगाया और धीरे से धक्का मारा तो लंड का आगे वाला सुपारा अंदर फँस गया।

वो बोली- जल्दी करो अब मैं वेट नहीं कर सकती।

मैंने जल्दी से एक धक्का मारा तो वो चिल्लाने लग गई, “उईई… ईस्स… उईई… आई… अईई… ईई… ज़्ज़्ज़्ज़… ज़्ज़्ज़्ज़ज़्ज़… निकालूऊ…ऊओ… दर्द हो रहा है।

मैंने उसके चूचों को सहलाना चालू कर दिया तो वो शांत हो गई और धीरे-धीरे मेरा साथ देने लगी।

वो पीछे को धक्का मार रही थी और मैं आगे को। जैसे ही मुझे लगता मैं झड़ने वाला हूँ, तो मैं अपनी स्पीड कम कर लेता, ऐसा करने से मैं झड़ता नहीं था।

वो 3 बार झड़ चुकी थी। मुझे ऐसा करते हुए 30 मिनट हो गये थे। अब मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और 30-35 धक्कों के बाद मैं भी झड़ गया। ऐसा लगा जैसे यही असली स्वर्ग है।

उसके बाद मैंने कंडोम निकाल कर पॉट में डाल दिया और फ्लश कर दिया। हम दोनों थक चुके थे और जल्दी-जल्दी साँस ले रहे थे।

अभी हमारे पास बहुत टाइम था और बहुत कुछ करने का, उस दिन हमने दो बार चुदाई की।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताना।

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