मेरी प्यासी मौसी की चुदाई यानि खाला जान की चूत की खुशबू

(Meri Pyasi Khala Jaan Ki Chut Ki Khushboo)

इमरान 2017-01-19 Comments

मौसी की चुदाई की यह कहानी मेरे एक दोस्त की है, उसी के शब्दों में पढ़ कर मजा लीजिए.

मेरा नाम बाबू ख़ान है.. मेरी उम्र 22 साल की है और मैं पिछले 3 साल से सरकारी नौकरी कर रहा हूँ। बहुत ही सेक्सी लड़का हूँ और हमेशा किसी आंटी को चोदने के चक्कर मैं रहता हूँ।

मेरी एक खाला (मौसी) हैं.. जिनकी उम्र लगभग 38 साल है। उनका नाम आबिदा है। जब वो 16 साल की थीं तब ही उनकी शादी हो गई थी। खाला एक नर्सिंग असिस्टेंट के रूप में ड्यूटी करती थीं जो मेरे खालू को पसंद नहीं आई.. जिस वजह से शादी के 7 साल बाद उनका तलाक़ हो गया।
तब से मेरी खाला अलग रहती थीं और उनको खालू से एक लड़की रूही थी.. आज वो पूरी जवान हो गई है।

मेरी खाला ज़्यादा ना चुदने की वजह से उम्र में ज़्यादा बड़ी नहीं लगती थीं। मेरी खाला की हाईट करीबन 5 फुट 7 इंच है और उनकी चूचियां एकदम गोल-मटोल संतरे के जैसी हैं, वो दिखने में बहुत खूबसूरत हैं।

मैं जैसे-जैसे बड़ा होता गया मुझे मेरी खाला की जवानी अच्छी लगने लगी। मेरी खाला अपने मायके में रहती थीं.. जहाँ उनके साथ मेरी नानी और उनकी बेटी रहती थी।

मैं जब भी अपनी नानी के पास जाया करता था तो खाला को सेक्सी नज़र से देखता रहता था। मैं बाथरूम में खाला की यूज की हुई पेंटी और ब्रा को सूंघ कर मुठ मार लेता।
मेरा लंड भी मुठ मारने से कुछ ज़्यादा ही बड़ा हो गया था।

मेरी खाला मुझे अपने बच्चे की तरह ही मानती हैं। तो हुआ कुछ यूँ कि जब नानी अपने मायके गईं.. तो उस वक्त मैं भी छुट्टी पर था।
खाला बोलीं- हम दोनों को अकेले इधर डर लगेगा.. तो रात को तू आ जाना।

मैं अम्मी से पूछ कर नानी के घर चला गया। मैं जींस पहन कर ही चला गया था और नाइट-ड्रेस ले जाना भूल गया था। जब हम सभी ने खाना खा लिया और सोने की तैयारी की.. तो मैंने सोचा कि आज खाला की चूत लेने का मौका है।

मुझे भी लगा कि खाला भी तो लंड की प्यासी हैं। पता नहीं खाला को लंड खाए कितने साल हो गए होंगे, मैंने खाला से कहा- मुझे जींस में नींद नहीं आती और नाइट ड्रेस मैं लाया नहीं हूँ।

उस वक्त गर्मी का टाइम था तो खाला बोली- अब मैं क्या बताऊँ.. मेरे पास भी तो कुछ नहीं है जो तुझे पहनने को दूँ।
इतने में खाला की बेटी रूही बोली- भाई मेरी कैपरी पहन लो।
तो खाला बोली- हाँ ये सही है।

रूही ने अपनी कैपरी लाकर मुझे दे दी, मैं खुश हुआ कि चलो आज रूही की चूत की खुशबू तो सूंघने को मिलेगी।
मैं अन्दर के कमरे में गया, मैंने रूही की कैपरी सूंघ कर पहन ली और बाहर आ गया।

जैसे ही चारपाई पर बैठा तो वो कैपरी मुझको टाइट होने की वजह से फट गई।
खाला हँस कर बोलीं- अब तो तू अंडरवियर में ही सो जा.. वैसे भी हमसे क्या शर्म!

रात के 9 बजे हम बात करते रहे, फिर सो गए। खाला भी मैक्सी पहन कर सो गईं, मैं अंडरवियर और बनियान में सो गया।

अब मैं तो खाला की चूत के चक्कर में था.. तो मैंने सोचा अगर खाला रात को जगे तो मैं उनको अपने लंड का दीदार करा दूँ।
मैंने अपने लंड को मसल कर ऊपर की तरफ़ किया और थोड़ा सा चड्डी के बाहर निकाल कर सोने का नाटक करने लगा।

मैं खाला की तरफ़ देखने लगा जो दूसरी चारपाई पर मेरी तरफ़ पीठ करके सो रही थीं।
चाँदनी रात होने की वजह से उनकी हल्की उठी हुई गांड मुझे तरसा रही थी।

फिर अचानक किस्मत यूँ खुली। क्या हुआ कि करीब 11 बजे मैं अपने मोबाइल में हिंदी सेक्स स्टोरी
खाला की जबरदस्त चुदाई की
ओपन करके पढ़ रहा था।

खाला पेशाब करने उठीं और बाथरूम में सूसू करके आईं और जैसे ही वो मेरे पास से गुज़रीं तो मेरे फोन में उनको लाइट दिखी।

मैं आँखें मूंद कर लेटा था। उन्होंने जैसे ही फोन उठाया.. मैंने सोचा बेटा बाबू आज या तो आर या पार का खेल होना तय है।

खाला फ़ोन उठा कर अपने पास ले गईं और जहाँ तक मुझे लगा कि खाला वो कहानी पढ़ रही थीं और मैक्सी के ऊपर से एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ने लगीं।

मैंने सोचा कि आज तो खाला चुद सकती हैं।

फिर थोड़ी देर बाद खाला मेरे करीब आईं और जैसे ही उन्होंने फ़ोन रखा.. उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पर टिकी की टिकी रह गई।
उनको लगा कि रात ज्यादा हो गई है तो मैं सो गया हूँ, उन्होंने मेरी चड्डी को खिसकाया और लंड देखने लगीं।

इतने में मैंने हिम्मत करके उनका हाथ पकड़ लिया.. तो वो एकदम से डर गईं।

बस फिर क्या था.. मैंने कहा- आप मेरी खाला हो कर मेरे साथ ये सब कर रही हो.. आपको शर्म नहीं आती।
मैंने उन्हें खूब सुनाईं.. तो बोलीं- बेटा देख तू मुझे मत सिखा.. तू फ़ोन में क्या पढ़ रहा था.. मैंने सब देख लिया।
मैंने कहा- मैं फोन में ही तो पढ़ रहा था ना.. आपके साथ तो नहीं किया ना?
तो वो कुछ नहीं बोलीं।

मैंने खाला को अपने ऊपर खींच लिया और होंठ चूसने लगा, खाला छूटने की कोशिश करने लगीं।
मैंने कहा- आज तो खाला तुझे चोद कर ही मानूँगा।
वो रोने लगीं.. बोलीं- बेटा ऐसा नहीं करते।
मैं बोला- खाला आप भी तो कई साल से प्यासी हो।
बोलीं- हट बेशर्म.. अपनी खाला से ऐसी बात कर रहा है।

मैं बोला- अच्छा खाला.. आप मेरे लंड से खेल रही हो और मैं कुछ ना करूँ।
बस इतना कहते ही मैंने उनको अपने नीचे कर लिया.. मैं खुद उनके ऊपर आ चढ़ गया और चूचियां दबाने लगा।

खाला खुद को छुड़ाने लगीं.. तो मैंने उनकी मैक्सी ऊपर कर दी।
खाला बैठ गईं। मैंने देखा कि खाला ने पेंटी नहीं पहनी थी.. इस वजह से मैंने अपने होंठ उनकी नंगी चूत पर लगा दिए।
उनकी चूत की खुशबू से मैं पागल सा हो गया। अब मैं उनकी झांटों के बालों को अपने दांतों से खींचने लगा।

खाला बोलीं- अपनी खाला पर बेटा रहम कर.. ये सब मत कर.. तुझे पाप लगेगा।
पर मैं कहाँ सुनने वाला.. मैंने खाला को उठाया और दूसरे कमरे में ले गया ताकि रूही ना जगे।

फिर खाला भी थोड़ी ढीली पड़ गईं कि आज तो ये मेरी चूत ले ही लेगा.. तो क्यों ना मज़े से चूत चुदवाऊँ।

बस मैंने लाइट जलाई और खाला की मैक्सी उतार दी। उनकी चूचियां बड़ी बड़ी थीं और खाला की बॉडी मस्त खुशबू दे रही थी।

उन्होंने कहा- बेटा, अगर तुझे चुदाई करना ही है.. तो अच्छे से करना.. ताकि मुझे भी लंड का सुख मिले।
अब उन्होंने अपने हाथ खोल दिए।

ओह माय गॉड.. उनके बगल के काले बाल जो पसीने से चिपके थे.. मुझे भा गए। मैंने सीधी जीभ निकाली और उनकी बगलों को चाटने लगा। फिर मैंने उनकी चूत चाटी.. जो की हल्की भूरी सी थी।

चूत चटवाते ही खाला मचलने लगीं और उनकी चूत पानी छोड़ने लगी, खाला बोलीं- बेटा डाल दे अपना लौड़ा.. अब और मत तड़पा।

उनके इतना कहते ही मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और अन्दर घुसेड़ने लगा।

खाला- आआहह बाआबब्बूउउउ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह….. मेरी चूत में जलन हो रही है.. ओह..

मैंने झटका मारा तो मेरा लम्बा लंड खाला ने अपनी चूत में अन्दर ले लिया, अब वो मुझसे कहने लगीं- बेटा, कर दे ढीली अपनी खाला की चूत को आह्ह.. बहुत दिन बाद किसी ने चोदा है।

मैं धकापेल झटके मार रहा था, कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया और खाला के ऊपर ही ढेर हो गया.. पर अभी खाला ठंडी नहीं हुई थीं, उन्होंने मेरा लंड निकाला और चूसने लगीं।

मैंने कहा- खाला आप ये सब?
तो बोलीं- क्यों उस कहानी में भी तो वो चूसती है और वो तो गांड भी तो मरवाती है।
वो मस्ती से मेरा लंड चूसने लगीं और मैं फिर से तैयार हो गया।

अब मैं खाला को डॉगी स्टाइल में करके चोदने लगा, खाला की कामुक सीत्कारें निकलने लगीं- आआआहह आहह…

कुछ देर की धकापेल चुदाई के बाद मैं और खाला एक साथ झड़ गए। ये धमाल 4 बजे तक खूब चला और हम दोनों चुपचाप अपने बिस्तरों पर जाकर सो गए।

दोस्तो, कैसी लगी मेरी मौसी की चुदाई की सच्ची सेक्स स्टोरी..
नीचे कमेंट्स कीजिएगा।

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